RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 22 पैरवी

Rajasthan Board RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 22 पैरवी Important Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 22 पैरवी

बहुचयनात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
निम्न में जो मुख्यतः पैरवी से संबंधित है, वह है-
(अ) दानदाता 
(ब) टेलीविजन
(स) रेडियो 
(द) धार्मिक नेता
उत्तर:
(अ) दानदाता

प्रश्न 2.
जिस देश की सरकार ने 1993-98 तक यूनिसेफ तथा डेनमार्क और स्विट्जरलैंड की सहायता से कार्यान्वित किए गए स्वच्छता कार्यक्रम के लिए पैरवी हेतु संचार योजना का उपयोग किया था, वह है-
(अ) भारत सरकार 
(ब) बांग्लादेश सरकार
(स) पाकिस्तान सरकार 
(द) श्रीलंका सरकार
उत्तर:
(ब) बांग्लादेश सरकार

प्रश्न 3.
सूचना का अधिकार अधिनियम, भारतीय संसद ने पारित किया-
(अ) 2002 में 
(ब) 2003 में
(स) 2004 में 
(द) 2005 में
उत्तर:
(द) 2005 में

प्रश्न 4.
पैरवी है-
(अ) सामजिक परिवर्तन के लिए संचार की एक विधि।
(ब) किसी विशेष समस्या के पक्ष में समझाने तथा मना लेने की क्रिया।
(स) सामाजिक प्रयोजनों के लिए किसी समस्या को उभारना तथा उसके बारे में जागरूकता उत्पन्न करना। 
(द) उपर्युक्त सभी।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।

प्रश्न 5.
पैरवी के जिस प्रकार का उद्देश्य कार्यक्रमों को कार्यान्वित करने के लिए अनुकूल वातावरण विकसित करना है, वह है- 
(अ) समस्या केन्द्रित पैरवी
(स) संगठनात्मक पैरवी
(ब) कार्यक्रम केन्द्रित पैरवी
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर:
(ब) कार्यक्रम केन्द्रित पैरवी

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रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. पैरवी सामाजिक परिवर्तनों के लिए ................... की एक विधि है।
2. पैरवी का उद्देश्य है .................. परिवेश प्रस्तुत करना तथा ............ बनाकर कल्पना दृष्टि को कार्यान्वित करना।
3. पैरवी का अर्थ है-सामजिक प्रयोजनों के लिए किसी मुद्दे/समस्या को ............. तथा सभी संबद्ध व्यक्तियों के साथ बहस करके ........... उत्पन्न करना।
4. सकारात्मक सामाजिक परिवर्तनों के लिए दबाव डालने के लिए उपयोग की जाने वाली सामान्य विधियां हैं- रैलियां निकालना, प्रदर्शन, जन-माध्यम तथा सामाजिक व्यक्तिगत सम्पर्क द्वारा ............... को लाना
5. संसाधनों तथा व्यक्तियों को समाज की बेहतरी के लिए सुव्यवस्थित करना ...................... है।
उत्तर:
1. संचार,
2. अनुकूल, मतैक्य,
3. उभारना, जागरूकता,
4. अभियानों,
5. सामाजिक लामबन्दी।

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
पैरवी क्या है?
उत्तर:
पैरवी का अर्थ है-सामाजिक प्रयोजनों के लिए किसी मुद्दे/समस्या को उभारना तथा सभी सम्बद्ध व्यक्तियों के साथ बहस करने उनमें जागरूकता उत्पन्न करना तथा मुद्दे/समस्या के पक्ष में उन्हें मनवाना।

प्रश्न 2.
पैरवी के उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
पैरवी के उद्देश्य हैं-

  • अनुकूल परिवेश प्रस्तुत करना।
  • मतैक्य बनाकर कल्पना दृष्टि को कार्यान्वित करना।

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प्रश्न 3.
सकारात्मक सामाजिक परिवर्तनों के लिए दबाव डालने के लिए उपयोग की जाने वाली किन्हीं दो सामान्य विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • रैलियां निकालना,
  • प्रदर्शन करना।

प्रश्न 4.
पोलियो प्रतिरक्षण अभियान में उपयोग में ली गई किन्हीं तीन विधियों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  • पोस्टर लगाना,
  • प्रसिद्ध व्यक्ति द्वारा दूरदर्शन परं अपील करना,
  • विशेषज्ञों द्वारा चर्चा का आयोजन करना। 

प्रश्न 5.
पैरवी के प्रकारों के नाम लिखिए।
उत्तर:
पैरवी के तीन प्रमुख प्रकार हैं-

  • समस्या केन्द्रित पैरवी,
  • कार्यक्रम केन्द्रित पैरवी,
  • संगठनात्मक पैरवी। 

प्रश्न 6.
पैरवी के अतिरिक्त मानव व्यवहार को बदलने के कोई दो अन्य तरीकों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  • व्यवहार परिवर्तन संचार,
  • सामाजिक लामबंदी।

प्रश्न 7.
व्यवहार परिवर्तन संचार क्या है?
उत्तर:
व्यवहार परिवर्तन संचार मानव व्यवहार को बदलने की एक नयी संकल्पना है, जो सूचना, शिक्षा और संचार (आई.आई.सी.) से विकसित हुआ है।

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प्रश्न 8.
व्यवहार परिवर्तन संचार का उपयोग किसके लिए किया जाता है? 
उत्तर:
व्यवहार परिवर्तन संचार का उपयोग मानव क्रियाओं तथा व्यवहारों में परिवर्तन लाने के लिए किया जाता है, जो प्रायः संचार अंतःक्षेपों द्वारा किया जाता है।

प्रश्न 9.
सामाजिक लामबंदी क्या है?
उत्तर:
संसाधनों तथा व्यक्तियों को समाज की बेहतरी के लिए सुव्यवस्थित करना सामाजिक लामबंदी है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
पैरवी वैश्विक, क्षेत्रीय तथा स्थानीय स्तर पर किस आधार पर की जा सकती है? उदाहरण सहित समझाइए।
उत्तर:
पैरवी वैश्विक, क्षेत्रीय तथा स्थानीय स्तर पर व्यक्तियों के जीवन तथा क्रियाकलापों को प्रभावित करने वाली समस्याओं तथा कानूनों के आधार पर की जा सकती है। उदाहरण के लिए भारत में मादा भ्रूण हत्या की कुप्रथा के विरुद्ध स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर सहमति का वातावरण उत्पन्न करने के लिए पैरवी द्वारा व्यक्तियों को जागरूक करने की आवश्यकता है। मादा भ्रूण हत्या को रोकने की समस्या के प्रति लोगों को संवेदनशील बनाने के लिए पैरवी को क्षेत्रीय तथा राष्ट्रीय स्तर पर सुनियोजित रूप दिया जा सकता है।

प्रश्न 2.
पैरवी के उद्देश्य बताइए।
उत्तर:
पैरवी के उद्देश्यों को निम्न प्रकार से सारांशित किया जा सकता है-

  • कानून, कार्यक्रम, संसाधनों का बंटवारा या सामाजिक-सांस्कृतिक मानदंडों को सुदढ़ करने अथवा बढ़ावा देने के लिए नीति में बदलाव करना।
  • किसी दी गई कार्य-सूची के लिए प्रभावशाली व्यक्तियों तथा प्रभावी समूहों का समर्थन प्राप्त करना।

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प्रश्न 3.
'पैरवी किसी विशेष समस्या, विचार, व्यक्ति या पशु के पक्ष में समझाने तथा मना लेने की क्रिया है।' इस कथन को समझाइए। 
उत्तर:
इस कथन के संदर्भ में पैरवी का अर्थ है-सामाजिक प्रयोजनों के लिए किसी विशेष समस्या या विचार या व्यक्ति या पशु से संबंधित किसी मुद्दे को उभारना तथा उस समस्या, विचार या मुददे से संबंधित व्यक्तियों के साथ बहस करके उनमें जागरूकता उत्पन्न करना तथा उन्हें उस समस्या या मुद्दे के पक्ष में लाना है। ये संबंधित व्यक्ति प्रत्येक समस्या, मुद्दे, संदर्भ में भिन्न हो सकते हैं। ये राजनैतिक नेता, प्रशासक, नीति निर्माता, सामान्य जनता या सह-नागरिक हो सकते हैं। 

प्रश्न 4.
पैरवी के लिए क्या विधियां उपयोग की जाती हैं?
उत्तर:
पैरवी के लिए किस विधि का उपयोग किया जाये, यह समस्या, वांछित बल, वह व्यक्ति जिसे लक्षित करना है.या सम्पर्क करना है और पैरवी के लिए उपलब्ध संसाधनों पर निर्भर करता है।

सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन के लिए दबाव डालने के लिए उपयोग की जाने वाली सामान्य विधियाँ हैं-रैलियां निकालना, प्रदर्शन, जन-माध्यम तथा व्यक्तिगत सम्पर्क द्वारा अभियानों को लाना।

पोलियो प्रतिरक्षण अभियान अनेक विधियों का उपयोग करके चलाया जा रहा है, जैसे-पोस्टर लगाना. प्रसिद्ध व्यक्ति द्वारा दूरदर्शन पर अपील करना तथा विशेषज्ञों द्वारा चर्चा का आयोजन करना।

प्रश्न 5.
व्यवहार परिवर्तन संचार क्या है?
उत्तर:
व्यवहार परिवर्तन संचार-व्यवहार परिवर्तन संचार का उपयोग मानव क्रियाओं तथा व्यवहार में परिवर्तन लाने के लिए किया जाता है जिसे प्रायः संचार अंतःक्षेपों द्वारा किया जाता है। इसके अन्तर्गत लोगों की स्थितियों को समझने, उनके सरोकारों के समाधान के प्रति ध्यान देने और उनके लिए उपयुक्त कार्य नीतियां विकसित करने का काम किया जाता है। संचार प्रक्रियाओं तथा जनमाध्यम चैनलों का उपयोग, व्यक्तियों के ज्ञान में वृद्धि, व्यवहार तथा बोध में बदलाव लाकर उनके व्यवहार तथा आचरण में परिवर्तन करके, उन्हें सहमत कराने में उपयोग किया जाता है।

प्रश्न 6.
व्यवहार परिवर्तन संचार का कोई एक उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:
स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा व्यवहार परिवर्तन संचारक का उपयोग कर तपेदिक तथा एच.आई.वी.संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करना-तपेदिक और एच.आई.वी. संक्रमण, दोनों घातक बीमारियों के विरुद्ध सुरक्षा के संदेश जन माध्यमों द्वारा व्यापक रूप से प्रचारित किए जाते हैं तथा परामर्श, प्रशिक्षण या कार्यशालाओं आदि द्वारा वैयक्तिक विचार विनिमय द्वारा सुदृढ़ किये जाते हैं जिससे जनमानस प्रभावित हो और उनके उन व्यवहारों में परिवर्तन हो सके, जिनसे एच.आई.वी. संक्रमण या तपेदिक फैलने का खतरा कम हो जाए।

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निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1.
सामाजिक लामबंदी क्या है? इसका क्या प्रभाव होता है?
उत्तर:
सामाजिक लामबंदी-सामाजिक लामबंदी स्वावलंबी प्रयासों द्वारा विशिष्ट विकास लक्ष्य प्राप्त करने के लिए एक प्रक्रम है, जिसमें व्यक्तियों को भागीदार बनाया जाता है, आवश्यक संसाधनों को जुटाया जाता है और सूचना को लक्षित श्रोताओं तक प्रसारित किया जाता है। सरल शब्दों में, संसाधनों तथा व्यक्तियों को समाज की बेहतरी के लिए सुव्यवस्थित करना 'सामाजिक लामबंदी' है।

सामाजिक लामबंदी को अग्र प्रकार से स्पष्ट किया जा गया है-
(1) सामाजिक लामबंदी एक दृष्टिकोण व साधन के रूप में-सामाजिक लामबंदी एक ऐसा दृष्टिकोण और साधन है, जो व्यक्तियों को संसाधनों के एकत्रीकरण तथा एकता बनाने के लिए सामहिक कार्यवाही के लिए संगठित करता है, जो सामान्य समस्याओं को हल करने तथा समुदाय के उत्थान के लिए आवश्यक है।

(2) सामाजिक लामबंदी एक प्रक्रिया के रूप में सामाजिक लामबंदी ऐसी सशक्तिकरण की प्रक्रिया है जो व्यक्तियों को अपने लोकतांत्रिक स्वशासी समूहों या सामुदायिक संस्थाओं में संगठित करती है, जिससे उन्हें अपने तथा सामुदायिक विकास को प्रारंभ करने तथा नियंत्रित करने में सहायता मिलती है। सरकार या बाह्य संगठन द्वारा बनाए गए किसी कार्यक्रम में केवल भाग लेने से उनका यह लक्ष्य सिद्ध नहीं होता है।

सामाजिक लामबंदी का प्रभाव सामाजिक लामबंदी, सामुदायिक संगठनों से अधिक प्रभावी होती है क्योंकि इसके द्वारा सरकारी, गैर-सरकारी क्षेत्र तथा नागरिकों की शक्ति तथा प्रयासों का उपयोग दीर्घकालीन सामाजिक, आर्थिक तथा राजनैतिक विकास के लिए किया जाता है।

प्रश्न 2.
1993-1998 के बीच बांग्लादेश में स्वच्छता के क्षेत्र में पैरवी के प्रयास को दिखाए गए आरेख में पैरवी, सामाजिक लामबंदी तथा संचार व्यवहार परिवर्तन की कड़ियों को किस प्रकार दर्शाया गया है? 
उत्तर:
यहाँ पर बांग्लादेश में स्वच्छता के क्षेत्र में पैरवी के एक प्रयास को आलेख की सहायता से प्रस्तुत किया गया है। बांग्लादेश में 8 वर्ष के स्वच्छता कार्यक्रम के उदाहरण से पैरवी, सामाजिक लामबंदी तथा संचार के बीच कड़ियों को उदाहरण सहित दर्शाया गया है। पैरवी के लिए संचार योजना का उपयोग, बांग्लादेश सरकार ने 1993-1998 तक यूनिसेफ तथा डेनमार्क और स्विट्जरलैंड की सहायता से कार्यान्वित किए गए स्वच्छता कार्यक्रम के लिए किया था।
RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 22 पैरवी 1
स्रोत : डिक दे जोंग, 2003 एडवोकेसी फॉर वॉटर एनवायरन्मेंटल सेनिटेशन एण्ड हाइजीन थिमैटिक ओवरव्यू पेपर आई.आर.सी. इंटरनेशनल वाटर एण्ड सेनिटेशन सेंटर। 

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प्रश्न 3.
'सूचना का अधिकार अधिनियम के सम्बन्ध में पैरवी पहल' की सफलता की कहानी क्या है?
उत्तर:
सूचना का अधिकार अधिनियम के सम्बनध में पैरवी पहल की सफलता की कहानी-
सूचना का अधिकार अधिनियम अरविंद केजरीवाल तथा अरुणा राय आदि व्यक्तियों के द्वारा, आधार स्तर पर लगभग 5 वर्ष तक लगातार किए गए अनेक पैरवी प्रयासों के परिणामस्वरूप 2005 में लागू हुआ। उन्हें मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

पैरवी का कारण-उन्होंने सूचना के अधिकार अधिनियम की पैरवी निम्न कारणों से की-

  • उन्होंने गांवों तथा झुग्गी-झोंपड़ी के व्यक्तियों से व्यवहार करते समय प्रशासकों का निरंकुश बरताव देखा था।
  • उन्होंने देखा कि दैनिक वेतन पाने वाले मजदूरों को, जो सरकारी कार्यक्रमों के कुछ निर्माण स्थलों पर कार्य करते स्तविक मजदूरी की अपेक्षा बहुत अधिक राशि पर हस्ताक्षर करने या अंगूठा लगाने के लिए कहा जाता था।
  • उन्होंने यह भी पाया कि लोगों को बताए बगैर राशन की दुकानों को बंद कर दिया जाता था और जितनी राशन की मात्रा उन्हें मिलनी चाहिए थी उससे कम मात्रा और वह भी घटिया स्तर की दी जाती थी।

सूचना का अधिकार अधिनियम तथा उसके प्रावधान-
ग्रामीणों, झुग्गी झोंपड़ी के व्यक्तियों तथा मजदूरों की उक्त समस्याओं को दूर करने के लिए 'पैरवी' की गई, जिसका परिणाम सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के रूप में सामने आया। यथा-

सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 भारत की संसद द्वारा बनाया गया एक कानून है जिसमें नागरिकों के लिए सूचना के अधिकार की क्रियात्मक विधि को बतलाया गया है। यह कानून सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों पर लागू होता है। इस कानूनी उपबंध के अन्तर्गत कोई भी नागरिक किसी सरकारी निकाय या कार्यालय या संस्था से सूचना देने के लिए प्रार्थना कर सकता है जिसका उत्तर शीघ्रातिशीघ्र या तीस दिन के भीतर देना होगा।

इस कानून में प्रत्येक लोक अधिकारी से यह अपेक्षा की जाती है कि वे अपने रिकार्डों को कम्प्यूटरीकृत करेंगे, जिससे कि उनका विस्तृत प्रसार हो सके तथा कुछ वर्गों की सूचना को सक्रिय रूप से प्रकाशित भी करेंगे, जिससे कि नागरिकों को सूचना माँगने की कम से कम आवश्यकता पड़े।

Prasanna
Last Updated on July 25, 2022, 5:55 p.m.
Published July 25, 2022