RBSE Class 12 Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

Rajasthan Board RBSE Class 12 Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य Important Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Physics Chapter 5 Important Questions चुंबकत्व एवं द्रव्य

अति लघुत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
नमनकोण को परिभाषित कीजिए। पृथ्वी के चुम्बकीय ध्रुवों पर नमन कोण का मान लिखिए।
उत्तर:
नतिकोण: स्वतंत्रतापूर्वक लटकायी हुई चुम्बकीय सुई की अक्ष क्षैतिज दिशा के साथ जो कोण बनाती है, उसे नति कोण या नमन कोण कहते हैं।
ध्रुवों पर नमन कोण का मान = 90°

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प्रश्न 2.
दिकपात कोण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
दिकपात कोण-किसी स्थान पर चुम्बकीय याम्योत्तर तथा भौगोलिक याम्योन्तर के बीच के न्यूनकोण को दिकपात कोण कहते हैं।

प्रश्न 3.
प्रतिचुम्बकीय पदार्थ किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे पदार्थ जो असमान चुम्बकीय क्षेत्र में प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र से दुर्बल चुम्बकीय क्षेत्र की ओर प्रतिकर्षित होते हैं, प्रतिचुम्बकीय पदार्थ कहलाते हैं।

प्रश्न 4.
एक लौहचुम्बकीय पदार्थ के लिए शैथिल्य वक्र बनाइये।
उत्तर:
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प्रश्न 5.
किसी बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर प्रतिचुम्बकीय पदार्थों का व्यवहार अनुचुम्बकीय पदार्थों से किस प्रकार भिन्न होता हैं?
उत्तर:
बाहय चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर प्रतिचुम्बकीय प्रतिकर्षित होते हैं। जबकि अनुचुम्बकीय आकर्षित होते हैं।

प्रश्न 6.
अनुचुम्बकीय पदार्थ का एक महत्त्वपूर्ण गुणधर्म लिखिए।
उत्तर:
अनुचुम्बकीय पदार्थ असमान चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर दुर्बल चुम्बकीय क्षेत्र से प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र की ओर अल्प आकर्षित होते हैं।

प्रश्न 7.
क्या प्रतिचुम्बकीय पदार्थों में बाय चुम्बकीय क्षेत्र की अनुपस्थिति में किसी परमाणु में परिणामी चुम्बकीय आघूर्ण होता है।
उत्तर:
नहीं, क्योंकि प्रतिचम्बकीय पदार्थ की परमाण्वीय संरचना में इलेक्ट्रॉन युग्मित होते है। जिनके चक्रण के कारण सरेखित चुम्बकीय आघूर्ण परस्पर निरस्त हो जाते हैं।

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प्रश्न 8.
क्यूरी का नियम लिखिए।
उत्तर:
अनुचुम्बकीय पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति परमताप पर निर्भर करती है।
χ ∝ \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\)

प्रश्न 9.
पृथ्वी की सतह पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का ऊर्ध्व घटक कहाँ शून्य होगा?
उत्तर:
भूमध्य रेखा पर

प्रश्न 10.
चुम्बकीय बल रेखाएँ एक - दूसरे को नहीं काटती हैं, क्यों?
उत्तर:
चुम्बकीय बल रेखाएँ परस्पर नहीं काटती हैं, क्योंकि यदि ये एक - दूसरे को काटती हैं तो कटान बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र के दो मान होगे जो कि सम्भव नहीं है।

प्रश्न 11.
स्थायी चुम्बक बनाने के लिए ऐसे पदार्थ का प्रयोग क्यों किया जाता है जिनकी निनाहिता अधिक होती है?
उत्तर:
उच्च निग्राहिता वाले पदार्थ में चुम्बकन का मान आसानी से नष्ट नहीं होता है। इनका चुम्बकत्व प्रबल बाहय क्षेत्रों में ताप परिवर्तन एवं रख - रखाव में नष्ट नहीं होता।

प्रश्न 12.
ट्रांसफार्मर क्रोड बनाने में किस पदार्थ का उपयोग किया जात है?
उत्तर:
ट्रॉसफार्मर क्रोड बनाने में कच्चा लोहा या सिलिकॉन स्टील या परमेलॉय का उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 13.
विद्युत बल रेखाओं और चुम्बकीय बल रेखाओं में क्या मौलिक अन्तर है?
उत्तर:
विद्युत बल रेखाएँ खुले वक्र के रूप में होती हैं, जबकि चुम्बकीय बल रेखाएँ बन्द वक्र के रूप में होती हैं।

प्रश्न 14.
अनुचुम्बकीय पदार्थों के दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:

  • कॉपर क्लोराइड (CuCl2)
  • ऑक्सीजन (O2)

प्रश्न 15.
यदि एकल चुम्बकीय ध्रुव सम्भव हो चुम्बकत्व के गाँउस नियम का स्वरूप कैसा होगा?
उत्तर:
\(\oint \overrightarrow{\mathrm{B}} \cdot d \overrightarrow{\mathrm{S}}\) ≠ 0

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
कक्षीय इलेक्ट्रॉन का चुम्बकीय आघूर्ण ज्ञात करने के लिए व्यंजक प्राप्त कीजिए।
उत्तर:
यदि कक्षीय इलेक्ट्रॉन की वृत्तीय कक्षा को एक धारावाही लूप माने तो चम्बकीय आघूर्ण
M = NIA से 
M = IA (∵ N = 1)
यदि इलेक्ट्रॉन कक्षीय वेग v हो तो प्रवाहित धारा
I = \(\frac{q}{t}=\frac{e}{t}\)
जहाँ परिक्रमण काल t = \(\frac{2 \pi r}{v}\)
जहाँ r परिक्रमण त्रिज्या है तब
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प्रश्न 2.
चुम्बकन M, चुम्बकीय तीव्रता H, चुम्बकीय प्रवृत्ति χ एवं आपेक्षिक चुम्बकशीलता µr में विभिन्न संबंध स्थापित कीजिए।
उत्तर:
विभिन्न चुम्बकीय राशियों में सम्बन्ध (Relation Between Various Magnetic Quantities)
किसी पदार्थ में कुल चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व (B), निर्वात में चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व (B0) तथा पदार्थ के चुम्बकत्व (Bm) के कारण चुम्बकीय फ्लक्स घनत्व का योग होता है अर्थात्
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प्रश्न 3.
स्थायी चुम्बक बनाने के लिए पदार्थ की दो विशेषताएँ लिखिए। ऐसे पदार्थों के दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
स्थायी चुम्बक बनाने के लिए ऐसे पदार्थ का प्रयोग किया जाता है जिनकी धारणशीलता व निग्राहिता अधिक हो। धारणशीलता अधिक होने से चुम्बक प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है, जबकि उच्च निग्राजिता होने से बाहय चुम्बकीय क्षेत्रों में प्रभावित नहीं होता।
उदाहरण: स्टील, एलनिको (Al - Ni - Co) मिश्रधातु

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प्रश्न 4.
शैथिल्य पाश के कोई दो महत्त्व लिखिए।
उत्तर:
शैथिल्य पाश का महत्त्व: चुम्बकीय पदार्थों के चुम्बकीय गुणों का अध्ययन करने में शैथिल्य पाश का बहुत अधिक महत्त्व है। B - H या I - H वक़ की सहायता से पदार्थों के चुम्बकीय गुणों का अध्ययन किया जा सकता है-
1. H के किसी मान के लिए कच्चे लोहे में चुम्बकन का मान स्टील के मान के लिए I के मान से अधिक होता है। कच्चे लोहे के लिए चुम्बकीय प्रवृत्ति भी अधिक होगी।

2. H के किसी मान के लिए कच्चे लोहे में चुम्बकीय प्रेरण B का मान स्टील के लिए B से अधिक होता है। इस प्रकार कच्चे लोहे में चुम्बकीय पारगम्यता µ भी अधिक होगी।

प्रश्न 5.
भू - चुम्बकत्व के लिए दो सम्भावित कारण लिखिए।
उत्तर:
भू - चुम्बकत्व के लिए सम्भावित कारण-
1. सन् 1850 में ग्रोवर ने यह मत व्यक्त किया कि पृथ्वी का चुम्बकत्व पृथ्वी के बाहरी पृष्ठ के निकट इसके परित बहने वाली धाराओं के कारण है। ये धाराएँ सूर्य के कारण उत्पन्न होती है।

2. सन् 1939 में एलसेसर ने यह मत प्रस्तुत किया कि पृथ्वी के भीतर उसके केन्द्रीय क्रोड में अनेक चालक पदार्थ पिघली हुई अवस्था में उपस्थित हैं। इनमें पिघला हुआ लोहा तथा निकिल पर्याप्त मात्रा में हैं। पृथ्वी के अपनी अक्ष के परित घूमने से उसके अर्द्ध-द्रव क्रोड में धीमी संवहन धाराएँ उत्पन्न हो जाती हैं। इससे पृथ्वी के भीतर एक स्व - उत्तेजित डायनमो की क्रिया होने लगती है।

प्रश्न 6.
किसी पदार्थ की चुम्बकीय प्रवृत्ति के परिभाषित कीजिए। दो ऐसे तत्वों के नाम लिखिए जिनमें से एक धनात्मक प्रवृत्ति और ऋणात्मक प्रवृत्ति रखता हो। ऋणात्मक प्रवृत्ति क्या दर्शाती है?
उत्तर:
चुम्बकीय प्रवृत्ति (Magnetic Susceptibility): यह किसी पदार्थ का वह गुण प्रदार्शित करती है कि कोई पदार्थ चुम्बकीय क्षेत्र में रखे जाने पर कितनी सरलतापूर्वक चुम्बकित हो जाता है। इसे जाई (χ) से प्रदर्शित करते हैं।
गणितीय रूप, चुम्बकीय प्रवृत्ति, चुम्बकन तीव्रता (I) तथा चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता (H) के अनुपात के बराबर होती है।
χ = \(\frac{\mathrm{I}}{\mathrm{H}}\)
ऐल्युमिनियम की प्रवृत्ति धनात्मक तथा ताँबे की प्रवृत्ति ऋणात्मक होती है। ऋणात्मक प्रवृत्ति यह दर्शाती है कि पदार्थ चुम्बकीय क्षेत्र के विपरीत दिशा में चुम्बकित होता है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
भू - चुम्बकत्व के तीन अवयवों को समझाइए। आवश्यक चित्र भी बनाइए।
उत्तर:
भू-चुम्बकत्व के अवयव (Elements of Earth's Magnetism)
किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकत्व का विधिपूर्वक अध्ययन करने के लिए जिन राशियों की आवश्यकता होती है, उन्हें उस स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के अवयव (elements of magnetic field) कहते हैं। पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के तीन अवयव है:

  • दिकपात कोण
  • नति कोण
  • पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक।

1. दिक्पात कोण (Angle of Deelination): किसी स्थान पर स्वतन्त्रतापूर्वक लटके हुए चुम्बक की अक्ष से गुजरने वाले ऊर्ध्वाधर तल (vertical) को चुम्बकीय याम्योत्तर (magnetic meridian) कहते हैं। इसी प्रकार किसी स्थान पर पृथ्वी के भौगोलिक अक्ष से गुजरने वाले ऊर्ध्वाधर तल को भौगोलिक याम्योत्तर (geographical meridian) कहते हैं। 
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किसी स्थान पर चुम्बकीय याम्योत्तर एवं भौगोलिक याम्योत्तर के मध्य जो न्यूनकोण (acute angle) बनता है, उसे उस स्थान पर दिक्पात कोण कहते हैं। इसे Φ से व्यक्त करते हैं। दिक्पात कोण उच्चतर अक्षांशों पर अधिक एवं विषुवत रेखा के पास कम होता है, भारत में दिकपात का मान कम है, यह दिल्ली में 0°41'E एवं मुम्बई में 0°58'W है।

2. नमन कोण अथवा नति कोण (Angle of Dip): यदि किसी चुम्बकीय सुई को उसके गुरुत्व केन्द्र (centre of gravity) से स्वतन्त्रतापूर्वक इस प्रकार लटकाया जाये कि वह ऊध्वाधर तल (vertical plane) में स्वतन्त्रतापूर्वक घूर्णन गति (rotational motion) कर सके तो स्थिर होने पर सुई की अक्ष क्षैतिज दिशा से कुछ झुकी हुई रहती है। इस दशा में सुई की चुम्बकीय अक्ष पृथ्वी के परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा व्यक्त करती है। चुम्बकीय सुई की अक्ष जिस कोण से क्षैतिज (horizontally) के साथ झुकी रहती है उसे ही नमन कोण या नति कोण कहते हैं।
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इस प्रकार “स्वतन्त्रतापूर्वक लटकायी हुई चुम्बकीय सुई की अक्ष (axis of magnetie needle) क्षैतिज दिशा के साथ जो कोण बनाती है उसे नति कोण या नमन कोण कहते हैं।" चित्र 5.26 में नति कोण को θ से व्यक्त किया गया है। दूसरे शब्दों में, हम कह सकते हैं कि पृथ्वी का परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र क्षैतिज रेखा के साथ जो कोण बनाता है उसे ही नमन कोण कहते हैं। ध्रुवों पर नमन कोण (angle of dip) का मान 90° एवं भूमध्य रेखा पर 0° (शून्य) होगा। अन्य स्थानों पर नमन कोण का मान 0° से 90°  के मध्य होगा।

3. पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक (Horizontal Component of Earth's Magnetic Field): चूंकि ध्रुवों पर नमन कोण 90° होता है अत: ध्रुवों पर पृथ्वी का परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र पृथ्वी की सतह के लम्बवत् होगा और इसी प्रकार भूमध्य रेखा पर पृथ्वी की सतह के समान्तर होगा। अन्य स्थानों पर यह क्षैतिज के साथ किसी कोण पर होगा जिसे नमन कोण कहते हैं। चित्र 5.26 में नमन कोण θ से प्रदर्शित किया गया है और पृथ्वी के परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता B से प्रदर्शित की गई है।
अतः पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक (horizontal component)
BH = B cosθ ........................(1)
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का ऊर्ध्व घटक (vertical components)
BV = Bsinθ .........................(2)
समी. (1) व (2) से,
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यदि किसी स्थान पर नमन कोण (angle of dip) θ एवं दिक्षात कोण (angle of declination) Φ ज्ञात हो तो उस स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र B की दिशा निर्धारित की जा सकती है। यदि क्षैतिज घटक BH जात हो और θ ज्ञात हो तो समी. (I) से B का मान ज्ञात किया जा सकता है।
स्पष्ट है कि θ, Φ तथा BH जात होने पर किसी स्थान पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का पूर्ण ज्ञान हो जाता है, इसीलिए इन तीनों को भू - चुम्बकत्व के अवयव (elements of earth's magnetism) कहते हैं। ध्यान रखने योग्य तथ्य यह है कि नति कोण एवं दिक्पात कोण का मान न केवल एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदलता रहता है बल्कि एक ही स्थान पर समय के साथ अनियमित (irregular) रूप से बदलता रहता है।

Φ, θ एवं H पदों में कुछ परिभाषाएँ

  1. समदिक्पाती रेखाएँ (Isogonie lines): ऐसे स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ, जहाँ दिक्पात कोण का मान समान (equal angle of declination) होता है, समरि गती रेखाएँ कहलाती हैं।
  2. शून्य दिक्पाती रेखाएँ (Agonic lines): शून्य दिक्पात कोण (zero angle of declination) वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ शून्य दिक्पाती रेखाएँ कहलाती हैं।
  3. समनमन रेखाएँ (Isoclinic lines): समान नमन कोण (angle of dip) वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ समनमन रेखाएँ कहलाती हैं।
  4. अनत या चुम्बकीय निरक्ष रेखाएँ (Aclinic or magnetic equatorial lines): शून्य नमन कोण (zero angle of dip) वाले स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ अनत या चुम्बकीय निरक्ष रेखाएँ कहलाती हैं।
  5. समबल रेखाएँ (Isodynamic lines): ऐसे स्थानों को मिलाने वाली रेखाएँ, जहाँ चुम्बकीय क्षेत्र के क्षैतिज घटक (horizontal component) BH का मान समान होता है, समबल रेखाएं कहलाती हैं।

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प्रश्न 2.
प्रतिचुम्बकीय अनुचुम्बकीय एवं लौह चुम्बकीय पदार्थ में निम्न पदों के आधार पर विभेद कीजिए
(i) चुम्बकीय प्रवृत्ति 
(ii) चुम्बकीय पारगम्यता 
(iii) निग्राहिता। प्रत्येक पदार्थ का एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:

गुण या प्रभाव

प्रतिचुम्बकीय पदार्थ

अनुचुम्बकीय पदार्थ

लौह चुम्बकीय पदार्थ

1. चुम्बकीय प्रवृत्ति (χ)

χ ऋणात्मक तथा अति अल्प

χ धनात्मक तथा अति अल्प

χ  धनात्मक तथा अत्यधिक

2. चुम्बकीय पारगम्यता

µr धनात्मक तथा अल्प मान I से कम

µr धनात्मक तथा मान I से

µr धनात्मक तथा मान I से

3. निग्राहिता

अर्थात् µr < 1

अधिक होता है अर्थात् µr > 1

अत्यधिक होता है अर्थात् µr >>1

4. उदाहरण

बहुत कम

बहुत कम

अधिक या कम हो सकती है

 

सोना (Au), चाँदी (Ag)

ऐलुमिनियम (Al)

लोहा (Fe)


प्रश्न 3.
शैथिल्य पाश (वक्र) क्या है? किसी लौह चुम्बकीय पदार्थ के लिए धारा के एक पूर्ण चक्र में प्रति सेकण्ड शैथिल्य हानि का सूत्र (सामान्य संकेतों में) लिखिए। विमीय विधि द्वारा सूत्र की जाँच कीजिए।
उत्तर:
चुम्बकीय शैथिल्य वक्र (Magnetic Hysteresis Curve)
जब किसी 'लौहचुम्बकीय पदार्थ को किसी H चुम्बकीय तीव्रता वाले क्षेत्र में रखते हैं तो पदार्थ प्रेरण द्वारा चुम्बकित हो जाता है। यदि H के मान को धीरे - धीरे बढ़ायें तो चुम्बकीय प्रेरण B का मान रेखीय रूप से परिवर्तित नहीं होता है। चुम्बकीय पारगम्यता (µ = B/H) नियत नहीं रहती बल्कि वह H के साथ परिवर्तित होती है इसके अतिरिक्त \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\)\(\overrightarrow{\mathrm{H}}\) में सम्बन्ध पदार्थ के अतीत पर भी निर्भर करता है। \(\overrightarrow{\mathrm{B}}\)\(\overrightarrow{\mathrm{H}}\) का सम्बन्ध बहुत जटिल है। यदि एक विचुम्बकित पदार्थ लें और इसको परिनालिका
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में रखें और परिनालिका में धारा का मान बढ़ायें तो H में वृद्धि के साथ B का मान भी बढ़ता है। यद्यपि B का मान रेखीय रूप से नहीं बढ़ता है। B का मान बढ़कर अन्त में संतृप्त (saturated) हो जाता है। यह स्थिति चित्र में Oa वक्र द्वारा दिखायी गयी है। यह स्थिति दर्शाती है डोमेन तब तक पंक्तिबद्ध (in lines) और एक दूसरे में विलीन होते रहते हैं, जब तक कि आगे वृद्धि असम्भव न हो जाए। अब स को घटाकर वापस शून्य पर ले आते हैं तो B का मान अपने पुराने मार्ग के अनुसार न घटकर नए मार्ग ab के अनुसार घटता है। यहाँ H = 0 पर B ≠ 0 है। H = 0 पर B का मान पदार्थ की चुम्बकीय धारणशीलता या अवशेष चुम्बकत्व कहलाता है।

बाह्य चुम्बनकारी क्षेत्र को यदि हटा लें तो भी डोमेन पूर्णत: पूर्वत् विन्यास ग्रहण नहीं करते हैं। यदि परिनालिका में धारा की दिशा उलट दें फिर इसको धीरे - धीरे बढ़ाएँ तो कुछ डोमेन विपरीत होकर अपना विन्यास बदल लेते हैं जब तक कि परिणामी क्षेत्र शुन्य न हो जाए। यह वक्र में bc द्वारा दर्शाया गया है। अतः c बिन्दु पर H ≠ 0, B = 0 है। c पर H का मान पदार्थ की निग्राहिता कहलाता है। यदि विपरीत दिशा की धारा का परिमाण बढ़ाते चले जाएँ तो फिर संतृप्त अवस्था प्राप्त होती है। वक्र cd द्वारा संतृप्त अवस्था दर्शायी गयी है। विपरीत दिशा की धारा को यदि फिर कम किया जाए (वन de) फिर उलट दिया जाए (वक्र ea) तो वह चक्र (cycle) बार - बार चलता रहता है। इस परिघटना को चुम्बकीय शैथिल्य कहते हैं।

धारणशीलता (Retentivity): बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र को शून्य कर देने पर भी छड़ में जो चुम्बकत्व शेष रह जाता है, उसे अवशेष चुम्बकत्व (residual magnetism) कहते हैं। "पदार्थ द्वारा चुम्बकत्व को बनाये रखने की क्षमता को धारणशीलता (retentivity) कहते हैं।" अतः धारणशीलता को बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र हटाने पर पदार्थ में अवशेष चुम्बकत्व की माप या सीमा (limit) के रूप में जाना जाता है। ग्राफ में इसे Ob भाग द्वारा व्यक्त किया गया है।

निग्राहिता (Coercivity): यदि चुम्बकन क्षेत्र H को विपरीत दिशा में बढ़ाया (reverse magnetising field) जाये तो पदार्थ का चुम्बकत्व घटता है और H के एक निश्चित मान पर शुन्य हो जाता है। H के इसी मान को निग्राहिता कहते हैं। इस प्रकार "बाह्य चुम्बकन क्षेत्र H का वह मान जिस पर पदार्थ का चुम्बकत्व (residual magnetism) समाप्त हो जाता है, निग्राहिता कहलाता है।" वक्र में इसे OC से प्रदर्शित किया गया है। इस प्रकार निग्राहिता विपरीत दिशा में आरोपित वह चुम्बकीय क्षेत्र है जिससे पदार्थ का अवशेष चुम्बकत्व समाप्त हो जाता है।

शैथिल्य हास (Hysteresis Lass): लौहचुम्बकीय पदार्थ के चुम्बकन तथा विचुम्बकन की माप शैथिल्य वक्र का क्षेत्रफल है, अत: क्षेत्रफल के अधिक होने पर ऊर्जा बस अधिक (more area more energy loss) तथा क्षेत्रफल कम होने से ऊर्जा यस कम (less area less energy los) होगा। चित्र 5.47 में नर्म लोहे एवं फौलाद के लिए शैथिल्य वक्र प्रदर्शित हैं। वक्रों से स्पष्ट है कि ऊर्जा बस नर्म लोहे के लिए कम होता है।
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आंकिक प्रश्न

प्रश्न 1.
दो समान प्रकृति के ध्रुवों की ध्रुव समय क्रमश: 45 Am एवं 80 Am हैं और वायु में 2.0 m की दूरी पर स्थित हैं। दोनों युवों की मिलने वाली रेखा के किस बिन्दु पर चुम्बकीय क्षेत्र शून्य होगा?
उत्तर:
दिया है: m1 = 45 Am, m2 = 85 Am 
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यदि P बिन्दु पर परिणामी चुम्बकीय क्षेत्र शून्य है तब
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प्रश्न 2. 
5 cm प्रभावी लम्बाई के चुम्बक के ध्रुवों की धुव प्रबलता 40 Am है। तो चुम्बक के चुम्बकीय आघूर्ण का मान ज्ञात करो।
उत्तर:
चुम्बकीय आधूर्ण M = m x l
M = 40 A - m, l = 5 cm = 0.05 m
M = 0.05 x 40 = 2A - m2

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प्रश्न 3.
एक धारामावी वृत्ताकार कुण्डली का चुम्बकीय आघूर्ण 5A - m2 है। यदि इसकी त्रिज्या आधी तथा प्रवाहित धारा दोमुनी कर दे तो चुम्बकीय आधूर्ण का मान मूल चुम्बकीय आधूर्ण का कितना गुना हो जाएगा?
उत्तर:
प्रारंभ में चुम्बकीय आघूर्ण
M = NIπr2
बाद में, चुम्बकीय आपूर्ण
M1 = NI1 πr2
दिया है r1 = \(\frac{r}{2}\)  तथा I1 = 2I
अतः M1 = N(2I) π(\(\frac{r}{2}\))2
M1 = 2NIπ\(\frac{r^2}{4}\)
M1 = \(\frac{M}{2}\)

प्रश्न 4.
0.1 m प्रभावी लम्बाई के छड़ चुम्बक के ध्रुवों की ध्रुव प्रबलता 40 A - m है। इसके चुम्बकीय आघूर्ण की गणना कीजिए।
उत्तर:
दिया है: l = 0.01 mm = 40 A - m 
∴ चुम्बकीय आघूर्ण m = ml
= 40 x 0.1
= 4 A - m2

प्रश्न 5.
एक परमाणु में एक इलेक्ट्रांन नाभिक के परित 0.5 Å त्रिज्या वाली कक्षा में परिक्रमा कर रहा है। यदि इलेक्ट्रॉन की परिक्रमण आवृत्ति MHz हो, तो तुल्य चुम्बकीय आघूर्ण की गणना कीजिए।
उत्तार:
दिया है; r = 0.5 Å = 0.5 x 10-10 m
इलेक्ट्रॉन की परिक्रमण आवृत्ति n = 1010 MHz = 1016 Hz
लूप में धारा I = \(\frac{e}{\mathrm{~T}}\)
क्षेत्रफल A = πr2
तुल्य चुम्बकीय आपूर्ण
M = IA = πr2 = enπr2
M = 1.6 x 10-12 x 1016 x 3.14 x (0.5 x 10-10)2
M = 1.256 x 10-23 Am2

प्रश्न 6.
0.2 m त्रिज्या एवं 200 फेरों वाली कुण्डली में 14 A धारा प्रवाहित हो रही है। कुण्डली के साथ सम्बद्ध चुम्बकीय आघूर्ण क्या होगा?
उत्तर:
दिया है- 
फेरों की संख्या N = 200
त्रिज्या r = 0.2 m 
प्रवाहित धारा I = 14 A
M = NIA = NIρr2
= 200 x 14 x 3.14 x (0.2)2
M = 351.68 Am2

प्रश्न 7.
एक दण्ड चुम्बक की लम्बाई 0.1 m एवं इसकी ध्रुव प्रबलता 10 Am है। इसके केन्द्र से 0.2 m की दूरी पर चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता ज्ञात कीजिए, जबकि प्रेक्षण बिन्दु
(i) अक्षीय स्थिति में
(ii) निरक्षीय स्थिति में हो।
उत्तर:
दिया है चुम्बक की लम्बाई 2l = 0.1m
ध्रव प्रबलता m = 10Am 
∴ चुम्बकीय आघूर्ण M = m x 2l
= 10 x 0.1 = 1.0 Am
r = 0.2 m
(i) अक्षीय स्थिति में चुम्बकीय क्षेत्र
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(ii) निरक्षीय स्थिति में
Beq = \(\frac{\mu_0}{4 \pi} \frac{\mathrm{M}}{\left(r^2+l^2\right)^{3 / 2}}\)
= 10-7 x \(\frac{1}{\left[(0.2)^2+(0.05)^2\right]^{3 / 2}}\)
= 1.42 x 10-5 T

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प्रश्न 8.
6J/T चुम्बकीय आघूर्णका कोई छड़ चुम्ब 0.44 T के किसी एकसमान बाध्य चुम्बकीय क्षेत्र से 60° पर संरेखित है। परिकलित कीजिए चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण को
(i) चुम्बकीय क्षेत्र के अभिलम्बवत
(ii) चुम्बकीय क्षेत्र के विपरीत सरखित करने पर।
उत्तर:
दिया है-
छड़ चुम्बक का चुम्बकीय आघूर्ण M = 6 JT
चुम्बकीय क्षेत्र B = 0.44 T

(i) चुम्बकीय क्षेत्र के अभिलम्बवत बल आघूर्ण
τ = MB sinθ
= 6 x 0.44 x sin 90°
= 2.64 N - m

(ii) चुम्बकीय क्षेत्र के विपरीत सरेखित करने पर बल आपूर्ण
τ = MB sin 180°
τ = MB
τ = -2.64 N - m

प्रश्न 9.
5 cm त्रिज्या एवं 100 फेरों वाली कुण्डली में 0.1 A बार। बह रही है। इसे 1.5 Wb m-2 तीव्रता के एक बाह्य चुम्बकीय क्षेत्र में 180° घुमाने में कृत कार्य ज्ञात कीजिए। घूर्णन अक्ष चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत है। प्रारंभ में कुण्डली का तल चुम्बकीय क्षेत्र के लम्बवत है।
उत्तर:
दिया है: N = 100; r = 5 cm = 5 x 10-2 m
I = 0.1 A; B = 1.5 Wb m-2
कुण्डली का चुम्बकीय द्विघुव आघूर्ण
M = NIA = NIπr2
कुण्डली प्रारंभ में साम्यावस्था में है, अत: 180° घुमाने में कृत कार्य
W = 2MB
= 2 x NIπr2 B
= 2 x 100 x 0.1 x 3.14 x (5 x 10-2)2 x 1.5
= 0.235 J

प्रश्न 10.
2 m लम्बी कोई चालक छड़ किसी क्षैतिज मेज पर उतर - दक्षिण दिशा में रखी है। इसमें दक्षिण से उत्तर की ओर 5 A प्रवाहित हो रही है। इस छड़ पर कार्यरत चुम्बकीय बल की दिशा और परिमाण ज्ञात कीजिए। यह दिया गया है कि इस स्थन पर पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र 0.6 x 10-4 T तथा नतिकोण π/6 है।
उत्तर:
दिया है-
चालक छड़ की लम्बाई l = 2 m
प्रवाहित धारा I = 5 A 
पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र B = 0.6 x 10-4 T
नति कोण θ = \(\frac{\pi}{6}\)
अत: चुम्बकीय बल F = I l B sinθ
F = 5 x 2 x 0.6 x 10-4 x sin π/6
F = 0.6 x 10 x sin 30°
F = 0.3 x 10-3

प्रश्न 11.
पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र के ऊर्ध्वं एवं क्षैतिज घटक क्रमश: 0.2 G एवं 0.3466 G हैं। उस स्थान पर नति कोण एवं पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र ज्ञात कीजिए।
उत्तर:
दिया है-
BV = 0.2 G, BH = 0.3466 G
∵ BV = BH tanθ
tanθ = \(\frac{\mathrm{B}_{\mathrm{V}}}{\mathrm{B}_{\mathrm{H}}}=\frac{0.2}{0.3464}\)
tanθ = 0.5773
θ = tan-1(0.5773)
θ = 30° 
पृथ्वी का चुम्बकीय क्षेत्र
B = \(\frac{\mathrm{B}_{\mathrm{H}}}{\sin \theta}=\frac{0.2}{\sin 30^{\circ}}=\frac{0.2}{0.5}\)
B = 0.4 G 

प्रश्न 12.
लाहे के किसी नमूने के लिए निम्न सम्बन्ध है-
µ = \(\left[\frac{0.4}{\mathrm{H}}+12 \times 10^{-4}\right] \mathrm{H} / \mathrm{m}\)
H का वह मान ज्ञात करो जो 1 T का चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करे।
उत्तर: 
µ = \(\frac{\mathrm{B}}{\mathrm{H}}\)
अत: \(\frac{0.4}{\mathrm{H}}\) + 12 x 10-4 = \(\frac{1}{\mathrm{H}}\)
\(\frac{1}{\mathrm{H}}+\frac{0.4}{\mathrm{H}}\) = 12 x 10-4
H = \(\frac{0.6}{12 \times 10^{-4}}\)
H = 500 H/m

प्रश्न 13.
2 x 103 A/m का चुम्बकीय क्षेत्र एक लोहे की छड़ में 8π T का चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है तो छड़ की आपेक्षित पारगम्यता ज्ञात करों।
उत्तर:
प्रश्नानुसार, चुम्बकीय क्षेत्र H = 2 x 103 A/m 
उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र B = 8π T
B = µH = µ0µrH
अतः आपेक्षित पारगम्यता
µr = \(\frac{\mathrm{B}}{\mu_0 \mathrm{H}}\)
= \(\frac{8 \pi}{4 \pi \times 10^{-7} \times 2 \times 10^3}\)
µr = 104

RBSE Class 12 Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य

प्रश्न 14.
300 K पर चुम्बकीय प्रवृत्ति 1.2 x 10-5 है। किस ताप पर इसका मान 1.44 x 10-5 होगा?
उत्तर:
क्यूरी के नियम से,
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प्रतियोनी परीक्षा संबंधी प्रश्न

प्रश्न 1.
1200 Am-1 के चुम्बकन क्षेत्र के लिए एक लोहे की छड़ की प्रवृत्ति 599 है। छड़ के पदार्थ की पारगम्यता का मान: (µ0 = 4π x10-7 TmA-1)
(A) 2.4π x 10-5 TmA-1
(B) 2.4π x 10-7 TmA-1
(C) 2.4π x 10-4 TmA-1
(D) 8.0 x 10-5 TmA-1
उत्तर:
(C) 2.4π x 10-4 TmA-1

प्रश्न 2.
पृथ्वी की सतह पर स्थित बिन्दु A पर नति कोण δ = +25° है। पृथ्वी सतह के बिन्दु B पर नति कोण δ = -25° है। कौनसार कथन सही है-
(A) A दक्षिणी गोलाई में स्थित है और B उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है।
(B) A उत्तरी गोलाई में स्थित है और B दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है।
(C) A और B दोनों दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है।
(D) A और B दोनों उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित है।
उत्तर:
(B) A उत्तरी गोलाई में स्थित है और B दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित है।

प्रश्न 3.
एक विद्युत चुम्बक के ध्रुवों के मध्य कवरित एक पतली प्रतिचुम्बकीय छड़ रखी है। जब विद्युत चम्बक में धारा प्रवाहित की जाती है तो प्रतिचुम्बकीय छड़ क्षैतिज चुम्बकीय क्षेत्र के बाहर ऊपर की ओर धकेल दी जाती है। इस प्रकार छड़ की गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा में वृद्धि होती है। इसके लिए कृत कार्य आता है-
(A) छड़ के पदार्थ की जालग संरचना से
(B) चुम्बकीय क्षेत्र से 
(C) धारा स्रोत से 
(D) परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र के कारण प्रेरित विद्युत क्षेत्र से
उत्तर:
(C) धारा स्रोत से 

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प्रश्न 4.
एक छड़ चुम्बक को कॉटन के पतले धागे से एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में लटकाया गया है और यह साम्य में है। इसे 60° घुमाने के लिए आवश्यक ऊर्जा W है। इस नई परिस्थिति में रखने के लिए आवश्यक बल आघूर्ण होगा- 
(A) \(\frac{\sqrt{3} \mathrm{~W}}{2}\)
(B) \(\frac{2 \mathrm{~W}}{\sqrt{3}}\)
(C) \(\frac{\mathrm{W}}{\sqrt{3}}\)
(D) \(\sqrt{3} \mathrm{~W}\)
उत्तर:
(D) \(\sqrt{3} \mathrm{~W}\)

प्रश्न 5.
दो चुम्बकीय पदार्थ A तथा B के लिए हिस्टेरेसिस लूप नीचे दिखाये गये हैं-
RBSE Class 12 Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य 13
इन पदार्थों का चुम्बकीय उपयोग विद्युत जनित्र के चुम्बक, ट्रांसफॉर्मर के कोड एवं विद्युत चुम्बक की क्रोड आदि के बनाने में किया जाता है। तब यह उचित है कि-
(A) A का इस्तेमाल विद्युत चुम्बक में तथा B का विद्युत जनित्र में किया जाए
(B) A का इस्तेमाल ट्रांसफॉर्मर में तथा B का विद्युत जनित्र में किया जाए
(C) B का इस्तेमाल विद्युत चुम्बक में तथा ट्रांसफॉर्मर दोनों में किया जाए
(D) A का इस्तेमाल विद्युत जनित्र में तथा ट्रांसफॉर्मर दोनों में किया जाए
उत्तर:
(C) B का इस्तेमाल विद्युत चुम्बक में तथा ट्रांसफॉर्मर दोनों में किया जाए

प्रश्न 6.
आरेख में दंड चुम्बकों की व्यवस्थाओं के विन्यास दिये गये हैं। प्रत्येक चुम्बक का द्विधुव आघूर्ण m है। किस विन्यास में नेट चुम्बकीय द्विषुव आघूर्ण का मान अधिकतम होगा?
RBSE Class 12 Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य 14
(A) (i) में
(B) (ii) में
(C) (iii) में
(D) (iv) में
उत्तर:
(C) (iii) में

प्रश्न 7.
एक छोटे चुम्बक की निग्राहिता, जहाँ लौहचुम्बकीय अनुचुम्बकीय हो जाता है, 3 x 103 A/m है। 10 सेमी लम्बी तथा 100 फेरों वाली एक परिनालिका से प्रवाहित आवश्यक धारा का मान, जिससे कि चुम्बक जब परिनालिका के अन्दर हो, अचुम्बकीय हो जाए-
(A) 30 mA
(B) 60 mA
(C) 3 A
(D) 6 mA 
उत्तर:
(C) 3 A

प्रश्न 8.
एक छड़ (दण्ड) चुम्बक की लम्बाई 'l' है और इसका चुम्बकीय द्विधूव बल - आघूर्ण 'M' है। यदि इसे आरेख (चित्र) में दर्शाए गए अनुसार एक चाप के आकार में मोड़ दिया जाय तो, इसका नया चुम्बकीय द्विधुव बलाघूर्ण होगा-
RBSE Class 12 Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य 15
(A) M
(B) \(\frac{3}{\pi}\) M
(C) \(\frac{2}{\pi}\) M
(D) \(\frac{\mathrm{M}}{2}\)
उत्तर:
(B) \(\frac{3}{\pi}\) M

प्रश्न 9.
किसी चुम्बकीय क्षेत्र में एक धारा पाश (लूप)-
(A) पर सभी अभिविन्यासों (स्थितियों) में बलाघूर्ण (टॉर्क) लगता है, चाहे चुम्बकीय क्षेत्र एकसमान हो या असमान।
(B) किसी एक स्थिति (अभिविन्यास) में सन्तुलन में हो सकता है।
(C) दो अभिविन्यासों में सन्तुलन हो सकता है और ये दोनों सन्तुलन अस्थायी होते हैं।
(D) दो अभिविन्यासों में सन्तुलन हो सकता है जिनमें एक सन्तुलन स्थायी होता है और दूसरा अस्थायी।
उत्तर:
(D) दो अभिविन्यासों में सन्तुलन हो सकता है जिनमें एक सन्तुलन स्थायी होता है और दूसरा अस्थायी।

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प्रश्न 10.
प्रत्येक 1 सेमी लम्बाई के दो छोटे छड़ चुम्बकों के चुम्बकीय आघूर्ण क्रमश: 1.20A - m2 एवं 1.00 Am2 हैं। इनके N ध्रुवों को दक्षिण की ओर इंगित करके एक दूसरे के समानान्तर एक क्षैतिज मेज पर रखा गया है। इनकी एक उभयनिष्ठ चुम्बकीय मध्य रेखा है और इनके बीच की दूरी 20 सेमी है। इनके केन्द्रों को जोड़ने वाली रेखा के मध्य बिन्दु O पर परिणामी क्षैतिज चुम्बकीय प्रेरण का मान लगभग है (पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र का क्षैतिज घटक 3.6 x 10-5 Wb/m)-
RBSE Class 12 Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य 16
(A) 3.6 x 10-5 Wb/m2
(B) 2.56 x 10-4 Wb/m2
(C) 3.50 x 10-4 Wb/m2
(D) 5.80 x 10-4 Wb/m2
उत्तर:
(B) 2.56 x 10-4 Wb/m2

प्रश्न 11.
χ तथा \(\frac{1}{\mathrm{~T}}\) के के बीच, अनुचुम्बकीय पदार्थ के लिए सही ग्राफ है-
RBSE Class 12 Physics Important Questions Chapter 5 चुंबकत्व एवं द्रव्य 17

Prasanna
Last Updated on Nov. 17, 2023, 9:59 a.m.
Published Nov. 16, 2023