RBSE Class 11 Home Science Important Questions Chapter 6 संचार माध्यम और संचार प्रौद्योगिकी

Rajasthan Board RBSE Class 11 Home Science Important Questions Chapter 6 संचार माध्यम और संचार प्रौद्योगिकी Important Questions and Answers.

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RBSE Class 11 Home Science Important Questions Chapter 6 संचार माध्यम और संचार प्रौद्योगिकी

I. बहुचयनात्मक प्रश्न 

1. संचार निम्न से संबंधित है
(अ) विचारों-मतों को व्यक्त करने
(ब) ज्ञान और सूचना प्रदान करने
(स) संदेश द्वारा संपूर्ण आशय पहुँचाने 
(द) इन सभी से 
उत्तर:
(द) इन सभी से 

2. निम्न परिस्थिति में ग्राही सूचना प्राप्त तो करता है, पर प्रतिक्रिया नहीं दे पाता
(अ) एकतरफा संचार
(ब) दुतरफ़ा संचार 
(स) अंतरावैयक्तिक संचार
(द) अंतर्वैयक्तिक संचार 
उत्तर:
(अ) एकतरफा संचार

3. प्रवचन देना उदाहरण है
(अ) दुतरफ़ा संचार का
(ब) अंतर्वैयक्तिक संचार 
(स) अंतरावैयक्तिक संचार
(द) एकतरफा संचार का 
उत्तर:
(द) एकतरफा संचार का

4. जो संचार स्वयं से संवाद करने से संबंधित है, वह है
(अ) अंतरावैयक्तिक संचार
(ब) अंतर्वैयक्तिक संचार 
(स) समूह संचार
(द) जन संचार 
उत्तर:
(अ) अंतरावैयक्तिक संचार

5. संचार जो औपचारिक अथवा अनौपचारिक दोनों ही स्थिति में सम्पन्न हो सकता है, वह है
(अ) एकतरफा संचार
(ब) दुतरफ़ा संचार 
(स) अंतरावैयक्तिक संचार
(द) अंतर्वैयक्तिक संचार 
उत्तर:
(द) अंतर्वैयक्तिक संचार 

RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 6 संचार माध्यम और संचार प्रौद्योगिकी Important Questions

6. अन्य संस्थाओं के साथ आपसी सहयोग और समन्वय से कार्य करने के लक्ष्य की दृष्टि से विकसित संचार प्रणाली है
(अ) समुह संचार
(ब) अंतरा-संस्था संचार 
(स) अंत:संस्था संचार
(द) इनमें से कोई नहीं 
उत्तर:
(स) अंत:संस्था संचार

7. संचार का शाब्दिक माध्यम है
(अ) बोलना
(ब) स्पर्श (स) भंगिमाएँ
(द) हाव-भाव 
उत्तर:
(अ) बोलना

8. संचार के गैर-शाब्दिक साधनों में शामिल हैं
(अ) हाव-भाव
(ब) मिजाज (स) धूम्र संकेत
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी

II. रिक्त स्थान वाले प्रश्न

निम्नलिखित रिक्त स्थानों की उचित शब्दों द्वारा पूर्ति कीजिए

1. आधुनिक समय में लगभग हर सप्ताह बाजार में नई संचार विधियाँ और ............ आ रहे हैं। 
2. संचार शब्द अंग्रेजी के कम्युनिकेशन का पर्याय है जो लैटिन ............... से निकला है। 
3. व्यक्तियों के बीच संदेश द्वारा सम्पूर्ण आशय पहुँचाने का चैतन्य प्रयास ही ............. संचार कहलाता
4. वेबसाइट पर सूचना ढूँढ़ने के लिए इंटरनेट का उपयोग करना ............. संचार का उदाहरण है। 
5. चैटिंग के लिए इंटरनेट का प्रयोग करना ............ संचार का उदाहरण है। 
6. संचार प्रक्रिया तब तक अधूरी रहती है जब तक प्रेषित संदेश के संबंध में ............... प्राप्त नहीं हो जाती। 
7. आधुनिक .............. के आगमन से, संचार माध्यमों का आश्चर्यजनक विस्तार हुआ है।
8. वैश्विक परिदृश्य संचार ............ के दौर से गुजर रहा है।
उत्तर:
1, उपकरण, 
2. कॉम्यूनिस, 
3. प्रभावी, 
4. एकतरफा, 
5. दुतरफ़ा, 
6. अनुक्रिया, 
7. प्रौद्योगिकी, 
8. क्रांति। 

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III. सत्य/असत्य वाले प्रश्न

निम्नलिखित कथनों में से सत्य/असत्य की पहचान कीजिए

1. संचार केवल विचारों, मतों को व्यक्त करने या ज्ञान और सूचना प्रदान करने से संबंधित है। 
2. संचार हमेशा एकतरफ़ा ही रहता है, इसमें कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाता। 
3. अंतर्वैयक्तिक संचार सर्वाधिक प्रभावी और आदर्श होता है। 
4. आधुनिक संचार प्रौद्योगिकी की पहुंच सिर्फ शहरों तक है। 
5. संचार माध्यम राष्ट्रीय विकास का एक उत्प्रेरक एवं माध्यम है। 
6. संचार प्रौद्योगिकी बहुत तेजी से बदल रही है। जो आज नया है, वह कल पुराना हो सकता है।
उत्तर:
1. असत्य, 
2. असत्य, 
3. सत्य,
 4. असत्य, 
 5. सत्य, 
 6. सत्य। 
 
IV. मिलान करने वाले प्रश्न
 
निम्न स्तम्भों को मिलाइए

1.

स्तम्भ 'अ'

स्तम्भ 'ब'

1. एकतरफ़ा संचार

(क) स्वयं से संवाद करना

2. दुतरफ़ा संचार

(ख) दो या अधिक लोगों के मध्य संवाद

3. अंतरावैयिक्तक संचार

(ग) समाजीकरण एवं सभा निर्माण में सहायक

4. अंतरा-संस्था संचार

(घ) रेडियो सुनना

5. समूह संचार

(ङ) सुव्यवस्थित संगठनों में पाया जाता है।

उत्तर:

स्तम्भ 'अ'

स्तम्भ 'ब'

1. एकतरफ़ा संचार

(घ) रेडियो सुनना

2. दुतरफ़ा संचार

(ख) दो या अधिक लोगों के मध्य संवाद

3. अंतरावैयिक्तक संचार

(क) स्वयं से संवाद करना  

4. अंतरा-संस्था संचार

(ङ) सुव्यवस्थित संगठनों में पाया जाता है।

5. समूह संचार

(ग) समाजीकरण एवं सभा निर्माण में सहायक

 2.

स्तम्भ 'अ'

स्तम्भ 'ब'

1. शाब्दिक संचार

(क) लैंडलाइन या मोबाइल फोन

2. गैर-शाब्दिक संचार

(ख) मुद्रित सामग्री व पोस्टर

3. अव्य संचार

(ग) हाव-भाव व नेत्र संपर्क

4. दृश्य संचार

(घ) टेलीविजन व इंटरनेट

5. श्रव्य-दृश्य संचार

(ङ) श्रवण साधन अथवा मौखिक माध्यम

उत्तर:

स्तम्भ 'अ'

स्तम्भ 'ब'

1. शाब्दिक संचार

(ङ) श्रवण साधन अथवा मौखिक माध्यम  

2. गैर-शाब्दिक संचार

(ग) हाव-भाव व नेत्र संपर्क

3. अव्य संचार

(क) लैंडलाइन या मोबाइल फोन

4. दृश्य संचार

(ख) मुद्रित सामग्री व पोस्टर

5. श्रव्य-दृश्य संचार

(घ) टेलीविजन व इंटरनेट

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V. अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
संचार क्या है? बताइए।
उत्तर:
संचार विविध परिस्थितियों पर विचार-चिंतन करने, उनका अवलोकन करने, उन्हें समझने, उनका विश्लेषण करने तथा इन सबको विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा दूसरों तक संप्रेषित करने की प्रक्रिया है।

प्रश्न 2. 
अंतरा-संस्थागत और अंतःसंस्थागत संगठनों में संचार की कैसी स्थिति होती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
अंतरा-संस्थागत और अंत:संस्थागत संगठनों में, विभागों अथवा संस्थाओं के बीच संचार नहीं होता; बल्कि इन संस्थाओं में कार्य करने वाले व्यक्ति ही एक-दूसरे से संचार करते हैं। यहाँ संचार हेतु व्यक्ति का विवेक अति महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 3. 
चैनल कितने प्रकार के हो सकते हैं? 
उत्तर:
चैनल दो प्रकार के हो सकते हैं
(i) अंतर्वैयक्तिक संचार चैनल, जैसे-अलग-अलग व्यक्ति और समूह। 
(ii) जनसंचार माध्यम द्वारा संचार के चैनल, जैसे-उपग्रह, बेतार और ध्वनि तरंगें। 

प्रश्न 4. 
प्रतिपुष्टि का कोई एक उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
टेलीविजन कार्यक्रमों की उत्तमता-निर्धारण बिंदु (रेटिंग या टी.आर.पी.), दर्शकों से प्राप्त प्रतिपुष्टि का एक रूप है।

प्रश्न 5. 
संचार माध्यम का प्रभाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
रेडियो सुनते समय या टेलीविजन देखते समय आप जो सुनते या देखते हैं, वह आपको किसी न किसी रूप में प्रभावित करता है। यह संचार माध्यम का प्रभाव है।

प्रश्न 6. 
क्या संचार माध्यम या मीडिया का अर्थ केवल रेडियो और टीवी है?
उत्तर:
नहीं, रेडियो और टी.वी. के अतिरिक्त सभी प्रकार के उपग्रह संचार, कम्प्यूटर और बेतार प्रौद्योगिकी भी इसमें शामिल हैं।

प्रश्न 7. 
संचार माध्यमों को कितनी श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है?
उत्तर:
संचार माध्यमों को दो वृहत् श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है-पारंपरिक और आधुनिक संचार माध्यम।

प्रश्न 8. 
भारत में पारंपरिक लोक रंगमंच के कोई दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:

  • बंगाल में जात्रा और 
  • उत्तर-प्रदेश में नौटंकी।

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प्रश्न 9. 
भारत के पहले टीवी ट्रान्समीटर के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
भारत का पहला टीवी ट्रान्समीटर गुजरात के पिज गाँव में लगाया गया था, जिससे उपग्रह द्वारा दिल्ली से अन्य कार्यक्रमों के साथ-साथ स्थानीय भाषा के कार्यक्रम भी आते थे।

प्रश्न 10. 
भारत में संचार माध्यम की भूमिका निभाने वाले किन्हीं दो कठपुतली कार्यक्रमों के नाम लिखिए। 
उत्तर:

  • सूत्रधारिका 
  • छाया पुतली। 

प्रश्न 11. 
संचार माध्यमों के कोई दो कार्य लिखिए। 
उत्तर:

  • सूचना का आदान-प्रदान करना। 
  • मनोरंजन करना। 

प्रश्न 12. 
संचार प्रौद्योगिकी का सम्बन्ध किन प्रौद्योगिकियों से है?
उत्तर:
संचार प्रौद्योगिकी का सम्बन्ध सूचना को नियंत्रित करने और संचार को सहायता देने के लिए विकसित और प्रयुक्त प्रौद्योगिकियों से है।

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प्रश्न 13. 
संचार प्रौद्योगिकियों को किन दो समूहों में वर्गीकृत किया जाता है?
उत्तर:
संचार प्रौद्योगिकियों को 

  • केबल (भूमि) आधारित प्रौद्योगिकियों तथा 
  • बेतार प्रौद्योगिकियों में वर्गीकृत किया जाता है। 

VI. लघूत्तरात्मक प्रश्न 

प्रश्न 1. 
संचार से क्या अभिप्राय है? परिचय दीजिए।
उत्तर:
संचार विविध परिस्थितियों पर विचार-चिंतन करने, उनका अवलोकन करने, उन्हें समझने, उनका विश्लेषण करने तथा इन सबको विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा दूसरों तक संप्रेषित करने की प्रक्रिया है। यह स्वयं देखने या अवलोकन करने, सुनने या ध्यान देने या फिर औरों के साथ विचारों, मतों, अनुभवों, तथ्यों, जानकारी, प्रभावों, अवसरों और संवेगों के आदान-प्रदान से भी संबंधित है। यह न केवल विचारों, मतों को व्यक्त करने या ज्ञान और सूचना प्राप्त करने से संबंधित है, बल्कि इसमें विषय को बिल्कुल उसी अर्थ में समझना भी शामिल है, जो संप्रेषक और ग्राही के लिए समान हो।

प्रश्न 2. 
विभिन्न संस्थाओं के मध्य संचार प्रणाली को चित्र द्वारा स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
विभिन्न संस्थाओं के मध्य संचार प्रणाली

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प्रश्न 3. 
संबद्ध इंद्रियों के आधार पर संचार का उदाहरण सहित वर्गीकरण कीजिए।
उत्तर:
संबद्ध इंद्रियों के आधार पर संचार का वर्गीकरण

संचार के प्रकार

उदाहरण

श्रव्य

रेडियो, अव्य रिकॉर्डिंग, सीडी प्लेयर, व्याख्यान, लैंडलाइन या मोबाइल फ़ोन

दृश्य

संकेत या प्रतीक, मुद्रित सामग्री, चार्ट, पोस्टर

श्रव्य-दृश्य

टेलीविजन, वीडियो फ़िल्में, मल्टीमीडिया, इंटरनेट

प्रश्न 4. 
संचार कैसे होता है? टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
संचार की प्रक्रिया-किसी माध्यम के जरिए प्रेषक से प्राप्तकर्ता तक सूचना अथवा विषय के संप्रेषण की प्रक्रिया, संचार प्रक्रिया कहलाती है। इस प्रक्रिया में विभिन्न तरीकों से सूचना के आदान-प्रदान में वह लचीलापन शामिल होता है, जिससे प्रेषक और प्राप्तकर्ता दोनों ही सूचना को ठीक-ठीक स्पष्टतः और पूर्ण रूप से समझ लें। संदेश पर आगे की योजना बनाने के लिए श्रोताओं/दर्शकों की प्रतिपुष्टि भी ठीक उसी तरह प्राप्त की जाती है, जैसे बाजार में कोई उत्पाद भेजने से पहले बाजार सर्वेक्षण द्वारा किया जाता है। इस प्रकार, संचार प्रक्रिया का क्रम होता है-किसने, क्या, किससे, कब, किस प्रकार, किन परिस्थितियों में कहा और उसका क्या प्रभाव रहा।

प्रश्न 5. 
संचार माध्यम (मीडिया) क्या है? व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
यदि संचार एक प्रक्रिया है, तो संचार माध्यम (मीडिया) ही वह साधन है, जो धारणाओं, विचारों, भावनाओं, नए तथ्यों, अनुभवों आदि को प्रेषित और प्रसारित करने के लिए संचार के विभिन्न तरीकों का प्रयोग करता है। उदाहरणार्थ, जब हम किसी से बात करते हैं या किसी को बात करते हुए सुनते हैं, तो हवा उस माध्यम के रूप में काम करती है जिससे ध्वनि-तरंग संचरित होती है क्योंकि कोई भी ध्वनि शून्य में संचरित नहीं हो सकती।

जनसंचार माध्यमों में संचार करने के लिए मूलतः आधुनिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग किया जाता है, किंतु प्रौद्योगिकी की मात्र उपस्थिति ही जनसंचार की अभिव्यक्ति नहीं है। जनसंचार माध्यमों का लक्ष्य हमेशा भिन्न-भिन्न वर्गों के दर्शक/श्रोता समूह होते हैं।

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प्रश्न 6. 
पारंपरिक संचार माध्यम की वर्तमान स्थिति स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पिछले कुछ समय तक अधिकांश ग्रामीण विस्तार-कार्य पूर्णतः मेलों और रेडियो जैसे पारंपरिक संचार माध्यमों पर निर्भर था। आज भी स्थिति कुछ ऐसी ही है। ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में अंतर्वैयक्तिक संचार माध्यम मुख्य रूप से संचार का सर्वाधिक प्रयुक्त और प्रभावी माध्यम है। पुरातन काल से ही विभिन्न पारंपरिक लोक संचार माध्यमों का उपयोग संचार के देशी माध्यमों के रूप में किया जाता रहा है। पारंपरिक लोक संचार माध्यम के उदाहरणों में कठपुतली, लोक नृत्य व गायन, लोक रंगमंच, मौखिक साहित्य, मेले व त्यौहार, अनुष्ठान व प्रतीक, संकेत, पोस्टर, पत्र-पत्रिकाएँ तथा मुद्रित सामग्रियाँ शामिल हैं।

बदलते समय के साथ यह स्पष्ट है कि पारंपरिक संचार माध्यम आधुनिक दर्शकों/श्रोताओं के लिए विविध जानकारी या सूचना संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए न तो पर्याप्त हैं और न ही पूर्णतः समर्थ हैं। अत: वर्तमान में संचार माध्यम की अनेक नई प्रौद्योगिकियाँ लोकप्रिय होती जा रही हैं।

प्रश्न 7. 
आधुनिक संचार माध्यम पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
आधुनिक समय में तेजी से विकसित होती प्रौद्योगिकियों के साथ लगभग हर सप्ताह बाजार में नई संचार विधियाँ और उपकरण आ रहे हैं। आधुनिक प्रौद्योगिकी के आगमन से, संचार माध्यमों का आश्चर्यजनक विस्तार हुआ है। नई संचार प्रौद्योगिकियाँ, जैसे-मोबाइल फोन, ऐसी आकर्षक विशेषताओं के साथ आ रहे हैं जिनसे प्रसारण की गुणवत्ता और क्षमता में सुधार हुआ है। इन उपस्करों का आकार काफी सुविधाजनक होता है, जिसके कारण ये ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में उपयोग के लिए सुकर हो गए हैं। इनसे आधुनिक संचार प्रौद्योगिकी की पहुँच बढ़ी है। कम्प्यूटरों की उपलब्धता और इंटरनेट सुविधा से संचार माध्यम ने नए युग में प्रवेश किया है।

प्रश्न 8. 
ब्लू टूथ प्रौद्योगिकी क्या है? परिचय दें।
उत्तर:
ब्लू टूथ प्रौद्योगिकी-यह मोबाइल पी.सी., मोबाइल फोन और ध्वनि संचार करने वाले अन्य लघु उपकरणों के बीच एक अल्प लागत व अल्प-दूरी रेडियो आवृत्ति संपर्क है। यह 1 एम.बी.पी.एस. की दर पर ध्वनि और डाटा प्रेषित करने में समर्थ है। इसकी गति समान्तर और श्रेणीबद्ध पोर्टों की औसत गति की तुलना में तीन से आठ गुना अधिक होती है। यह ठोस, अधातु वस्तुओं के माध्यम से प्रेषण कर सकता है।

ब्लू टूथ के माध्यम से सेलफोन और हैंड्स फ्री हेड सेट या कार किट के बीच संचार हो सकता है और उस पर बेतार नियंत्रण किया जा सकता है।

प्रश्न 9. 
उपग्रह संचार पर टिप्पणी कीजिए। 
उत्तर:
उपग्रह संचार-विभिन्न प्रयोजनों के लिए उपग्रह प्रौद्योगिकी की सहायता से की जाने वाली संचार प्रक्रिया

उपग्रह संचार कहलाती है। उपग्रह को अंतरिक्ष में स्थापित किया जाता है और वायु-वाहित या अंतरिक्ष-वाहित प्लेटफार्मों पर लगाए गए प्रकाशीय संवेदकों की सहायता से प्राप्त सूचनाएँ विश्व भर में प्रेषित की जाती हैं।

उपग्रह प्रौद्योगिकी में किन्हीं भी दो बिंदुओं के बीच त्वरित और विश्वसनीय संचार बनाने की क्षमता होती है। यह कई स्थानों से सूचना को एक मुख्य केंद्र में एकत्र करती है तथा एक ही समय में पर्याप्त विस्तृत क्षेत्र में सूचना प्रेषित करती है।

उपग्रह प्रौद्योगिकी द्वारा रिमोट सेंसिंग की जाती है अर्थात् किसी दूरस्थ वस्तु का पता लगाया जाता है। पिछले 30 वर्षों में उपग्रह संचार विश्व के लगभग सभी देशों में पहुंच गया है। इसने न केवल संचार क्षेत्र में बल्कि मानव जीवन के विविध पहलुओं में क्रांति ला दी है।

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प्रश्न 10. 
'साइट' के बारे में आप क्या जानते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
साइट यानी सेटेलाइट इंस्ट्रक्शनल टेलीविजन एक्सपेरीमेंट (उपग्रह अनुदेशात्मक टेलीविजन प्रयोग) वर्ष 1976 में अमेरिका के एप्लीकेशन टेक्नोलॉजी सेटेलाइट (ए.टी.एस. 6) द्वारा किया गया एक क्रांतिकारी सामाजिक प्रौद्योगिकीय प्रयोग था। यह अपनी किस्म का विश्व का सबसे बड़ा प्रयोग था। साइट से विकास, उपग्रह-आधारित अनुदेशात्मक टेलीविजन प्रणाली, परीक्षण और प्रबंधन के क्षेत्र में मूल्यवान अनुभव प्राप्त हुए हैं, विशेष तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसा हुआ है। साइट ने भारत जैसे विकासशील देशों के लिए, विकसित देशों में महत्वपूर्ण जनसंचार के तीव्र विकास में उपग्रह प्रौद्योगिकी की क्षमता का सफल प्रदर्शन किया था।

साइट से यह सिद्ध हुआ कि दूरस्थ क्षेत्रों में संचार की आधारिक संरचना का वितरण न केवल संभव है बल्कि यह राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने में पूरी तरह से योगदान दे सकता है।

VII. निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
संचार को सुव्यवस्थित रूपों में वर्गीकृत कीजिए। 
उत्तर:
संचार को स्तरों, प्रकारों, रूपों और माध्यमों के आधार पर निम्नलिखित रूपों में वर्गीकृत किया जा सकता

1. पारस्परिक क्रिया के आधार पर वर्गीकरण

  • एकतरफ़ा संचार-ऐसा संचार जिसके अंतर्गत ग्राही सूचना प्राप्त तो करता है, परन्तु प्रेषक को तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पाता। इसलिए संचार एकतरफा रहता है। भाषण, व्याख्यान, प्रवचन, रेडियो या म्यूजिक सिस्टम पर संगीत सुनना, टेलीविजन देखना, इंटरनेट पर कुछ ढूँढ़ना आदि एकतरफ़ा संचार हैं।
  • दुतरफ़ा संचार-दुतरफा संचार एक ऐसा संचार है, जिसके अंतर्गत दो या अधिक व्यक्ति एक-दूसरे से संप्रेषण करने वाले सभी पक्ष, मतों, विचारों, सूचना आदि का आदान-प्रदान शाब्दिक या अशाब्दिक रूप में करते हैं। दुतरफा संचार में मोबाइल फोन पर बात करना, अपनी माँ से विचार-विमर्श करना, इंटरनेट पर चैटिंग करना आदि शामिल हैं। 

2. संचार के स्तरों पर आधारित वर्गीकरण

  • अंतरा-वैयक्तिक संचार-यह स्वयं से संवाद करने से संबंधित एक सतत मानसिक प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति के भीतर चलती रहती है। उदाहरण के लिए, किसी साक्षात्कार अथवा मौखिक परीक्षा में उपस्थित होने से पूर्व उसका मानसिक पूर्वाभ्यास।
  • अंतर्वैयक्तिक संचार-यह संचार सर्वाधिक प्रभावी और आदर्श होता है। इसका संबंध विचारों और मतों की साझेदारी से है। यह औपचारिक अथवा अनौपचारिक स्थिति में सम्पन्न हो सकता है। पढ़ाई के दौरान या कोई प्रयोग करने के दौरान आने वाली समस्याओं के बारे में अपने मित्र से बातचीत करना या फिर किसी परिसंवाद में भाग लेना आदि अंतर्वैयक्तिक संचार हैं।
  • समूह संचार-इस संचार प्रक्रिया में दो या अधिक व्यक्ति शामिल होते हैं एवं काफी हद तक अंतवैयक्ति संचार से मिलता-जुलता है। इस संचार हेतु कई प्रकार के दृश्य-श्रव्य साधनों का प्रयोग किया जा सकता है। व मनोविनोद करने में, तनाव मुक्त होने में, समाजीकरण में और प्रेरित करने में सहायक होता है।
  • जनसंचार-विभिन्न यांत्रिक युक्ति की सहायता से संदेशों को बहुगुणित करते जाने की प्रक्रिया तथा उ. जनता तक पहुँचाने की प्रक्रिया को जनसंचार कहते हैं। जनसंचार के साधन एवं माध्यम हैं-रेडियो, टी.वी., उपाय संचार, अखबार और पत्र-पत्रिकाएँ।
  • अंतरा-संस्था संचार-इस तरह का संस्थागत संचार सुव्यवस्थित संगठनों में होता है। प्रत्येक संस्था में पदों। अलग-अलग स्तर अथवा पदानुक्रम होते हैं, जो सामान्य उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए मिलकर कार्य करते हैं। ये अप माहौल में और अपने विभागों या अनुभागों के बीच संचार के विभिन्न स्तरों को प्रयुक्त करते हैं। ऐसी संस्थाओं में सूच का प्रवाह समान स्तर पर दुतरफा होता है और विभिन्न स्तरों के बीच एकतरफा होता है।
  • अंतःसंस्था संचार-इसका तात्पर्य किसी संस्था द्वारा अन्य संस्थाओं के साथ आपसी सहयोग और समन्वय काम करने के लक्ष्य की दृष्टि से विकसित संचार प्रणाली से है। 

3. संचार के साधन अथवा विधि पर आधारित वर्गीकरण

  1. शाब्दिक या मौखिक संचार-ऐसा संचार जो शब्दों की सहायता अथवा मौखिक माध्यम की सहायता से है शाब्दिक या मौखिक संचार कहलाता है। बोलना, गाना और स्वर का लहजा इत्यादि शाब्दिक एवं मौखिक संचार हैं
  2. गैर-शाब्दिक संचार-यह लिखित या बोले जाने वाले शब्दों के उपयोग के बिना अर्थ संप्रेषित करने व प्रक्रिया है। हाव-भाव, मुखमुद्रा, मिताज, भंगिमा, नेत्र संपर्क,  स्पर्श, परा-भाषा, लिखाई, पहनावा, केश-सज्जा, वास्तुकल प्रतीक, संकेतों की भाषा, धूम्र संकेत इत्यादि गैर-शाब्दिक संचार होते हैं। 

4. एक से अधिक इंद्रियों से काम लेने के आधार पर वर्गीकरण

  • श्रव्य संचार-श्रव्य संचार संचरण का वह रूप है जो कि श्रव्य साधनों एवं सुनने से संबंधित होता है। रेडिये श्रव्य रिकॉर्डिंग, सीडी प्लेयर, व्याख्यान, लैंडलाइन या मोबाइल फ़ोन इत्यादि श्रव्य संचार के साधन हैं।
  • दृश्य संचार-दृश्य संचार प्रतीकों और कल्पना का उपयोग करके सूचना और विचारों का संचरण है। संके या प्रतीक, मुदित सामग्री, चार्ट, पोस्टर आदि दृश्य संचार के साधन हैं।
  • श्रव्य-दृश्य संचार-श्रव्य-दृश्य संचार ध्वनि और दृश्य घटक के रूप में सूचना प्रसारित करता है टेलीविजन, वीडियो फिल्में, मल्टीमीडिया, इंटरनेट आदि श्रव्य-दृश्य संचार के साधन हैं। इस प्रकार का संचार अधिया स्पष्ट एवं सुविधाजनक सूचना प्रसारण करता है।

प्रश्न 2. 
प्रभावी एवं सफल संचार हेतु संचार का एस.एम.सी.आर.ई. मॉडल के घटकों का चित्र सहित वर्णकीजिए।
उत्तर:
प्रभावी एवं सफल संचार हेतु संचार के एस.एम.सी.आर.ई. मॉडल के दिए गए पाँच घटकों को समझन एवं नियंत्रित रूप से अनुसरण किया जाना चाहिए। एस.एम.सी.आर.ई. मॉडल को निम्न प्रकार समझ सकते हैं

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एस.एम.सी.आर.ई. मॉडल संचार की सम्पूर्ण प्रक्रिया और उसमें शामिल घटकों को दर्शाता है, जो कि निम्नलिखित

1. स्रोत:
स्रोत वह व्यक्ति होता है जो संचार प्रक्रिया को शरू करता है। अतः वह परी संचार-प्रक्रिया को प्रभावी बनाने के लिए उत्तरदायी मुख्य घटक होता है। वह श्रोता एवं दर्शक के समूह को इस प्रकार संदेश देता है कि यह न केवल संदेश के सही संप्रेषण में परिलक्षित होता है बल्कि इससे अपेक्षित अनुक्रिया भी प्राप्त होती है। स्रोत शिक्षक, माता-पिता, मित्र, सहपाठी, नेता, प्रशासक, लेखक आदि कोई भी हो सकता है। 

2. संदेश:
संदेश वह विषय या सूचना है जिसे संचास्क प्राप्त करने की इच्छा करता है, स्वीकार करता है या उस पर कार्रवाई करता है। अच्छा संदेश, सरल, आकर्षक और स्पष्ट होता है। यह कोई भी तकनीकी, वैज्ञानिक या आम जानकारी हो सकती है अथवा किसी व्यक्ति, समूह या जनसमुदाय की रोजमर्रा की जिंदगी से संबंधित सामान्य एवं विशिष्ट विचार हो सकता है।

3. चैनल:
चैनल संचार का वह माध्यम है जिसके द्वारा कोई जानकारी प्रेषक से ग्राहियों तक पहुंचती है। यह विश्व के बहुसंख्यक विकासशील और अल्पविकसित देशों में सर्वाधिक प्रचलित संचार का माध्यम है। चैनल के दो प्रकार होते हैं-अंतर्वैयक्तिक संचार चैनल व जनसंचार माध्यम द्वारा संचार के चैनल।

4. ग्राही (प्राप्तकर्ता):
यह संदेश या संचार कार्य के लक्ष्य के रूप में ग्राही या श्रोता या दर्शक होता है। ग्राही समूह जितना अधिक समरूप होगा, सफ़ल संचार के अवसर उतने ही अधिक होंगे। ग्राही कोई व्यक्ति या समूह, आदमी या औरत, ग्रामीण या शहरी, वृद्ध या जवान हो सकते हैं।

5. सूचना का प्रभाव (प्रतिपुष्टि):
यह किसी भी संचार प्रक्रिया का पहला कदम होने के साथ-साथ अंतिम घटक भी है। यदि संदेश की अनुक्रिया वही हो जिसकी संभावना थी तो यह चक्र पूरा हो जाता है। फिर भी, यदि लक्षित ग्राहियों की प्रतिक्रिया से अपेक्षित परिणाम नहीं आते, तो संदेश पर पुनर्विचार और संशोधन होता है और सम्पूर्ण संचार प्रक्रिया दोहराई जाती है। समाचार-पत्रों और पत्रिकाओं में छपे पाठकों के पत्र, संपादकों और लेखकों को दी गई प्रतिपुष्टि के ही रूप हैं।

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प्रश्न 3. 
संचार माध्यम के विभिन्न कार्यों की विवेचना कीजिए। 
उत्तर:
संचार माध्यम के विभिन्न कार्यों का विवरण निम्नलिखित है

1. सूचना देना:
इसके अंतर्गत सूचना प्रदान करना और सूचना का आदान-प्रदान करना दोनों शामिल हैं। वर्तमान में सूचना एक शक्ति है। रेडियो, टेलीविजन, पत्र-पत्रिका और समाचार-पत्रों द्वारा सूचनाओं का संचार किया जाता

2. सहमत कराना एवं प्रेरणा देना:
दर्शक एवं श्रोता को किसी धारणा को स्वीकार करने के लिए विभिन्न तर्कों एवं माध्यमों द्वारा सहमत करवाया जाता है। साथ ही किसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु प्रेरणा भी दी जाती है। इन कार्यों हेतु दर्शक एवं श्रोता की मनोदशा और उनकी सामाजिक-सांस्कृतिक पृष्ठभूमि की उचित समझ होना आवश्यक है।

3. मनोरंजन करना:
मनोरंजन के अनेक विकल्प प्रदान किए जाते हैं, जो लोक संचार माध्यम से शुरू होकर मौखिक परंपरा से 'सीधे घर तक' टेलीविजन द्वारा प्रसारित होते हैं। शैक्षिक प्रयोजनों में भी शिक्षा को सरल एवं रोचक बनाने हेतु प्रयास किया जाता है।

4. व्याख्या करना:
चित्रलेखीय प्रस्तुतीकरण, तथ्यों एवं आँकड़ों, कई जटिल और कठिन संकल्पनाओं को संचार सरल बनाता है। किसी जानकारी को पुस्तक में पढ़ने के बजाय विभिन्न संचार माध्यमों द्वारा जानना अधिक सरल होता है।

5. मूल्यों का संप्रेषण करना:
संचार माध्यम हितकारी मूल्यों के संप्रेषण के द्वारा एक स्वस्थ समाज के विकास को बढ़ावा देते हैं। वे मूल्यों के बारे में शिक्षा देने हेतु कहानी के रूप में कठपुतली और कार्टून फिल्मों को प्रयुक्त करते हैं।

6. शिक्षण अथवा प्रशिक्षण को बढ़ावा देना:
उचित संचार माध्यम स्थानीय भाषा में नए अधिगम अनुभवों और स्थानीय समस्याओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं और इस प्रकार अध्ययन-अध्यापन अनुभव को बढ़ावा देते हैं। इस तरह के संचार माध्यमों में अधिगम सामग्री के अंतःक्रियापरक अनुदेश वाले वीडियो ऑडियो कैसेट व डिस्क शामिल हैं।

7. समन्वयन:
आधुनिक पारस्परिक क्रियापरक संचार प्रौद्योगिकियों ने दूरी और पारस्परिक निकटता के महत्व को कम कर दिया है। वर्तमान में, संचार की गति, कार्यक्षेत्र और परिशुद्धता इस सीमा तक विकसित हो गई है कि एक ही स्थान से सम्पूर्ण भौगोलिक क्षेत्र में फैली वृहत् परियोजनाओं का समन्वय सरल हो गया है।

8. व्यवहारगत परिवर्तन लाना:
संचार माध्यम ऐसे सभी उपयोगी संदेशों का संप्रेषण करते हैं, जिनकी स्वीकार्यता से लक्षित लोगों में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष व्यवहारगत परिवर्तन होता है। विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित विस्तार शिक्षा कार्यक्रम, स्वास्थ्य, साक्षरता व पर्यावरणीय मुद्दे, सशक्तीकरण कार्यक्रम और नव-प्रवर्तनों को अपनाना आदि सभी संचार की कला व तकनीक पर आधारित होते हैं।

9. विकास को प्रोत्साहित करना:
विकास प्रक्रिया में संचार की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। इसने विकास की गति को तीव्रता प्रदान की है और लोगों को निकट लाकर संपूर्ण विश्व को परस्पर जोड़ दिया है। संचार विशेषज्ञों और जनसामान्य को आपस में मिलाता है।

प्रश्न 4. 
संचार प्रौद्योगिकी से आप क्या समझते हैं? आधुनिक संचार प्रौद्योगिकियाँ कौनसी हैं? बताइए। 
उत्तर:
1. संचार प्रौद्योगिकी 

संचार प्रौद्योगिकी का संबंध सूचना को नियंत्रित करने और संचार को सहायता देने के लिए विकसित और प्रयुक्त विभिन्न प्रौद्योगिकियों से है। इसमें आधुनिक प्रौद्योगिकियाँ शामिल हैं, जिनका प्रयोग डाटा के प्रेषण के लिए किया जाता है, जो इलेक्ट्रॉनिक संकेत या डिजिटल हो सकते हैं। 

2. आधुनिक संचार प्रौद्योगिकियाँ

आधुनिक संचार प्रौद्योगिकियों की सूची लंबी है, क्योंकि हर दूसरे दिन मौजूदा प्रौद्योगिकी में नए विकास सुनाई पड़ते हैं। फिर भी, आधुनिक संचार प्रौद्योगिकियों के प्रमुख रूप निम्नलिखित हैं

  • माइक्रो कम्प्यूटर: माइक्रो कम्प्यूटर, मेनफ्रेम और मिनी कम्प्यूटर की तुलना में आकार रूप में छोटे कम्प्यूटर होते हैं। हमारे द्वारा प्रयुक्त वर्तमान पर्सनल कम्प्यूटर माइक्रो कम्प्यूटर ही हैं। वास्तव में, इंटीग्रेटेड सर्किट फैब्रिकेशन टेक्नोलॉजी ने मेनफ्रेम और मिनी कम्प्यूटर के आकार को कम कर दिया है और इस तरह से माइक्रो कम्प्यूटर प्रकाश में आया। तकनीकी रूप से, माइक्रो कम्प्यूटर एक ऐसा कम्प्यूटर है जिसमें सीपीयू (सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट या कम्प्यूटर का दिमाग), एक माइक्रोप्रोसेसर, इनपुट/आउटपुट डिवाइस और स्टोरेज (मेमोरी) इकाई इत्यादि एक सरल चिप पर निहित होते हैं। ये सभी घटक माइक्रो कम्प्यूटर के समुचित कार्य हेतु महत्वपूर्ण हैं।

माइक्रो कम्प्यूटर के कार्यों में, संसाधन (प्रोसेसिंग), सभी प्रकार की सूचनाओं का रिकॉर्ड रखना, लेखाकरण, अनुसंधान तथा क्षेत्रकार्य के प्रयोजन के लिए अनुभवों और विविध विषयों के संग्रह की भूमिका निभाना और उचित मूल्य पर सूचना सामग्री को प्रकाशित करना आदि शामिल हैं।

  • दृश्य पाठ-टेलीफ़ोन नेटवर्क या केबल सिस्टम के माध्यम से मुख्य कम्प्यूटर से घर के टीवी सेट तक प्रेषित इलेक्ट्रॉनिक पाठ सेवा को दृश्य पाठ या दृश्य डाटा कहते हैं। यह सूचना और डाटा का चित्रमय प्रस्तुतीकरण है। यह चार्ट, ग्राफ़ और मानचित्रों जैसे दृश्य तत्वों का उपयोग करके डाटा में रुझान, प्रवाह, बाहरी कारकों और पैटर्न को देखने एवं समझने का एक सुलभ तरीका प्रदान करता है।
  • इलेक्ट्रॉनिक मेल (ई-मेल)-यह वह प्रक्रिया है जो सूचना को इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रेषक से ग्राही (प्राप्तकर्ता) तक भेजती है। ई-मेल को कम्प्यूटर पर टाइप किया जाता है और इंटरेनट के माध्यम से दूसरे कम्प्यूटर

91 को भेजा जाता है। यह मेल बॉक्स की व्यवस्था के आधार पर, दो या अधिक व्यक्तियों के मध्य संचार की एक आसान विधि है। संदेश प्राप्तकर्ता के मेल एकाउंट में सुरक्षित रहता है, जिसे ग्राही जब चाहे देख सकता है।

  • पारस्परिक क्रियात्मक वीडियो: यह मीडिया का एक नया रूप है। इसे कई शीर्ष ब्रांड उपभोक्ताओं को जोड़ने और अपने डिजिटल मार्केटिंग लक्ष्यों तक पहुँचने के लिए उपयोग कर रहे हैं। पारस्परिक क्रियात्मक वीडियो का संबंध ऐसे वीडियो-तंत्र से है जो कम्प्यूटर और वीडियो का संयोजन है। यह पाठ, स्थिर फोटो, वीडियो, ऑडियो, स्लाइडों, ओवरहेडों आदि का उपयोग करके बहु-माध्यम (मल्टीमीडिया) को अपनाता है। विभिन्न रूपों में संग्रहीत संदेशों से उपभोक्ता अपनी इच्छानुसार संदेश प्राप्त करते हैं। उपभोक्ता की सिस्टम के प्रति जो अनुक्रिया होती है, उसी के अनुसार आगे का मार्ग निर्धारित होता है।
  • दूर: सम्मेलन-दूर सम्मेलन दो या दो से अधिक प्रतिभागियों के बीच एक टेलीफोन बैठक है, जो कि भौगोलिक रूप से एक-दूसरे से काफी दूर होते हैं। यह एक पारस्परिक क्रियात्मक समूह संचार है, जिसमें दोतरफ़ा फोन कनेक्शन की तुलना में अधिक परिष्कृत प्रौद्योगिकी प्रयुक्त की जाती है। इसके सरलतम रूप में, दूर-सम्मेलन आयोजित करने पर एक-दूसरे के संवाद को सुनने हेतु स्पीकर फोन प्रयोग किए जाते हैं
Raju
Last Updated on Aug. 19, 2022, 10:55 a.m.
Published Aug. 16, 2022