RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव विकास

Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव विकास Important Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव विकास 

बहुविकल्पीय प्रश्न:

प्रश्न 1. 
डॉ. महबूब - उल - हक के अनुसार विकास का संबंध होता है। 
(क) प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि करने से 
(ख) जीवन प्रत्याशा बढ़ाने से 
(ग) लोगों के विकल्पों में वृद्धि करने तथा जीवन स्तर में सुधार करने से
(घ) संरचनात्मक सुविधाओं में वृद्धि करने से। 
उत्तर:
(घ) संरचनात्मक सुविधाओं में वृद्धि करने से। 

RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव विकास 

प्रश्न 2. 
मानव विकास के महत्त्वपूर्ण पक्ष है। 
(क) दीर्घ व स्वस्थ जीवन जीना 
(ख) ज्ञान अर्जित करना 
(ग) शिष्ट जीवन जीने के लिए पर्याप्त साधनों का होना।
(घ) उक्त सभी। 
उत्तर:
(ग) शिष्ट जीवन जीने के लिए पर्याप्त साधनों का होना।

प्रश्न 3. 
प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध अवसरों के लिए समान पहुँच की व्यवस्था करना कहलाता है।  
(क) समता 
(ख) उत्पादकता
(ग) सतत् पोषणीयता 
(घ) सशक्तीकरण। 
उत्तर:
(घ) सशक्तीकरण। 

प्रश्न 4. 
मानव विकास के संदर्भ में उत्पादकता का संबंध है। 
(क) मानवीय कार्यक्षमता में वृद्धि करना 
(ख) औद्योगिक उत्पादन बढ़ाना 
(ग) कृषि उत्पादन में वृद्धि करना
(घ) मानवीय श्रम का अनुचित उपयोग करना 
उत्तर:
(क) मानवीय कार्यक्षमता में वृद्धि करना 

प्रश्न 5. 
"प्रत्येक पीढ़ी को अपनी भावी पीढ़ियों के लिए अवसरों तथा विकल्पों की उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिए।" यह कथन मानव विकास की किस एंकल्पना से संबंधित है। 
(क) समता 
(ख) सतत षणीयता 
(ग) उत्पादकता 
(घ) सशक्तीकरण 
उत्तर:
(ख) सतत षणीयता 

प्रश्न 6. 
निम्न में से मानव विकास का सबसे पुराना उपागम है। 
(क) कल्याण उपागम 
(ख) क्षमता उपागम 
(ग) आय उपागम 
(घ) ये सभी 
उत्तर:
(ग) आय उपागम 

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प्रश्न 7. 
अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने मानव विकास के निम्न में से किस उपागम को प्रस्तावित किया? 
(क) आय उपागम
(ख) कल्याण उपागम 
(ग) आधारभूत आवश्यकता उपागम
(घ) क्षमता उपागम
उत्तर:
(घ) क्षमता उपागम

प्रश्न 8. 
निम्नलिखित में से कौन-सा देश उच्च मानव विकास रखता है? 
(क) रूसी संघ 
(ख) रोमानिया
(ग) बेलारूस
(घ) नीदरलैण्ड। 
उत्तर:
(घ) नीदरलैण्ड। 

प्रश्न 9. 
मानव विकास का कौन-सा उपागम प्रो. अमर्त्य सेन द्वारा प्रतिपादित किया गया? 
(क) आय उपागम
(ख) कल्याण उपागम 
(ग) आधारभूत आवश्यकता उपागम
(घ) क्षमता उपागम 
उत्तर:
(ग) आधारभूत आवश्यकता उपागम

प्रश्न 10. 
निम्न में से किस विद्वान ने विकास का मुख्य ध्येय स्वतंत्रता की वृद्धि (अथवा परतंत्रता की कमी) के रूप में देखा? 
(क) महबूब-उल-हक 
(ख) रामनाथन
(ग) अमर्त्य सेन 
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(घ) इनमें से कोई नहीं

सुमेलन संबंधी प्रश्न:

निम्न में स्तम्भ 'अ' को स्तम्भ 'ब' से सुमेलित कीजिए:

प्रश्न 1.

स्तम्भ अ (दशा)

स्तम्भ ब (सम्बन्ध)

(i) मानव विकास का प्रतिपादक

(अ) उत्पादकता

(ii) मानव विकास का एक स्तम्भ

(ब) अमर्त्य सेन

(iii) मानव विकास का एक उपागम

(स) 0 - 550 - 0 - 700

(iv) क्षमता उपागम

(द) कल्याण उपागम

(v) मध्यम सूचकांक

(य) डॉ. महबूब-उल-हक

उत्तर:

स्तम्भ अ (दशा)

स्तम्भ ब (सम्बन्ध)

(i) मानव विकास का प्रतिपादक

(य) डॉ. महबूब-उल-हक

(ii) मानव विकास का एक स्तम्भ

(द) कल्याण उपागम

(iii) मानव विकास का एक उपागम

(स) 0 - 550 - 0 - 700

(iv) क्षमता उपागम

(ब) अमर्त्य सेन

(v) मध्यम सूचकांक

(अ) उत्पादकता


रिक्त स्थान पूर्ति संबंधी प्रश्न:

निम्न वाक्यों में रिक्त स्थानों की पर्ति कीजिए:

प्रश्न 1.
विकास का अर्थ ............. परिवर्तन है। 
उत्तर:
गुणात्मक

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प्रश्न 2.
............... जीवन केवल दीर्घ नहीं होता। 

उत्तर:
सार्थक

प्रश्न 3.
निर्वहन का अर्थ है .................... की उपलब्धता में निरंतरता। 
उत्तर:
अवसरों

प्रश्न 4.
स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने लिए चुना गया सूचक जन्म के समय .................. है। 
उत्तर:
जीवन - प्रत्याशा

प्रश्न 5.
उच्च मानव विकास समूह में ................... देश सम्मिलित हैं।
उत्तर:
53. 

सत्य - असत्य कथन संबंधी प्रश्न:

निम्न में से सत्य - असत्य कथनों की पहचान कीजिए:

प्रश्न  1.
वृद्धि और विकास दोनों समय के संदर्भ में परिवर्तन को इंगित करते हैं।
उत्तर:
सत्य

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प्रश्न  2.
सकारात्मक वृद्धि से सदैव विकास होता है।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न  3.
समता का आशय प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध अवसरों की समान पहुँच से है।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न  4.
मानव विकास सूचकांक मानव विकास में प्राप्तियों का मापन करता है।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न  5.
सर्वोच्च मानव विकास सूचकांक ऑस्ट्रेलिया का है।
उत्तर:
असत्य

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1. 
विकास किस समय होता है? 
उत्तर:
विकास उस समय तक होता है जब वर्तमान दशाओं की गुणवत्ता में सकारात्मक परिवर्तन होता रहता है। 

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प्रश्न 2. 
विकास का अर्थ बताइए। 
उत्तर:
विकास का अर्थ गुणात्मक परिवर्तन से है जो कि मूल्य सापेक्ष होता है। 

प्रश्न 3. 
विकासहीन वृद्धि से क्या आशय है?
उत्तर:
विकासहीन वृद्धि में वृद्धि तो होती है लेकिन इस वृद्धि के सकारात्मक न होने के कारण गुणवत्ता में सकारात्मक परिवर्तन नहीं हो पाता। इसी को विकासहीन वृद्धि कहा जाता है।

प्रश्न 4. 
विकासयुक्त वृद्धि अथवा सकारात्मक वृद्धि से क्या आशय है? 
उत्तर:
ऐसी वृद्धि जिसमें वृद्धि के साथ-साथ विकास भी होता रहे, उसे विकासयुक्त वृद्धि अथवा सकारात्मक वृद्धि कहा जाता है।

प्रश्न 5. 
डॉ. महबूब - उल - हक ने मानव विकास का वर्णन किस रूप में किया?
उत्तर:
डॉ. महबूब-उल-हक ने मानव विकास का वर्णन एक ऐसे तथ्य के रूप में किया जो लोगों के विकल्पों में उन्नति करता है तथा उनके जीवन में सुधार लाता है।

प्रश्न 6. 
मानव विकास में सार्थक जीवन का संबंध किन पक्षों से है? 
उत्तर:
मानव विकास में सार्थक जीवन का संबंध निम्नलिखित पक्षों से है:

  1. लोग स्वस्थ हों 
  2. लोग अपने विवेक और बुद्धि का विकास करें 
  3. समाज में प्रतिभागिता करें 
  4. लोग अपने उद्देश्यों को पूरा करने में स्वतंत्र हों।

प्रश्न 7. 
दक्षिण एशिया के किन दो अर्थशास्त्रियों ने मानव विकास की अवधारणा के संबंध में महत्त्वपूर्ण कार्य किया? 
उत्तर:
डॉ. महबूब - उल - हक एवं अमर्त्य सेन ने। 

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प्रश्न 8. 
डॉ. महबूब - उल - हक ने मानव विकास सूचकांक को किस वर्ष में निर्मित किया? 
उत्तर:
सन् 1990 में। 

प्रश्न 9. 
किस वर्ष प्रथम बार संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा मानव विकास प्रतिवेदन प्रकाशित किया गया था? 
उत्तर:
सन् 1990 में। 

प्रश्न 10. 
मानव विकास को परिभाषित कीजिए। 
उत्तर:
डॉ. महबूब - उल - हक के अनुसार, मानव विकास का संबंध लोगों के विकल्पों में वृद्धि करने से है, ताकि वे आत्म-सम्मान के साथ दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन जी सकें।

प्रश्न 11. 
UNDP का पूरा नाम लिखिए। 
उत्तर:
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme). 

प्रश्न 12. 
प्रो. अमर्त्य सेन ने विकास को किस रूप में देखा? 
उत्तर:
प्रो. अमर्त्य सेन ने विकास को मानवीय स्वतंत्रता में वृद्धि के रूप में देखा। 

प्रश्न 13. 
सार्थक जीवन से क्या आशय है?
उत्तर:
मानव जीवन का केवल दीर्घ होना ही सार्थक जीवन नहीं है, वरन् सार्थक जीवन वह है जिसमें लोग स्वस्थ हों, अपने विवेक और बुद्धि का विकास करें, समाज में प्रतिभागिता करें तथा अपने उद्देश्यों को पूरा करने में स्वतंत्र हो। 

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प्रश्न 14. 
मानव विकास का केन्द्र बिन्दु क्या है?
उत्तर:
संसाधनों तक पहुँच, उत्तम स्वास्थ्य एवं शिक्षा मानव विकास के केन्द्र-बिन्दु हैं। 

प्रश्न 15. 
मानव विकास के संदर्भ में समता की विचारधारा क्या है?
उत्तर:
मानव विकास के संदर्भ में समता का आशय यह है कि प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के उपलब्ध अवसरों के लिए समान पहुँच की व्यवस्था हो।

प्रश्न 16. 
मानव विकास के संदर्भ में उत्पादकता का क्या आशय है? 
उत्तर:
मानव विकास के संदर्भ में उत्पादकता का आशय मानवीय कार्यक्षमता में निरन्तर वृद्धि करने से है।

प्रश्न 17. 
सशक्तीकरण से क्या आशय है? 
उत्तर:
अपने विकल्प चुनने के लिए शक्ति प्राप्त करना सशक्तीकरण कहलाता है। 

प्रश्न 18. 
मानव विकास के कौन-कौन से उपागम हैं? 
उत्तर:

  1. आय उपागम 
  2. कल्याण उपागम 
  3. आधारभूत आवश्यकता उपागम 
  4. क्षमता उपागम। 

प्रश्न 19. 
स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने के लिए चुना गया सूचक कौन - सा है? 
उत्तर:
स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने के लिए चुना गया सूचक जन्म के समय जीवन प्रत्याशा है। 

प्रश्न 20. 
संसाधनों तक पहुँच का मापन किसके संदर्भ में किया जाता है? 
उत्तर:
संसाधनों तक पहुँच को क्रय शक्ति अर्थात् अमेरिकी डॉलरों के संदर्भ में मापा जाता है। 

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प्रश्न 21. 
मानव विकास सूचकांक के मापन का आधार क्या है?
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक मानव विकास के स्तर का मापन करता है जो यह प्रदर्शित करता है कि मानव विकास के प्रमुख क्षेत्रों में क्या उपलब्धि हुई है।

प्रश्न 22. 
मानव विकास मापन के दो महत्त्वपूर्ण सूचकांकों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  1. मानव विकास सूचकांक 
  2. मानव गरीबी सूचकांक। 

प्रश्न 23. 
मानव विकास मापन की सर्वप्रमुख नूतन विधि कौन - सी है?
उत्तर:
मानव विकास मापन की सर्वप्रमुख नूतन-विधि में किसी क्षेत्र विशेष में भ्रष्टाचार के स्तर तथा राजनीतिक स्वतंत्रता के मध्य संबंधों को ज्ञात करना है।

प्रश्न 24. 
यू.एन.डी.पी. द्वारा प्रयुक्त मानव विकास मापन के सूचकांकों के नाम लिखिए।
उत्तर:
यू.एन.डी.पी. द्वारा मानव विकास मापन के लिए निम्नलिखित दो सूचकांकों का उपयोग किया जा रहा है:

  1. मानव विकास सूचकांक 
  2. मानव गरीबी सूचकांक।

प्रश्न 25. 
मानव विकास सूचकांक क्या है?
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक आधारभूत मानव विकास की औसत उपलब्धियों का एक सरल संशलिष्ट सूचकांक है, जिससे विभिन्न देशों का पदानुक्रम निर्धारित किया जाता है। 

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प्रश्न 26. 
गरीबी शब्द का आशय क्या है?
उत्तर:
गरीबी का आशय है व्यक्ति विशेष या मानव की स्वास्थ्य, सतत् पोषणीयता एवं संसाधनों तक पहुँच के अभाव में वंचित रहने की अवस्था, जो आवश्यक जरूरतों को पूरा करने में असमर्थता का सूचक होती है।

प्रश्न 27. 
विश्व के किस देश ने सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता (Gross National Happiness) को देश की प्रगति के लिए आधिकारिक माप घोषित किया है?
उत्तर:
भूटान ने सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता को देश की प्रगति की आधिकारिक माप घोषित किया है। इस देश का मानना है कि सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता हमें विकास के आध्यात्मिक, भौतिक तथा गुणात्मक पक्षों को सोचने के लिए प्रोत्साहित करती है।

प्रश्न 28. 
मानव विकास सूचकांक की दृष्टि से अति उच्च सूचकांक मूल्य वाले देशों की तुलना मध्यम सूचकांक मूल्य वाले देशों से कीजिए।
उत्तर:
अति उच्च सूचकांक मूल्य वाले देशों के मानव विकास सूचकांक का मूल्य 0.8 से अधिक मिलता है जबकि मध्यम सूचकांक मूल्य वाले देशों के मानव विकास सूचकांक का मूल्य 0:550 - 0.700 के मध्य मिलता है।

प्रश्न 29. 
मानव विकास प्रतिवेदन 2018 के अनुसार अति उच्च एवं मध्यम श्रेणी के मानव विकास सूचकांक में कितने देश सम्मिलित हैं?
उत्तर:
अति उच्च एवं मध्यम श्रेणी के मानव विकास सूचकांक में क्रमशः 59 एवं 39 देश सम्मिलित हैं।

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प्रश्न 30. 
किन्हीं दो देशों के नाम बताइए जिनकी छोटी अर्थव्यवस्थाएँ होते हुए भी मानव विकास सूचकांक भारत से ऊँचा है?
उत्तर:

  1. श्रीलंका 
  2. ट्रिनिडाड़ और टोबेगो। 

प्रश्न 31. 
वर्ष 2018 के मानव विकास प्रतिवेदन के अनुसार किस देश का मानव विकास सूचकांक सबसे ऊँचा था? 
उत्तर:
नॉर्वे का। 

प्रश्न 32. 
उच्च मानव विकास स्कोर वाले देश किस महाद्वीप में अवस्थित हैं एवं वे किसका प्रतिनिधित्व करते हैं?
उत्तर:
उच्च मानव विकास स्कोर वाले देश यूरोप महाद्वीप में अवस्थित हैं एवं वे औद्योगिक पश्चिमी विश्व का प्रतिनिधित्व करते हैं।

प्रश्न 33. 
मध्यम सूचकांक मूल्य वाले देशों ने अभिनव इतिहास में किसका सामना किया है? .
उत्तर:
मध्यम सूचकांक मूल्य वाले देशों ने अभिनव इतिहास में राजनीतिक अस्थिरता एवं सामाजिक विद्रोह का सामना किया है।

प्रश्न 34. 
मानव विकास के निम्न सूचकांक वाले देशों की संख्या कितनी है? 
उत्तर:
मानव विकास के निम्न सूचकांक वाले देशों की संख्या 38 है। 

प्रश्न 35. 
निम्न सूचकांक मूल्य वाले देश किन घटनाओं के दौर से गुजर रहे हैं?
उत्तर:
निम्न सूचकांक मूल्य वाले देश अधिकांशतः छोटे देश हैं जो कि राजनीतिक उपद्रव, गृहयुद्ध के रूप में सामाजिक अस्थिरता, अकाल एवं बीमारियों की अधिक घटनाओं के दौर से गुजर रहे हैं।

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प्रश्न 36. 
मानव विकास सूचकांक में भारत का विश्व में कौन - सा स्थान है? 
उत्तर:
मानव विकास प्रतिवेदन 2018 के अनुसार मानव विकास सूचकांक में भारत का विश्व में 130 वाँ स्थान है। 

प्रश्न 37. 
मानव विकास के सर्वाधिक सार्थक पक्ष कौन से हैं?
उत्तर:

  1. स्वस्थ एवं दीर्घायु होना (स्वास्थ्य) 
  2. ज्ञान प्राप्ति (शिक्षा) 
  3. पर्याप्त संसाधन उपलब्धता (संसाधनों तक पहुँच)।

प्रश्न 38. 
निम्न स्तर वाले देशों में मानव विकास को बढ़ाने के चार सुझाव दीजिए।
उत्तर:

  1. शिक्षा को बढ़ावा 
  2. जीवन स्तर को सुधारना 
  3. आय के स्रोतों को बढ़ाना 
  4. समतापूर्वक व्यवहार करना 
  5. वसरों की उपलब्धता 
  6. तकनीक का प्रसार। 

लघु उत्तरीय प्रश्न (SA1):

प्रश्न 1. 
विकास से क्या आशय है? इसके महत्त्वपूर्ण पक्ष बताइए।
उत्तर:
विकास का अर्थ गुणात्मक परिवर्तन से है जो कि मूल्य सापेक्ष होता है तथा विकास उस समय होता है जब सकारात्मक वृद्धि एवं गुणवत्ता में सकारात्मक परिवर्तन होता है।
विकास के तीन महत्त्वपूर्ण पक्ष हैं जो निम्नलिखित हैं:

  1. लोगों के जीवन की गुणवत्ता 
  2. अवसरों की पहुँच 
  3. लोगों की स्वतंत्रता। 

प्रश्न 2. 
आर्थिक वृद्धि को विकास के स्तर से जोड़ने की विचारधारा में सबसे बड़ी कमी क्या है?
उत्तर:
किसी देश की आर्थिक वृद्धि को विकास के स्तर से जोड़ने संबंधी विचारधारा यह मानती है कि जिस देश की अर्थव्यवस्था जितनी अधिक बड़ी होगी उस देश को उतना ही अधिक विकसित माना जाएगा लेकिन इस विचारधारा की सबसे बड़ी कमी यह है कि किसी देश की आर्थिक वृद्धि से उस देश के अधिकांश लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार से कोई संबंध नहीं होता।

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प्रश्न 3. 
डॉ. महबूब - उल - हक द्वारा प्रतिपादित मानव विकास की अवधारणा को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन डॉ. महबूब - उल - हक ने 1990 में किया था। डॉ. हक के अनुसार, मानव विकास लोगों के विकल्पों में वृद्धि करता है तथा उनके जीवन में सुधार लाता है। सभी प्रकार के विकास का केन्द्र बिन्दु मनुष्य है। ये विकल्प स्थिर नहीं हैं बल्कि परिवर्तनशील हैं। विकास का मूल उद्देश्य ऐसी दशाओं को उत्पन्न करना है जिनसे लोग सार्थक जीवन व्यतीत कर सकते हों। लोग स्वस्थ हों, अपने विवेक एवं बुद्धि का विकास कर सकें तथा अपने उद्देश्य को पूरा करने में स्वतंत्र हों। यही मानव विकास की अवधारणा है।

प्रश्न 4. 
'विकास का केन्द्र बिन्दु मानव होता है।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
विकास से आशय है-गुणात्मक परिवर्तन, सभी परिवर्तन मानव से संबंधित पाये जाते हैं, यथा- स्वास्थ्य, शिक्षा, आय इन सभी घटकों का अध्ययन मानव के संदर्भ में किया जाता है तथा ये मानव के विकास से नियंत्रित पाये जाते हैं। धरातल पर मानव की केन्द्रीय भूमिका होने के कारण सभी पक्षों का मानव से प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष संबंध होता है। इसी कारण विकास का केन्द्र बिन्दु भी मानव को ही माना जाता है।

प्रश्न 5. 
प्रो. अमर्त्य सेन के अनुसार मानव विकास की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. अमर्त्य सेन एक भारतीय अर्थशास्त्री हैं। इन्होंने विकास का मुख्य ध्येय स्वतंत्रता में वृद्धि अथवा परतंत्रता में कमी के रूप में देखा। स्वतंत्रता में वृद्धि ही विकास करने वाला सर्वाधिक प्रभावशाली माध्यम है। इनका तर्क स्वतंत्रता की वृद्धि में सामाजिक तथा राजनीतिक संस्थाओं एवं प्रक्रियाओं की भूमिका का अन्वेषण करता है।

प्रश्न 6. 
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के तहत विकास स्तर के अतिरिक्त मानव की महत्त्वपूर्ण आकांक्षाएँ कौन-कौन सी होती हैं?
उत्तर:
पाकिस्तानी अर्थशास्त्री डॉ. महबूब-उल-हक के नेतृत्व में प्रकाशित मानव विकास प्रतिवेदन में मानव विकास के लिए कोटि क्रम के आधार पर सूचकांक निर्धारित किए गए हैं। इस प्रतिवेदन के अनुसार, विकास स्तर के अतिरिक्त मानव समूह की कुछ महत्त्वपूर्ण आकांक्षाएँ हैं, जैसे:

  1. लम्बा एवं स्वस्थ जीवन 
  2. साक्षर या ज्ञान प्राप्त करना 
  3. उत्तम जीवन स्तर के लिए आवश्यक सुविधाओं की प्राप्ति।

प्रश्न 7. 
मानव विकास के मापन के तीन प्रमुख क्षेत्रों को स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक के आकलन के लिए तीन प्रमुख क्षेत्रों-स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों तक पहुँच को आधार माना जाता है।

  1. स्वास्थ्य के मूल्यांकन के लिए चयनित सूचक - जन्म के समय जीवन प्रत्याशा है। उच्चतम जीवन प्रत्याशा दीर्घ तथा स्वस्थ जीवन जीने के अधिक अवसरों की द्योतक है।
  2. शिक्षा के मूल्यांकन के लिए प्रौढ़ साक्षरता दर तथा विद्यालयों के सकल नामांकित बच्चों की संख्या को आधार माना जाता है।
  3. संसाधनों तक पहुँच मानव की क्रय शक्ति के आधार पर मापित की जाती है। 

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प्रश्न 8. 
मानव विकास के चार स्तम्भ कौन - कौन से हैं? संक्षिप्त वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
मानव विकास के चार स्तम्भ समता, सतत् पोषणीयता, उत्पादकता तथा सशक्तीकरण नामक चार संकल्पनाओं आधारित हैं• समता का आशय प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध अवसरों के लिए समान पहुँच की व्यवस्था करना है।

  1. सतत् पोषणीयता का अर्थ है कि उपलब्ध समस्त संसाधनों का उपयोग भविष्य की प्रत्येक पीढ़ी की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर करना।
  2. उत्पादकता का आशय मानव श्रम उत्पादकता अथवा मानव कार्य के संदर्भ में उत्पादकता से है।
  3. सशक्तीकरण का अर्थ है -अपने विकल्प चुनने के लिए शक्ति प्राप्त करना। 

प्रश्न 9. 
सतत् पोषणीयता का क्या अर्थ है? इसके लिए किन-किन संसाधनों का उपयोग करना आवश्यक है?
उत्तर:
सतत् पोषणीयता का अर्थ है अवसरों की उपलब्धता में निरन्तरता रखना। सतत् पोषणीयता मानव विकास के लिए आवश्यक है जो प्रत्येक पीढ़ी को समान अवसर प्रदान करती है। इसके लिए समस्त पर्यावरणीय संसाधनों, वित्तीय साधनों का उपयोग भविष्य को ध्यान में रखकर करना आवश्यक है। क्योंकि इन संसाधनों में से किसी भी एक संसाधन का दुरुपयोग भावी पीढ़ियों के लिए अवसरों को कम करेगा।

प्रश्न 10. 
मानव विकास अवधारणा के अंतर्गत उत्पादकता से आप क्या समझते हैं?
अथवा
उत्पादकता से क्या आशय है? इसमें किस प्रकार वृद्धि की जा सकती है?
उत्तर:
मानव विकास अवधारणा के संदर्भ में उत्पादकता का आशय है मानव श्रम उत्पादकता या मानव कार्यों के संदर्भ में उत्पादकता। इसके लिए यह आवश्यक है कि मानवीय समुदाय में साक्षरता को बढ़ाया जाए तथा उत्तम चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध करायी जाएँ जिससे उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाकर उत्पादकता में निरन्तर वृद्धि की जा सकती है। वस्तुतः किसी राष्ट्र की वास्तविक पूँजी उसके मानवीय संसाधन होते हैं।

प्रश्न 11. 
मानव विकास की अवधारणा के अंतर्गत सशक्तीकरण से क्या अभिप्राय है? 
उत्तर:
मानव विकास की अवधारणा के अंतर्गत सशक्तीकरण का आशय है-मानव को अपने विकल्पों का चयन करने की शक्ति प्राप्त होना। सशक्तीकरण के लिए मानव की बढ़ती स्वतंत्रता तथा कार्यक्षमता आवश्यक है। लोगों को सशक्त करने के लिए यह आवश्यक है कि देश में लोकोन्मुखी नीतियों के साथ-साथ उत्तम शासन व्यवस्था हो। इस संदर्भ में देश में निवासित सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से पिछड़े मानवीय समूहों के सशक्तीकरण का विशेष महत्त्व है।

प्रश्न 12. 
मानव विकास के मापन के आय उपागम का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आय उपागम मानव विकास का सबसे प्राचीन उपागम है जिसके अंतर्गत मानव विकास को आय के साथ जोड़कर देखा जाता है। आय का स्तर किसी व्यक्ति द्वारा उपयोग की जा रही स्वतंत्रता के स्तर को भी परिलक्षित करता है। आय के स्तर के उच्च होने पर मानव विकास का स्तर भी उच्च होगा। 

प्रश्न 13. 
मानव विकास के कल्याण उपागम को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास का कल्याण उपागम मानव को लाभार्थी अथवा सभी विकासात्मक गतिविधियों के लक्ष्य के रूप में देखता है। यह उपागम शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा एवं मानवीय कल्पना (सुख - साधनों) पर उच्चतर राजकीय खर्च का तर्क देता है। लोग विकास में प्रतिभागी न होकर केवल निष्क्रिय प्राप्तकर्ता हैं। सरकार कल्याण पर अधिकतम व्यय करके मानव विकास के स्तरों में वृद्धि करने के लिए जिम्मेदार होती है।

RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव विकास

प्रश्न 14. 
मानव विकास के आधारभूत आवश्यकता उपागम का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
आधारभूत आवश्यकता उपागम-मानव विकास के इस उपागम का प्रतिपादन अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (I.L.O.) ने किया। इसके अंतर्गत मानव की छह आधारभूत आवश्यकताओं; जैसे-स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन, जलापूर्ति, स्वच्छता तथा आवास की पहचान की गई तथा मानव विकास के लिए उक्त छहों मूलभूत आवश्यकताओं की समुचित व्यवस्था के उन्नयन पर जोर दिया गया। इस उपागम में मानवीय विकल्पों के प्रश्न की उपेक्षा की गई है।

प्रश्न 15. 
मानव विकास का मापन किस प्रकार किया जाता है? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
मानव विकास का मापन मानव विकास सूचकांक के आधार पर किया जाता है। यह सूचकांक स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों तक पहुँच के संदर्भ में मापा जाता है। इनमें से प्रत्येक को 1/3 भारिता दी जाती है। इस आधार पर मानव विकास सूचकांक का मूल्य 0 से 1 के बीच के स्कोर पर आधारित होता है। मानव विकास सूचकांक का मूल्य एक के जितना अधिक समीप होता है, उतना ही मानव विकास का स्तर अधिक माना जाता है। अर्जित मानव विकास स्कोर के आधार पर विश्व के समस्त देशों को निम्न चार वर्गों में विभक्त किया गया है

  1. अति उच्च सूचकांक मूल्य वाले देश। 
  2. उच्च सूचकांक मूल्य वाले देश। 
  3. मध्यम सूचकांक मूल्य वाले देश। 
  4. निम्न सूचकांक मूल्य वाले देश।

प्रश्न 16.
मानव गरीबी सूचकांक की क्या विशेषताएँ हैं ?
उत्तर:
मानव गरीबी सूचकांक की निम्नलिखित तीन विशेषताएँ हैं

  1. मानव गरीबी सूचकांक मानव विकास में कमियों को ढूँढ़ता है। अतः यह मानव विकास सूचकांक से संबंधित होता है।
  2. मानव गरीबी सूचकांक एक बिना आय वाला माप है।
  3. मानव गरीबी सूचकांक के अंतर्गत 40 वर्ष तक जीवित न रह पाने की संभाव्यता, प्रौढ़ निरक्षरता दर, स्वच्छ जल की उपलब्धता न रखने वाले व्यक्तियों की संख्या तथा अल्प शारीरिक वजन रखने वाले बाल आयु वर्ग के बच्चों की गणना की जाती है। 

प्रश्न 17. 
मानव विकास प्रतिवेदन के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
मानव विकास प्रतिवेदन सन् 1990 से प्रतिवर्ष संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा प्रकाशित किया जा रहा है। यह प्रतिवेदन मानव विकास स्तर के अनुसार समस्त देशों की कोटि के क्रमानुसार सूची उपलब्ध कराता है। मानव विकास सूचकांक तथा गरीबी सूचकांक संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यू. एन. डी. पी.) द्वारा प्रयुक्त मानव विकास मापन के दो महत्त्वपूर्ण सूचकांक हैं।

प्रश्न 18. 
मानव विकास के उच्च स्तरों वाले देश किन क्षेत्रों में अधिक निवेश करते हैं?
उत्तर:
मानव विकास के उच्चतर स्तरों वाले वे देश हैं जिनका मानव विकास सूचकांक का स्कोर 0.701-0.799 के बीच है। मानव विकास के उच्च स्तरों वाले देश विकसित हैं जो सामाजिक क्षेत्रों में अधिक निवेश करना पसंद करते हैं। ये देश प्रायः राजनीतिक उपद्रव व अस्थिरता से स्वतंत्र होते हैं। इन देशों में संसाधनों का वितरण समान पाया जाता है।

प्रश्न 19. 
मानव विकास के निम्न स्तरों वाले देश किन क्षेत्रों में अधिक व्यय करते हैं?
उत्तर:
मानव विकास के निम्न स्तरों वाले देशों में जिनका मानव विकास सूचकांक 0.549 से नीचे है को शामिल किया जाता है। सन् 2018 के मानव विकास प्रतिवेदन के अनुसार इस श्रेणी में विश्व के 38 देश सम्मिलित हैं। इसके अंतर्गत सम्मिलित अधिकांश देश अविकसित एवं विकासशील हैं। ये देश सामाजिक क्षेत्रों की अपेक्षा प्रतिरक्षा पर अधिक व्यय करते हैं। ये देश राजनीतिक अस्थिरता वाले क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा यहाँ तीव्र आर्थिक विकास प्रारम्भ नहीं हो पाया है। 

लंघु उत्तरीय प्रश्न (SA2):

प्रश्न 1. 
वृद्धि एवं विकास के अंतर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वृद्धि तथा विकास दोनों समय के संदर्भ में परिवर्तन को प्रदर्शित करते हैं, लेकिन इनमें निम्नवत् अंतर होते हैं

  1. एक ओर जहाँ वृद्धि धनात्मक एवं ऋणात्मक दोनों हो सकती है वहीं विकास के अंतर्गत गुणवत्ता में सकारात्मक परिवर्तन होता है।
  2. वृद्धि मात्रात्मक होती है तथा इसका मूल्य निरपेक्ष होता है जबकि विकास गुणात्मक होता है तथा उसका मूल्य सापेक्ष होता है।
  3. विकास उस समय तक नहीं हो सकता जब तक कि वर्तमान दशाओं में सकारात्मक या धनात्मक परिवर्तन न हो, जबकि वृद्धि में यह आवश्यक नहीं है।

इस तथ्य को निम्न उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है किसी निश्चित समयावधि में यदि किसी नगर की जनसंख्या एक लाख से बढ़कर दो लाख हो जाती है तो उसे नगरीय जनसंख्या की वृद्धि कहा जाएगा लेकिन नगर में हुई जनसंख्या वृद्धि के सापेक्ष यदि आवास सुविधाएँ, मूलभूत सुविधाएँ तथा अन्य विशेषताओं में वृद्धि नहीं होती तो इस वृद्धि को विकास नहीं कहा जाएगा। 

RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव विकास

प्रश्न 2. 
विकास की अवधारणा को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अनेक दशकों तक किसी देश के विकास के स्तर का मापन केवल आर्थिक वृद्धि के संदर्भ में किया जाता रहा था। इसका आशय यह है कि जिस देश की अर्थव्यवस्था जितनी अधिक बड़ी होती थी, उसे उतना ही अधिक विकसित माना जाता था। इस मापन की सबसे बड़ी कमी यह थी कि किसी देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था का उस देश में निवासित अधिकांश लोगों के जीवन स्तर में सुधार से कोई संबंध नहीं था।

सन् 1990 में प्रथम बार पाकिस्तानी अर्थशास्त्री डॉ. महबूब-उल-हक ने मानव विकास सूचकांक का निर्धारण करते हुए इस तथ्य पर बल दिया कि विकास का संबंध लोगों के विकल्पों में बढ़ोत्तरी से है ताकि वे आत्म-सम्मान के साथ-साथ दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकें। इसी संदर्भ में भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का यह मानना है कि 'विकास का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्रता में वृद्धि करना है।'


वस्तुतः विकास का अर्थ गुणात्मक परिवर्तन से है जो मूल्य सापेक्ष होता है। इसका आशय यह है कि किसी देश का विकास उस समय तक नहीं हो सकता जब तक उस देश की वर्तमान दशाओं में सकारात्मक या गुणात्मक वृद्धि न हो।

प्रश्न 3. 
लोगों में अपने आधारभूत विकल्पों को चयन करने की क्षमता और स्वतंत्रता क्यों नहीं होती?
उत्तर:
लोगों में अपने आधारभूत विकल्पों को चयन करने की क्षमता और स्वतंत्रता इसलिए नहीं होती क्योंकि अज्ञानता, निर्धनता, सामाजिक भेदभाव तथा संस्थाओं की अक्षमता के कारण शिक्षा प्राप्ति के योग्य होने, दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन जीने तथा एक शिष्ट जीवन जीने के साधनों को प्राप्त करने के विकल्प अति सीमित रह जाते हैं। लोगों के विकल्पों में वृद्धि करने के लिए यह आवश्यक है कि सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों तक पहुँच के लिए मानवीय कार्यक्षमता में वृद्धि की जाए।
अतः मानवीय कार्यक्षमता में कमी के कारण लोगों की अपने आधारभूत विकल्पों को चयन करने की क्षमता तथा स्वतंत्रता सीमित हो जाती है। 

प्रश्न 4. 
मानव विकास अवधारणा के चार स्तम्भ कौन-कौन से हैं ?
अथवा 
समता स्तम्भ को संक्षेप में बताइए?
उत्तर:
मानव विकास की अवधारणा के निम्नलिखित चार स्तम्भ हैं

  1. समता 
  2. सतत् पोषणीयता 
  3. उत्पादकता 
  4. सशक्तीकरण। 

(i) समता: समता का आशय एक ऐसे समाज या प्रदेश से है जिसमें निवासित प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध अवसरों के लिए समान पहुँच की व्यवस्था उपलब्ध हो। दूसरे शब्दों में, किसी प्रदेश में उपलब्ध समस्त संसाधनों की वहाँ निवासित प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से उपलब्धता को समता कहा जा सकता है। लोगों को उपलब्ध अवसर या संसाधन, लिंग, प्रजाति, आय तथा जाति के भेदभाव के विचार के बिना समान रूप से मिलने चाहिए। यद्यपि विश्व के अधिकांश भागों में ऐसा नहीं होता है। भारत जैसे विकासशील देश में महिलाएँ, सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग तथा दूरस्थ क्षेत्रों में निवास करने वाले अधिकांश लोग विकास के इन अवसरों से प्रायः वंचित रह जाते हैं। अतः मानव विकास के लिए यह आवश्यक है कि विकास के अवसरों या संसाधनों की समान उपलब्धता समाज के हर व्यक्ति को प्राप्त हो।

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प्रश्न 5. 
मानव विकास अवधारणा के अंतर्गत उत्पादकता तथा सशक्तीकरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
मानव विकास अवधारणा के संदर्भ में उत्पादकता का आशय है-मानव श्रम उत्पादकता या मानव कार्यों के संदर्भ में उत्पादकता। इसके लिए यह आवश्यक है कि मानवीय समुदाय में साक्षरता को बढ़ाया जाएँ तथा उत्तम चिकित्सा सेवाएँ उपलब्ध करायी जाएँ जिनसे उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाकर उत्पादकता में निरन्तर वृद्धि की जा सके। वस्तुतः किसी राष्ट्र की वास्तविक पूँजी उसके मानवीय संसाधन होते हैं जिनके माध्यम से संबंधित राष्ट्र विकास की ओर उन्मुख होता है। 

मानव विकास की अवधारणा के अंतर्गत सशक्तीकरण का आशय है-मानव को अपने विकल्पों का चयन करने की शक्ति का प्राप्त होना। सशक्तीकरण के लिए मानव की बढ़ती स्वतंत्रता तथा कार्यक्षमता आवश्यक है। लोगों को सशक्त करने के लिए यह आवश्यक है कि देश में लोकोन्मुखी नीतियों के साथ-साथ उत्तम शासन व्यवस्था हो। इस संदर्भ में देश में निवासित सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से पिछड़े मानवीय समूहों के सशक्तीकरण का विशेष महत्त्व है। 

प्रश्न 6. 
मानव विकास सूचकांक का आकलन किस प्रकार किया जाता है?
अथवा 
मानव विकास के प्रमुख सूचकों का संक्षिप्त विवरण दीजिए।
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक के आकलन के लिए तीन प्रमुख क्षेत्रों - स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों तक पहुँच को आधार माना जाता है।
(i) स्वास्थ्य के मूल्यांकन के लिए चयनित सूचक - जन्म के समय जीवन प्रत्याशा है। उच्चतम जीवन प्रत्याशा दीर्घ तथा स्वस्थ जीवन जीने के अधिक अवसरों की द्योतक है।

(ii) शिक्षा के मूल्यांकन के लिए प्रौढ़ साक्षरता दर तथा विद्यालयों में सकल नामांकित बच्चों की संख्या को आधार माना जाता है। 
(iii) संसाधनों तक पहुँच मानव की क्रय शक्ति के आधार पर मापित की जाती है। उक्त तीनों क्षेत्रों में से प्रत्येक को 1/3 भार (Weightage) प्रदान किया जाता है। मानव विकास सूचकांक में उक्त तीनों क्षेत्रों को दिए गए भारों का कुल योग 1 होता है।

मानव विकास सूचकांक का मूल्य 1 के जितना निकट होता है, मानव विकास का स्तर उतना ही उच्च माना जाता है। मानव विकास सूचकांक का 0.983 मूल्य मानव विकास का उच्च स्तर माना जाता है जबकि 0-268 मूल्य मानव विकास का अत्यंत निम्न स्तर माना जाता है। 

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प्रश्न 7. 
“प्रायः मानव गरीबी सूचकांक मानव विकास सूचकांक की अपेक्षा अधिक कमी प्रदर्शित करता है।" कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास सूचकांक एवं मानव गरीबी सूचकांक संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यू. एन. डी. पी.) द्वारा प्रयुक्त मानव विकास मापन के दो महत्त्वपूर्ण सूचकांक हैं। मानव गरीबी सूचकांक मानव विकास सूचकांक से संबंधित है। यह सूचकांक मानव विकास में कमी का मापन करता है। यह एक बिना आय वाला माप है। किसी प्रदेश के मानव विकास में कमी दर्शाने के लिए 40 वर्ष की आयु तक जीवित रह पाने की संभाव्यता, प्रौढ़ निरक्षरता दर, स्वच्छ जल तक पहुँच न रखने वाले लोगों की संख्या तथा अल्प भार वाले छोटे बच्चों की संख्या आदि सभी इसमें गिने जाते हैं। जबकि मानव विकास सूचकांक में शिक्षा, स्वास्थ्य एवं संसाधनों की पहुँच को शामिल करते हैं। अतः मानव विकास सूचकांक की तुलना में मानव से जुड़े अन्य सामाजिक कारकों का अध्ययन करने के कारण कहा जा सकता है कि मानव गरीबी सूचकांक मानव विकास सूचकांक की अपेक्षा अधिक कमी प्रदर्शित करता है।

प्रश्न 8. 
सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता को देश की प्रगति का आधिकारिक माप घोषित किया है। कथन का मूल्यांकन कीजिए।
उत्तर:
भूटान विश्व का एकमात्र ऐसा एशियाई देश है जिसने सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता को देश की प्रगति का आधिकारिक माप घोषित किया है। भूटान के निवासियों ने अपने पर्यावरण अथवा सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक जीवन के अन्य पहलुओं को भौतिक प्रगति एवं प्रौद्योगिकी विकास से होने वाली संभावित हानि को सतर्कतापूर्वक अथवा ध्यान में रखकर अपनाया है। इसका साधारण अर्थ यह है कि प्रसन्नता की कीमत पर भौतिक विकास नहीं किया जा सकता। सकल राष्ट्रीय प्रसन्नता लोगों को विकास के आध्यात्मिक, भौतिक एवं गुणात्मक पक्षों को सोचने के लिए प्रोत्साहित करती है।

प्रश्न 9. 
मानव विकास की अंतर्राष्ट्रीय तुलनाओं की संक्षेप में समीक्षा कीजिए। 
उत्तर:
मानव विकास की अंतर्राष्ट्रीय तुलनाओं के अध्ययन से स्पष्ट है कि:

  1. प्रदेश के आकार तथा प्रति व्यक्ति आय का मानव विकास से सीधा संबंध नहीं है। 
  2. मानव विकास की दृष्टि से विश्व के बड़े देशों की अपेक्षा छोटे देशों का क्रम प्रायः बेहतर मिलता है।
  3. मानव विकास के कोटि क्रम में छोटे निर्धन राष्ट्रों/प्रदेशों का स्थान अपने पड़ोसी सम्पन्न राष्ट्रों/प्रदेशों की तुलना में उच्च मिलता है।

उदाहरण के लिए: भारत में पंजाब तथा गुजरात देश के सम्पन्न राज्य हैं लेकिन भारत के अपेक्षाकृत कम सम्पन्न राज्य केरल का मानव विकास की दृष्टि से उक्त दोनों राज्यों की तुलना में ऊँचा स्थान है। अर्जित मानव विकास मूल्यों के आधार पर विश्व के समस्त देशों को निम्नलिखित चार समूहों में रखा जाता है

  1. अति उच्च सूचकांक मूल्य वाले देश - सूचकांक मूल्य 0 - 8 से अधिक 
  2. उच्च सूचकांक मूल्य वाले देश - 0.701 - 0.799 तक 
  3. मध्यम सूचकांक मूल्य वाले देश - सूचकांक मूल्य 0-550 से 0-700 तक 
  4. निम्न सूचकांक मूल्य वाले देश - सूचकांक मूल्य 0.549 से कम। 

प्रश्न 2. 
विकास का अर्थ गुणात्मक परिवर्तन है, जो सदैव मूल्य सापेक्ष होता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विकास का संबंध किसी क्षेत्र में सम्पन्न होने वाले शिक्षा, स्वास्थ्य एवं संसाधन उपलब्धता के गुणात्मक परिवर्तन से होता है। जब इनमें सकारात्मक वृद्धि होती है तो विकास होता है। सार्थक जीवन का संबंध दीर्घायु से न होकर लोगों के उन्नत स्वास्थ्य, ज्ञान, कौशल एवं विवेक से सम्बद्ध होता है जो उद्देश्ययुक्त होकर समाज का विकास करे। सभी प्रकार के विकास का कर्ता-धर्ता मानव होने के कारण मानव की विकास में केन्द्रीय भूमिका होती है जिसके विकल्प असीमित एवं परिवर्तनशील होते हैं ऐसी दशाओं का प्रयोग कर मानव अपना उन्नयन करता है।

निबंधात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
विकास की अवधारणा क्या है? मानव विकास के चार स्तम्भों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
विकास की अवधारणा अनेक दशकों तक किसी देश के विकास के स्तर का मापन केवल आर्थिक वृद्धि के संदर्भ में किया जाता रहा। इसका आशय यह है कि जिस देश की अर्थव्यवस्था जितनी अधिक बड़ी होती थी, उसे उतना ही अधिक विकसित माना जाता था। इस मापन की सबसे बड़ी कमी यह थी कि किसी देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था का उस देश में निवासित अधिकांश लोगों के जीवन-स्तर में सुधार से कोई संबंध नहीं था।

सन् 1990 में प्रथम बार पाकिस्तानी अर्थशास्त्री महबूब: उल - हक ने मानव विकास सूचकांक का निर्धारण करते हुए इस तथ्य पर बल दिया कि विकास का संबंध लोगों के विकल्पों में बढ़ोत्तरी से है ताकि वे आत्म-सम्मान के साथ - साथ दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन व्यतीत कर सकें। इसी संदर्भ में भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन का यह मानना है कि 'विकास का मुख्य उद्देश्य स्वतंत्रता में वृद्धि करना है।'

मानव विकास के स्तम्भ: जिस प्रकार किसी इमारत को स्तम्भों का सहारा होता है। उसी प्रकार मानव विकास का विचार भी समता, सतत् पोषणीयता, उत्पादकता एवं सशक्तीकरण की संकल्पनाओं पर आश्रित है इन्हें ही मानव विकास के स्तम्भ कहते हैं

(i) समता: समता का आशय एक ऐसे समाज या प्रदेश से है जिसमें निवासित प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध अवसरों के लिए समान पहुँच की व्यवस्था उपलब्ध हो। दूसरे शब्दों में, किसी प्रदेश में उपलब्ध समस्त संसाधनों की वहाँ निवासित प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से उपलब्धता को समता कहा जा सकता है। लोगों को उपलब्ध अवसर या संसाधन, लिंग, प्रजाति, आय तथा जाति के भेदभाव के विचार के बिना समान रूप से मिलने चाहिए।

यद्यपि विश्व के अधिकांश भागों में ऐसा नहीं होता है। भारत जैसे विकासशील देश में महिलाओं, सामाजिक-आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों तथा दूरस्थ क्षेत्रों में निवास करने वाले अधिकांश लोगों को विकास के इन अवसरों से प्रायः वंचित रहना पड़ता है। अतः मानव विकास के लिए यह आवश्यक है कि विकास के अवसरों या संसाधनों की समान उपलब्धता समाज के हर व्यक्ति को प्राप्त हो।

(ii) सतत् पोषणीयता: मानव विकास की अवधारणा में सतत् पोषणीयता टिकाऊ विकास की अभिव्यक्ति है। इसके अंतर्गत यह माना जाता है कि किसी क्षेत्र में उपलब्ध पर्यावरणीय, वित्तीय तथा मानवीय संसाधनों का उपयोग विवेकपूर्ण ढंग से इस प्रकार किया जाए जिससे इन संसाधनों की उपलब्धता समान रूप से आगे आने वाली भावी पीढ़ियों को सुनिश्चित हो सके। वस्तुतः उक्त संसाधनों का दुरुपयोग भावी पीढ़ियों के लिए इन संसाधनों की उपलब्धता के अवसरों को सीमित कर देगा जिससे मानव विकास की प्रक्रिया में अवरोध उत्पन्न होंगे।

(iii) उत्पादकता: मानव विकास अवधारणा के संदर्भ में उत्पादकता का आशय मानव श्रम उत्पादकता अथवा मानव कार्य के संदर्भ में उत्पादकता से है। इसके लिए यह आवश्यक है कि मानवीय समुदाय में साक्षरता को बढ़ाया जाए एवं उत्तम चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध करायी जाएँ जिससे उनकी कार्य-क्षमता को बढ़ाकर उत्पादकता में निरन्तर वृद्धि की जा सकती है। वस्तुत किसी राष्ट्र की वास्तविक पूँजी उसके मानवीय संसाधन होते हैं जिन पर राष्ट्र का विकास निर्भर करता है।

(iv) सशक्तीकरण मानव विकास की अवधारणा के अंतर्गत सशक्तीकरण का आशय है मानव को अपने विकल्पों का चयन करने की शक्ति का प्राप्त होना। सशक्तीकरण के लिए मानव की बढ़ती स्वतंत्रता एवं कार्यक्षमता आवश्यक है। लोगों को सशक्त करने के लिए यह आवश्यक है कि देश में लोकोन्मुखी नीतियों के साथ-साथ उत्तम शासन व्यवस्था हो। इस संदर्भ में देश में निवासित सामाजिक-आर्थिक दृष्टि से पिछड़े मानवीय समूहों के सशक्तीकरण का विशेष महत्त्व है। 

RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव विकास

प्रश्न 2. 
मानव विकास के विभिन्न उपागमों का वर्णन कीजिए।
अथवा 
मानव विकास क्या है? मानव विकास के चार उपागमों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास से आशय विकास के महत्त्वपूर्ण पक्षों में लोगों के जीवन की गुणवत्ता, अवसरों की उपलब्धता तथा प्राप्त स्वतंत्रता सम्मिलित है। इस संदर्भ में मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन डॉ. महबूब-उल-हक नामक पाकिस्तानी अर्थशास्त्री ने किया। इस संदर्भ में डॉ. हक ने मानव विकास को परिभाषित करते हुए लिखा है कि "मानव विकास मानव की आकांक्षाओं एवं उन्हें उपलब्ध जीवनयापन की सुविधाओं के स्तर को विस्तृत करने की प्रक्रिया है।"

इस परिभाषा से स्पष्ट है कि इस प्रकार के विकास का केन्द्र बिन्दु मानव' है तथा मानव विकास का मूल उद्देश्य ऐसी दशाएँ उत्पन्न करना है जिनमें लोग सार्थक जीवन व्यतीत कर सकें। इस संदर्भ में मानव विकास के निम्नलिखित तीन सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पक्ष हैं
(a) दीर्घ एवं स्वस्थ जीवन 
(b) साक्षर या ज्ञानवान होना 
(c) आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता।

अतः स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों की उपलब्धता मानव विकास के केन्द्र बिन्दु हैं। इन पक्षों में से प्रत्येक के मापन के लिए उपयुक्त सूचकों का विकास किया गया है।

प्रायः यह देखा जाता है कि लोगों में आधारभूत विकल्पों को चुनने की क्षमता और स्वतंत्रता नहीं होती। ऐसा गरीबी, सामाजिक भेदभाव, ज्ञान प्राप्त करने की अक्षमता, संस्थाओं की अक्षमता तथा अन्य कारणों के प्रभावी होने के कारण हो सकता है। इन्हीं कारणों से मानव को स्वस्थ व दीर्घ जीवन जीने, साक्षर होने तथा संसाधनों की प्राप्ति में बाधा उत्पन्न होती है। इसलिए लोगों के विकल्पों में वृद्धि करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा तथा संसाधनों की उपलब्धता के लिए मानवीय क्षमताओं को सशक्त बनाना आवश्यक है। यदि किसी क्षेत्र के लोगों की क्षमताएँ सीमित हैं तो उनके विकल्प भी सीमित हो जाएँगे तथा ऐसी स्थिति में मानव विकास का स्तर निम्न बना रहेगा।

मानव विकास के उपागम मानव विकास के अध्ययन के लिए निम्नलिखित चार उपागमों का प्रयोग प्रमुख रूप से किया जाता है:

  1. आय उपागम 
  2. कल्याण उपागम 
  3. आधारभूत आवश्यकता उपागम 
  4. क्षमता उपागम।।


(i) आय उपागम: मानव विकास के अध्ययन का यह सबसे पुराना उपागम है। इसमें मानव विकास का निर्धारण मानव की आय के साथ जोड़कर किया जाता है। इस संदर्भ में यह माना जाता है कि किसी व्यक्ति की आय का स्तर उस व्यक्ति द्वारा उपभोग की जा रही स्वतंत्रता के स्तर को प्रदर्शित करता है। यदि किसी व्यक्ति की आय का स्तर उच्च है तो उसके मानव विकास का स्तर भी ऊँचा ही होगा।

(ii) कल्याण उपागम: मानव विकास के अध्ययन में कल्याण उपागम मानव को एक लाभार्थी या सभी विकासात्मक गतिविधियों के लक्ष्य के रूप में मान्यता प्रदान करता है। यह उपागम प्रत्येक मानव की शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा तथा सुख-साधनों (मानवीय कल्याण) पर पर्याप्त धनराशि के सरकारी व्यय को आवश्यक मानता है। सरकार का यह उत्तरदायित्व है कि मानवीय कल्याण पर अधिकतम व्यय करके मानवीय विकास के स्तरों में वृद्धि करे। कल्याण उपागम यह मानता है कि लोग विकास में प्रतिभागी नहीं हैं, वे विकास के केवल निष्क्रिय प्राप्तकर्ता हैं।

(ii) आधारभूत आवश्यकता उपागम: मानव विकास के इस उपागम का प्रतिपादन अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (I.L.O.) ने किया। इसके अंतर्गत मानव की छह आधारभूत आवश्यकताओं, जैसे-स्वास्थ्य, शिक्षा, भोजन, जलापूर्ति, स्वच्छता तथा आवास की पहचान की गई तथा मानव विकास के लिए उक्त छहों मूलभूत आवश्यकताओं की समुचित व्यवस्था के उन्न्यन पर जोर दिया गया। इस उपागम में मानवीय विकल्पों के प्रश्न की उपेक्षा की गई है।

(iv) क्षमता उपागम: मानव विकास के इस उपागम का प्रतिपादन भारतीय अर्थशास्त्री प्रो. अमर्त्य सेन ने किया। उनका मानना है कि मानवीय क्षमताओं का विकास कर उनकी संसाधनों तक पहुँच को बढ़ाया जा सकता है तथा यही मानव विकास की कुंजी है।

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प्रश्न 3. 
मानव विकास सूचकांक मूल्य के आधार पर विश्व के देशों को वर्गीकृत कर उनकी विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
मानव विकास प्रतिवेदन 2018 के अनुसार, अर्जित मानव विकास सूचकांक मूल्य के आधार पर विश्व के देशों को निम्नलिखित चार वर्गों में रखा गया है

  1. अति उच्च सूचकांक मूल्य वाले देश 
  2. उच्च सूचकांक मूल्य वाले देश 
  3. मध्यम सूचकांक मूल्य वाले देश 
  4. निम्न सूचकांक मूल्य वाले देश।

मानव विकास संवर्ग, स्कोर तथा देशों की संख्या 

मानव विकास का स्तर

मानव विकास सूचकांक का स्कोर

देशों की संख्या

अति उच्च

उच्च

मध्यम

निम्न

0.8 से अधिक

0 - 701- 0.799 के बीच

0 - 550 से 0 - 700 के बीच

0.549 से कम

59

53

39

38

(1) अति उच्च सूचकांक मूल्य वाले देश: इस वर्ग में विश्व के वे 59 देश सम्मिलित हैं जिनमें मानव विकास सूचकांक का मूल्य 0.8 से अधिक मिलता है। दी गई निम्न तालिका में विश्व में मानव विकास सूचकांक का सर्वोच्च मूल्य रखने वाले 10 देशों को अवरोही क्रम में प्रदर्शित किया गया है।

देश

एच.डी.आई.मूल्य

नॉर्वे

0.953

स्विट्जरलैण्ड

0.944

ऑस्ट्रेलिया

0.939

आयरलैण्ड

0.938

जर्मनी

0.936

आइसलैण्ड

0.935

हाँगकाँग

0.933

स्वीडन

0.933

सिंगापुर

0.932

नीदरलैण्ड

0.931


(2) उच्च सूचकांक मूल्य वाले देश: उच्च सूचकांक मूल्य रखने वाले विश्व के 53 देशों द्वारा अपने यहाँ की जनता को शिक्षा तथा स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराना सरकार की उच्च प्राथमिकता है। इन देशों में सामाजिक क्षेत्र के विकास के लिए सरकार द्वारा पर्याप्त धनराशि व्यय की गई है। 

(3) मध्यम सूचकांक मूल्य वाले देश: इस वर्ग में विश्व के 39 देश सम्मिलित हैं जिनमें मानव विकास सूचकांक का मूल्य 0-550 से 0.700 के मध्य मिलता है। इस वर्ग के देशों में उच्च सूचकांक मूल्य वाले देशों की तुलना में सामाजिक भेदभाव अधिक पाया जाता है। यद्यपि इनमें से अनेक देश अधिक लोकोन्मुखी नीतियों को अपनाकर तथा सामाजिक भेदभाव को दूर करके अपने मानव विकास सूचकांक मूल्य में सुधार करने के लिए प्रयासरत हैं। वहीं दूसरी ओर इस वर्ग के अनेक देश ऐसे भी हैं जिनमें राजनैतिक अस्थिरता तथा सामाजिक विद्रोह की स्थितियाँ प्रभावी हैं।

(4) निम्न सूचकांक मूल्य वाले देश: इस वर्ग में विश्व के 38 देश सम्मिलित हैं जिनमें मानव विकास सूचकांक का मूल्य 0.549 से कम मिलता है। इनमें से अधिकांश देश राजनैतिक अस्थिरता, गृहयुद्ध, सामाजिक अस्थिरता, अकाल तथा विभिन्न बीमारियों के प्रकोप से ग्रसित हैं। इस वर्ग के देशों में सामाजिक क्षेत्र की तुलना में प्रतिरक्षा पर अधिक व्यय किया जाता है। इसी कारण इन देशों में त्वरित आर्थिक विकास प्रारम्भ नहीं हो पाया है।

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इस अध्याय से पूछे गए प्रश्न:

प्रश्न  1. 
वह विकास जो लोगों की आकांक्षाओं को बढ़ाता है तथा उनके जीवन स्तर को सुधारता है, कहलाता है। 
(अ) सतत् विकास 
(ब) मानव विकास 
(स) प्रादेशिक विकास 
(द) सामाजिक विकास
उत्तर:
(ब) मानव विकास। 

RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 4 मानव विकास

प्रश्न  2. 
निम्नांकित देशों में से कौन-से देश में उच्च मानव विकास कोटि है?
(अ) वियतनाम 
(ब) मलेशिया 
(स) फिलीपीन्स 
(द) इंडोनेशिया 
उत्तर:
(ब) मलेशिया। 

प्रश्न  3. 
निम्नलिखित लक्षणों में से कौन मानवीय विकास का माप नहीं है?
(अ) साक्षरता
(ब) जीवन प्रत्याशा 
(स) प्रति व्यक्ति आय 
(द) उपभोक्ता व्यय 
उत्तर:
(द) उपभोक्ता व्यय।। 

प्रश्न  4. 
उस व्यक्ति का नाम बताइए जो गरीबी निर्धारण में सकल कुशलता अनुपात (जी.डब्लू.आई.) को सम्मिलित करने का मुख्य समर्थक है। 
(अ) मनमोहन सिंह 
(ब) शशी थरूर 
(स) अमर्त्य सेन 
(द) पी. चिदम्बरम 
उत्तर:
(स) अमर्त्य सेन। 

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प्रश्न  5. 
एक प्रदेश के सामाजिक-आर्थिक उन्नयन का महत्त्वपूर्ण सूचक है। 
(अ) महिला साक्षरता 
(ब) प्रति व्यक्ति आय 
(स) निम्नस्थ मृत्यु दर 
(द) ये सभी
उत्तर:
(द) ये सभी। 

प्रश्न  6. 
मानव संसाधन का विकास मुख्य रूप से आवश्यक है, क्योंकि लोग। 
(अ) अधिक पारिश्रमिक पा सकते हैं
(ब) अच्छे कार्य के लिए प्रवसन कर सकते हैं 
(स) छोटे परिवार के मानक को अपना सकते हैं 
(द) प्राकृतिक संसाधनों को विकसित कर सकते हैं 
उत्तर:
(द) प्राकृतिक संसाधनों को विकसित कर सकते हैं। 

प्रश्न  7. 
सम्पूर्ण विश्व में मानव विकास सूचकांक (H.D.I.) धनात्मक प्रवृत्ति दर्शाता है सिवाय
(अ) उपसहारा अफ्रीका के
(ब) पूर्वी एशिया एवं प्रशांत के 
(स) लैटिन अमेरिका एवं कैरेबियन के
(द) मध्य एवं पूर्वी यूरोप तथा सी.आई.एस. देशों के 
उत्तर:
(अ) उपसहारा अफ्रीका के। 

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प्रश्न  8. 
किस देश ने विकास हेतु 'एक देश, दो पद्धतियाँ' सिद्धान्त अपनाया है?
(अ) चीन
(ब) जापान
(स) दक्षिण कोरिया 
(द) फिलीपीन्स 
उत्तर:
(अ) चीन।

Prasanna
Last Updated on Dec. 30, 2023, 10:18 a.m.
Published Dec. 29, 2023