RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 10 नए साम्राज्य और राज्य

Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 10 नए साम्राज्य और राज्य Important Questions and Answers.

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RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 10 नए साम्राज्य और राज्य


बहुचयनात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
समुद्रगुप्त की 'इलाहाबाद प्रशस्ति' की रचना किसने की? 
(अ) बाणभट्ट 
(ब) कालिदास
(स) हरिषेण 
(द) हर्षवर्धन 
उत्तर:
(स) हरिषेण 

RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 10 नए साम्राज्य और राज्य

प्रश्न 2. 
विक्रम संवत् की स्थापना किसने की थी?
(अ) चन्द्रगुप्त द्वितीय 
(ब) समुद्रगुप्त
(स) रामगुस 
(द) हर्षवर्धन 
उत्तर:
(अ) चन्द्रगुप्त द्वितीय 

प्रश्न 3. 
हर्षचरित के रचयिता कौन थे?
(अ) रविकीर्ति 
(ब) आर्यभट्ट
(स) कालिदास 
(द) बाणभट्ट 
उत्तर:
(द) बाणभट्ट 

प्रश्न 4. 
'ऐहोल' किनकी राजधानी थी?
(अ) पल्लव 
(ब) चालुक्य
(स) सातवाहन 
(द) गुसवंश 
उत्तर:
(ब) चालुक्य

प्रश्न 5. 
स्थानीय सभाएं कार्य करती थीं
(अ) उत्तरी भारत के राज्यों में 
(ब) दक्षिणी भारत के राज्यों में 
(स) पश्चिमी भारत के राज्यों में
(द) इनमें से कोई नहीं 
उत्तर:
(ब) दक्षिणी भारत के राज्यों में 

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

1. समुद्रगुप्त ने ................ की उपाधि धारण की थी। 
उत्तर:
महाराजाधिराज

2. हर्षवर्धन के बहनोई ................ के शासक थे। 
उत्तर:
कन्नौज

3. पल्लयों की राजधानी ............... थी। 
उत्तर:
कांचीपुरम

4. ................ सबसे प्रसिद्ध चालुक्य राजा थे। 
उत्तर:
पुलकेशिन द्वितीय

5. ................ के अभिलेखों में कई स्थानीय सभाओं की चर्चा है। 
उत्तर:
पल्लवों

सत्य/असत्य बताइये

1. समुद्रगुप्त की प्रशस्ति में उसे ईश्वर के बराबर बताया गया है। 
उत्तर:
सत्य

2. श्रीलंका के शासक ने समुद्रगुप्त की अधीनता स्वीकार नहीं की थी।
उत्तर:
असत्य

3. समुद्रगुप्त को एक सिक्के पर दोलक बजाते हुए दिखाया गया है। 
उत्तर:
असत्य

4. पल्लवों और चालुक्यों को अन्तत: राष्ट्रकूट तथा चोलवंशों ने समाप्त कर दिया। 
उत्तर:
सत्य

5. चीनी तीर्थयात्री वैन त्सांग काफी समय के लिए हर्ष के दरबार में रहा। 
उत्तर:
सत्य

सही मिलान कीजिये

I

II

1. हरिषेण

(अ) हर्षवर्धन

2. बाणभट्ट

(ब) पल्लव

3. रविकीर्ति

(स) चन्द्रगुप्त द्वितीय

4. विक्रम संवत्

(द) पुलकेशिन द्वितीय

5. कांचीपुरम

(य) समुद्रगुप्त


उत्तर:

I

II

1. हरिषेण

(य) समुद्रगुप्त

2. बाणभट्ट

(अ) हर्षवर्धन

3. रविकीर्ति

(द) पुलकेशिन द्वितीय

4. विक्रम संवत्

(स) चन्द्रगुप्त द्वितीय

5. कांचीपुरम

(ब) पल्लव


अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
प्रशस्ति किसे कहते हैं? 
उत्तर:
प्रशस्ति एक विशेष किस्म का अभिलेख है, जिसे प्रायः राजाओं की प्रशंसा करने के लिए लिखा जाता है। 

प्रश्न 2. 
आप कैसे कह सकते हैं कि समुदगुप्त एक संगीतज्ञ भी था? 
उत्तर:
समुद्रगुप्त को एक सिक्के में वीणा बजाते हुए दिखाया गया है। 

प्रश्न 3. 
समुद्रगुप्त ने किन शासकों के राज्यों को अपने साम्राज्य में मिला लिया था? 
उत्तर:
समुदगुप्त ने आर्यावर्त के नौ शासकों को हराकर उनके राज्यों को अपने साम्राज्य में मिला लिया था। 

प्रश्न 4. 
गुप्त शासन के महत्वपूर्ण केन्द्र कौनसे थे? 
उत्तर:
प्रयाग, उज्जैन तथा पाटलिपुत्र गुस शासन के महत्वपूर्ण केन्द्र थे।

प्रश्न 5. 
हर्षचरित में क्या वर्णन दिया गया है? 
उत्तर:
हर्षचरित में हर्षवर्धन की वंशावली तथा उनके राजा बनने तक का वर्णन मिलता है। 

प्रश्न 6. वंशावली किसे कहते हैं? 
उत्तर:
किसी व्यक्ति से सम्बन्धित वह विवरण जिसमें उसके पूर्वजों का एक निश्चित एवं निरन्तर क्रम में उल्लेख मिलता है, वंशावली कहलाती है। 

प्रश्न 7. 
हर्ष थानेसर के राजा कब बने? 
उत्तर:
हर्ष अपने पिता और बड़े भाई की मृत्यु होने पर थानेसर के राजा बने। 

प्रश्न 8. 
हर्ष ने किन दो राज्यों को जीता? 
उत्तर:

  • मगध 
  • बंगाल।

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प्रश्न 9. 
पल्लवों का राज्य कहाँ विस्तृत था? 
उत्तर:
पल्लवों का राज्य उनकी राजधानी कांचीपुरम के आस-पास के क्षेत्रों से लेकर कावेरी नदी के डेल्ट तक फैला था। 

प्रश्न 10. 
सबसे प्रसिद्ध चालुक्य राजा कौन था? 
उत्तर:
पुलकेशिन द्वितीय सबसे प्रसिद्ध चालुक्य राजा था। 

प्रश्न 11. 
पुलकेशिन द्वितीय का दरबारी कवि कौन था? 
उत्तर:
पुलकेशिन द्वितीय का दरबारी कवि रविकीर्ति था। 

प्रश्न 12. 
राजाओं के लिए आय का मुख्य साधन क्या था? 
उत्तर:
राजाओं के लिए आय का मुख्य साधन भूमि कर था। 

प्रश्न 13. 
प्रशासन की प्राथमिक इकाई क्या थी? 
उत्तर:
प्रशासन की प्राथमिक इकाई गाँव होते थे। 

प्रश्न 14. 
सामंत व्यवस्था की सबसे बड़ी हानि क्या थी? 
उत्तर:
जहाँ कहीं भी शासक दुर्बल होते थे, ये सामंत स्वतंत्र होने की कोशिश करते थे। 

प्रश्न 15.
'उर' को स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
दक्षिण में जिन इलाकों के भू - स्वामी ब्राह्मण नहीं थे, वहां 'डर' नामक ग्राम सभा होती थी। 

प्रश्न 16. 
'नगरम' क्या है? 
उत्तर:
'नगरम' व्यापारियों के एक संगठन का नाम था। 

प्रश्न 17. 
कालिदास का सबसे प्रसिद्ध नाटक कौनसा है? 
उत्तर:
कालिदास का सबसे प्रसिद्ध नाटक 'अभिज्ञानशाकुन्तलम्' है। 

प्रश्न 18. 
गुसकाल एवं आस - पास के जमाने में आम लोगों की जानकारी हमें कहाँ से मिलती है? 
उत्तर:
उस काल के आम लोगों के जीवन की थोड़ी - बहुत जानकारी हमें नाटकों तथा कुछ अन्य विवरणों से मिलती है। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
प्रशस्ति के बारे में आप क्या जानते हैं? 
उत्तर:
प्रशस्ति: यह एक विशेष किस्म का अभिलेख है, जिसे प्रशस्ति कहते हैं। यह एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ'प्रशंसा' होता है। राजा के दरबारी कवि उनकी प्रशंसा में प्रशस्ति लिखते थे। प्रशस्तियां लिखने का प्रचलन पहले भी था। परन्तु गुप्तकाल में इनका महत्व और बढ़ गया। समुदगुप्त के दरबार में कवि व मंत्री रहे हरिषेण द्वारा एक काव्य के रूप में समुदगुम की प्रशस्ति की रचना की गई थी।

प्रश्न 2. 
विक्रम संवत् का संबंध किससे है? इसकी स्थापना किसने और क्यों की? 
उत्तर:
विक्रम संवत्: 58 ईसा पूर्व में प्रारंभ होने वाले विक्रम संवत् का संबंध परंपरागत रूप से गुप्त राजा चन्द्रगुप्त द्वितीय के नाम से जोड़ा जाता है। माना जाता है कि चन्द्रगुप्त
द्वितीय ने शकों पर विजय के प्रतीक के रूप में इस संवत् की स्थापना की तथा विक्रमादित्य की उपाधि धारण की थी।

प्रश्न 3. 
दक्षिण के राज्यों की सभाओं का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
पल्लवों के अभिलेखों में दक्षिण में कई स्थानीय सभाओं के बारे में बताया गया है:

  1. सभा: यह ब्राह्मण भूस्वामियों का संगठन था। ये सभाएँ उप - समितियों के जरिए सिंचाई,खेतीबाड़ी से जुड़े विभिन्न काम, सड़क निर्माण, स्थानीय मंदिरों की देखरेख आदि का काम करती थीं।
  2. उर: जिन इलाकों के भूस्वामी ब्राह्मण नहीं थे वहाँ उर नामक ग्राम सभा होती थी। 
  3. नगरम: यह व्यापारियों के एक संगठन का नाम था। संभवतः इन सभाओं पर धनी तथा शक्तिशाली भूस्वामियों और व्यापारियों का नियंत्रण था। इनमें से बहुत-सी स्थानीय सभाएँ शताब्दियों तक काम करती रहीं। 

प्रश्न 4. 
कालिदास के नाटकों की प्रमुख विशेषताएँ बताइये। 
उत्तर:
कालिदास के नाटकों की विशेषताएँ:

  1. कालिदास के नाटकों में प्रायः राज - दरबार के जीवन का चित्रण होता था। 
  2. इन नाटकों में राजा और अधिकांश ब्राह्मणों को संस्कृत बोलते हुए दिखाया गया है जबकि अन्य लोग तथा महिलाएं प्राकृत बोलते हुए दिखाए गए हैं। 
  3. उनका सबसे प्रसिद्ध नाटक अभिज्ञान - शाकुन्तलम् दुष्यंत नामक एक राज और शकुन्तला नाम की एक युवती की प्रेम कहानी है। 
  4. इस नाटक में एक गरीब मछुआरे के साथ राजकर्मचारियों के दुव्यवहार की बात कही गई है। 

प्रश्न 5. 
चीनी तीर्थयात्री फा - शिएन ने तत्कालीन समाज व्यवस्था की किस कमी का उल्लेख किया? 
उत्तर:

  1. चीनी तीर्थयात्री फा - शिएन ने तत्कालीन समाज में व्याप्त छुआछूत की व्यवस्था का उल्लेख किया। 
  2. अछूत माने जाने वाले लोगों को शहरों के बाहर रहना पड़ता था। 
  3. शहर या बाजार के भीतर आते समय सभी को आगाह करने के लिए ये लकड़ी के एक टुकड़े पर चोट करते रहते थे। यह आवाज सुनकर लोग सतर्क होकर अपने को, छु जाने से या किसी भी प्रकार के संपर्क से बचाते थे। 

प्रश्न 6. 
सेनाएँ किस प्रकार अपने पीछे विनाश के निशान छोड़ जाती थीं?
उत्तर:
बाणभट्ट ने लिखा है कि जब राजा की सेनाएँ अभियान पर निकलती थीं तो ये सेनाएं अपने पीछे विनाश और विष्वंस की निशानी छोड़ जाती थीं। हाथी गाँव वालों की झोपड़ियाँ कुचल डालते थे और व्यापारियों के काफ़िलों में जुते बैल, इस हलचल भरे माहौल से डरकर भाग खड़े होते थे। बाणभट्ट लिखते हैं - "पूरी दुनिया धूल के गर्त में डूब जाती थी।" 

प्रश्न 7. 
इस्लाम के प्रादुर्भाव तथा प्रसार के बारे में आप क्या जानते हैं? 
उत्तर:
इस्लाम का प्रादुर्भाव एवं प्रसार:
इस्लाम के प्रवर्तक पैगम्बर मुहम्मद थे। इन्होंने लगभग 1400 साल पहले अरब में इस्लाम की शुरुआत की। ईसाई धर्म की तरह इस्लाम ने भी अल्लाह को सर्वोपरि माना है, उनके बाद सभी को समान माना गया है। अगले सौ सालों के दौरान इस्लाम उत्तरी अफ्रीका, स्पेन, ईरान और भारत में फैल गया। अरब नाविक, जो इस उपमहाद्वीप की तटीय बस्तियों से पहले से ही परिचित थे, अब अपने साथ इस नए धर्म को भी ले आए। अरब के सिपाहियों ने करीब 1300 साल पहले सिंध (आज के पाकिस्तान में) को जीत लिया था। 

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
समुद्रगुप्त के बारे में हमें किन स्रोतों से तथा क्या जानकारी मिलती है? 
उत्तर:
समुद्रगुप्त के बारे में हमें निम्न मुख्य स्रोतों से जानकारी मिलती है:
1. प्रयाग - प्रशस्ति: 
यह समुद्रगुप्त की जानकारी का मुख्य स्रोत है। इसकी रचना उसके दरबारी कवि व मंत्री रहे हरिषेण ने की थी। इससे पता चलता है कि वह एक वीर योद्धा, युद्धों को जीतने वाला राजा, विद्वान तथा उत्कृष्ट कवि था। इसमें उसे ईश्वर के बराबर भी बताया गया है। प्रयागप्रशस्ति में चार विभिन्न प्रकार के राजाओं के प्रति उसकी नीति का वर्णन भी किया गया है। प्रयाग - प्रशस्ति से समुद्रगुप्त के परदादा, दादा, पिता और माता के बारे में भी पता चलता है। उनकी माँ कुमार देवी, लिच्छवि गण की थी और पिता चन्द्रगुप्त गुप्तवंश के पहले शासक थे, जिन्होंने महाराजाधिराज जैसी बड़ी उपाधि धारण की। समुदगुल ने भी यह उपाधि धारण की थी। 

2. चन्द्रगुप्त द्वितीय की वंशावली: 
समुद्रगुप्त के बारे में हमें उनके बेटे चन्द्रगुप्त द्वितीय की वंशावली से भी जानकारी मिलती है। उनके बारे में अभिलेखों तथा सिक्कों से पता चलता है कि उन्होंने पश्चिम भारत में सैन्य अभियान में अंतिम शक शासक को परास्त किया था। समुद्रगुप्त का दरबार विद्वानों से भरा था। कवि कालिदास और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट उनके दरबार में थे। 

प्रश्न 2. 
समुद्रगुप्त की विभिन्न राजाओं के प्रति क्या नीति थी? बतलाइये।
उत्तर:
हरिषेण ने चार विभिन्न प्रकार के राजाओं और उनके प्रति समुद्रगुम की नीतियों का वर्णन निम्न प्रकार किया है:

  1. आर्यावर्त के शासक: समुद्रगुप्त ने आवित्त के नौ शासकों को हराकर उनके राज्यों को अपने साम्राज्य में मिला लिया था। 
  2. दक्षिणापथ: दक्षिणापथ के बारह शासकों ने हार जाने पर समुद्रगुप्त के सामने समर्पण किया था। समुद्रगुप्त ने उन्हें फिर से शासन करने की अनुमति दे दी थी। 
  3. पड़ोसी देश: पड़ोसी देशों में असम, तटीय बंगाल, नेपाल और उत्तर - पश्चिम के कई गण या संघ आते थे। ये समुद्रगुप्त के लिए उपहार लाते थे, उनकी आज्ञाओं का पालन करते थे तथा उनके दरबार में उपस्थित हुआ करते थे।
  4. बाह्य क्षेत्र के शासक: बाह्य इलाके के शासक, संभवतः कुषाण तथा शक वंश के थे। इसमें श्रीलंका के शासक भी थे। इन्होंने समुद्रगुप्त की अधीनता स्वीकार की और अपनी पुत्रियों का विवाह उससे किया। 

प्रश्न 3. 
हर्षवर्धन के बारे में आप क्या जानते हैं? वर्णन कीजिए? 
उत्तर:
हर्षवर्धन के बारे में उनकी जीवनी 'हर्षचरित' से पता चलता है जिसकी रचना उनके दरबारी कवि बाणभट्ट ने संस्कृत में की थी। इसके अलावा चीनी तीर्थयात्री श्वैन त्सांग भी काफी समय तक हर्ष के दरबार में रहा था। उसने भी जो कुछ वहाँ देखा, उसका विस्तृत विवरण लिखा है। 

  1. हर्षवर्धन ने लगभग 1400 वर्ष पहले शासन किया था। 
  2. हर्ष अपने पिता के सबसे बड़े बेटे नहीं थे पर अपने पिता और बड़े भाई की मृत्यु हो जाने पर थानेसर के राजा बने।
  3. उनके बहनोई कन्नौज के शासक थे। जब बंगाल के शासक ने उन्हें मार डाला, तो हर्ष ने कन्नौज को अपने अधीन कर लिया और बंगाल पर आक्रमण कर दिया। 
  4. मगध तथा बंगाल को जीतकर हर्ष को पूर्व में जितनी सफलता मिली थी, उतनी सफलता अन्य जगहों पर नहीं मिली। 
  5. हर्ष ने नर्मदा नदी को पार कर दक्कन की ओर आगे बढ़ने की कोशिश की दाब चालुक्य नरेश, पुलकेशिन द्वितीय ने हर्ष को पराजित कर रोक दिया। 

RBSE Class 6 Social Science Important Questions History Chapter 10 नए साम्राज्य और राज्य

प्रश्न 4. 
पल्लब तथा चालुक्यों के बीच संघर्ष का वर्णन कीजिये। 
उत्तर:
पल्लव तथा चालक्यों के बीच संघर्ष:

  1. पल्लव और चालुक्य अपने समय में दक्षिण भारत के सबसे महत्वपूर्ण राजवंश थे।
  2. पल्लवों का राज्य उनकी राजधानी कांचीपुरम के आसपास के क्षेत्रों से लेकर कावेरी नदी के डेल्य तक फैला था, जबकि चालुक्यों का राज्य कृष्णा और तुंगभद्रा नदियों के बीच स्थित था। 
  3. पल्लव और चालुक्य एक - दूसरे की सीमाओं का अतिक्रमण करते थे। मुख्य रूप से राजधानियों को निशाना बनाया जाता था जो समृद्ध शहर थे। 
  4. चालुक्य नरेश पुलकेशिन द्वितीय ने भी पल्लव राजा पर आक्रमण किया था जिसमें पल्लवों की हार हुई थी। 
  5. चालुक्यों की यह विजय अल्पकालीन थी। लडाई से दोनों बंश दुर्बल होते गए। पल्लवों और चालुक्यों को अन्ततः राष्ट्रकूट तथा चोलवंशों ने समाप्त कर दिया। 

प्रश्न 5. 
चालुक्य राजवंश के बारे में आप क्या जानते हैं? विस्तार से बताइये। 
उत्तर:
चालुक्य राजवंश:

  1. चालुक्य अपने समय में दक्षिण भारत का महत्त्वपूर्ण राजवंश रहा है।
  2. चालुक्यों का राज्य कृष्णा और तुंगभदा नदियों के बीच स्थित था। 
  3. ऐहोल चालुक्यों की राजधानी थी। यह एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र था। धीरे - धीरे यह एक धार्मिक केंद्र भी बन गया जहाँ कई मंदिर थे। 
  4. चालुक्यों के सबसे प्रसिद्ध राजा पुलकेशिन द्वितीय थे। उनके बारे में हमें उनके दरबारी कवि रविकीर्ति द्वारा रचित प्रशस्ति से पता चलता है। पुलकेशिन द्वितीय को अपने चाचा से यह राज्य मिला था। 
  5. पुलकेशिन द्वितीय ने पूर्व तथा पश्चिम दोनों समुद्रतटीय इलाकों में अपने अभियान चलाए। उसने हर्ष को भी दक्कन की ओर आगे बढ़ने से रोका। पुलकेशिन द्वितीय ने पल्लव राजा के ऊपर भी आक्रमण किया, जिसे कांचीपुरम की दीवार के पीछे शरण लेनी पड़ी। 
  6. अन्ततः राष्ट्रकूट तथा चोलवंशों ने चालुक्यों को समाप्त कर दिया।
Bhagya
Last Updated on June 9, 2022, 3:46 p.m.
Published June 9, 2022