RBSE Class 12 Sociology Notes Chapter 7 परियोजना कार्य के लिए सुझाव

These comprehensive RBSE Class 12 Sociology Notes Chapter 7 परियोजना कार्य के लिए सुझाव will give a brief overview of all the concepts.

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 12 Sociology in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 12. Students can also read RBSE Class 12 Sociology Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 12 Sociology Notes to understand and remember the concepts easily. The bhartiya samaj ka parichay is curated with the aim of boosting confidence among students.

RBSE Class 12 Sociology Chapter 7 Notes परियोजना कार्य के लिए सुझाव

→ भूमिका:
प्रत्येक शोधकार्य के लिए एक उपयुक्त अनुसन्धान पद्धति की आवश्यकता होती है। एक ही प्रश्न का उत्तर प्रायः कई अनुसन्धान पद्धतियों के द्वारा दिया जा सकता है परन्तु यह आवश्यक नहीं है कि एक ही अनुसन्धान पद्धति सभी प्रश्नों के लिए उपयुक्त हो। वस्तुतः शोधकार्य के लिए शोधकर्ता के पास कई संभावित पद्धतियों में से एक का चुनाव करने की स्वतंत्रता होती है।

→ सामाजिक अनुसन्धान के चरण:
सामाजिक अनुसन्धान के निम्नलिखित चरण होते हैं

  • समस्या अथवा प्रश्न का चुनाव।
  • उपलब्ध समय की मात्रा।
  • शोध पद्धति का निर्धारण।
  • लोगों और सामग्री दोनों के रूप में उपलब्ध संसाधन।
  • शोधकार्य की परिस्थितियाँ। शोध पद्धतियों की बहुलता

1. सर्वेक्षण प्रणाली: इस प्रणाली के अन्तर्गत निर्धारित प्रश्नों को अपेक्षाकृत बड़ी संख्या में लोगों से पूछा जाता है। इन प्रश्नों को अन्वेषक के द्वारा व्यक्तिगत रूप से पूछा जा सकता है। उत्तरदाता प्रश्नों को सुनकर उत्तर देता है और अन्वेषक के द्वारा उन उत्तरों को लिख लिया जाता है। अथवा, प्रश्नावली को उत्तरदाताओं को सौंप दिया जाता है और उत्तरदाताओं के द्वारा प्रश्नावलियों को भरकर अन्वेषक को लौटा दिया जाता है।

RBSE Class 12 Sociology Notes Chapter 7 परियोजना कार्य के लिए सुझाव

→ लाभ:

  • अधिक संख्या में लोगों के विचारों को जानना आसान। 
  • सम्बन्धित समूह का अधिक प्रतिनिधित्व। 

→ दोष:

  • पहले से ही निर्धारित प्रश्न। 
  • प्रश्नों में परिवर्तन सम्भव नहीं। 
  • भ्रामक परिणामों की सम्भावना। 
  • नये प्रश्नों के पूछे जाने की सम्भावना नहीं।

→ साक्षात्कार:
इसे अनुसन्धानकर्ता के द्वारा व्यक्तिगत रूप से लिया जा सकता है और इसमें अपेक्षाकृत कम लोगों को ही शामिल किया जा सकता है।

→ साक्षात्कार के प्रकार:
ये कई प्रकार के हैं

  • संरचित साक्षात्कार- इसमें पूर्व निर्धारित प्रश्नों को पूछा जाता है।
  • असंरचित साक्षात्कार-इसमें पूछे जाने वाले प्रश्न पूर्व निर्धारित नहीं होते हैं।
  • अधिक अथवा कम गहन साक्षात्कार-अधिक गहन साक्षात्कार लम्बे समय तक और कम गहन साक्षात्कार कम समय के लिए लिया जाता है।

लाभ:

  • इसमें लचीलापन होता है।
  • इसमें समय के अनुसार परिवर्तन किया जा सकता है।
  • इसमें सही उत्तर जानने के लिए पूरक प्रश्न भी पूछे जा सकते हैं।

दोष:

  • इसमें अधिक लोगों को शामिल नहीं किया जा सकता है।
  • इसमें चयनित समूह के विचारों को ही प्रस्तुत किया जा सकता है।

प्रेक्षण:
इसमें शोधकर्ता को अपने शोधकार्य के लिए निर्धारित परिस्थिति के सन्दर्भ में क्या कुछ हो रहा है, इस पर बारीकी से नजर रखनी पड़ती है और उसका अभिलेख रखना पड़ता है।

→ एक से अधिक पद्धतियों का सम्मिश्रण:
शोध प्रश्न पर विभिन्न दृष्टिकोणों से विचार करने के लिए विभिन्न शोध पद्धतियों का मिश्रण भी किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, जनसंचार माध्यमों की बदलती हुई भूमिका के लिए ऐतिहासिक और सर्वेक्षण दोनों ही पद्धतियों का प्रयोग किया जा सकता है।

RBSE Class 12 Sociology Notes Chapter 7 परियोजना कार्य के लिए सुझाव

→ छोटी शोध परियोजनाओं के लिए सम्भावित प्रकरण और विषय 
(1) सार्वजनिक परिवहन: इसमें परिवहन के पूर्व साधन और उसकी आवश्यकता, लोगों के लिए उपयोगिता, इनमें होने वाले परिवर्तन, विभिन्न समाजों में इनकी भूमिका, वर्तमान में परिवहन के साधन और भविष्य में परिवहन साधनों का विकास इत्यादि के बारे में विचार किया जाता है।

(2) सामाजिक जीवन में संचार माध्यमों की भूमिका: इसमें रेडियो, टेलीविजन, समाचारपत्र, फिल्में, इन्टरनेट और परस्पर सम्पर्क के लिए मोबाइल, दूरभाष, पत्र, ई-मेल इत्यादि को ले सकते हैं। इनकी समाज में भूमिका और इनमें होने वाले परिवर्तन, लोगों की पसन्द और नापसन्द को जानते हैं । विभिन्न परियोजनाओं में इनकी क्या भूमिका हो सकती है, इसे भी जान सकते हैं।

(3) घर-परिवार में काम आने वाले उपकरण एवं घरेलू कार्य: इसमें घर-परिवार में काम आने वाले स्टोव, गैस, प्रेशर कुकर, प्रेस, मिक्सियाँ, टोस्टर तथा अन्य इलैक्ट्रिक उपकरणों को ले सकते हैं। इनका प्रयोग करने वाले लोग, इनसे प्राप्त होने वाली सुविधायें, इनमें होने वाले परिवर्तन, घरेलू कार्यों में होने वाला बँटवारा इत्यादि के बारे में जानते हैं।

(4) सार्वजनिक स्थान का उपयोग: सार्वजनिक स्थान, जैसे-सड़क, पार्क, मैदान, सार्वजनिक कार्यालय, खाली पड़े भूखण्ड, सड़कों के किनारे खाली भूमि इत्यादि के बारे में लोगों की सोच, इनका लोगों के द्वारा किया जाने वाला प्रयोग, समय के अनुसार इनके बारे में लोगों में होने वाले परिवर्तनों के बारे में विचार करते हैं। ..

(5) विभिन्न आयु वर्ग की बदलती हुई आकांक्षायें: समय के अनुसार लोगों की सोच और महत्त्वाकांक्षायें बदलती रहती हैं। विशेष रूप से बच्चों की सोच और महत्त्वाकांक्षायें बदलती रहती हैं। बच्चे, स्त्रीपुरुष, विभिन्न पैतृक पृष्ठभूमि, वयस्क इत्यादि की सोच, उनके विचार, उनकी महत्त्वाकांक्षाओं में होने वाले परिवर्तन इत्यादि के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

(6) एक वस्तु की जीवनी: आप स्वयं को कोई वस्तु मानकर उसकी आत्मकथा लिखें। उस वस्तु को अपनी वर्तमान स्थिति तक पहुँचने के लिए किन दौरों से गुजरना पड़ा? वस्तु का निर्माण, उसका क्रय और अन्त में उसके उपयोग के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

Prasanna
Last Updated on June 7, 2022, 2:58 p.m.
Published June 7, 2022