RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 2 विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि

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RBSE Class 12 Geography Chapter 2 Notes विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि

→ परिचय

  • किसी देश में जनसंख्या ही उस देश की वास्तविक सम्पत्ति होती है। एक देश की पहचान उसके लोगों से ही होती है। 
  • 21वीं शताब्दी के प्रारम्भ में विश्व की जनसंख्या लगभग 600 करोड़ से अधिक दर्ज की गयी। विश्व की जनसंख्या असमान रूप से वितरित है। 

→ विश्व में जनसंख्या वितरण के प्रारूप 

  • जनसंख्या के वितरण एवं घनत्व के प्रारूप से किसी क्षेत्र की जनांकिकीय विशेषताओं को समझने में हमें पर्याप्त सहायता प्राप्त होती है।
  • एक अनुमान के अनुसार विश्व की 90 प्रतिशत जनसंख्या इसके 10 प्रतिशत स्थल भाग पर निवास करती है।
  • विश्व के दस सर्वाधिक आबाद देशों में विश्व की लगभग 60 प्रतिशत जनसंख्या निवास करती है।
  • चीन, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया एवं ब्राजील क्रमशः विश्व के अत्यधिक सघन जनसंख्या वाले देश हैं।

→ जनसंख्या का घनत्व

  • लोगों की संख्या एवं भूमि के आकार के मध्य मिलने वाले अनुपात को जनसंख्या घनत्व कहा जाता है। अर्थात प्रति वर्ग किमी. क्षेत्र में रहने वाले लोगों की संख्या को जनघनत्व कहते हैं।
  • विश्व के सघन बसे हुए क्षेत्रों में संयुक्त राज्य अमेरिका का उत्तरी-पूर्वी भाग, यूरोप का उत्तरी-पश्चिमी भाग, दक्षिण एशिया, दक्षिण-पूर्वी एशिया एवं पूर्वी एशिया सम्मिलित हैं। विश्व के अति विरल बसे हुए क्षेत्रों में ध्रुवीय क्षेत्र, मरुस्थलीय भाग, विषुवत् रेखीय क्षेत्र एवं पर्वतीय क्षेत्रों को शामिल किया जाता है जिनमें जनसंख्या का घनत्व अत्यधिक कम है।

RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 2 विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि

→ जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले कारक

  • जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले भौगोलिक कारकों में जल की उपलब्धता, भू-आकृति, जलवायु तथा मृदाएँ सम्मिलित हैं। जबकि खनिज, नगरीकरण तथा औद्योगीकरण जनसंख्या वितरण को प्रभावित करने वाले आर्थिक कारक हैं। इसके अलावा सामाजिक एवं सांस्कृतिक कारक भी जनसंख्या वितरण को प्रभावित करते हैं। 
  • जल जीवन की अनिवार्य आवश्यकता है। अतः लोग जल की उपलब्धता वाले क्षेत्रों में बसने को प्राथमिकता प्रदान करते हैं। यही कारण है कि नदी घाटियों में विश्व के सबसे अधिक सघन बसे हुए क्षेत्र पाये जाते हैं। लोग पर्वतीय अथवा पहाड़ी क्षेत्रों की तुलना में समतल मैदानी क्षेत्रों पर बसने को प्राथमिकता देते हैं। इसी कारण गंगा का मैदान विश्व के सघन जनसंख्या वाले क्षेत्रों में से एक है। 
  • अनुकूल जलवायु वाले क्षेत्रों तथा उपजाऊ दोमट मिट्टी वाले क्षेत्रों में जनसंख्या का अधिक घनत्व देखने को मिलता है। खनन और औद्योगिक गतिविधियाँ लोगों को रोजगार प्रदान करती हैं। 
  • नगर रोजगार के पर्याप्त अवसर, शैक्षणिक व चिकित्सा सम्बन्धी सुविधाएँ तथा परिवहन व संचार की पर्याप्त सुविधाएँ प्रदान करते हैं।
  • धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व वाले स्थानों पर जनसंख्या का अधिक जमाव देखने को मिलता है।

→ जनसंख्या वृद्धि

  • किसी क्षेत्र में निश्चित समयावधि के दौरान बसे हुए लोगों की संख्या में होने वाला परिवर्तन जनसंख्या वृद्धि कहलाता है।
  • जनसंख्या में परिवर्तन धनात्मक अथवा ऋणात्मक भी हो सकता है।
  • जनसंख्या वृद्धि को निरपेक्ष संख्या अथवा प्रतिशत के रूप में अभिव्यक्त किया जा सकता है।

→ जनसंख्या परिवर्तन के घटक व प्रवास

  • जन्म दर, मृत्यु दर एवं प्रवास, जनसंख्या परिवर्तन के तीन महत्त्वपूर्ण घटक हैं।
  • जनसंख्या वृद्धि केवल बढ़ती हुई जन्म दर से ही नहीं होती बल्कि घटती हुई मृत्यु दर से भी होती है।
  • अच्छे सामाजिक एवं आर्थिक जीवन के लिए लोग प्रवास करते हैं।
  • प्रवास को प्रभावित करने वाले कारकों के दो समूह हैं
    • प्रतिकर्ष कारक एवं
    • अपकर्ष कारक।

→ जनसंख्या वृद्धि की प्रवृत्तियाँ 

  • वर्तमान से 12000 वर्ष पूर्व विश्व की कुल जनसंख्या 80 लाख थी जो ईसा के जन्म के समय 25 करोड़ तथा सन् 1750 में 55 करोड़ हो गयी।
  • 18वीं शताब्दी के बाद से प्रौद्योगिकी का विकास होने के साथ-साथ विश्व जनसंख्या में विस्फोटक वृद्धि अनुभव की गयी है। सन् 2000 में विश्व की जनसंख्या 600 करोड़ हो गयी। वर्तमान में प्रतिवर्ष विश्व जनसंख्या में लगभग 8 करोड़ व्यक्तियों की वृद्धि हो जाती है। 

→ विश्व जनसंख्या के दो गुना होने की अवधि

  • विश्व जनसंख्या के दो गुने होने की अवधि तेजी से घट रही है। विश्व जनसंख्या के वर्तमान में दो गुना होने की अवधि मात्र 51 वर्ष है। विकासशील देशों में जनसंख्या के दो गुना होने की अवधि विकसित देशों की तुलना में कम है।
  • भारत में जनसंख्या के दो गुना होने की अवधि वर्तमान में 36 वर्ष है।

→ जनसंख्या परिवर्तन के स्थानिक प्रतिरूप

  • विश्व के विकासशील देशों की तुलना में विकसित देशों में जनसंख्या की वृद्धि दरें कम मिलती हैं। 
  • जनसंख्या वृद्धि और आर्थिक विकास में ऋणात्मक सहसम्बन्ध पाया जाता है।

→ जनसंख्या परिवर्तन के प्रभाव 
विश्व की तेजी से बढ़ती जनसंख्या का सर्वाधिक प्रभाव संसाधनों की उपलब्धता पर पड़ रहा है जिसके कारण विश्व के विकासशील राष्ट्रों में कुपोषण तथा विभिन्न महामारियों का प्रकोप बढ़ रहा है जिससे जनसंख्या वृद्धि धीमी हुई है। 

→ जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त 
जनसंख्या वृद्धि से सम्बन्धित यह सिद्धान्त यह बताता है कि जैसे-जैसे किसी देश या प्रदेश की जनसंख्या आर्थिक विकास के पथ पर अग्रसर होती है वैसे-वैसे जनसंख्या की उच्च जन्म दरें तथा उच्च मृत्यु दरें घटती चली जाती हैं। जनांकिकीय संक्रमण सिद्धान्त तीन अवस्थाओं वाले मॉडल की व्याख्या करता है। 

→ जनसंख्या नियंत्रण के उपाय 
परिवार नियोजन सुविधाओं की उपलब्धता जनसंख्या वृद्धि को रोकने के साथ-साथ महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

→ जनगणना (Census):
निश्चित आर्थिक और सामाजिक आँकड़ों सहित किसी दिए गए क्षेत्र की किसी निश्चित समय अंतराल पर की गयी जनसंख्या की आधिकारिक गणना।

→ जनसंख्या घनत्व (Population Density):
किसी क्षेत्र की निश्चित इकाई, जैसे एक वर्ग किलोमीटर में बसने वाले निवासियों की औसत संख्या।

→ जनसंख्या वितरण (Population Distribution):
पृथ्वी पर मिलने वाले लोगों के फैलाव को जनसंख्या वितरण कहा जाता है।

RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 2 विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि

→ जनसंख्या की वृद्धि (Growth of Population):
समय के निश्चित अंतरालों के बीच एक क्षेत्र विशेष में होने वाले जनसंख्या के परिवर्तन को जनसंख्या की वृद्धि कहा जाता है।

→ जनसंख्या की वृद्धि दर (Growth Rate of Population):
यह जनसंख्या में होने वाला परिवर्तन है जो प्रतिशत में व्यक्त किया जाता है।

→ जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि (Natural growth of Population):
किसी क्षेत्र विशेष में दो समय अंतरालों में जन्म और मृत्यु के अंतर से बढ़ने वाली जनसंख्या को उस क्षेत्र की प्राकृतिक वृद्धि कहते हैं।
प्राकृतिक वृद्धि = जन्म - मृत्यु।

→ जनसंख्या की धनात्मक वृद्धि (Positive growth of Population):
यह तब होती है जब दो समय अंतरालों के बीच जन्म दर, मृत्यु दर से अधिक हो या जब अन्य देशों से लोग स्थायी रूप से उस देश में आप्रवास कर जाएँ।

→ जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि (Negative growth of Population):
यदि दो समय अंतराल के बीच जनसंख्या कम हो जाए तो उसे जनसंख्या की ऋणात्मक वृद्धि कहते हैं। यह तब होती है तब जन्म दर मृत्यु दर से कम हो जाए अथवा लोग अन्य देशों में उत्प्रवास कर जाएँ।

→ उद्गम स्थान (Place of Origin):
जब लोग एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाते हैं तो वह स्थान जहाँ से लोग गमन करते हैं, उद्गम स्थान कहलाता है।

→ गंतव्य स्थान (Place of Destination):
लोग जिस स्थान की ओर गमन करते हैं वह गंतव्य स्थान कहलाता है।

→ प्रवास (Migration):
किसी व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा अपने निवास स्थान का स्थायी एवं अस्थाई परिवर्तन प्रवास कहलाता है।

→ प्रवासी (Migratory):
कोई व्यक्ति जो जनगणना के दिन अपने जन्म स्थान के अतिरिक्त किसी अन्य स्थान पर गिना जाता है, प्रवासी कहलाता है।

→ आप्रवासी (Immigration):
प्रवासी जो किसी नए स्थान पर आते हैं, आप्रवासी कहलाते हैं।

RBSE Class 12 Geography Notes Chapter 2 विश्व जनसंख्या वितरण, घनत्व और वृद्धि

→ उत्प्रवासी (Emigration):
प्रवासी जो एक स्थान को छोड़कर बाहर चले जाते हैं, उत्प्रवासी कहलाते हैं।

→ औद्योगिक क्रान्ति (Industrial Revolution):
विनिर्माण का हस्तचालित यंत्रों से ऊर्जा चालित मशीनों में परिवर्तन 18वीं शताब्दी के मध्य में इंग्लैण्ड में प्रारम्भ हुआ। इसे औद्योगिक क्रान्ति के नाम से जाना गया।

→  जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy):
प्रति हजार जनसंख्या पर उत्तरजीवी जनसंख्या अर्थात् जनसंख्या के जीवित रहने की एक औसत आयु।

Prasanna
Last Updated on Jan. 3, 2024, 9:23 a.m.
Published Jan. 2, 2024