RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 14 संग्रहालयों में वस्त्र संरक्षण

Rajasthan Board RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 14 संग्रहालयों में वस्त्र संरक्षण Important Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 14 संग्रहालयों में वस्त्र संरक्षण

बहुचयनात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
निम्न में जो वस्त्र-विकृति का मानव निर्मित कारक है, वह है- 
(अ) प्रकाश 
(ब) ताप 
(स) खराब भंडारण 
(द) आर्द्रता 
उत्तर:
(स) खराब भंडारण

प्रश्न 2.
निम्न में जो वस्त्र-विकृति का प्राकृतिक कारक है, वह है-
(अ) सही तरीके से उपयोग में न लेना 
(ब) फफूंदी 
(स) दुर्घटनाएँ 
(द) आग लगना 
उत्तर:
(ब) फफूंदी

प्रश्न 3. 
प्रकाश से वस्त्र की क्षति को रोकने के लिए क्या करना चाहिए? 
(अ) वस्तु पर पड़ने वाले प्रकाश की तीव्रता को न्यूनतम करना 
(ब) वस्तुओं को कम से कम समय प्रकाश में रखना 
(स) प्रकाश से प्रकाश रासायनिकी विकरण को हटाना 
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी

प्रश्न 4. 
नाशक जीवों से वस्त्रों को होने वाली क्षति के रोकथाम के लिए क्या करना चाहिए? 
(अ) संग्रहालय का वातावरण ठंडा और शुष्क रखें। 
(ब) हिमांक के नीचे ताप न आने दें। 
(स) वस्तुओं को कम से कम प्रकाश में रखें। 
(द) वस्तु पर पड़ने वाले प्रकाश की तीव्रता को न्यूनतम रखें। 
उत्तर:
(अ) संग्रहालय का वातावरण ठंडा और शुष्क रखें।

प्रश्न 5. 
वस्त्र संग्रहालय में सूक्ष्म जीवों की वृद्धि का आधार होती है- 
(अ) अधिक आर्द्रता 
(ब) निम्न आर्द्रता 
(स) तीव्र प्रकाश 
(द) अधिक समय तक प्रकाश 
उत्तर:
(अ) अधिक आर्द्रता 

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रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. संग्रहालय की प्रथा का उद्भव .................... से हुआ जिसका लक्ष्य पुराकाल की वस्तुओं का संग्रह करना था।
2. भारतीय संस्कृति में .................... वस्तुओं के संग्रहालय स्थापित करने की कोई प्रथा न थी।
3. .................... मुख्य रूप स किताप मुख्य रूप से किसी वस्तु के जीवनकाल को दीर्घ बनाने पर लक्षित एक प्रक्रिया है जो उसके ह्रास को रोकने में परिणत होती है।
4. ................... संरक्षण प्रत्येक वस्तु के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराकर उसके ह्रास को रोकने पर लक्षित होता है।
5. जो व्यक्ति संग्रहालय की शिल्पकृतियों और वस्तुओं को सुरक्षित रखता है, वह ................... कहलाता है।
6. .................... ऊर्जा का एक रूप है जो वस्त्रों का रंग फीका कर सकता है और वस्त्रों के रेशों का भौतिक और रासायनिक ह्रास कर सकता है।
7. .................... हल्के गरम, नम वातावरण में लगती है, जहाँ वायु का आवागमन कम होता है।
8. एक अच्छा भंडार पर्यावरण .................... विकृति को धीमा करने में मदद करता है।
उत्तर:
(1) पश्चिम 
(2) खंडित 
(3) संरक्षण 
(4) निरोधक 
(5) संरक्षक 
(6) प्रकाश 
(7) फफूंदी 
(8) भौतिक, रासायनिक। 

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
भारत में संग्रहालयों की स्थापना कब और किस उद्देश्य से की गई? 
उत्तर:
भारत में संग्रहालयों की स्थापना 19वीं शताब्दी के बाद वाले भाग में 'कला और संस्कृति' का ज्ञान लोगों तक पहुँचाने के लिए की गई।

प्रश्न 2. 
संग्रहालय क्या हैं?
उत्तर:
संग्रहालय एक संस्था है, वहाँ स्थायी प्रदर्शनी रहती है और यह जनसाधारण की शिक्षा और मनोरंजन के लिए खुले रहते हैं।

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प्रश्न 3. 
संग्रहालयों में संचय किए गए वस्त्र किस दृष्टि से मूल्यवान होते हैं?
उत्तर:
संग्रहालयों में संचित किए गए वस्त्र अपनी विविधता, ऐतिहासिक अभिरुचि, अपने सौंदर्य बोध और सांस्कृतिक बोध के कारण मूल्यवान होते हैं। 

प्रश्न 4. 
संग्रहालयों के वस्त्रों में हमारी रुचि कब उनकी सबसे बड़ी दुश्मन बन जाती है?
उत्तर:
जब हम संग्रहालयों के वस्त्रों का प्रदर्शन करते हैं, उन्हें धोते हैं, पहनते हैं तो हम इनको क्षति के खतरे में डाल देते हैं।

प्रश्न 5. 
संग्रहालय में संग्रहित की गई वस्तुएँ किन उद्देश्यों से रखते हैं? (कोई दो उद्देश्य लिखिए)
उत्तर:

  • शिक्षा
  • संरक्षण।

प्रश्न 6.
संरक्षण क्या है?
उत्तर:
संरक्षण मुख्य रूप से किसी वस्तु के जीवनकाल को दीर्घ बनाने पर लक्षित एक संक्रिया है और यह उसके ह्रास को रोकने में परिणत होती है।

प्रश्न 7. 
निरोधक/निवारक संरक्षण से क्या आशय है?
उत्तर:
निरोधक संरक्षण प्रत्येक वस्तु के लिए अनुकूल वातावरण उपलब्ध कराकर उनके ह्रास को रोकने पर लक्षित संरक्षण विधि है।

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प्रश्न 8. 
हस्तक्षेपीय संरक्षण को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हस्तक्षेपीय संरक्षण का अर्थ है-वस्तु में पहले से उपस्थित दोषों के उपचार हेतु कार्य करना, उन्हें भावी क्षति से बचाना; इन्हें अच्छी स्थिति में बनाए रखना तथा पुनःस्थापित करना।

प्रश्न 9. 
संरक्षण के कितने प्रकार हैं? उनके नाम लिखिए। 
उत्तर:
संरक्षण के दो प्रकार हैं-

  • निरोधक या निवारक संरक्षण 
  • उपचारी/सुधारक हस्तक्षेपीय संरक्षण। 

प्रश्न 10. 
वस्त्र संरक्षण से क्या आशय है?
उत्तर:
वस्त्र संरक्षण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा वस्त्रों की देखभाल और रखरखाव किया जाता है ताकि उन्हें भावी क्षति से सुरक्षित रखा जा सके।

प्रश्न 11. 
संरक्षक कौन होता है? 
उत्तर:
जो व्यक्ति संग्रहालय की शिल्पकृतियों और वस्तुओं को सुरक्षित रखता है, वह संरक्षक कहलाता है।

प्रश्न 12. 
संरक्षक की क्या भूमिका होती है?
उत्तर:
संरक्षक की भूमिका बचावकारी और हस्तक्षेपी विधियों द्वारा ह्रास को रोकना या उसकी दर को कम करना होती है।

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प्रश्न 13. 
वस्त्रों के क्षतिग्रस्त होने के कोई दो प्राकृतिक या पर्यावरणीय कारकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:

  • ताप या ऊष्मा 
  • आर्द्रता।

प्रश्न 14. 
वस्त्रों के क्षतिग्रस्त होने के कोई दो मानवीय कारकों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:

  • सही तरीके से उपयोग में न लेना।
  • खराब भंडारण। 

प्रश्न 15. 
प्रकाश से वस्त्रों की क्षति रोकने के कोई दो उपाय लिखिए। 
उत्तर:

  • वस्तु पर पड़ने वाले प्रकाश की तीव्रता को न्यूनतम करना। 
  • वस्तुओं को कम से कम समय प्रकाश में रखना। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न- 

प्रश्न 1. 
भारतीय संस्कृति में खण्डित वस्तुओं के संग्रहालय स्थापित करने की प्रथा क्यों नहीं थी?
उत्तर:
भारतीय संस्कृति में खण्डित वस्तुओं के संग्रहालय स्थापित करने की प्रथा नहीं थी, क्योंकि यहाँ उपयोग में लाई गई मूर्तियाँ पवित्र जल में डुबो दी जाती हैं, पुनः उपयोग में आने वाली सामग्री का नवीकरण कर लिया जाता है और फटी-पुरानी वस्तुओं को भूमि में गाड़ दिया जाता है या जल में फेंक दिया जाता है, ताकि वे उस मिट्टी में मिल जाए, जहाँ वे उत्पन्न हुई हैं।

प्रश्न 2. 
शब्द व्युत्पत्ति के आधार पर संग्रहालय शब्द से क्या आशय है?
उत्तर:
हिन्दी का संग्रहालय शब्द अंग्रेजी के 'म्यूजियम' शब्द का हिन्दी रूपान्तरण है। यह शब्द यूनानी भाषा के 'म्युसेस' शब्द से बना है, जिसका अर्थ है-कला मंदिर अर्थात् सीखने और अध्ययन का एक पवित्र स्थान। 

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प्रश्न 3. 
संग्रहालय से क्या आशय है?
उत्तर:
संग्रहालय एक संस्था है, जहाँ विभिन्न पुरानी और नयी संस्कृतियों/परम्पराओं की कला वस्तुएँ, मिट्टी के बर्तन, कपड़े और विभिन्न प्रकार के पदार्थ संग्रहित किए जाते हैं, वर्गीकृत किए जाते हैं तथा पंजीकृत किए जाते हैं तथा वहाँ उनकी स्थायी प्रदर्शनी रहती है और ये जनसाधारण की शिक्षा और मनोरंजन के लिए खुले रहते हैं।

प्रश्न 4. 
संग्रहालय संग्रहित की गई वस्तुएँ किन उद्देश्यों के लिए रखते हैं?
उत्तर:
संग्रहालय निम्नलिखित उद्देश्यों के लिए संग्रहित की गई वस्तुएँ रखते हैं-

  • शिक्षा, 
  • ऐतिहासिक प्रमाणों के अभिलेख, 
  • वस्तुओं के प्रकार्यों का प्रदर्शन, 
  • प्रदर्शनी अथवा प्रदर्शन,
  • संरक्षण। 

प्रश्न 5. 
संग्रहालय के संरक्षण कार्य को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
संग्रहालय के संरक्षण का कार्य अपनी प्रशिक्षण योजनाओं, व्यावसायिक निकायों और आचार-संहिताओं और नैतिकताओं सहित एक विशिष्ट और पेशेवर गतिविधि है। प्रारंभिक काल में इसका उद्देश्य वस्तु को पुनः स्थापित करना होता था, कभी-कभी उसके अपरिपक्व गौरव तक, किन्तु अब संग्रहालयों में पुनःस्थापन को वस्तुओं को अनुमानित पूर्व स्थिति में लौटाने के रूप में परिभाषित किया जाता है।

प्रश्न 6. 
निरोधक/निवारक संरक्षण को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
अन्तर्राष्ट्रीय संग्रहालय परिषद के अनुसार, निरोधक संरक्षण सांस्कृतिक सम्पदा को यथासंभव उनकी मूल स्थिति में बनाए रखने के लिए, उनके परिवेश पर नियंत्रण और/या उनकी संरचना के उपचार द्वारा उनके ह्रास या क्षति को कम करने या रोकने की एक प्रक्रिया है।

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प्रश्न 7. 
उपचारी/हस्तक्षेपीय संरक्षण से क्या तात्पर्य है? 
उत्तर:
उपचारी/सुधारक हस्तक्षेपीय संरक्षण का तात्पर्य संरक्षणकर्ता के ऐसे किसी भी कार्य से है, जिसमें संरक्षणकर्ता और सांस्कृतिक सामग्री के मध्य सम्पर्क रहे। हस्तक्षेपीय संरक्षण के अन्तर्गत सफाई करना, ठीकठाक रखना, मरम्मत करना अथवा किसी मूल वस्तु के हिस्सों को बदलना भी शामिल हो सकता है।

प्रश्न 8. 
संरक्षक कौन सा व्यक्ति कहलाता है?
उत्तर:
जो व्यक्ति संग्रहालय की शिल्पकृतियों और वस्तुओं को सुरक्षित रखता है, वह संरक्षक कहलाता है। उसकी भूमिका बचावकारी और हस्तक्षेपी विधियों द्वारा ह्रास को रोकना और उसकी दर को कम करना होती है। 

प्रश्न 9. 
संग्रहालय में रखे वस्त्रों की विकृति में कौन-कौन से कारकों का प्रभाव पड़ता है? 
उत्तर:
संग्रहालय में रखे गए वस्त्र मुख्य रूप से प्राकृतिक रेशों से निर्मित होते हैं। चूँकि ये वस्त्र कार्बनिक प्रकृति के होते हैं, इसलिए उनकी विकृति में विभिन्न प्राकृतिक और मानव निर्मित-कारकों का प्रभाव पड़ सकता है। इन कारकों को अग्र सारणी में स्पष्ट किया गया है-

प्राकृतिक कारक

मानव-निर्मित कारक

1. प्रकाश

सही तरीके से उपयोग में न लेना

2. ताप

उपेक्षा करना

3. आर्द्रता

खराब भंडारण

4. नाशक जीव

दुर्घटनाएँ

5. प्रदूषक-फफूंदी धूल

आग

प्रश्न 10. 
वस्त्रों पर प्रकाश से होने वाली क्षति को रोकने हेतु क्या उपाय करने चाहिए?
उत्तर:
प्रकाश से क्षति को रोकना-प्रकाश से वस्त्रों को होने वाली क्षति को रोकने हेतु निम्न उपाय करने चाहिए- 

  • वस्तु पर पड़ने वाले प्रकाश की तीव्रता को न्यूनतम करें। 
  • वस्तुओं को कम से कम समय प्रकाश में रखें।
  • प्रकाश से प्रकाश-रासायनिकी सक्रिय विकिरण को हटायें। 
  • वस्त्र जैसी संवेदनशील वस्तुओं के लिए प्रदीप्त करने का अधिकतम स्तर 50 लाख से अधिक नहीं होना चाहिए। 

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प्रश्न 11. 
संग्रहालय में संग्रहित वस्त्र ऊष्मा और नमी से क्षतिग्रस्त न हों, इसके लिए आप क्या उपाय करेंगे? 
उत्तर:
नमी और ऊष्मा से वस्त्रों की क्षति को रोकना- 

  • वायु की आर्द्रता और ताप को नियंत्रित रखें। निम्न और उच्च दोनों प्रकार के ताप अप्रत्यक्ष रूप से विनाशकारी होते हैं। यह अनुशंसा की गई है कि आपेक्षिक आर्द्रता 55% प्लस/माइनस 5 पर ताप को 20°C से 22°C +/-2 के मध्य रखा जाए। 
  • हिमांक के नीचे ताप को न आने दें। 
  • वस्त्रों को भवन के प्राकृकि समस्यायुक्त भागों, जैसे शुष्क और गरम ऊपरी मंजिलें और तहखानों में भंडारित न करें। 
  • भंडारण बक्सों और लटकाने वाली अलमारियों में ज्यादा सामान न भर के उनमें हवा आने दें। 
  • प्रभावी नियंत्रण के उपायों के लिए संग्रहालय में आर्द्रता स्तरों को रिकॉर्ड करना आवश्यक है। इस हेतु 24 घंटों या सात दिनों के लिए आर्द्रतालेखी यंत्र उपलब्ध है। 

प्रश्न 12. 
नाशक जीवों से संग्रहालय के वस्त्रों की होने वाली क्षति की रोकथाम आप कैसे करेंगे? 
उत्तर:
नाशक जीवों से वस्त्रों की होने वाली क्षति से रोकथाम के उपाय-

  • संग्रहालय का वातावरण ठंडा और शुष्क रखें।
  • स्थानों को अंदर और बाहर से साफ-सुथरा और कचरा मुक्त रखिए। बसेरा करने वाले पक्षियों का कचरा नालियों और छतों पर गंदगी फैलने व संक्रमण फैलने का एक सामान्य स्रोत है।
  • यदि संभव हो तो भंडार और प्रदर्शन के क्षेत्रों से दूर एक स्थान रखिए, जहाँ बाहर से आने और जाने वाली वस्तुएँ खोली और पैक की जाती हैं और जहाँ संदिग्ध वस्तुओं को क्वारेंटाइन के लिए रखा जा सके।
  • कीटों के आक्रमण वाले सभी शांत, गर्म और अंधेरे वाले स्थलों, जैसे-चिमनियाँ, आग जलाने वाले स्थल, संवातक नलिकाएँ और जालियों, पेटिकाओं, कालीनों और पर्यों के नीचे नियमित जांच कीजिए।

प्रश्न 13. 
फफूंदी से वस्त्र को होने वाली क्षति को रोकने के उपाय बताइए। 
उत्तर:
फफूंदी से होने वाली क्षति को रोकना- 

  • पर्यावरण पर नियंत्रण करना. फफंदी से बचाव का एकमात्र वास्तविक रूप से प्रभावी उपाय है। वस्त्र में एक बार फफूंदी लगने के बाद उसका कोई वास्तविक उपचार नहीं है।
  • पर्यावरण पर नियंत्रण करने के लिए आपेक्षिक आर्द्रता को 6.5 प्रतिशत से कम और ताप को 18°C से कम रखिए।
  • वायु का परिचालन सुनिश्चित कीजिए। विशेषकर भंडार के बक्सों को गीली दीवारों के सम्पर्क से दूर रखिए और बक्सों को यदि उनके नम होने का थोड़ा भी खतरा हो, आवश् यकता से ज्यादा न भरें।
  • संदूषण के फैलाव से बचें। इसके लिए यह आवश्यक है कि फफूंदी लगे वस्त्रों को दूसरी वस्तुओं के पास न खोलें और जिन बक्सों में संदूषित वस्त्र रखे हुए थे, उनमें अन्य वस्तुाओं को न भरें।
  • फफूंदी प्रभावित वस्तुओं को अम्ल मुक्त पतले मुलायम कागज में लपेट दीजिए, जिससे बीजाणुओं का फैलाव न हो तथा इसके साथ-साथ वायु परिचालन को भी सुनिश्चित कीजिए।

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प्रश्न 14. 
धूल से वस्त्रों को होने वाली क्षति से रोकथाम के उपाय लिखिए। 
उत्तर:
धूल से होने वाली क्षति की रोकथाम हेतु निम्न उपाय किए जाने आवश्यक हैं-

  • धूल को रोकने के लिए विशेषज्ञ निर्माताओं द्वारा बनाई गई धूलरोधी डिजाइन की गुणवत्ता वाली मंजूषाओं को उपयोग में लाएँ। 
  • जहाँ तक संभव हो वस्त्रों का खुले में प्रदर्शन न करें और यह भी सुनिश्चित करें कि खुले में प्रदर्शित किए गए सभी वस्त्रों को वर्ष में कम-से-कम एक बार प्रशिक्षित कर्मचारियों द्वारा हल्के वैक्यूम क्लीनर से साफ किया जाए। 
  • वस्त्र जब भी प्रदर्शन-मंजूषाओं या बक्सों के बाहर हों, उन्हें धूल से बचाने वाली शीटों में लपेटकर और ढककर रखा जाए। लपेटने वाली शीटें ऐसी होनी चाहिए, जिनमें हवा आर-पार जा सके, अपारगम्य प्लास्टिक, जैसे पॉलिथीन शीटों को, केवल वस्त्रों को जल से बचाने की स्थिति में ही काम में लीजिए। 
  • यह भी सुनिश्चित करें कि वस्त्र धूल भरी सतहों के सम्पर्क में नहीं आएँ। जब निरीक्षण के लिए वस्त्रों को बाहर रखना हो, तो उस स्थान पर धूल से बचाने वाली स्वच्छ शीटों को उपयोग में लायें। 

प्रश्न 15. 
मनुष्यों द्वारा वस्त्रों को क्षति पहुँचाने वाले कारकों व उनसे बचने के उपायों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
मनुष्यों द्वारा वस्त्रों को क्षति पहुँचाने वाले कारक अनेक हैं। यथा- 

  • मनुष्यों द्वारा वस्त्रों को अधिकतर क्षति गलत तरीके से उन्हें उपयोग में लेने; उनकी उपेक्षा करने, उनके खराब भंडारण तथा दुर्घटनाओं से होती है। 
  • वस्त्र क्रीज (चुन्नट) से फट जाते हैं, क्योंकि उन्हें मोड़कर भंडारित किया जाता है।

वस्त्रों को मानवीय क्षति से बचाने के लिए आवश्यक है कि वस्त्रों को सावधानीपूर्वक हस्तांतरण किया जाए, उन्हें सावधानीपूर्वक पैक किया व भंडारित किया जाए।

प्रश्न 16.
वस्त्रों के प्रदर्शन की आदर्श स्थितियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
वस्त्रों के प्रदर्शन के लिए आदर्श स्थितियाँ-

  • वस्त्रों को प्रदूषकों, धूल और कीटों से बचाना चाहिए।
  • वस्त्र जब ऐसे कमरे में प्रदर्शित किए जाएं, जिसमें अग्नि कोष्ठ हो या धूम्रपान की अनुमति हो तो वस्त्रों को धुएँ से बचाव वाले, जैसे-सील किए गए फ्रेम या सील किये जा सकने वाले बक्सों में रखना चाहिए। 
  • पीड़कनाशीय पट्टियाँ (पेस्ट स्ट्रिप्स) और कुछ प्रकार के प्लास्टिक अल्प मात्रा में अम्ल छोड़ते हैं। अतः बंद भंडार क्षेत्रों में पेस्ट स्ट्रिप्स का सामान्यतः उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। 

RBSE Class 12 Home Science Important Questions Chapter 14 संग्रहालयों में वस्त्र संरक्षण

निबन्धात्मक प्रश्न-

प्रश्न 1. 
संग्रहालय से आप क्या समझते हैं? संग्रहालय की प्रकार्यात्मक उपयोगिता को स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
संग्रहालय से आशय-संग्रहालय शब्द अंग्रेजी के म्यूजियम शब्द का हिन्दी रूपान्तरण है। अंग्रेजी का म्यूजियम शब्द यूनानी शब्द म्युसेस से बना है और म्युसेस शब्द का आशय दर्शन शस्त्र की यूनानी विचारधारा के अर्थ में 'कला मंदिर' (Temple of Muses) होता है। इसका अभिप्राय है-सीखने और अध्ययन का पवित्र स्थान।

भारत में संग्रहालय प्रथा का उद्भव पश्चिम से हुआ है जिसका लक्ष्य पुराकाल की वस्तुओं का संग्रह करना था। भारतीय संस्कृति में यह प्रथा प्रचलित नहीं थी। भारत में संग्रहालयों की स्थापना, 19वीं सदी के उत्तरार्द्ध में हुई। यहाँ इसे देश की धरोहर का अभिन्न अंग-'कला और संस्कृति'- का ज्ञान लोगों तक पहुँचने का सबसे अच्छा तरीका माना गया। सामान्य शब्दों में संग्रहालय एक संस्था है, जहाँ स्थायी प्रदर्शनी रहती है और यह जन साधारण की शिक्षा और मनोरंजन के लिए खुले रहते हैं।

संग्रहालय का प्रकार्यात्मक महत्व
संग्रहालय विविध और बहुपरियोजनीय कार्य करते हैं। यथा-

  • संग्रहालय विभिन्न पुरानी और नयी संस्कृतियों/परंपराओं की कला वस्तुएँ, मिट्टी के बर्तन, कपड़े और विभिन्न प्रकार के पदार्थ इकट्ठे करते हैं, जो प्रायः कीमती और दुर्लभ होते हैं।
  • संग्रहालय में संग्रहित वस्तुएँ वर्गीकृत की जाती हैं; पंजीकृत की जाती हैं और उनके फोटोग्राफ लिए जाते हैं।
  • संग्रहालय में संग्रहित वस्तुओं में से कुछ स्थायी गैलेरी अथवा अस्थायी प्रदर्शनियों में प्रदर्शित की जाती हैं, जबकि अन्य भंडार में रखी जाती हैं।
  • संग्रहालयों के कार्यों के अन्य पक्ष हैं-अच्छी शोध की गई जानकारी के प्रकाशनों को तैयार करना और विद्वानों को अध्ययन के लिए वस्तुएँ उपलब्ध कराना। ये संग्रहालयों को ज्ञान का एक स्रोत बनाते हैं।
  • संग्रहालयों में संचय किए गए वस्त्रों में बहुत अधिक भिन्नता होती है। वे अपनी ऐतिहासिक अभिरुचि, अपने सौंदर्य बोध और अपने सांस्कृतिक महत्व के कारण मूल्यवान होते हैं। अपने व्यापक आकर्षण के कारण वस्त्र, विशेष रूप से ऐतिहासिक महत्व के पहनावे के वस्त्र, प्रायः अधिकांश संग्रहालयों में स्थायी रूप से प्रदर्शित रहते हैं। इससे दर्शकों को उनसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक जानकारी तथा सौंदर्यपरक आनंद मिलता है।
Prasanna
Last Updated on July 21, 2022, 4:28 p.m.
Published July 21, 2022