RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

Rajasthan Board RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ Important Questions and Answers.

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RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ

बहुविकल्पीय प्रश्न: 

प्रश्न 1. 
निम्न में से प्रदूषण का प्रकार है।
(क) जल प्रदूषण 
(ख) वायु प्रदूषण 
(ग) भू-प्रदूषण 
(घ) ये सभी। 
उत्तर:
(घ) ये सभी। 

RBSE Class 12 Geography Important Questions Chapter 12 भौगोलिक परिप्रेक्ष्य में चयनित कुछ मुद्दे एवं समस्याएँ 

प्रश्न 2. 
निम्न में से जल प्रदूषण का मुख्य स्रोत है।
(क) उद्योग 
(ख) अपरदन 
(ग) मृत पशु
(घ) इनमें से कोई नहीं। 
उत्तर:
(क) उद्योग 

प्रश्न 3. 
सर्वाधिक जल प्रदूषक उद्योग है।
(क) चमड़ा उद्योग
(ख) कागज व लुगदी उद्योग 
(ग) वस्त्र व रसायन उद्योग
(घ) ये सभी। 
उत्तर:
(ख) कागज व लुगदी उद्योग 

प्रश्न 4. 
वायु प्रदूषणजन्य रोग निम्न में से कौन-सा है?
(क) अतिसार 
(ख) हेपेटाइटिस 
(ग) फेफड़ों के रोग 
(घ) मलेरिया। 
उत्तर:
(घ) मलेरिया। 

प्रश्न 5. 
धूम्र कुहरा सम्बन्धित होता है।
(क) जल प्रदूषण से 
(ख) अम्लीय वर्षा से 
(ग) ध्वनि प्रदूषण से 
(घ) वायु प्रदूषण से। 
उत्तर:
(ख) अम्लीय वर्षा से 

प्रश्न 6. 
ध्वनि प्रदूषण का सबसे बड़ा स्रोत है।
(क) वाहनों का संचालन 
(ख) लाउडस्पीकर 
(ग) परमाणु विस्फोट 
(घ) ज्वालामुखी विस्फोट। 
उत्तर:
(ग) परमाणु विस्फोट 

प्रश्न 7. 
डेसीबल इकाई है।
(क) वायुदाब की 
(ख) शोर के स्तर की 
(ग) वायु ताप की 
(घ) सापेक्षिक आर्द्रता की।
उत्तर:
(क) वायुदाब की 

प्रश्न 8. 
एशिया की विशालतम गंदी बस्ती धारावी अवस्थित है।
(क) दिल्ली में 
(ख) कोलकाता में 
(ग) चेन्नई में 
(घ) मुंबई में। 
उत्तर:
(घ) मुंबई में।

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प्रश्न 9. 
निम्न में से भू-निम्नीकरण का कारक है।
(क) अपरदन 
(ख) लवणता 
(ग) भू-क्षारता 
(घ) उपर्युक्त सभी। 
उत्तर:
(ग) भू-क्षारता 

प्रश्न 10. 
निम्न में से किस राज्य से झाबुआ जिला सम्बन्धित है।
(क) राजस्थान 
(ख) उत्तर प्रदेश 
(ग) मध्य प्रदेश 
(घ) हिमाचल प्रदेश।
उत्तर:
(ग) मध्य प्रदेश 

समेलन सम्बन्धी प्रश्न:

निम्न में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए:

प्रश्न 1. 

स्तम्भ अ (दशा)

स्तम्भ ब (सम्बन्ध) 

(i) धूम कोहरा

(अ) ध्वनि प्रदूषण 

(ii) डेसीबल

(ब) झारखण्ड 

(iii) एशिया की सबसे बड़ी गंदी बस्ती 

(स) रानीपेट 

(iv) गंगा ग्राम

(द) धारावी  

(v) दक्षिण भारत का सर्वाधिक प्रदूषित शहर

(य) वायु प्रदूषण

उत्तर:

स्तम्भ अ (दशा)

स्तम्भ ब (सम्बन्ध) 

(i) धूम कोहरा

(य) वायु प्रदूषण

(ii) डेसीबल

(अ) ध्वनि प्रदूषण 

(iii) एशिया की सबसे बड़ी गंदी बस्ती 

(द) धारावी  

(iv) गंगा ग्राम

(स) रानीपेट 

(v) दक्षिण भारत का सर्वाधिक प्रदूषित शहर

(ब) झारखण्ड 


रिक्त स्थान पूर्ति सम्बन्धी प्रश्न:

निम्न वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए:

प्रश्न 1.
आधुनिक कृषि में विभिन्न प्रकार के ................ पदार्थों का उपयोग होता है। 
उत्तर:
रासायनिक

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प्रश्न 2.
नगरों के ऊपर कुहरा जिसे ............... धूम कुहरा कहा जाता है। 
उत्तर:
शहरी

प्रश्न 3.
ध्वनि प्रदूषण ................ विशिष्ट होता है। 
उत्तर:
स्थान

प्रश्न 4.
भारत में नगरीय ................. निपटान एक गंभीर समस्या है। 
उत्तर:
अपशिष्ट

प्रश्न 5.
प्राकृतिक प्रक्रियाओं की अपेक्षा मानवीय ............... द्वारा अधिक ..................... भूमि का विस्तार हुआ है।
उत्तर:
प्रक्रियाओं, व्यर्थ। 

सत्य - असत्य कथन सम्बन्धी प्रश्न:

निम्न में से सत्य - असत्य कथनों की पहचान कीजिए:

प्रश्न 1.
पर्यावरण प्रदूषण मानवीय क्रियाकलापों के अपशिष्ट उत्पादों से मुक्त द्रव्य व ऊर्जा का परिणाम है।
उत्तर:
सत्य

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प्रश्न 2. 
जल में स्वतः शुद्धीकरण की क्षमता नहीं होती है।
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 3.
उत्पादन प्रक्रिया में उद्योग अनेक अवांछित उत्पाद पैदा करते हैं।
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 4.
उर्वरक धरातलीय जल में नाइट्रेट की मात्रा को घटा देते हैं।
उत्तर:
असत्य 

प्रश्न 5.
औद्योगिक कचरे को नदियों में डालने से जल प्रदूषण की समस्या होती है।
उत्तर:
सत्य

अति लघु उत्तरीय प्रश्न:

प्रश्न 1. 
पर्यावरण प्रदूषण से क्या आशय है?
उत्तर:
पर्यावरण का वह कोई भी परिवर्तन जो पर्यावरण की गिरावट में योगदान देता है तथा इससे मानव व अन्य जीवों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, पर्यावरण प्रदूषण कहलाता है। 

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प्रश्न 2. 
प्रदूषण के प्रकार बताइए।
अथवा 
प्रदूषकों के परिवहित एवं विसरित होने के माध्यम के आधार पर प्रदूषण को कितने प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है? 
उत्तर:

  1. जल प्रदूषण 
  2. वायु प्रदूषण 
  3. भू-प्रदूषण 
  4. ध्वनि प्रदूषण। 

प्रश्न 3. 
जल प्रदूषण क्या है?
उत्तर:
प्राकृतिक जल में किसी अवांछित बाह्य पदार्थ का प्रवेश जिससे जल की गुणवत्ता में कमी आती है, जल प्रदूषण कहलाता है।

प्रश्न 4. 
जल की गुणवत्ता का निम्नीकरण किस कारण से हुआ है?
उत्तर:
तेजी से बढ़ती जनसंख्या तथा औद्योगिक विस्तार के कारण जल के अविवेकपूर्ण उपयोग से जल की गुणवत्ता में निम्नीकरण हुआ है।

प्रश्न 5. 
जल प्रदूषित कब होता है?
उत्तर:
जब जल में अल्प मात्रा में उपस्थित निलंबित कण, कार्बनिक तथा अकार्बनिक पदार्थों की सांद्रता बढ़ जाती है। तो जल प्रदूषित हो जाता है।

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प्रश्न 6. 
भारत की दो सर्वाधिक प्रदूषित नदियाँ कौन सी हैं? 
उत्तर:

  1. गंगा नदी 
  2. यमुना नदी। 

प्रश्न 7. 
उत्तर प्रदेश के दो नगरों के नाम बताइए जो मुख्य रूप से गंगा नदी के प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हैं? 
उत्तर:

  1.  कानपुर 
  2. वाराणसी। 

प्रश्न 8. 
उत्तर प्रदेश तथा बिहार राज्यों में गंगा नदी के प्रदूषित भाग बताइए। 
उत्तर:

  1. कानपुर से वाराणसी 
  2. वाराणसी से पटना। 

प्रश्न 9. 
सर्वाधिक जल प्रदूषक उद्योग कौन-कौन से हैं? 
उत्तर:

  1. चमड़ा उद्योग 
  2. लुगदी व कागज उद्योग 
  3. वस्त्र उद्योग 
  4. रसायन उद्योग। 

प्रश्न 10. 
भारत में जल प्रदूषण के लिए उत्तरदायी किन्हीं तीन सांस्कृतिक गतिविधियों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:

  1. तीर्थयात्राएँ 
  2. धार्मिक मेले 
  3. पर्यटन। 

प्रश्न 11. 
जलजनित बीमारियों का प्रमुख स्रोत क्या है? 
उत्तर:
जल प्रदूषण। 

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प्रश्न 12. 
संदूषित जल के उपयोग से होने वाली किन्हीं दो बीमारियों के नाम बताइए। 
उत्तर:

  1. दस्त (डायरिया) 
  2. आँतों के कृमि। 

प्रश्न 13. 
वायु प्रदूषण से क्या आशय है?
उत्तर:
प्राकृतिक अथवा मानवजनित कारणों से वायुमण्डल में संदूषकों की उपस्थिति वायु प्रदूषण कहलाता है। वायु प्रदूषण मानव पौधों एवं पशुओं के जीवन को हानि पहुँचाता है।

प्रश्न 14. 
वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत कौन-कौन से हैं? 
उत्तर:

  1. जीवाश्म ईंधन का दहन 
  2. खनन 
  3. उद्योग। 

प्रश्न 15. 
धूम्र कोहरा क्या है?
उत्तर:
औद्योगिक व नगरीय क्षेत्रों में वायुमंडल की निचली परत में भारी मात्रा में उपस्थित प्रदूषित गैसें तथा प्रदूषक तत्व जब सामान्य रूप से पड़ने वाले कोहरे से मिल जाते हैं तो धूम्र कोहरा उत्पन्न हो जाता है। यह मानव स्वास्थ्य के लिए अधिक खतरनाक होता है। 

प्रश्न 16. 
अम्ल वर्षा क्या है?
उत्तर:
औद्योगिक चिमनियों, विशेषकर कोयला उपयोग करने वाले शक्ति संयंत्रों द्वारा छोड़े गये रसायनों द्वारा प्रदूषित वर्षा को अम्लीय वर्षा कहते हैं। 

प्रश्न 17. 
अम्ल वर्षा होने के मुख्य कारण का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
अम्लीय वर्षा मुख्यतः धूम्र कोहरे एवं वायु प्रदूषण अथवा पर्यावरणीय प्रदूषण के कारण होती है। 

प्रश्न 18. 
ध्वनि प्रदूषण क्या होता है?
उत्तर:
विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न ध्वनि का मानव की सहनीय सीमा से अधिक तथा असहज होना ध्वनि प्रदूषण कहलाता है।

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प्रश्न 19. 
ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्रोत क्या हैं?
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण के मुख्य स्रोत विविध उद्योग, मशीनीकृत निर्माण तथा तोड़फोड़ कार्य, तीव्र चालित मोटर वाहन एवं वायुयान आदि हैं।

प्रश्न 20. 
नगरीय ठोस कचरे में क्या-क्या होता है?
उत्तर:
नगरीय ठोस कचरे में विभिन्न प्रकार की पुरानी व अप्रयुक्त सामग्री जैसे जंग लगी पिन, टूटे काँच, प्लास्टिक के डिब्बे, पॉलीथीन थैलियाँ, रद्दी कागज, फ्लॉपियाँ तथा सी. डी. आदि सम्मिलित हैं।

प्रश्न 21. 
विकासशील राष्ट्रों में अकुशल श्रमिक ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में क्यों प्रवास करते हैं? 
उत्तर:
क्योंकि इन्हें परिवार का पालन-पोषण करने के लिए शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध हो जाते हैं। 

प्रश्न 22. 
गंदी बस्तियों की उत्पत्ति कैसे क्षेत्रों में होती है? 
उत्तर:
गंदी बस्तियों की उत्पत्ति गरीब लोगों द्वारा पर्यावरण की दृष्टि से बेमेल तथा निम्नीकृत क्षेत्रों में होती है। 

प्रश्न 23. 
एशिया की विशालतम गंदी बस्ती का नाम बताइए। 
उत्तर:
धारावी (मुम्बई)। 

प्रश्न 24. 
मुंबई की धारावी बस्ती किस क्षेत्र पर बसी है? 
उत्तर:
धारावी बस्ती केन्द्रीय मुंबई में सागर के उस हिस्से पर बसी है जिसे व्यापक रूप से शहरी कचरे से भर दिया गया है। 

प्रश्न 25. 
भू-निम्नीकरण के प्रमुख कारण लिखिए। 
उत्तर:
मृदा अपरदन, लवणता (जलाक्रांतता), भू-क्षारता तथा भू-उर्वरकता अप्रबन्धन भू-निम्नीकरण के प्रमुख कारण हैं। 

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प्रश्न 26. 
झाबुआ जिले में किस जनजाति का उच्च सांद्रण मिलता है? 
उत्तर:
भील जनजाति का। 

प्रश्न 27. 
साझी संपदा संसाधन क्या है? 
उत्तर:
ऐसी भूमि जो समस्त गाँव वालों की सम्पत्ति होती है उसे साझी संपदा संसाधन कहा जाता है। 

लघु उत्तरीय प्रश्न (SA1):

प्रश्न 1. 
प्रदूषण क्या है? प्रदूषण के प्रकार बताइए।
उत्तर:
प्रदूषण - हमारी भूमि, वायु और जल के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक लक्षणों में अनचाहा परिवर्तन जिसके कारण मानव तथा अन्य जीवों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, प्रदूषण कहलाता है। पर्यावरण प्रदूषण मानवीय क्रियाकलापों के अपशिष्ट उत्पादों से युक्त द्रव्य व ऊर्जा का नकारात्मक परिणाम होता है।
प्रदूषण के प्रकार: प्रदूषण के अनेक प्रकार हैं। प्रदूषकों के परिवहित एवं उत्पन्न होने के माध्यम के आधार पर प्रदूषण निम्न प्रकारों में बाँटा जा सकता है:

  1. वायु प्रदूषण 
  2. जल प्रदूषण 
  3. भू-प्रदूषण 
  4. ध्वनि प्रदूषण 

प्रश्न 2. 
जल प्रदूषण क्या है? इसके प्रमुख स्रोत बताइए।
उत्तर:
जल प्रदूषण प्राकृतिक जल में किसी अवांछित बाह्य पदार्थ का प्रवेश जिससे जल की गुणवत्ता में कमी आती है, जल प्रदूषण कहलाता है। जल प्रदूषण के स्रोत-जल प्रदूषण के मुख्य स्रोत वाहित निपटान, नगरीय वाही जल, कृषि भूमि के ऊपर से बहता हुआ उद्योगों का विषाक्त जल तथा नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र, अपरदन, भूस्खलन, पेड़-पौधों तथा मृत पशुओं का सड़ना-गलना आदि। 

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प्रश्न 3. 
जल प्रदूषण में उद्योगों की भूमिका का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
जल प्रदूषण के स्रोतों में उद्योग सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्रोत होते हैं। चमड़ा, लुगदी, कागज, वस्त्र तथा रसायन उद्योग सर्वाधिक जल प्रदूषक उद्योग होते हैं। उद्योगों की उत्पादन प्रक्रिया में अनेक अवांछित उत्पाद निष्कासित होते हैं। उद्योगों से निष्कासित अधिकांश कचरा प्रवाहित जल - धाराओं अथवा झीलों में विसर्जित कर दिया जाता है। जिसके फलस्वरूप औद्योगिक कचरे में निहित विषाक्त रासायनिक तत्व जलाशयों, नदियों तथा अन्य जलीय राशियों के जल से मिलकर उसे प्रदूषित कर देते हैं। एक सीमा से अधिक प्रदूषित हो जाने पर उस जल में रहने वाले जीवधारियों की असामयिक मृत्यु होने लगती है।

प्रश्न 4. 
जल प्रदूषण में आधुनिक कृषि की भूमिका का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
वर्तमान समय में विश्व के अनेक भागों में आधुनिक कृषि प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है, जिसमें अनेक प्रकार के रासायनिक पदार्थों का उपयोग किया जाता है। इन रासायनिक पदार्थों में अकार्बनिक उर्वरक, कीटनाशक तथा खरपतवारनाशक रसायन सम्मिलित होते हैं। अकार्बनिक उर्वरक धरातलीय जल में नाइट्रेट की मात्रा में वृद्धि कर देते हैं। साथ ही यह झीलों तथा तालाबों में प्रवाहित कर दिया जाता है, जिसके कारण जलाशयों का जल प्रदूषित हो जाता है। यही नहीं कृषि क्षेत्रों का यह रसायन युक्त जल रिसाव द्वारा भूगर्भिक जल को भी प्रदूषित कर देता है।

प्रश्न 5. 
संदूषित जल के उपयोग से होने वाली हानियाँ बताइए। 
उत्तर: 
संदूषित जल का उपयोग विभिन्न प्रकार की जलजनित बीमारियों का प्रमुख स्रोत है। इससे प्रायः दस्त (डायरिया), आँतों के कृमि, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ होती हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में लगभग एक-चौथाई संचारी रोग संदूषित जल के उपयोग के कारण फैलते हैं।

प्रश्न 6. 
वायु प्रदूषण को परिभाषित कीजिए तथा वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोतों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
वायु प्रदूषण की परिभाषा: प्राकृतिक एवं मानवजनित कारणों से वायुमण्डल में संदूषकों; जैसे-धूल, धुआँ, गैसें, कुहासा, दुर्गंध एवं वाष्प आदि की उपस्थिति जो मानव, जन्तुओं एवं सम्पत्ति के लिए हानिकारक हो, वायु प्रदूषण कहलाता है।

वायु प्रदूषण के स्रोत: जीवाश्म ईंधन (कोयला व पेट्रोलियम) का दहन, खनन तथा उद्योग वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं। उक्त प्रक्रियाओं से वायु में सल्फर व नाइट्रोजन के ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, कार्बन डाइ-ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, सीसा तथा एस्बेस्टास छोड़े जाते हैं जो वायु को प्रदूषित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

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प्रश्न 7. 
वायु प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव बताइए।
अथवा 
वायु प्रदूषण के दुष्प्रभाव बताइए।
अथवा 
भारत में वायु प्रदूषण एक समस्या है, कैसे?
उत्तर:
वायु प्रदूषण के निम्नलिखित हानिकारक प्रभाव हैं:

  1. वायु प्रदूषण के कारण श्वसन तंत्रीय, तंत्रिका तंत्रीय एवं रक्त संचार सम्बन्धी विभिन्न बीमारियाँ होती हैं। 
  2. नगरों के ऊपर धूम्र कोहरा छा जाता है जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
  3. वायुमण्डल में कार्बन डाइ-ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड आदि गैसों का संक्रेन्द्रण बढ़ने से वायुमण्डल के तापमान में वृद्धि हो जाती है।
  4. वायु प्रदूषण के कारण अम्ल वर्षा भी हो सकती है। 

प्रश्न 8. 
वायु प्रदूषण निवारण के उपाय बताओ।
उत्तर:

  1. वाहनों की संख्या पर नियंत्रण करना 
  2. गैर परम्परगत ऊर्जा आधारित वाहनों का प्रयोग करना 
  3. उद्योगों में धुआँ शुद्धक यंत्र लगाना 
  4. जीवाश्म दहन पर रोक लगाना 
  5. वृक्षारोपण को बढ़ावा देना 
  6. जन जागरूकता उत्पन्न करना।

प्रश्न 9. 
ध्वनि प्रदूषण से क्या आशय है? इसके स्रोत बताइए। 
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण से आशय विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न ध्वनि का मानव की सहन सीमा से अधिक तथा असहज हो जाना ध्वनि प्रदूषण कहलाता है। ध्वनि के स्तर का 'डेसीबल' में मापन किया जाता है।

ध्वनि प्रदूषण के स्रोत - विविध उद्योग, मशीनीकृत निर्माण, तोड़-फोड़ कार्य, तीव्र चालित मोटर वाहन तथा वायुयान ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं। इसके अलावा लाउडस्पीकर यंत्रों से सामुदायिक उत्सवों में होने वाला शोर भी ध्वनि प्रदूषण का अन्य स्रोत हैं।

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प्रश्न 10. 
आधुनिक जीवन शैली ध्वनि प्रदूषण हेतु उत्तरदायी है, समझाइए। 
उत्तर:
आधुनिक जीवन शैली ध्वनि प्रदूषण हेतु उत्तरदायी है यह सत्य है इसे निम्न बिन्दुओं के माध्यम से समझा जा सकता है:

  1. अत्यधिक वाहनों का प्रयोग करना 
  2. आतिशबाजी 
  3. सांस्कृतिक आयोजनों पर ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग 
  4. जनसंख्या जनित कोलाहल 
  5. वायुयान जनित शोर 
  6. औद्योगिक इकाई जनित शोर आदि।

प्रश्न 11. 
भारत के कई बड़े शहरों में ध्वनि प्रदूषण किस प्रकार खतरनाक हो गया है? समझाइए।
उत्तर:
शहरी क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण से अनेक दुर्घटनाएं होती रहती हैं साथ ही तीव्र ध्वनि के कारण स्थानीय निवासी मानसिक रूप से चिड़चिड़े एवं र वियुक्त रहते हैं। ध्वनि प्रदूषण से जनसंख्या को बढ़ावा मिला है तथा मानसिक तनाव के साथ-साथ जैव विविधता में भी कमी आयी है।

प्रश्न 12. 
नगरीय अपशिष्ट के स्रोत कौन - कौन से हैं?
उत्तर:
नगरीय अपशिष्ट को जैसे कूड़ा-करकट, रद्दी अथवा कबाड़ के नाम से जाना जाता है, इसकी प्राप्ति अग्रलिखित दो स्रोतों से होती है।

  1. घरेलू प्रतिष्ठानों से 
  2. व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से।

(i) घरेलू प्रतिष्ठानों से नगरीय क्षेत्रों में घरेलू कचरे को या तो सार्वजनिक भूमि पर या निजी ठेकेदारों द्वारा निर्धारित स्थलों पर डाला जाता है। 

(ii) व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से - नगरीय क्षेत्रों में संचालित व्यावसायिक या औद्योगिक इकाइयों द्वारा निष्कासित कचरे का संग्रहण तथा निपटान का कार्य सम्बन्धित नगरपालिकाओं अथवा किसी नगरीय निकाय द्वारा किया जाता है। इस निष्कासित कचरे को निचली सतह की सार्वजनिक भूमि या गड्ढों में डाला जाता है।

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प्रश्न 13. 
विश्व में नगरीय जनसंख्या में हो रही तीव्र वृद्धि तथा इसके उत्तरंदायी कारकों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
'वर्तमान में विश्व की कुल जनसंख्या लगभग 7 अरब है, जिसमें से लगभग 47 प्रतिशत जनसंख्या नगरों में निवास करती है। एक अनुमान के अनुसार सन् 2050 में विश्व की कुल जनसंख्या में नगरीय जनसंख्या का प्रतिशत बढ़कर लगभग 67 प्रतिशत तक हो जायेगा।

विश्व में नगरीय जनसंख्या में हो रही तीव्र वृद्धि के लिए निम्नलिखित कारक उत्तरदायी हैं। 

  1. नगरीय जनसंख्या की प्राकृतिक वृद्धि। 
  2. निवल अप्रवास (जिसमें बाहर जाने वालों की अपेक्षा आने वाले अधिक हों)। 
  3. नगरीय क्षेत्रों का पुनः वर्गीकरण, जिसमें समीपवर्ती ग्रामीण जनसंख्या को नगरीय क्षेत्रों में सम्मिलित कर लिया जाता है। 

प्रश्न 14. 
यदि आपको दिल्ली में निवास करना पड़े तो आपके सामने आने वाली समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
दिल्ली भारत का सर्वाधिक जनसंख्या वाला शहर है। अत्यधिक जनसांख्यिकीय दबाव के कारण निम्न समस्याएँ प्रमुख रूप से मिलती हैं।

  1. अत्यधिक वाहनों के कारण ध्वनि प्रदूषण की समस्या 
  2. जल एवं वायु प्रदूषण की समस्या 
  3. आवासों की कमी से उत्पन्न आवासीय समस्या 
  4. धूम्र कोहरे की समस्या 
  5. पारिवारिक अलगाववाद एवं महँगाई की समस्या। 

प्रश्न 15. 
भारत में गंदी बस्तियों की प्रमुख समस्याएँ बताइए।
अथवा 
नगरीय गंदी बस्तियों की समस्याएँ बताइए।
उत्तर:
गंदी बस्तियों की समस्याएँ:

  1. गंदी बस्तियाँ न्यूनतम वांछित आवासीय क्षेत्र होते हैं जहाँ घटिया स्तर के मकान, स्वास्थ्य की निम्न सुविधाएँ, स्वच्छ वा का अभाव होता है। 
  2. इन बस्तियों में पेयजल, प्रकाश तथा शौच जैसी आधारभूत सुविधाओं का भी अभाव पाया जाता है। 
  3. गंदी बस्तियों में निवासित लोग अल्पपोषित होने व अस्वास्थ्यकर दशाओं में रहने के कारण इनके विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है। 
  4. मादक द्रव्यों का उपयोग, अपराध, गुंडागर्दी तथा पलायन जैसी सामाजिक बुराइयों की गिरफ्त में इन क्षेत्रों की एक बड़ी जनसंख्या पीड़ित रहती है।

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प्रश्न 16. 
एशिया की विशालतम गंदी बस्ती कौन-सी है? उसमें कौन-कौन से निर्माण कार्य किये जाते हैं?
उत्तर:
धारावी (मुम्बई-महाराष्ट्र) एशिया की विशालतम गंदी बस्ती है। धारावी वस्तुतः सागर का ही एक हिस्सा है जोकि व्यापक रूप से कचरे से भरी गई जगह पर है। धारावी में मुख्यतः मृतिका शिल्प (सेरेमिक्स), मिट्टी के बर्तन, कसीदाकारी, जरी का काम, उच्च फैशन के वस्त्र, परिष्कृत चमड़े का काम, रॉट मैटल का कार्य, आभूषण निर्माण, लकड़ी की पच्चीकारी एवं फर्नीचर निर्माण का कार्य किया जाता है।
 
प्रश्न 17. 
भू-निम्नीकरण को प्रक्रियाओं के आधार पर वर्गीकृत कीजिए। 
उत्तर:
भू-निम्नीकरण को प्रक्रियाओं के आधार पर निम्नलिखित तीन वर्गों में रखा जाता है:

  1. प्राकृतिक प्रक्रियाओं से: जैसे प्राकृतिक खड्ड, मरुस्थलीय भूमि, तटीय रेतीली भूमि, बंजर चट्टानी क्षेत्र, तीव्र ढाल वाली भूमि तथा हिमानी क्षेत्र।
  2. मानवीय प्रक्रियाओं से: जैसे स्थानान्तरित कृषिजनित, रोपण कृषिजनित, क्षारित वन, क्षारित चारागाह तथा खनन व औद्योगिक व्यर्थ क्षेत्र।
  3. प्राकृतिक तथा मानवजनित प्रक्रियाओं से: जलाक्रांत क्षेत्र, दलदली क्षेत्र, लवणता व क्षारीयता प्रभावित भूमियाँ, झाड़ी सहित व झाड़ी रहित भूमियाँ। 

प्रश्न 18. 
"भारत में मानवीय क्रिया-कलापों के कारण हुआ भू-निम्नीकरण प्राकृतिक प्रक्रियाओं द्वारा हुए भू-निम्नीकरण की तुलना में अधिक हानिकारक है।" कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
भू-निम्नीकरण दो प्रक्रियाओं द्वारा तीव्रता से होता है। ये प्रक्रियाएँ प्राकृतिक एवं मानव जनित हैं। मानव जनित भू-निम्नीकरण कुल निम्नीकरणे का 5.88 प्रतिशत है। यह प्राकृतिक क्रियाओं द्वारा जनित भू-निम्नीकरण (2.4%) से अधिक है। मानव जनित क्रियाओं द्वारा निम्न कोटि की भूमियाँ उत्पन्न होती हैं; जैसे-स्थानान्तरित कृषि जनित क्षेत्र, रोपण कृषि जनित क्षेत्र, क्षारित चारागाह, औद्योगिक व्यर्थ क्षेत्र एवं क्षारित वन क्षेत्र आदि।

प्रश्न 19. 
झाबुआ जिले में जल संभरण प्रबन्धन कार्यक्रम को प्रारम्भ किये जाने का मुख्य कारण क्या है?
उत्तर:
झाबुआ जिला मध्यप्रदेश में स्थित है। यह एक अति पिछड़ा जिला है। इस जिले में जल संभरण प्रबन्धन कार्यक्रम मुख्य रूप से भूमि-जल एवं वनस्पतियों के बीच संबद्धता को पहचानकर एवं प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन से भूमि निम्नीकरण को रोकने तथा भूमि की गुणवत्ता को सुधारने हेतु क्रियान्वित किया गया है। यह कार्यक्रम सामुदायिक सहभागिता से लोगों की आजीविका को सुधारने का प्रयास भी करता है। 

लघु उत्तरीय प्रश्न (SA2):

प्रश्न 1. 
जल प्रदूषण क्या है? उद्योग किस प्रकार जल प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से उत्तरदायी होते हैं?
अथवा 
जल प्रदूषण को परिभाषित करते हुए स्पष्ट कीजिए कि उद्योगों के कौन-कौन से उत्पाद एवं अपशिष्ट पदार्थ जल को प्रदूषित करते हैं?
उत्तर:
जल प्रदूषण: प्राकृतिक जल में किसी अवांछित बाह्य पदार्थ का प्रवेश जिससे जल की गुणवत्ता में कमी आती है, जल प्रदूषण कहलाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जब प्राकृतिक व अन्य स्रोतों से विजातीय पदार्थ जल में मिल जाते हैं तब वे सजीव जगत के लिए हानिकारक होते हैं। जल में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने पर उसके दुष्प्रभाव होते हैं तथा महामारियाँ फैलती हैं। जल प्रदूषण में उद्योगों की भूमिका जल प्रदूषण के स्रोतों में उद्योग सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण स्रोत होते हैं। 

चमड़ा, लुगदी, कागज, वस्त्र तथा रसायन उद्योग सर्वाधिक जल प्रदूषक उद्योग होते हैं। उद्योगों की उत्पादन प्रक्रिया में अ.क अवांछित उत्पाद निष्कासित होते हैं जिनमें औद्योगिक कचरा, प्रदूषित अपशिष्ट जल, जहरीली गैसें, रासायनिक अवशेष, अनेक भारी धातुएँ, धूल तथा धुआँ सम्मिलित होते हैं।

उद्योगों से निष्कासित अधिकांश कचरा प्रवाहित जल धाराओं अथवा झीलों में विसर्जित कर दिया जाता है। जिसके फलस्वरूप औद्योगिक कचरे में निहित विषाक्त रासायनिक तत्व जलाशयों, नदियों तथा अन्य जलीय राशियों के जल से मिलकर उसे प्रदूषित कर देते हैं। एक सीमा से अधिक प्रदूषित हो जाने पर उस जल में रहने वाले जीवधारियों की असामयिक मृत्यु होने लगती है।

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प्रश्न 2. 
प्रदूषण के विभिन्न प्रकारों, सन्निहित प्रदूषण तथा प्रदूषण के स्रोतों को तालिकाबद्ध कर प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:

प्रदूषण प्रकार

सन्निहित प्रदूषण

प्रदूषण के स्रोत

1. वायु प्रदूषण

सल्फर के ऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, अमोनिया, सीसा, एल्डिहाइड्स, एस्बेस्टॉस एवं बेरिलियम।

कोयला, पेट्रोल व डीजल का दहन, नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र, औद्योगिक प्रक्रम, ठोस कचरा निपटान, वाहित मल निपटान, पार्थिव देह आदि।

2. जल प्रदूषण

बदबू, घुलित एवं निलंबित ठोस कण, अमोनिया तथा यूरिया, नाइट्रेट एवं नाइट्राइट्स, क्लोराइड्स, फ्लोराइड्स, कार्बोनेट्स, तेल एवं ग्रीस (चिकनाई), कीटनाशकों एवं पीड़कनाशी के अवशेष, टैनिन, कोलीफार्म एम. पी. एम. (जीवाणु गणना), सल्फेट्स एवं सल्फाइड्स, भारी धातुएँ जैसे कि सीसा, आर्सेनिक, पारा, मैंसनीज आदि रेडियोधर्मी पदार्थ तत्त्व।

वाहित मल निपटान, नगरीय वाही जल, उद्योगों का विषाक्त भूमि के ऊपर से बहता जल बहि:स्राव तथा नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र।

3. भू-प्रदूषण

मानव एवं पशु मलादि विषाणु तथा जीवाणु तथा रोगवाहक विरलन कीटनाशक एवं उर्वरक, अपशिष्ट क्षारीयता, फ्लोराइड्स, रेडियोधर्मी पदार्थ।

अनुचित मानव क्रियाकलाप, अनुपचारित औद्योगिक अपशिष्ट का निपटान, पीड़कनाशी एवं उर्वरकों का उपयोग, शाकनाशी।

4. धवनि प्रदूषण

सहन क्षमता से अधिक ऊँची ध्वनि का स्तर।

वायुयान, मोटर, रेलगाड़ियाँ, औद्योगिक प्रक्रम तथा विज्ञापन मीडिया।


प्रश्न 3. 
गंगा एवं यमुना नदी की प्रमुख प्रदूषित पट्टियों, प्रदूषण की प्रकृति तथा मुख्य प्रदूषकों का उल्लेख तालिका के माध्यम से कीजिए।
उत्तर:
गंगा एवं यमुना नदियों की प्रमुख प्रदूषित पट्टियाँ, प्रदूषण की प्रकृति तथा मुख्य प्रदूषक।

नदी एवं राज्य

प्रदूषित पट्टियाँ

प्रदूषण की प्रकृति

मुख्य प्रदूषक

1. गंगा (उत्तर प्रदेश, बिहार व प. बंगाल)

(अ) कानपुर का अनुप्रवाह

(ब) वाराणसी अनुप्रवाह

(स) फरक्का बाँध

1. कानपुर जैसे नगरों से औद्योगिक प्रदूषण।

2. नगरीय केंद्रों का घरेलू अपशिष्ट व नदी में लाशों का विसर्जन।

कानपुर, इलाहाबाद, वाराणसी, पटना तथा कोलकाता जैसे नगरों में घरेलू कचरे को नदी में डाला जाता

2. यमुना (दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश)

(अ) दिल्ली से चंबल के संगम तक

(ब) मथुरा व आगरा

1. हरियाणा व उत्तर प्रदेश द्वारा पानी का सिंचाई हेतु निर्गमन।

2. कृषि कार्यों के कारण यमुना - जल में उच्च स्तर पर सूक्ष्म प्रदूषकों का प्रवाह।

3. दिल्ली के घरेलू एवं औद्योगिक कचरे का नदी में प्रवाहित करना।

दिल्ली का अपने घरेलू अपशिष्ट को नदी में प्रवाहित करना।


प्रश्न 4. 
वायु प्रदूषण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
वायु प्रदूषण: प्राकृतिक एवं मानवजनित कारणों से वायुमंडल में संदूषकों; जैसे-धूल, धुआँ, गैसें, कुहासा, दुर्गंध एवं वाष्प आदि की उपस्थिति, जो मानव, जन्तुओं एवं सम्पत्ति के लिए हानिकारक हो, वायु प्रदूषण कहालाता है। वायु प्रदूषण के प्रभाव वायु प्रदूषण द्वारा मानव स्वास्थ्य, पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। वायु प्रदूषण के कारण मानव में श्वसन तंत्रीय, तंत्रिका तंत्रीय एवं रक्त संचार सम्बन्धी विभिन्न बीमारियाँ उत्पन्न होती हैं। वायु प्रदूषण के कारण शहरों के ऊपर बनने वाला धूम्र कुहरा मानव स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त हानिकारक होता है।

वायु प्रदूषण के कारण अम्ल वर्षा भी हो सकती है। वायुमण्डल में कार्बन डाइ-ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड आदि गैसों का संकेन्द्रण बढ़ने से वायुमण्डल के तापमान में वृद्धि हो जाती है जो मानव, पेड़-पौधों एवं जीव-जन्तुओं के लिए हानिकारक है। वायु प्रदूषण से पेड़-पौधों की प्रकाश संश्लेषण क्रिया पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। जीव-जन्तुओं का श्वसन तंत्र व तंत्रिका तंत्र प्रभावित होते हैं।

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प्रश्न 5. 
ध्वनि प्रदूषण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
ध्वनि प्रदूषण से आशय विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न ध्वनि का मानव की सहन सीमा से अधिक तथा असहज हो जाना ध्वनि प्रदूषण कहलाता है। ध्वनि के स्तर का डेसीबल में मापन किया जाता है।
ध्वनि प्रदूषण के स्रोत विविध उद्योग, मशीनीकृत निर्माण, तोड़-फोड़ कार्य, तीव्र चालित मोटर वाहन तथा वायुयान ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं। इसके अलावा लाउडस्पीकर तथा सामुदायिक उत्सवों में होने वाला शोर भी ध्वनि प्रदूषण का मुख्य स्रोत है। सागरीय यातायात में जलयानों से उत्पन्न शोर की तीव्रता पत्तनों के समीपवर्ती क्षेत्रों तक सीमित रहती है।

औद्योगिक क्षेत्र, परिवहन मार्ग तथा हवाई अड्डों पर ध्वनि-प्रदूषण की समस्या गम्भीर होती है जबकि इनसे दूर हटने पर यह क्रमशः कम होती जाती है। ध्वनि प्रदूषण के प्रभाव-ध्वनि प्रदूषण का मानव के तंत्रिका तंत्र, शरीर की जैविक क्रियाओं एवं मानव के सामाजिक व्यवहार पर दुष्प्रभाव पड़ता है। इसे धीमा जहर, मृत्युदूत आदि नामों से भी जाना जाता है। तीव्र शोर से श्रवण शक्ति कमजोर हो जाती है तथा कभी-कभी व्यक्ति बहरा हो जाता है। इससे व्यक्ति को तनाव, झुंझलाहट, चिड़चिड़ापन, कुण्ठा, थकान एवं सिरदर्द आदि होने लगता है। अधिक शोर से रक्तचाप, हृदय रोग व लकवा आदि बीमारियों की संभावना बढ़ जाती है। शोर प्रदूषण के दुष्प्रभाव से पशु दूध कम देने लगते हैं तथा जीव-जन्तु चिड़चिड़े हो जाते हैं।

प्रश्न 6. 
दौराला गाँव के लोगों ने पारिस्थितिकी के पुनर्भरण एवं मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए क्या-क्या प्रयास किए?
उत्तर:
दौराला गाँव मेरठ (उत्तर प्रदेश) के निकट स्थित है। इस गाँव में संचालित उद्योगों के अनुपचारित अपशिष्ट जल का भू-जल स्तर में निक्षालन होने से यहाँ का पेयजल पूरी तरह संदूषित हो चुका था। समस्या को बढ़ता देखकर मेरठ के एक गैर सरकारी संगठन, उद्योगपतियों, ग्रामीण समुदाय एवं जनप्रतिनिधियों ने आपस में मिलकर इस समस्या के समाधान के प्रयास किए। गाँव की पेयजल टंकी की क्षमता को बढ़ाया गया तथा लोगों को पीने योग्य पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 900 मीटर की अतिरिक्त पाइप लाइन बिछाई गयी। गाँव के गादयुक्त तालाब को साफ कर उसे पुनः जल से भर दिया गया।

गाँव के विभिन्न स्थानों पर वर्षा जल संग्रहण की संरचनाओं का निर्माण किया गया। इन समस्त प्रयासों के कारण मानसून के पश्चात भू-जल के संदूषण में बहुत अधिक कमी आयी। इसके अतिरिक्त लगभग एक हजार वृक्ष लगाकर पर्यावरण संवर्धन के भी प्रयास किए गए। इस तरह दौराला गाँव के लोगों ने पारिस्थितिकी के पुनर्भरण एवं मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा की। 

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प्रश्न 7. 
भू-निम्नीकरण क्या है? भू-निम्नीकरण किन-किन प्रक्रियाओं द्वारा होता है ? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भू-निम्नीकरण:
मानवीय क्रियाकलापों के कारण अस्थायी अथवा स्थायी तौर पर भूमि की उत्पादकता का कम हो जाना भूमि-निम्नीकरण कहलाता है। मृदा अपरदन, लवणता एवं भू-क्षारता के कारण भू-निम्नीकरण होता है।
भू-निम्नीकरण मुख्य रूप से दो क्रियाओं द्वारा तीव्रता से होता है:

  1. प्राकृतिक प्रक्रियाएँ 
  2. मानव जनित प्रक्रियाएँ।

भारतीय दूर-संवेदन संस्थान ने दूर संवेदन तकनीक के माध्यम से व्यर्थ भूमि को सीमांकित किया। इन प्रक्रियाओं के आधार पर इसे तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जा सकता है:

  1. प्राकृतिक प्रक्रियाओं से-जैसे प्राकृतिक खड्ड, मरुस्थलीय भूमि, तटीय रेतीली भूमि, बंजर चट्टानी क्षेत्र, तीव्र ढाल वाली भूमि तथा हिमानी क्षेत्र।
  2. मानवीय प्रक्रियाओं से-जैसे स्थानान्तरित कृषिजनित, रोपण कृषिजनित, क्षरित वन, क्षरित चारागाह तथा खनन व औद्योगिक व्यर्थ क्षेत्र।
  3. प्राकृतिक तथा मानवजनित प्रक्रियाओं सेजलाक्रांत क्षेत्र, दलदली क्षेत्र, लवणता व क्षारीयता प्रभावित भूमियाँ, झाड़ी सहित व झाड़ी रहित भूमियाँ।

प्रश्न 8. 
जल संभर प्रबन्धन क्या है? संक्षेप में बताइए।
अथवा 
भ-निम्नीकरण में जल-संभर कार्यक्रम के योगदान को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
जल संभरण प्रबन्धन द्वारा भू-निम्नीकरण को न्यूनतम स्तर पर लाया जा सकता है। जल संभरण प्रबन्धन कार्यक्रम जल, जंगल तथा जमीन (जल, वनस्पति तथा भूमि) के मध्य सम्बन्धों को महत्व प्रदान करता है तथा प्राकृतिक संसाधनों के प्रबन्धन एवं सामुदायिक सहभागिता से लोगों की आजीविका को सुधारने का प्रयास करता है।

जल संभरण प्रबन्धन में सरकारी तथा गैर सरकारी संगठनों की भागीदारी एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करती है। इसके लिए क्षेत्र विशेष में मिलने वाले साझा संपदा संसाधनों को पुनर्जीवित करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति एक वृक्ष का रोपण कर उसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी ले सकता है। इसके अलावा प्रत्येक परिवार चारागाह भूमि पर घास रोपण कर भूमि को विकसित कर सकता है तथा खुली चराई पर प्रतिबन्ध में अपना योगदान दे सकता है।

निबन्धात्मक प्रश्न:

प्रश्न 1. 
नगरीय अपशिष्ट के स्रोतों तथा नगरीय अपशिष्ट निपटान से उत्पन्न समस्याओं का विवरण दीजिए।
उत्तर:
नगरीय अपशिष्ट के स्रोत: नगरीय अपशिष्ट जिसे कूड़ा-करकट, रद्दी या कबाड़ कहा जाता है, की प्राप्ति निम्नालिखित दो स्रोतों से होती है

  1. घरेलू प्रतिष्ठानों से 
  2. व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से।
  3. घरेलू प्रतिष्ठानों से-नगरीय क्षेत्रों में घरेलू कचरे को या तो सार्वजनिक भूमि पर या निजी ठेकेदारों द्वारा निर्धारित स्थलों पर डाला जाता है।
  4. व्यावसायिक प्रतिष्ठानों से नगरीय क्षेत्रों में संचालित व्यावसायिक या औद्योगिक इकाइयों द्वारा निष्कासित कचरे का संग्रहण तथा निपटान का कार्य सम्बधित नगरपालिकाओं द्वारा किया जाता है। इस निष्कासित कचरे को निचली सतह की सार्वजनिक भूमि या गड्ढों में डाला जाता है। नगरीय अपशिष्ट निपटान से उत्पन्न समस्याएँ।

नगरीय अपशिष्ट निपटान से निम्नलिखित समस्याएँ उत्पन्न होती हैं:

  1. ठोस नगरीय अपशिष्ट निपटान स्थलों से समीपवर्ती क्षेत्रों में दुर्गंध फैलती है।
  2. इन निपटान स्थलों पर ठोस नगरीय अपशिष्ट से टाइफाइड, डिप्थीरिया, डायरिया तथा हैजा के कीटाणु उत्पन्न होकर मानवीय स्वास्थ्य के लिए उक्त बीमारियों का जोखिम पैदा करते हैं।
  3. इन निपटान स्थलों में चूहे तथा मक्खियों की अधिकता हो जाती है जो यहाँ उत्पन्न विभिन्न बीमारियों के कीटाणुओं को समीपवर्ती आवासीय क्षेत्र में फैलाने में वाहक की भूमिका निभाते हैं।
  4. कूड़े-कचरे का निपटान जब लापरवाही से किया जाता है तो इसके हवा के द्वारा समीपवर्ती क्षेत्रों में फैलने की आशंका रहती है साथ ही वर्षा होने पर वर्षा जल द्वारा यह कूड़ा-करकट यत्र-तत्र छितरा जाता है। यह फैला हुआ कूड़ा-करकट मानवीय स्वास्थ्य के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
  5.  कुछ नगरीय क्षेत्रों में औद्योगिक कचरे को नदियों में डाल दिया जाता है, जिससे उस नदी का जल प्रदूषित हो जाता है। नदियों का यह प्रदूषित जल मानव स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्याएँ उत्पन्न करता है। 
  6. नगरीयं तथा महानगरीय क्षेत्रों के नगरीय अपशिष्ट (कूड़ा-कचरा) का कुछ भाग बिना एकत्र किए छोड़ दिया जाता है। यह कूड़ा-कचरा गलियों में, घरों के पीछे खुली जगहों पर तथा परती जमीन पर इकट्ठा हो जाता है। यह अनुपचारित अपशिष्ट धीरे-धीरे सड़ते हैं तथा वायुमंडल में मीथेन तथा अन्य विषाक्त गैसें छोड़ते हैं।

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प्रश्न 2. 
गंदी बस्तियों की प्रमुख समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
गंदी बस्तियों सामान्यतया नगर के ऐसे क्षेत्र के रूप में होती हैं जहाँ मकान निवास की दृष्टि से इतने अधिक अनुपयुक्त होते हैं कि वे मानवीय स्वास्थ्य तथा समाज के नैतिक मूल्यों के लिए खतरा बन जाते हैं। गंदी बस्तियों में वे लोग निवास करते हैं जो ग्रामीण क्षेत्रों से नगरीय क्षेत्रों में रोजगार की तलाश में आते हैं तथा कम आमदनी होने के कारण अच्छे आवासों में नहीं रह पाते।

गंदी बस्तियों में सामान्य रूप से निम्नलिखित समस्याएँ देखने को मिलती हैं।

  1. गंदी बस्तियाँ न्यूनतम वांछित आवासीय क्षेत्र होते हैं जहाँ जीर्ण-शीर्ण मकान, स्वास्थ्य की निम्न सुविधाएँ, खुली हवा तथा प्रकाश का अभाव जैसी समस्याएँ मिलती हैं।
  2. इन बस्तियों में शुद्ध पेयजल का अभाव तथा शौचालयों की कमी देखने को मिलती है। मुंबई की धारावी नामक गंदी बस्ती में 1440 व्यक्तियों पर मात्र एक शौचालय की उपलब्धता है।
  3. गंदी बस्तियों में बहुत अधिक भीड़-भाड़ मिलती है साथ ही इनमें बहुत पतली व सँकरी गलियाँ मिलती हैं। मुंबई की धारावी गंदी बस्ती में कुछ गलियाँ तथा पगडंडियाँ इतनी संकरी हैं कि वहाँ से एक साइकिल को निकालना भी कठिन है।
  4. इन बस्तियों में जनसंख्या घनत्व बहुत अधिक मिलता है, सामान्यतया एक कमरे में पूरा परिवार रहता है। कई बार तो यहाँ एक कमरे में 10-12 व्यक्ति रहते हुए देखे जा सकते हैं।
  5. इन आवासीय क्षेत्रों में घटिया निर्माण सामग्री से निर्मित मकान मिलते हैं जो आग जैसे गंभीर खतरों के जोखिम से युक्त होते हैं।
  6. सफाई व्यवस्था अति निम्नस्तरीय तथा जगह-जगह छितराया हुआ कूड़ा-कचरा तथा गंदे पानी के गड्ढे देखे जा सकते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए गम्भीर खतरा हैं।
  7. इन गंदी बस्तियों में निवासित अधिकांश व्यक्ति कम वेतन पर अधिक जोखिम भरे कार्य करते हैं, जिसके कारण कुपोषण तथा विभिन्न बीमारियों से पीड़ित व्यक्तियों की पर्याप्त संख्या यहाँ मिलती है।
  8. गंदी बस्तियों के निवासियों के अधिकांश बच्चे स्कूली शिक्षा से वंचित इसलिए रह जाते हैं कि यहाँ के लोग अपने बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा पर होने वाले खर्च को सहन नहीं कर पाते।
  9. नशीली दवाओं, शराब, गुंडागर्दी, जुआ, वेश्यावृत्ति तथा अपराध जैसी सामाजिक बुराइयाँ भी यहाँ प्रमुखता से देखने को मिलती हैं।

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में इस अध्याय से पूछे गये प्रश्न:

प्रश्न 1. 
भारत में रैली फॉर वैली कार्यक्रम किस समस्या को उजागार करने के लिए आयोजित किया गया?
(अ) पर्यावरण क्षति
(ब) जैव विविधता 
(स) विस्थापित व्यक्तियों का पुनर्वास
(द) कृषि भूमि की कमी। 
उत्तर:
(अ) पर्यावरण क्षति 

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प्रश्न 2. 
रामसर कन्वेंशन निम्न में से किससे सम्बन्धित है?
(अ) ओजोन क्षरण 
(ब) मरुस्थलीकरण 
(स) आई भूमियाँ 
(द) ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन।
उत्तर:
(स) आई भूमियाँ। 

प्रश्न 3. 
रियो डी जेनीरो में जून 3 - 4, 1992 के दौरान पर्यावरण व विकास पर आयोजित यूएन सम्मेलन की अध्यक्षता किसने की थी
(अ) जार्ज डब्ल्यू बुश 
(ब) मौरिस एफ स्ट्रोंग 
(स) टोनी ब्लेयर 
(द) रैचल कार्सन।
उत्तर:
(ब) मौरिस एफ स्ट्रोंग। 

प्रश्न 4. 
निम्न में से स्वमंडल में सापेक्षिक रूप से अक्रिय नाइट्रोजन के विशाल भंडार का मुख्य स्रोत कौन-सा है?
(अ) ज्वालामुखी गतिविधियाँ
(ब) जीवाश्म ईंधन जलना 
(स) अम्ल वर्षा
(द) वैश्विक ऊष्मन। 
उत्तर:
(अ) ज्वालामुखी गतिविधियाँ। 

प्रश्न 5. 
वायु प्रदूषकों के रूप में कार्बन-मोनो आक्साइड्स का मुख्य स्रोत है?
(अ) वसा का तापीय वियोजन
(ब) रंग बनाना 
(स) वात्या भट्टी
(द) गैसोलीन मोटर निकास। 
उत्तर:
(अ) वसा का तापीय वियोजन।

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प्रश्न 6. 
मॉण्ट्रियल प्रोटोकॉल का सम्बन्ध है?
(अ) वैश्विक उष्मीकरण से
(ब) ओजोन निःशेषण से 
(स) वायु प्रदूषण से
(द) जल प्रदूषण से। 
उत्तर:
(ब) ओजोन निःशेषण से। 

प्रश्न 7. 
अम्ल वर्षा, निम्नांकित द्वारा वायु प्रदूषण के कारण होती है?
(अ) कार्बन डाइ-ऑक्साइड
(ब) कार्बन मोनोक्साइड 
(स) मीथेन
(द) नाइट्रस ऑक्साइड एवं सल्फर डाइ-आक्साइड। 
उत्तर:
(द) नाइट्रस ऑक्साइड एवं सल्फर डाइ-आक्साइड। 

प्रश्न 8. 
निम्न में से कौन-सा गैस समूह 'ग्रीन हाउस प्रभाव' में योगदान देता है?
(अ) अमोनिया एवं ओजोन
(ब) कार्बन मोनोक्साइड एवं सल्फर डाइ-ऑक्साइड 
(स) कार्बन टेट्राफ्लुओराइड तथा नाइट्रस ऑक्साइड 
(द) कार्बन डाइ-ऑक्साइड व मीथेन।
उत्तर:
(द) कार्बन डाइ-ऑक्साइड व मीथेन। 

प्रश्न 9. 
निम्न में से कौन-सा वायु प्रदूषण का एक जैव सूचक है?
(अ) फर्न 
(ब) लाइकेन 
(स) मनी प्लान्ट 
(द) अमरबेल।
उत्तर:
(ब) लाइकेन। 

प्रश्न 10. 
राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी शोध संस्थान (NEERI) स्थित है?
(अ) बैंगलूरु में 
(ब) हैदराबाद में
(द) नई दिल्ली में। 
उत्तर:
(स) नागपुर में। 

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प्रश्न 11. 
विश्व पर्यावरण दिवस प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
(अ) 25 दिसम्बर को 
(ब) 27 जनवरी को 
(स) 5 जून को 
(द) 14 अप्रैल को।
उत्तर:
(स) 5 जून को। 

प्रश्न 12. 
'ग्लोबल वार्मिंग' के लिए कौन-सी गैस उत्तरदायी है?
(अ) कार्बन डाइ-ऑक्साइड
(ब) ऑक्सीजन 
(स) नाइट्रोजन 
(द) हाइड्रोजन। 
उत्तर:
(अ) कार्बन डाइ-ऑक्साइड। 

प्रश्न 13. 
वर्तमान में विश्व में जल का सर्वाधिक उपयोग निम्नांकित में से किसमें होता है?
(अ) घरेलू कार्य में
(ब) औद्योगिक क्षेत्र में 
(स) कृषि में
(द) उपरोक्त के अलावा अन्य में। 
उत्तर:
(ब) औद्योगिक क्षेत्र में। 

प्रश्न 14. 
राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय भारत सरकार में किस मंत्रालय के अन्तर्गत है? 
(अ) कृषि मंत्रालय
(ब) पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय 
(स) पर्यावरण एवं वन मंत्रालय
(द) जल संसाधन मंत्रालय। 
उत्तर:
(स) पर्यावरण एवं वन मंत्रालय। 

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प्रश्न 15. 
अम्ल वर्षा किस कारण से होती है?
(अ) वायुमंडल में कार्बन डाइ-ऑक्साइड की अधिकता 
(ब) वर्षण द्वारा सल्फ्यूरिक एसिड का प्रक्षाल प्रवाह 
(स) उष्ण कटिबंधीय वनों से ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन में अधिकता 
(द) वायुमंडल में गैसों के संयोजन में असाधारण विभिन्नता। 
उत्तर:
(ब) वर्षण द्वारा सल्फ्यूरिक एसिड का प्रक्षाल प्रवाह।

Prasanna
Last Updated on Jan. 2, 2024, 9:23 a.m.
Published Jan. 1, 2024