RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 5 राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य

Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 5 राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य Important Questions and Answers.

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RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 5 राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य


बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
युद्ध क्षेत्र में राजा का सहचर कौन होता था?
(अ) सेनापति 
(ब) महामंत्री 
(स) सारथी 
(द) पुरोहित
उत्तर:
(स) सारथी

RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 5 राज्य, राजा और एक प्राचीन गणराज्य

प्रश्न 2. 
युद्ध करना तथा लोगों की रक्षा करना किस वर्ण का कार्य था? 
(अ)ब्राह्मण 
(ब) क्षत्रिय 
(स) वैश्य
(द) शुद्र
उत्तर:
(ब) क्षत्रिय

प्रश्न 3. 
महाजनपद काल में कौनसा कर सबसे महत्वपूर्ण था? 
(अ) फसलों पर लगाया गया कर 
(ब) कारीगरों पर कर
(स) व्यापारियों पर कर
(द) आखेटकों पर कर 
उत्तर:
(अ) फसलों पर लगाया गया कर 

प्रश्न 4. 
मगध की प्रारम्भिक राजधानी कौनसी थी?
(अ) पाटलिपुत्र 
(ब) दिल्ली
(स) प्रयाग 
(द) राजगृह 
उत्तर:
(द) राजगृह 

प्रश्न 5. 
सिकन्दर कहाँ का राजा था?
(अ) मेसिडोनिया 
(ब) मंगोलिया
(स) फारस 
(द) इटली 
उत्तर:
(अ) मेसिडोनिया 

प्रश्न 6. 
वैशाली किस राज्य की राजधानी थी?
(अ) मगध 
(ब) अवन्ति
(स) अंग 
(द) वडि 
उत्तर:
(द) वडि 

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. ................ करने वाला राजा बहुत शक्तिशाली माना जाता था। 
उत्तर:
अश्वमेध यत्र

2. जिहें पुरोहित ................ मानते थे उन्हें कई अनुष्ठानों में शामिल नहीं किया जाता था। 
उत्तर:
शूद्र

3. ........... के राजा विशाल किले बनवाते थे। 
उत्तर:
महाजनपदों

4. अजातशत्रु ने अपने मंत्री ................ को बुद्ध के पास सलाह के लिए भेजा। 
उत्तर:
वस्सकार। 

सत्य/असत्य बताइये

1. वर्गों में प्रथम स्थान शूदों का था। 
उत्तर:
असत्य

2. अधिकतर महाजनपदों की एक से अधिक राजधानियाँ होती थीं। 
उत्तर:
असत्य

3. महाजनपदों के राजा लोगों से नियमित रूप से कर वसूलते थे। 
उत्तर:
सत्य

4. गण या संघ में कई शासक होते थे। 
उत्तर:
सत्य

5. मगष का शासक महापद्मनन्द विश्व - विजय करना चाहता था।
उत्तर:
असत्य। 

सही मिलान कीजिये:

I

II

(1) यजुर्वेद

(अ) दिल्ली

(2) पुराना किला

(ब) उत्तर - वैदिक काल

(3) हस्तिनापुर

(स) एटा

(4) अतरंजीखेड़ा

(द) वजि

(5) गण

(य) मेरठ


उत्तर:

I

II

(1) यजुर्वेद

(ब) उत्तर - वैदिक काल

(2) पुराना किला

(अ) दिल्ली

(3) हस्तिनापुर

(य) मेरठ

(4) अतरंजीखेड़ा

(स) एटा

(5) गण

(द) वजि


अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
हम अपने शासकों का चुनाव किस प्रकार करते हैं? 
उत्तर:
हम अपने शासकों का चुनाव मतदान के जरिए करते हैं।

प्रश्न 2. 
राजा बनने की प्रक्रिया में परिवर्तन कब दिखाई। दिये? 
उत्तर:
राजा बनने की प्रक्रिया में लगभग 3000 साल पहले कुछ परिवर्तन दिखाई दिये। 

प्रश्न 3. 
बहुत शक्तिशाली राजा कौनसा यज़ करते थे? 
उत्तर:
बहुत शक्तिशाली राजा अश्वमेध यज्ञ करते थे। 

प्रश्न 4. 
अश्वमेध यज्ञ के पोड़े को किसी दूसरे राजा द्वारा रोके जाने पर क्या होता था? 
उत्तर:
उस राजा को अश्वमेध यज्ञ करने वाले राजा से युद्ध करना पड़ता था। 

प्रश्न 5. 
वर्ण किसे कहते हैं? 
उत्तर:
पुरोहितों ने लोगों को चार वर्गों में विभाजित किया, जिन्हें वर्ण कहते हैं। 

प्रश्न 6. 
चार वर्णों के नाम बताइये। 
उत्तर:

  • ब्राह्मण 
  • क्षत्रिय 
  • वैश्य 
  • शूद्र। 

प्रश्न 7. 
कौनसे राजा जनपदों के राजा माने जाने लगे थे? 
उत्तर:
महायज्ञों को करने वाले राजा जनपदों के राजा माने जाने लगे थे। 

प्रश्न 8. 
जनपदों के लोग कौन-कौनसी फसलें उगाते थे? 
उत्तर:
जनपदों के लोग चावल, गेहूँ, धान, जौ, दालें, गन्ना, तिल तथा सरसों जैसी फसलें उगाते थे। 

प्रश्न 9. 
'भाग' किसे कहते थे? 
उत्तर:
महाजनपदों में उपज पर जो कर लगाया जाता था, उसे भाग कहते थे। 

प्रश्न 10. 
कृषि में परिश्रम अधिकतर कौन लोग करते थे? 
उत्तर:
कृषि में परिश्रम अधिकतर दास, दासी तथा भूमिहीन खेतिहर मजदूर (कम्मकार) करते थे। 

प्रश्न 11. 
किसी एक महत्त्वपूर्ण महाजनपद का नाम बताइये। 
उत्तर:
मगध। 

प्रश्न 12. 
मगध के किन्हीं दो शक्तिशाली शासकों के नाम दीजिये। 
उत्तर:

  • बिम्बिसार 
  • अजातसतु (अजातशत्रु)। 

प्रश्न 13. 
वजि राज्य में कौनसी शासन व्यवस्था थी? 
उत्तर:
वजि राज्य में गण या संघ नामक शासन व्यवस्था थी।

प्रश्न 14. 
गण शब्द का प्रयोग किसके लिए किया जाता हैं? 
उत्तर:
गण शब्द का प्रयोग कई सदस्यों वाले समूह के लिए किया जाता है। 

प्रश्न 15.
दोष निकाय क्या है?  
उत्तर:
दीघ निकाय एक प्रसिद्ध बौद्ध प्रन्य है। इसमें बुद्ध के कई व्याख्यान दिये गये हैं। इन्हें लगभग 2300 वर्ष पहले लिखा गया है। 

प्रश्न 16. 
बुद्ध तथा महाबीर किस शासन व्यवस्था से सम्बन्धित थे? 
उत्तर:
बुद्ध तथा महाबीर दोनों ही गण या संघ से सम्बन्धित थे। 

प्रश्न 17. 
गण या संघ राज्यों का अन्त कब हुआ? 
उत्तर:
गण या संघ राज्यों का अन्त लगभग 1500 साल पहले हुआ। 

प्रश्न 18. 
गण और संघ राज्यों पर अन्ततः किसने विजय प्रास की?
उत्तर:
गण और संघ राज्यों पर अन्तत: गुप्त शासकों ने विजय प्रास की। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
उत्तर - वैदिक ग्रन्थ किसे कहते हैं? इनमें क्या बताया गया है? 
उत्तर:
उत्तर भारत में, खासकर गंगा - यमुना क्षेत्र में, ऋग्वेद के बाद रचे गये ग्रंथ उत्तर - वैदिक ग्रंथ कहे जाते हैं। इनके अंतर्गत सामवेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद तथा अन्य अंध शामिल हैं। पुरोहितों द्वारा रचित इन ग्रंथों में विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान और उनके संपादन की विधियाँ बताई गई हैं। इनमें सामाजिक नियमों के बारे में भी बताया गया है। 

प्रश्न 2. 
उत्तर - वैदिक काल में समाज में किस प्रकार के समूह थे? उनके बारे में संक्षिप्त में बताइये। 
उत्तर:
उत्तर - वैदिक काल में समाज में कई समूह थे जिनमें पुरोहित, योद्धा, कृषक, पशुपालक, व्यापारी, शिल्पकार, श्रमिक, मछली पकड़ने वाले तथा जंगल में रहने वाले लोग शामिल थे। कुछ पुरोहित तथा योद्धा वैभवशाली थे, तो कुछ कृषक और व्यापारी भी धनवान थे और पशुपालक, शिल्पकार, अमिक, मछली पकड़ने वाले, शिकारी तथा भोजन - संग्राहक समूह निर्धन थे। 

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प्रश्न 3. 
उत्तर - वैदिक काल में अछूत वर्गों में कौन - कौन शामिल थे? 
उत्तर:
उत्तर - वैदिक काल में अछूत वर्गों में कुछ शिल्पकार, शिकारी तथा भोजन - संग्राहक शामिल थे। साथ ही इनमें ये लोग भी आते थे, जो शवों को दफनाने या जलाने का काम करते थे। इन लोगों से संपर्क अपवित्र माना जाता था। 

प्रश्न 4. 
'चित्रित - धूसर पात्र' क्या हैं? वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
जनपदों की बस्तियों के पुरास्थलों से कुछ विशेष प्रकार के बर्तन मिले हैं जिन्हें 'चित्रित - धूसर पात्र' के नाम से जाना जाता है। इन बर्तनों पर सरल रेखाओं तथा ज्यामितीय आकृतियों के रूप में चित्रकारी की गई है। इस तरह के पात्रों में ज्यादातर पालियाँ और कटोरियाँ ही मिली हैं। ये पात्र बहुत ही पतली सतह के सुंदर और चिकने हैं। शायद इसका प्रयोग खास मौकों पर, महत्वपूर्ण लोगों को भोजन परोसने के लिए किया जाता था। 

प्रश्न 5. 
महाजनपदों की प्रमुख विशेषताएँ बताइये। 
उत्तर:
महाजनपदों की विशेषताएँ:

  1. अधिकतर महाजनपदों की एक राजधानी होती थी। 
  2. कई राजधानियों में किलेबंदी की गई थी। इसके लिए इनके चारों ओर लकड़ी, ईंट या पत्थर की कैची दीवारें बनाई गई थीं। 
  3. महाजनपदों के राजा बड़ी सेना रखते थे। 
  4. सिपाहियों को नियमित वेतन दिया जाता था। 
  5. महाजनपदों के राजा लोगों से नियमित रूप से कर वसूलते थे। 

प्रश्न 6. 
महाजनपद काल में कृषि में क्या बड़े परिवर्तन आए?
उत्तर:
महाजनपद काल में कृषि के क्षेत्र में दो बड़े परिवर्तन आए:
1. हल के फाल अब लोहे के बनने लगे। अब कठोर जमीन को लकड़ी के फाल की तुलना में लोहे के फाल से आसानी से जोता जा सकता था। इससे फसलों की उपज बढ़ गई।

2. अव धान के पौधों का रोपण शुरू हुआ अर्थात् खेतों में बीज छिड़ककर धान उपजाने के बजाय धान की पौध तैयार कर उनका रोपण शुरू किया गया। अब पहले की तुलना में बहुत ज्यादा पौधे जीवित रहते थे, इसलिए पैदावार भी ज्यादा होने लगी। 

प्रश्न 7. 
सिकन्दर के बारे में आप क्या जानते हैं? मगध से उसके सम्बन्ध के बारे में बताइये। 
उत्तर:
लगभग 2300 साल पहले, सिकन्दर मेसिडोनिया का राजा था। वह विश्व - विजय करना चाहता था। पूरी तरह सफल न होने पर भी वह मित्र और पश्चिमी एशिया के कुछ राज्यों को जीतता हुआ भारतीय उपमहाद्वीप में व्यास नदी के किनारे तक पहुँच गया। उसने मगध की और भी कूच करना चाहा। लेकिन उसके सिपाहियों ने इंकार कर दिया। वे इस बात से भयभीत थे कि भारत के शासकों के पास पैदल, रथ और हाथियों की बहुत बड़ी सेना थी। इस प्रकार उसके सैनिक मगध की शक्तिशाली सेना से भयभीत

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
अश्वमेध यज्ञ पर एक विस्तृत लेख लिखिए। 
उत्तर:
अश्वमेध यज:

  1. अश्वमेध यज्ञ एक महायज्ञ था जिसे आयोजित कर राजा स्वयं को बहुत शक्तिशाली राजा के रूप में प्रतिष्ठित करता था। 
  2. अश्वमेध यज्ञ में एक घोड़े को राजा के लोगों की देखरेख में स्वतंत्र विचरण के लिए छोड़ दिया जाता था। इस घोड़े को किसी दूसरे राजा ने रोका तो उसे वहाँ अश्वमेध यज्ञ करने वाले से लड़ाई करनी पड़ती थी। और घोड़े को जाने देने का मतलब यह होता था कि अवश्मेध यज्ञ करने वाला राजा उनसे ज्यादा शक्तिशाली था। 
  3. इसके बाद उन राजाओं को यज्ञ में आमंत्रित किया जाता था। यज्ञ में आमंत्रित सभी राजा उसके लिए उपहार लाते थे। 
  4. यह वा विशिष्ट पुरोहितों द्वारा सम्पन्न किया जाता था। इसके लिए उन्हें उपहारों से सम्मानित किया जाता था। 
  5. इन सभी आयोजनों में यज्ञ करने वाले राजा का मुख्य स्थान होता था। उसे राजसिंहासन या बाघ की खाल के एक |विशेष आसन पर बिठाया जाता था। 
  6. यज्ञ के अवसर पर सारथी राजा की विजयों तथा अन्य गुणों का गान करता था। 
  7. रानियों तथा पुत्रों को भी कई छोटे - छोटे अनुष्ठान करने होते थे। 
  8. राजा के ऊपर पुरोहित पवित्र जल के छिड़काव के साथ - साथ अन्य कई अनुष्ठान करता था। 
  9. विश् अथवा वैश्य जैसे सामान्य लोग उपहार लाते थे।

प्रश्न 2. 
वर्ण कितने प्रकार के हैं? वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
वर्ण एवं प्रकार - पुरोहितों ने लोगों को चार वर्गों में विभाजित किया, जिन्हें वर्ण कहते हैं। ये थे:

  • ब्राह्मण
  • क्षत्रिय 
  • वैश्य 
  • शुद्र। उनके अनुसार प्रत्येक वर्ण के अलग - अलग कार्य निर्धारित थे।
  1. ब्राह्मण: पहला वर्ण ब्राह्मणों का था। उनका काम वेदों का अध्ययन - अध्यापन और यज्ञ करना था जिनके लिए उन्हें उपहार मिलता था। 
  2. क्षत्रिय: ये दूसरे स्थान पर थे। उनका काम युद्ध करना और लोगों की रक्षा करना था। 
  3. वैश्य: तीसरे स्थान पर विश् या वैश्य थे। इनमें कृषक, पशुपालक और व्यापारी आते थे। क्षत्रिय और वैश्य दोनों को ही यज्ञ करने का अधिकार प्राप्त था। 
  4. शूद: इनका काम अन्य तीनों वर्गों की सेवा करना था। इन्हें कोई अनुष्ठान करने का अधिकार नहीं था। प्रायः औरतों को भी शूद्रों के समान माना गया। महिलाओं तथा शूद्रों को वेदों के अध्ययन का अधिकार नहीं था। 

प्रश्न 3. 
पुरातत्वविदों को जनपदों की बस्तियों की खुदाई से क्या जानकारी मिलती है? 
उत्तर:

  1. पुरातत्वविदों ने जनपदों की कई बस्तियों की खुदाई की है। दिल्ली में पुराना किला, उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हस्तिनापुर और एटा के पास अतरंजीखेड़ा इनमें प्रमुख हैं। 
  2. खदाई से पता चला है कि लोग झोंपड़ियों में रहते थे और मवेशियों तथा अन्य जानवरों को पालते थे। 
  3. वे चावल, गेहूँ . धान, जौ, दालें, गन्ना, तिल तथा सरसों जैसी फ़सलें उगाते थे। 
  4. लोग मिट्टी के बर्तन भी बनाते थे। इनमें कुछ धूसर और कुछ लाल रंग के होते थे। 
  5. इन पुरास्थलों में कुछ विशेष प्रकार के बर्तन मिले हैं, जिने 'चित्रित - धूसर पात्र' कहा जाता है। इन बर्तनों पर चित्रकारी की गई है। जो आमतौर पर सरल रेखाओं तथा ज्यामितीय आकृतियों के रूप में है। 

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प्रश्न 4. 
महाजनपदों के राजा को करों की आवश्यकता क्यों पड़ी? उनकी कर व्यवस्था का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
करों की आवश्यकता: महाजनपदों के राजा विशाल किले बनवाते थे और बड़ी सेना रखते थे। इस हेतु उन्हें प्रचुर संसाधनों तथा कर्मचारियों की आवश्यकता होती थी। अत: महाजनपदों के राजाओं को नियमित रूप से कर वसूलने की आवश्यकता पड़ी। 
कर व्यवस्था:

  1. फसलों पर लगाए गए कर सबसे महत्वपूर्ण थे क्योंकि अधिकांश लोग कृषक ही थे। प्रायः उपज का 1/6वां हिस्सा कर के रूप में निर्धारित किया जाता था जिसे भाग कहा जाता था। 
  2. कारीगरों के ऊपर भी कर लगाए गए जो प्रायः श्रम के रूप में चुकाए जाते थे। जैसे कि एक बुनकर, लोहार या सुनार को राजा के लिए महीने में एक दिन काम करना  पड़ता था।
  3. पशु पालकों से जानवरों या उनके उत्पाद के रूप में कर वसूला जाता था। 
  4. व्यापारियों को सामान खरीदने - बेचने पर कर देना पड़ता था।
  5. आखेटकों तथा संग्राहकों से जंगल से प्राप्त वस्तुएँ वसूली जाती थीं। 

प्रश्न 5. 
मगध किन कारणों से एक महत्त्वपूर्ण राज्य बन गया था? मगध महाजनपद का वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
मगध के महत्त्वपूर्ण राज्य बनने के कारण:

  1. गंगा और सोन जैसी नदियाँ मगध से होकर बहती थीं। ये:
    • यातायात 
    • जल वितरण और 
    • जमीन को उपजाक बनाने के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण थी। 
  2. मगध का एक हिस्सा जंगलों से भरा था। इन जंगलों में रहने वाले हाथियों को पकड़ कर और उन्हें प्रशिक्षित कर सेना के काम में लगाया जाता था। 
  3. मगध के क्षेत्र में जंगलों से घर, गाड़ियाँ तथा रथ बनाने के लिए लकड़ी मिलती थी।
  4. इसके अलावा इस क्षेत्र में लौह अयस्क की खदानें हैं। मजबूत औजार और हथियार बनाने के लिए ये बहुत उपयोगी थी। 
  5. मगध में दो बहुत ही शक्तिशाली शासक बिम्बिसार तथा अजातसत्तु (अजातशत्रु) हुए। अन्य जनपर्दो को जीतने के लिए ये हर संभव साधन अपनाते थे। महापद्मनंद भी एक और महत्वपूर्ण शासक थे। उन्होंने अपने नियंत्रण का क्षेत्र इस उपमहाद्वीप के उत्तर - पश्चिमी भाग तक फैला लिया था। 
  6. बिहार में राजगृह (आधुनिक राजगीर) कई सालों तक मगध की राजधानी बनी रही। बाद में पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) को राजधानी बनाया गया।

प्रश्न 6. 
वजि राज्य में कौनसी शासन व्यवस्था थी? उसका वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
वजि राज्य में गण या संघ नामक शासन व्यवस्था थी। इस शासन व्यवस्था का वर्णन निम्न प्रकार है:

  1. गण या संघ में कई शासक होते थे। 
  2. कभी - कभी लोग एक साथ शासन करते थे, जिसमें से प्रत्येक व्यक्ति राजा कहलाता था। 
  3. ये सभी राजा विभिन्न अनुष्ठानों को एक साथ सम्पन्न करते थे।
  4. सभाओं में बैठकर ये बातचीत, बहस और वाद विवाद के जरिए तय करते थे कि क्या करना है और किस तरह करना है। 
  5. शत्रुओं के आक्रमण से निपटने के लिए वे मिलकर चचौराँ करते थे। 
  6. स्त्रियाँ, दास तथा कम्मकार इन सभाओं में हिस्सा नहीं ले सकते थे। 

प्रश्न 7. 
वजिवासियों की उन्नति के सम्बन्ध में बुद्ध ने क्या कहा?
अथवा 
संघ या गण राज्यों की उन्नति की क्या कसौटियाँ थी? वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
बजिवासियों की उन्नति के सम्बन्ध में बुद्ध ने कहा कि वे तब तक उन्नति करते रहेंगे, जब तक:

  1. वे पूर्ण और नियमित सभाएँ करते रहेंगे। 
  2. आपस में मिलजुल कर काम करते रहेंगे। 
  3. पारम्परिक नियमों का पालन करते रहेंगे। 
  4. बड़ों का सम्मान, समर्थन और उनकी बातों पर ध्यान देते रहेंगे। 
  5. महिलाओं के साथ जोर - जबरदस्ती नहीं करेंगे और उन्हें बंधक नहीं बनाएंगे। 
  6. शहरों तथा गाँवों में चैत्यों का रखरखाव करेंगे। 
  7. विभिन्न मतावलंबी संतों का सम्मान करेंगे और उनके आने या जाने पर कोई रोक नहीं लगाएंगे।
Bhagya
Last Updated on June 10, 2022, 9:49 a.m.
Published June 8, 2022