RBSE Class 12 Home Science Notes Chapter 18 श्रम प्रभाविकी तथा भीतरी एवं बाहरी स्थानों की सज्जा

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RBSE Class 12 Home Science Chapter 18 Notes श्रम प्रभाविकी तथा भीतरी एवं बाहरी स्थानों की सज्जा

(अ) आंतरिक डिजाइन व्यवसाय यदि आपकी चित्रकला अच्छी है, उनमें आपकी सर्जनात्मकता प्रशंसनीय है, आप कल्पनाशील हैं तथा आपके अन्दर कुछ नया तथा अनूठा करने की ललक है तो आप डिजाइन व्यवसाय' को चुन सकते हैं। यदि आप में अपने कमरे या घर में फर्नीचर या अन्य गृहसज्जा की वस्तुओं की व्यवस्था में परिवर्तन करना पसंद है तो आप आंतरिक डिजाइन (गृह सज्जा) का चुनाव कर सकती/सकते हैं।

→ आंतरिक डिजाइन व्यवसाय का महत्व

  • डिजाइनिंग (अभिकल्पना) कलात्मक प्रतिभा और सर्जनात्मकता का मिश्रण है।
  • वास्तुकार और आन्तरिक डिजाइनर के साथ-साथ अब लोगों में आवासीय और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों के लिए व्यावसायिक आंतरिक डिजाइनरों की सेवाएं लेने का चलन बढ़ता जा रहा है। इसके कई कारण हैं
    • उनके पास ऐसी जानकारी, विशेषज्ञता और मार्गदर्शन होता है जिससे अनेक व्ययकारी त्रुटियों से बचा जा सकता
    • वे वास्तुकारों, ठेकेदारों, सुपरवाइजरों और विभिन्न कारीगरों के साथ मिलकर काम करते हैं ताकि परियोजना को समय पर और निर्धारित बजट में पूरा किया जा सके।
    • वे ग्राहक की सुरक्षा, कार्यक्षमता और सुविधा से कोई समझौता किये बिना उपलब्ध स्थान का सर्वोत्तम प्रयोग करते हैं।
    • वे खरीदारी के अनगिनत घंटों को कम कर सकते हैं।
    • वे किसी स्थान को क्रियाशील, आकर्षक और संतोषजनक बनाने के लिए सुकार्यिकी उपागम (आर्गेनोमिक्स एप्रोच) को अपनाते हैं।

RBSE Class 12 Home Science Notes Chapter 18 श्रम प्रभाविकी तथा भीतरी एवं बाहरी स्थानों की सज्जा 

→ मूलभूत संकल्पनाएँ-किसी स्थान की सजा (डिजाइनिंग) का प्रमुख उद्देश्य कार्यशीलता प्राप्त करना है और ऐसा सही परिवेश निर्मित करना है, जो कम लागत से ग्राहक द्वारा निर्धारित बजट में बनाया गया हो। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए आंतरिक डिजाइनर को निम्नलिखित कार्य करने चाहिए

  • ग्राहक परियोजना रूपरेखा (क्लाइन्ट प्रोजेक्ट प्रोफाइल)।
  • निर्मित स्थान का नक्शा बनाना।
  • चयनित/स्वीकृत किए गए नक्शे के आधार पर परियोजना के लिए बजट तैयार करना तथा परियोजना/कार्य के पूर्ण होने की समय-सारणी के साथ ही चरण अनुसार भुगतान की शर्ते और नियमों को तय करना। इस प्रक्रिया में डिजाइनर के विभिन्न कामों के लिए उपयुक्त और सस्ती सामग्री का चयन करने में सहायता करना।
  • कार्य नक्शा तैयार करना।
  • सेवार्थी और अपने बीच डिजाइनर और कारीगरों, आपूर्तिकर्ता, परिवहन लागत आदि के लिए सभी प्रकार के लेन-देन का हिसाब-किताब रखना।
  • कम्प्यूटर और सॉफ्टवेयर का उपयोग कर मॉडल बनाना।
  • ऐसी कल्पनाशीलता और सर्जनात्मक प्रतिभा का होना जो आंतरिक सज्जा करके ग्राहक को संतुष्टि प्रदान करे। इसके अतिरिक्त उसमें कौशल-कलात्मक, तकनीकी, अन्तर्वैयक्तिक तथा प्रबंधकीय कौशल होना चाहिए।

→ जीविका (करियर) के लिए तैयारी करना-आंतरिक डिजाइनिंग विषय पर तकनीकी पाठ्यक्रम में औपचारिक प्रशिक्षण आपके ज्ञान को बढ़ाता है। इस हेतु भारत में कुछ प्रतिष्ठित संस्थान आंतरिक डिजाइनिंग में पाठ्यक्रम सर्टिफिकेट अथवा स्नातकोत्तर डिग्री/डिप्लोमा प्रदान करते हैं। पाठ्यक्रमों की अवधि और शुल्क विभिन्न संस्थानों में अलग-अलग हैं । पाठ्यक्रम में विभिन्न मॉड्यूल पाठ्यक्रम इस प्रकार हैं

  • आंतरिक डिजाइन के मौलिक सिद्धान्त
  • सामग्री और सज्जा की जानकारी
  • स्थान की योजना
  • विभिन्न शैलियों की जानकारी
  • दृश्य प्रभाव
  • सुरक्षा के नियम
  • प्रकाश व्यवस्था
  • डिजाइन
  • भवन और निर्माण।

→ कार्य क्षेत्र-आंतरिक डिजाइन के अनन्त क्षेत्र हैं, जिनमें प्रवेश करके आप कुछ ही वर्षों में विशेषज्ञ बन सकते हैं । यथा

1. फ्लैट, बंगला, विला

 आवासीय आंतरिक डिजाइनर

2. फर्नीचर की डिजाइन करना

 फर्नीचर डिजाइनर

3. शोरूमों में विशेषज्ञता

 शोरूम डिजाइनर

4. वस्त्रों व पोशाकों की विशेषज्ञता

 वस्त्र और पोशाक विशेषज्ञ

5. रसोई/स्नानघर की सज्जा व क्रियान्वयन में विशेषज्ञता

 रसोई और स्नानाघर डिजाइनर

6. सॉफ्टवेयर के उपयोग द्वारा ड्राइंग के विवरण देना

 ऑटोकैड तकनीशियन

7. योजना नियमावली के विवरणों को विस्तार से बनाना

नक्शानवीस 

8. बिक्री तथा विपणन में शामिल व्यक्ति

 फर्नीचर कंपनी प्रतिनिधि

9. बैंक, मॉल आदि के डिजाइन में विशिष्ट विशेषज्ञता

 व्यावसायिक आंतरिक डिजाइनर

इसी प्रकार अन्य क्षेत्र हैं-स्वास्थ्य देखभाल डिजाइनर (अस्पताल की सज्जा व डिजाइन), शिक्षण संस्थागत डिजाइनर (शिक्षण संस्थाओं की डिजाइन बनाना), प्रकाश व्यवस्था डिजाइनर (प्रकाश व्यवस्था करने हेतु)।

(ब) भू-दृश्य डिजाइन यदि आपको पौधे पसंद हैं, उनकी देखभाल करना, उनके साथ प्रयोग करना तथा पौधों और फूलों को भिन्न-भिन्न तरीकों से प्रस्तुत करना आप पसंद करते हैं तो आप भू-दृश्य डिजाइनर होने के गुण रखते हैं।
(1) प्रस्तावना: भू-दृश्य डिजाइन में प्रकृति के साथ संतुष्टि का संयोजन किया जाता है। इसके लिए पहले क्रमिक रूप से मौजूदा स्थितियों तथा स्थलाकृतियों का सामाजिक, पारिस्थितिक , भौगोलिक और भू-वैज्ञानिक दृष्टिकोणों से परीक्षण और मूल्यांकन कर ग्राहक द्वारा वांछित तरीके से डिजाइन विकसित किया जाता है।

(2) महत्त्व:

  • भू-दृश्य डिजाइनर लोगों के मनोरंजन के लिए नवीन और सौंदर्यबोधी रूप से आकर्षक परिवेश प्रदान करते हैं।
  • वे यह भी सुनिश्चित करते हैं कि प्राकृतिक परिवेश में परिवर्तन उपयुक्त, संवेदनशील और दीर्घकालिक हो।

RBSE Class 12 Home Science Notes Chapter 18 श्रम प्रभाविकी तथा भीतरी एवं बाहरी स्थानों की सज्जा

→ मूलभूत संरचनाएँ

  • भू-दृश्यीकरण के लिए विचारों का सृजन और छोटे व बड़े खुले स्थानों के सौंदर्य बोध को तकनीकी समझ और रचनात्मकता के साथ बढ़ाना।
  • भू-दृश्य डिजाइन बनाना।
  • मास्टर प्लान बनाना।
  • पौधों तथा पुष्पों का डिजाइन करना।
  • अपशिष्ट सामग्रियों का उपयोग करना।

→ भू-दृश्य डिजाइनरों का योगदान

  • बाढ़ के पानी और अपशिष्ट जल का प्रबंधन करना।
  • औद्योगिक अपशिष्ट जल का पुनर्चक्रण, भू-जल पुनर्भरण तथा कच्छ वनस्पति वाली आर्द्र भूमि को उपचारित करना।
  • उद्यान, पौधशालाओं को प्राकृतिक रूप से संरक्षित करना।
  • मनोरंजन. सुविधाएँ प्रदान करना।
  • राजमार्ग, परिवहन साधन, सेतु बनाना।
  • तटीय क्षेत्र, पैदल पथ, गलियारे तथा पार्किंग क्षेत्र बनाना।
  • पर्यटन स्थल तथा ऐतिहासिक भू-दृश्यों का सौंदर्गीकरण ।
  • ऐतिहासिक बगीचों का संरक्षण।
  • जलाशय, बांध, पावर स्टेशन तथा प्रमुख औद्योगिक परियोजना बनाना। इस प्रकार भू-दृश्य डिजाइनर विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

→ भू-दृश्यीकरण के लिए विचारणीय घटक

  • विद्यमान पौधों का पानी, धूप, वायु के आवश्यकता के आधार पर सूचीकरण करना।
  • सूक्ष्म जलवायु के तत्वों पर विचार करना और उनका रिकार्ड करना।
  • मृदा के नमूने लेना।
  • मुरझा रहे पौधों के कारणों पर ध्यान देना।
  • भू-क्षरण को देखना।
  • पीड़क जीवों को समाप्त करने का प्रयास करना।
  • जल की गुणवत्ता को संरक्षित करने तथा जल के इष्टतम उपयोग व तरीके खोजना।
  • प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और जैव विविधता के प्रोत्साहन के तरीके खोजना।

RBSE Class 12 Home Science Notes Chapter 18 श्रम प्रभाविकी तथा भीतरी एवं बाहरी स्थानों की सज्जा

→ भू-दृश्यीकरण के समय हरित संकल्पनाओं का समावेश करने के लाभ-जैसे

  • जैव अपशिष्ट को कंपोस्ट खाद में बदलने के लाभ बताना।
  • वृक्षों की अधिकता के लाभ बताना।

→ रोजगार के अवसर-भू-दृश्य डिजाइनर के लिए रोजगार से संबंधित पद हैं

  • भू-दृश्य प्रबंधक।
  • भू-दृश्य माली।
  • भू-दृश्य वैज्ञानिक।
  • भू-दृश्य सज्जावार।

→ जीविका के लिए तैयारी करना-इस क्षेत्र में व्यवसायी के लिए सर्टिफिकेट से लेकर मास्टर डिग्री तक के पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं । इस क्षेत्र के व्यवसायी को इन पाठ्यक्रमों को पूरा करना चाहिए। जिन विशिष्ट क्षेत्रों में भू-दृश्य व्यवसायी को प्रशिक्षित होना चाहिए, वे हैं

  • डिजाइन,
  • सुकार्यिकी,
  • भवन व भवन निर्माण,
  • संस्थापन,
  • ललित कलाएँ। इसके अतिरिक्त उसे अनेक व्यावहारिक कौशल अवश्य अर्जित करने चाहिए।

RBSE Class 12 Home Science Notes Chapter 18 श्रम प्रभाविकी तथा भीतरी एवं बाहरी स्थानों की सज्जा

→ भू-दृश्य डिजाइन पाठ्यक्रम के अन्तर्गत प्रस्तुत किए जाने वाले विषय हैं

  • लैंडस्केप वास्तु शिल्प
  • उद्यान डिजाइन
  • भू-दृश्य डिजाइन और पारिस्थितिकी
  • भू-दृश्य आयोजना
  • भू-दृश्य प्रबंधन।
Prasanna
Last Updated on July 15, 2022, 2:58 p.m.
Published July 15, 2022