RBSE Class 11 Home Science Important Questions Chapter 9 अन्य महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों से संबंध और मेल-जोल

Rajasthan Board RBSE Class 11 Home Science Important Questions Chapter 9 अन्य महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों से संबंध और मेल-जोल Important Questions and Answers.

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RBSE Class 11 Home Science Important Questions Chapter 9 अन्य महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों से संबंध और मेल-जोल

I. बहुचयनात्मक प्रश्न

1. समाज की मूल इकाई है
(अ) परिवार 
(ब) गाँव
(स) कस्बा
(द) व्यक्ति
उत्तर:
(अ) परिवार 

2. जो परिवार पहचान के लिए पिता के नाम का उपयोग करते हैं, कहलाते हैं
(अ) पितृवंशीय
(ब) मातृवंशीय 
(स) पितृस्थानिक
(द) मातृस्थानिक
उत्तर:
(अ) पितृवंशीय

3. जो परिवार पहचान हेतु माता के नाम को प्रयुक्त करते हैं, कहलाते हैं
(अ) पितृवंशीय
(ब) मातृवंशीय 
(स) एकल
(द) संयुक्त
उत्तर:
(ब) मातृवंशीय 

4. आवास व्यवस्था के आधार पर परिवारों का वर्गीकरण किया जाता है
(अ) पितृवंशीय और मातृवंशीय परिवारों में 
(ब) पितृस्थानिक और मातृस्थानिक परिवारों में 
(स) एकल, विस्तृत और संयुक्त परिवारों में
(द) उपर्युक्त में से कोई नहीं 
उत्तर:
(ब) पितृस्थानिक और मातृस्थानिक परिवारों में 

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5. परिवार के सदस्यों की संख्या के आधार पर वर्गीकृत परिवार का प्रकार नहीं है
(अ) एकल परिवार
(ब) विस्तृत परिवार 
(स) संयुक्त परिवार
(द) पितृवंशीय परिवार
उत्तर:
(द) पितृवंशीय परिवार

6. विद्यालय एक ऐसी जगह है, जहाँ
(अ) आप अपने सहपाठी मित्रों से मिलते हैं। 
(ब) आप अध्यापकों की भूमिका में वयस्कों से मिलते हैं। 
(स) अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया द्वारा प्रत्यक्ष अंत:क्रिया सम्पन्न होती है।
(द) उपर्युक्त सभी। 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी।

7. जिस अवस्था में बच्चे एक-दूसरे को केवल एक वस्तु समझते हैं। वह है
(अ) छः माह की आयु तक
(ब) एक से तीन वर्ष की आयु तक 
(स) पाठशाला पूर्व वर्षों तक
(द) मध्य बचपन के वर्षों तक
उत्तर:
(अ) छः माह की आयु तक

8. जिस अवस्था तक मित्रता गहरी हो जाती है और मित्र एक-दूसरे से अंतर्विचार और अनुभव साझा करते हैं; वह है
(अ) पाठशाला पूर्व वर्षों तक
(ब) बड़े विद्यालय पूर्व वर्षों तक 
(स) मध्य बचपन के वर्षों तक
(द) किशोरावस्था तक
उत्तर:
(द) किशोरावस्था तक

9. अधिकांश किशोरों का जिगरी दोस्तों का एक छोटा समूह होता है, जो कि कहलाता है
(अ) टोली
(ब) जनसंकुल 
(स) मंडली
(द) ये सभी
उत्तर:
(अ) टोली

10. बड़ी संख्या में मित्र जिनसे ज्यादा संपर्क नहीं होता है, कहलाते हैं
(अ) टोली
(ब) गुट 
(स) जनसंकुल
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर:
(स) जनसंकुल

11. लोगों द्वारा स्वयं अपने प्रयोग के लिए बनाए गए अमूर्त तत्वों में शामिल है
(अ) विश्वास
(ब) मूल्य 
(स) रीतियाँ
(द) ये सभी 
उत्तर:
(द) ये सभी

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12. वर्तमान में हमारे देश में कितनी अनुसूचित भाषाएँ हैं? 
(अ) 18
(ब) 21
(स) 22
(द) 31 
उत्तर:
(स) 22

13. ₹10 के नोट पर कुल कितनी राजभाषाएँ छपी हैं? 
(अ) सात भाषाएँ
(ब) सोलह भाषाएँ 
(स) सवह भाषाएँ
(द) इक्कीस भाषाएँ 
उत्तर:
(स) सवह भाषाएँ

14. आधुनिक समाज का चौथा स्तम्भ है
(अ) विधानमंडल
(ब) न्यायपालिका
(स) कार्यपालिका
(द) मीडिया
उत्तर:
(द) मीडिया

II. रिक्त स्थान वाले प्रश्न

निम्नलिखित पंक्तियों में उचित शब्दों द्वारा रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

(क) 

(i) बच्चों और वयस्क दोनों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ........... जरूरी है।
(ii) ............ वह परिवार है जहाँ कई पीढ़ियों के सदस्य एक साथ रहते हैं। 
(iii) जो मूल्य परिवार बच्चों को देते हैं वह बहुधा ........... हो जाते हैं। 
(iv) पूरे विश्व में माता-पिता परिवार की व्यवस्था करने हेतु ............ में व्यस्त रहते हैं। 
(v) घर में .......... माहौल का अभाव किसी भी उम्र में तनाव और परेशानी का कारण बन सकता है।
उत्तर:
(i) परिवार, 
(ii) संयुक्त परिवार, 
(iii) रूपांतरित, 
(iv) जीविका उपार्जन, 
(v) सकारात्मक।

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(ख)

(i) विद्यालय हमारे जीवन में शैक्षिक कार्य करने के अलावा सामाजिक संबंधों के ............ के रूप में भी कार्य करते हैं।
(ii) छ: माह के शिशु भी दूसरे ........... में रुचि दिखाते हैं। 
(iii) भीड़ के सदस्यों में टोली के सदस्यों की तरह एक-दूसरे से .......... नहीं होती है। 
(iv) बहुत सी संस्कृतियों में समाज में ............ द्वारा धारित मूल्य हमठम्रों के मूल्य के समान ही होते हैं। 
(v) शिक्षक की ........... स्वतः साधक भविष्योक्ति बन जाती है।
उत्तर:
(i) नेटवर्क, 
(ii) शिशुओं, 
(iii) घनिष्ठता, 
(iv) वयस्कों, 
(v) अपेक्षाएँ। 

(ग) 

(i) ........... मानव जीवन का एक सहज गुण है।
(ii) हम अपने इर्द-गिर्द देखकर सही और गलत की ........... बनाते हैं। 
(iii) अन्य लोगों के साथ हमारा ............ हमारे जीवन पर प्रमुख प्रभाव डालता है। 
(iv) शहरों, कस्बों तथा गाँवों में घरों, सेवाओं और समाज की ........... के तरीके में अंतर होता है। 
(v) एक गाँव में लोग प्रायः अपने इलाके में रहने वाले सभी ........... से परिचित होते हैं।
उत्तर:
(i) मिलनसारिता, 
(ii) धारणा, 
(iii) व्यवहार, 
(iv) व्यवस्था, 
(v) परिवारों। 

III. सत्य/असत्य वाले प्रश्न

निम्नलिखित कथनों में से सत्य/असत्य की पहचान कीजिए

(क) 

(i) प्रत्येक के जीवन में ऐसे कई उदाहरण मिलते हैं जहाँ माता-पिता, भाई-बहन या दूसरे सदस्यों ने आपको सांत्वना और प्रोत्साहन दिया होगा।
(ii) परिवार नामक संस्था अपने सदस्यों के लिए कोई अनिवार्य कार्य करने हेतु प्रतिबद्ध नहीं है।
(iii) दादी भी अपना समय व्यतीत करने के लिए अपने नाती-पोतों का बेसब्री से इंतजार करती है। 
(iv) बहुत-सी प्रथाएँ सामान्य होती हैं जिन्हें प्रत्येक परिवार समान तरीके से अपनाता है।
(v) किशोर लड़का पुत्र, भाई या देवर/साले की भूमिका में हो सकता है।
उत्तर:
(i) सत्य, 
(ii) असत्य, 
(iii) सत्य 
(iv) असत्य, 
(v) सत्य।

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(ख) 

(i) शिक्षकों को बच्चों की क्षमताओं के संबंध में कोई पूर्व-निर्णय नहीं लेना चाहिए।
(ii) यदि बच्चा किसी समय में अच्छा निष्पादन नहीं करता है तो संभव है कि वह भविष्य में भी अच्छा नहीं कर सकता है।
(iii) शिक्षकों को समुचित ढंग से सभी छात्रों की उपलब्धि की अनुकूलतम माँग करनी चाहिए। 
(iv) शिक्षक-विद्यार्थी संबंध अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया का सार है। 
(v) विद्यालय किशोरों के विकास को प्रभावित करने वाला महत्वपूर्ण संदर्भ है।
उत्तर:
(i) सत्य, 
(ii) असत्य, 
(iii) सत्य 
(iv) सत्य, 
(v) सत्य। 

(ग)

(i) यह सच नहीं है कि लोगों के बिना समुदायों का अस्तित्व नहीं हो सकता।
(ii) सामान्यतः एक माता से बच्चों को जन्म देने और पालन-पोषण की जिम्मेदारी की अपेक्षा की जाती है। 
(iii) एक पिता सुरक्षा और आय के रूप में मदद प्रदान कर अपने उत्तरदायित्वों को पूरा करता है। 
(iv) हम संस्कृति का प्रयोग लोगों की धारणाएँ और उनकी जीवन शैली के अर्थ में करते हैं। 
(v) हर शक्तिशाली माध्यम की तरह इंटरनेट स्रोत भी केवल नुकसान ही पहुंचाता है।
उत्तर:
(i) असत्य, 
(ii) सत्य, 
(iii) सत्य 
(iv) सत्य, 
(v) असत्य । 

IV. मिलान करने वाले प्रश्न

स्तम्भा में दिए गए शब्दों को स्तम्भ II के शब्दों से मिलाइए। 

(क) 

स्तम्भ।

स्तम्भ ॥ 

(i) पितृवंशीय

(अ) पिता के नाम का उपयोग करते हैं। 

(ii) मातृवंशीय

(ब) कई पीढ़ियों के सदस्य एक साथ रहते हैं। 

(iii) एकल परिवार

(स) दादा-दादी व चाचा-चाची एक साथ रहते हैं। 

(iv) विस्तृत परिवार

(द) माता-पिता के साथ भाई-बहन रहते हैं। 

(v) संयुक्त परिवार

(य) माता के नाम का उपयोग करते हैं। 

उत्तर:

स्तम्भ।

स्तम्भ ॥ 

(i) पितृवंशीय

(अ) पिता के नाम का उपयोग करते हैं। 

(ii) मातृवंशीय

(य) माता के नाम का उपयोग करते हैं।

(iii) एकल परिवार

(द) माता-पिता के साथ भाई-बहन रहते हैं। 

(iv) विस्तृत परिवार

(स) दादा-दादी व चाचा-चाची एक साथ रहते हैं।

(v) संयुक्त परिवार

(ब) कई पीढ़ियों के सदस्य एक साथ रहते हैं। 

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(ख) 

स्तम्भ ।

स्तम्भ ॥ 

(i) विद्यालय

(अ) नेटवर्क 

(ii) सामाजिक सम्बन्ध

(ब) हमउम्र दबाव 

(iii) जिगरी दोस्त

(स) जनसंकुल 

(iv) बड़ी संख्या में

(द) अध्यापक 

(v) किशोरावस्था

(य) टोली 

उत्तर:

स्तम्भ ।

स्तम्भ ॥ 

(i) विद्यालय

(द) अध्यापक

(ii) सामाजिक सम्बन्ध

(अ) नेटवर्क 

(iii) जिगरी दोस्त

(य) टोली 

(iv) बड़ी संख्या में

(स) जनसंकुल

(v) किशोरावस्था

(ब) हमउम्र दबाव

(ग) 

स्तम्भ ।

स्तम्भ ॥ 

(i) समाज

(अ) अनेक फिल्मों पर प्रतिबंध 

(ii) समुदाय

(ब) मानव समूह की एक विशाल संकल्पना 

(iii) संस्कृति

(स) किसी जाति की जीवन शैली का द्योतक

(iv) साइबर कैफे

(द) इंटरनेट पर गप-शप करने वाला समूह 

(v) सेंसर बोर्ड

(य) इंटरनेट के माध्यम से संचार

उत्तर:

स्तम्भ ।

स्तम्भ ॥ 

(i) समाज

(ब) मानव समूह की एक विशाल संकल्पना

(ii) समुदाय

(द) इंटरनेट पर गप-शप करने वाला समूह 

(iii) संस्कृति

(स) किसी जाति की जीवन शैली का द्योतक

(iv) साइबर कैफे

(य) इंटरनेट के माध्यम से संचार 

(v) सेंसर बोर्ड

(अ) अनेक फिल्मों पर प्रतिबंध 

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v. अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न-.

प्रश्न 1. 
एकल परिवार का अर्थ प्रकट करें। 
उत्तर:
एकल परिवार सामान्य तौर पर पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चों से मिलकर बने समूह को कहते

प्रश्न 2. 
सदस्यों की संख्या के आधार पर परिवार कितने प्रकार का होता है?
उत्तर:
सदस्यों की संख्या के आधार पर परिवार के प्रकार हैं-(i) एकल परिवार, (ii) विस्तृत परिवार (iii) संयुक्त परिवार।

प्रश्न 3.
पितृस्थानिक व मातस्थानिक परिवार से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
पितृस्थानिक परिवार वे परिवार हैं जो पिता के मूल घर में रहते हैं और मातृस्थानिक परिवार वे परिवार हैं जो माता के मूल घर में रहते हैं।

प्रश्न 4. 
पितृवंशीय परिवार कौनसे कहलाते हैं? 
उत्तर:
जो परिवार पहचान के लिए पिता के नाम का उपयोग करते हैं वे पितृवंशीय परिवार कहलाते हैं। 

प्रश्न 5. 
मातृवंशीय परिवार से आप क्या समझते हैं? 
उत्तर:
जो परिवार पहचान हेतु माता के नाम का उपयोग करते हैं, वे मातृवंशीय परिवार कहलाते हैं। 

प्रश्न 6. 
संप्रेषण की शैलियों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
संप्रेषण की चार शैलियाँ निम्नवत् हैं

  • स्पष्ट और प्रत्यक्ष संप्रेषण 
  • स्पष्ट और अप्रत्यक्ष संप्रेषण 
  • प्रच्छन्न और प्रत्यक्ष संप्रेषण 
  • प्रच्छन्न और अप्रत्यक्ष संप्रेषण। 

प्रश्न 7. 
भारतीय परम्परागत परिवारों में कौनसी संप्रेषण शैली प्रचलित है?
उत्तर:
भारतीय परिवार की पदानुक्रमी संरचना में अप्रत्यक्ष संवाद को प्रत्यक्ष संप्रेषण की अपेक्षा अधिक पसंद किया जाता है।

प्रश्न 8. 
विद्यालय समाजीकरण का एक माध्यम है। कैसे?
उत्तर:
विद्यालय एक ऐसी जगह है जहाँ आप अपने सहपाठी मित्रों और अध्यापकों की भूमिका में वयस्कों से मिलकर सीखने के प्रति, नए विषयों के प्रति और जीवन के प्रति अपने रवैये को निर्धारित करते हैं।

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प्रश्न 9. 
मध्य बचपन के वर्षों के दौरान मित्रता कैसी स्थिति में होती है?
उत्तर:
मध्य बचपन के वर्षों के दौरान बच्चा मित्रों के साथ अधिक समय बिताता है और उनका प्रभाव अधिक शक्तिशाली हो जाता है।

प्रश्न 10. 
अध्यापक व माता-पिता में क्या समानताएँ हैं?
उत्तर:
अध्यापक भी माता-पिता के समान सीमाएँ निर्धारित करते हैं, अपेक्षाएँ रखते हैं, मूल्यों से अवगत कराते हैं और विकास को बढ़ावा देते हैं।

प्रश्न 11. 
दार्शनिकों ने अध्ययन-अध्यापन की कैसी प्रक्रिया की कल्पना की है?
उत्तर:
दार्शनिकों ने अध्ययन-अध्यापन की एक ऐसी प्रक्रिया के रूप में कल्पना की है जहाँ ज्ञान शिक्षक और शिक्षार्थी के बीच सह-निर्मित होता है।

प्रश्न 12. 
प्राचीन शिक्षण परम्परा में शिक्षक की क्या भूमिका थी?
उत्तर:
भारत की प्राचीन शिक्षण परम्परा में गुरु की भूमिका विद्यार्थी को पूरी तरह स्वावलम्बी बनाने और अपने आप को असंलग्न रखने की थी।

प्रश्न 13. 
समकालीन भारतीय संदर्भ में शिक्षण का मुख्य मानदंड क्या है?
उत्तर:
समकालीन भारतीय संदर्भ में शिक्षण का मुख्य मानदंड विद्यार्थी द्वारा अपनी परीक्षा में अच्छे से अच्छे अंक प्राप्त करना है।

प्रश्न 14. 
आदर्श शिक्षक कैसा होना चाहिए?
उत्तर:
ऐसा शिक्षक जो अपने छात्रों की शिक्षा में रचनात्मक भूमिका निभाए और भविष्य के लिए उनके मार्गदर्शक और परामर्शदाता के रूप में कार्य करे।

प्रश्न 15. 
समुदाय के कुछ उदाहरण दीजिए। 
उत्तर:
हमारे आस-पास के समुदायों के उदाहरण हैं-परिवार, पड़ोस, गाँव, शहर व कस्बा। 

प्रश्न 16. 
विज्ञापन में कैरियर की संभावना किस प्रकार हो सकती है?
उत्तर:
आज व्यवसायी अपने उत्पादों की बिक्री हेतु विज्ञापन के लिए टेलीविजन का उपयोग करते हैं। इसलिए आज विज्ञापन एक शक्तिशाली और व्यावसायिक कैरियर बन चुका है।

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प्रश्न 17. 
मीडिया का व्यक्ति पर प्रभाव किस आधार पर पड़ता है?
उत्तर:
मीडिया का व्यक्ति पर प्रभाव निम्न आधारों पर पड़ता है। व्यक्ति की आयु, जेंडर, शिक्षा, सजातीय पृष्ठभूमि और स्वभाव।

प्रश्न 18. 
इंटरनेट के नकारात्मक पक्षों का उल्लेख करें।
उत्तर:
इण्टरनेट की कुछ साइटों की सामग्री युवाओं के मन-मस्तिष्क पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। साथ ही, इंटरनेट अपराधियों द्वारा सूचना के आदान-प्रदान का भी एक शक्तिशाली स्रोत है।

प्रश्न 19. 
फिल्मों का हमारे समाज से क्या सम्बन्ध है? 
उत्तर:
फिल्में सामाजिक वास्तविकता को निरूपित और प्रभावित करती हैं। 

प्रश्न 20. 
सरकार द्वारा बेसहारा बच्चों तथा परिवारों की समुचित देखभाल क्यों नहीं हो पाती है?
उत्तर:
हमारे देश की आर्थिक स्थिति, संसाधनों की कमी, अपर्याप्त वितरण और कई बार पहुँच की कमी के कारण भी, कठिन परिस्थितियों में सरकार द्वारा बच्चों तथा परिवारों की देखभाल पर्याप्त रूप में नहीं हो पाती है।

प्रश्न 21. 
समुदाय के प्रति हमारे उत्तरदायित्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
हमें अपने परिवार, समुदाय, समाज, देश व संसार का सक्रिय सदस्य बनने का संकल्प लेना होगा ताकि हम आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को बेहतर बनाने में अपनी भूमिका निभा सकें। 

VI. लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
परिवार के महत्त्व पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
परिवार समाज की मूल इकाई है। बच्चे और वयस्क दोनों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए परिवार जरूरी है। परिवार किसी भी समाज की संस्कृति को बनाए रखने में भी सहायता करता है। यह सभी बच्चों की देखभाल और परवरिश द्वारा उनके सम्पूर्ण विकास में योगदान देता है। बच्चों के पालन-पोषण के साथ-साथ परिवार बच्चों को बढ़ने और समाज का अच्छा एवं उत्पादक सदस्य बनने के लिए उनमें सकारात्मक सामाजिक-भावात्मक अनुभव और सम्बन्ध एवं अपनत्व की भावना प्रदान करने का प्रयास करता है। परिवार आवश्यकता के समय अपने सदस्यों को स्थिरता और सहायता भी प्रदान करते हैं।

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प्रश्न 2. 
संयुक्त परिवार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर:
संयुक्त परिवार-संयुक्त परिवार वह परिवार है जहाँ कई पीढ़ियों के सदस्य एक साथ रहते हैं, विशेष रूप से विवाहित दंपत्ति (सामान्यत: बेटे) और उनके विवाहित, अविवाहित बच्चे तथा उनके भी बच्चे एक साथ रहते हैं। संयुक्त परिवारों का आकार बहुत बड़ा हो सकता है। ऐसे परिवारों में रहने वाले सभी वयस्कों के कार्य और जिम्मेदारी परस्पर बाँटी जाती है।

प्रश्न 3. 
एकल परिवार से क्या आशय है? इसमें बच्चों की देखभाल कौन करते हैं?
उत्तर:
वह परिवार जिसमें पति-पत्नी और उनके अविवाहित बच्चे साथ-साथ रहते हैं, एकल परिवार कहलाता एकल परिवारों में बच्चों की देखभाल

  • एकल परिवारों में अधिकांशतः माता-पिता अपने बच्चों की देखभाल स्वयं करते हैं।
  • कुछ एकल परिवारों में, यद्यपि दादा-दादी, परिवार के साथ नहीं रहते हैं, तथापि वे नियमित रूप से वहाँ आते रहते हैं और बच्चों की देखभाल करते हैं।
  • कभी-कभी यदि माता-पिता दोनों काम करने के लिए बाहर जाते हैं तो वे बच्चों को रिश्तेदारों के साथ छोड़ जाते हैं।

प्रश्न 4. 
विपरीत परिस्थितियों में बच्चों की देखभाल कैसे की जाती है?
उत्तर:
सभी बच्चे भाग्यशाली नहीं होते कि उनके माता-पिता दोनों का उन्हें साथ मिले। यथा

  • कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जिन्होंने अपने माता या पिता को मृत्यु के कारण खो दिया है। ऐसे मामलों में जीवित माता या पिता सामान्यतः दोनों का दायित्व निभाता है। दादी, नानी, भाभी, मौसी आदि उसकी सहायता कर सकते हैं।
  • कई बार माता और पिता को एक साथ रहने में समस्याएं होने के कारण अलग होने का निर्णय भी लेना पड़ सकता है, ऐसी परिस्थिति में भी बच्चों की देखरेख एक ही अभिभावक द्वारा की जाती है।
  • कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों जैसे कि बाढ़, भूकंप आदि के कारण बेसहारा हो जाते हैं। ऐसी परिस्थितियों में उनका किसी के द्वारा गोद लेना या किसी संस्था में उनकी देखभाल होना ही एकमात्र विकल्प है। इन बच्चों की देखभाल करना राज्य की जिम्मेदारी होती है।

प्रश्न 5. 
'अनाथ बच्चे' से आपका क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
आपने ऐसे बच्चों या किशोरों को देखा होगा जो बेघर प्रतीत होते हैं। उनमें से कछ तो जीविका की खोज में अपने आप घर या बाल संस्थाएँ छोड़ देते हैं। कुछ को परिवार त्याग देते हैं या कुछ लापता हो जाते हैं। ऐसे बच्चों को 'अनाथ बच्चे' कहा जाता है। वे साधारणतः अपने मूल परिवारों में नहीं रहते हैं परंतु गलियों में वे जिन अन्य बच्चों के साथ रहते हैं वे उनके लिए परिवार जैसे ही बन जाते हैं। कभी-कभी ऐसे बच्चे अपने परिवारों में लौट आते हैं।

प्रश्न 6. 
पितृवंशीय और मातृवंशीय परिवार से क्या आशय है?
उत्तर:
पितृवंशीय और मातृवंशीय परिवार-आपका पहला 'नाम' माता-पिता द्वारा चुना हुआ नाम है। परंतु बहुतों के लिए दूसरा नाम जो 'उपनाम' कहलाता है, परिवार के सभी सदस्यों के लिए एक ही होता है। यह अधिकांशतः पिता के परिवार का नाम होता है। उत्तर-पूर्व और दक्षिण की जनजातियों में दूसरा नाम माता के परिवार का होता 

जो परिवार पहचान के लिए पिता के नाम का उपयोग करते हैं वे पितृवंशीय कहलाते हैं और जो माता के नाम का उपयोग करते हैं वे मातृवंशीय कहलाते हैं। पितृवंशीय या मातृवंशीय होना सुनिश्चित करता है कि निर्णायक कौन है पिता या माता? उत्तराधिकार के नियम भी इन्हीं से बने होते हैं।

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प्रश्न 7. 
पारिवारिक जीवन चक्र की विभिन्न अवस्थाएँ कौन सी है? 
उत्तर:
पारिवारिक जीवन चक्र में साधारणतः सात अवस्थाएँ होती हैं, जो कि निम्नलिखित हैं

  1. विवाहित दंपत्ति (बिना बच्चों के) 
  2. बच्चों वाला परिवार 
  3. पूर्व विद्यालयी बच्चों वाला परिवार 
  4. विद्यालय जाने वाले बच्चों तथा किशोरों वाला परिवार 
  5. उच्चतर शिक्षा/रोजगार के लिए तैयार युवाओं वाला परिवार 
  6. बड़े विवाहित बच्चों वाले अधेड़ आयु के माता-पिता
  7. वृद्ध दंपत्ति सेवानिवृत्ति से मृत्यु तक दोनों पति-पत्नी। 

उपर्युक्त प्रत्येक अवस्था में चुनौतियाँ और दायित्व हैं जो पारिवारिक जीवन के उस चरण में उसके सदस्यों के विकास के लिए लाभकारी होते हैं।

प्रश्न 8. 
किशोर किस तरह परिवार के सदस्यों को सहारा देते हैं एवं उनका मनोबल बढ़ाते हैं?
उत्तर:
किशोरावस्था के व्यक्ति के लिए वयस्कों के बीच उन्हीं की तरह आचरण करना एवं सीखना विकासात्मक कार्यों में से एक है। प्रौढ़ अभिभावकों को अस्वस्थता, जीविका में निराशा, किसी एक का दूसरे दूर स्थान पर स्थानांतरण, परिवार में मृत्यु, वृद्ध रिश्तेदार की अतिरिक्त जिम्मेदारी, वित्तीय संकट आदि का सामना करना पड़ सकता है। अतः कठिन परिस्थितियों के दौरान युवकों और बच्चों की समझदारी और सहयोग को कम करके नहीं आंका जाना चाहिए। बच्चों की उपस्थिति और उनका साथ विकट स्थितियों में भी परिवारों को सहायता प्रदान करने की क्षमता रखता है। इस प्रकार, एक-दूसरे की आवश्यकताओं और भावनाओं को समझना परिवार के सदस्यों के लिए काफी सहायक हो सकता है।

प्रश्न 9. 
पाठशाला (विद्यालय) से आप क्या समझते हैं? वर्णन करें।
उत्तर:
विद्यालय एक ऐसी जगह है जहाँ आप अपने मित्रों से मिलते हैं और इनमें से कुछ की मित्रता काफी समय तक रहती है। आप अध्यापकों की भूमिका में वयस्कों से भी मिलते हैं और उनमें से अधिकांश सीखने के प्रति, नए विषयों के प्रति और जीवन के प्रति आपके रवैये को निर्धारित करते हैं। इस प्रकार, विद्यालय हमारे जीवन में शैक्षिक कार्य करने के अलावा सामाजिक सम्बन्धों के नेटवर्क के रूप में भी कार्य करते हैं जो हमारे मूल्य, व्यवहार और सोच को अध्ययन-अध्यापन प्रक्रिया द्वारा प्रत्यक्ष रूप से और विद्यालय में समकक्षों और शिक्षकों के साथ अंत:क्रिया करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करते हैं। दूसरे शब्दों में, विद्यालय समाजीकरण का एक माध्यम है।

प्रश्न 10. 
उपेक्षित बच्चों की स्थिति स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वे बच्चे जो अपने हमउम्र बच्चों द्वारा उपेक्षित होते हैं उनमें आक्रामक व्यवहार दर्शाने की संभावना होती है और वे अपने असामान्य व्यवहार द्वारा समूह के क्रियाकलापों में बाधा डालते हैं। हमउम्रों से उपेक्षित बच्चे अकेले रहना पसंद करते हैं या दुर्भाग्यवश वे असामान्य उपसंस्कृतियों में शामिल हो सकते हैं जिसके मूल्य और क्रियाकलाप मुख्यधारा की संस्कृति से उल्लेखनीय रूप से अलग होते हैं। यह बच्चे के लिए बहुत नुकसानदायक हो सकता है।

प्रश्न 11. 
आदर्श शिक्षक कैसा होना चाहिए?
उत्तर:
विद्यालय में अध्यापकों का बहुत अधिक प्रभाव होता है। वे शक्तिशाली रोल मॉडल होते हैं और बहुधा बच्चे के विकास को प्रभावित करते हैं। अतः शिक्षकों को निम्न अपेक्षाओं के हानिकारक परिणाम के विषय में सतर्क होना होगा। उन्हें बच्चों की क्षमताओं के सम्बन्ध में कोई पूर्व-निर्णय नहीं लेना चाहिए। यदि बच्चा किसी समाज में अच्छा निष्पादन नहीं भी करता है तो भी सम्भव है कि भविष्य में बच्चा अच्छा कर सकता है। इसके लिए उसे पर्याप्त सहायता और प्रोत्साहन देना चाहिए। शिक्षकों को समुचित रूप से सभी छात्रों से उपलब्धि की अनुकूलतम माँग करनी चाहिए, केवल कुछ ही छात्रों से नहीं। शिक्षक द्वारा बच्चों की उपलब्धि को उनके पहले के निष्पादन की तुलना में देखा जाना आवश्यक है, कक्षा की औसत तुलना में नहीं।

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प्रश्न 12. 
भारत की प्राचीन एवं समकालीन शिक्षण पद्धतियों में तुलनात्मक विश्लेषण प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
भारत की प्राचीन शिक्षण परम्परा में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका थी। उपनिषद् में उसकी भूमिका विद्यार्थी को पूरी तरह स्वावलम्बी बनाने और अपने आपको असंलग्न रखने की थी। तथापि, ऐसा माना जाता था कि यह स्वावलम्बन वर्षों के कठिन परिश्रम, शिक्षा, समर्पण और निष्ठा के बाद हासिल हो पाता था। वे विद्यार्थियों को प्रश्न पूछने, अन्वेषण करने और लगातार पूछताछ करने के लिए प्रोत्साहित करते थे ताकि विद्यार्थी की सृजनात्मकता सामने आ सके। समकालीन भारतीय संदर्भ में विद्यार्थी अपनी परीक्षा में बहुत अच्छे अंक प्राप्त करें, इसे शिक्षण के मुख्य मानदंड के रूप में देखा जाता है। ऐसे भी शिक्षक हैं जो विद्यार्थियों को केवल पाठ लिखवा देते हैं, प्रश्न पूछने की इजाजत नहीं देते। तथापि, ऐसे भी शिक्षक हैं जो अपने छात्रों की शिक्षा में रचनात्मक भूमिका निभाते हैं और भविष्य के लिए उनके मार्गदर्शक और परामर्शदाता की भूमिका निभाते हैं।

प्रश्न 13. 
"मिलनसारिता मानव जीवन का एक सहज गुण है।" स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
मिलनसारिता मानव जीवन का एक सहज गुण है। क्योंकि हमें अन्य लोगों के बीच रहना अच्छा लगता है, हम दूसरों को सुनकर और हमारे बारे में उनकी प्रतिक्रियाएँ देखकर अपने बारे में राय बनाते हैं। हम अपने आसपास के लोगों के साथ मिलकर अपने समाज व संस्कृति के बारे में सीखते हैं। साथ ही, हम अपने इर्द-गिर्द देखकर सही और गलत की धारणा बनाते हैं। इस प्रकार, हम अपने जीवन में अन्य लोगों के साथ निकट सम्पर्क में रहते हैं। जन्म के बाद मानव शिश सभी स्तनपायी जीवों के नवजात शावकों में सबसे अधिक पराश्रित होता है और उनकी तुलना में अधिकतम समय तक ऐसा ही बना रहता है। निर्भरता की इस अवधि के दौरान देखभाल करने वालों तथा शिशु के बीच घनिष्ठ अंत:क्रियाएँ होती हैं और आरम्भिक जीवन में ऐसे विकास होते हैं जो भविष्य के लिए नींव रखते हैं।

प्रश्न 14. 
समुदाय की धारणा स्पष्ट कीजिए। इसके विभिन्न प्रकारों पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
समुदाय की धारणा एक समूह की धारणा है जो साझे मूल्यों, विश्वासों, स्थानों, हितों तथा एक साझी विरासत को बाँटता है। समुदाय लोगों का छोटा समूह हो सकता है जिनकी कोई साझी गतिविधि हो, या लोगों का कोई समूह भी जो अस्थायी रूप से किसी साझे उद्देश्य के लिए एकत्र हुए हों, जैसे-किसी धार्मिक आयोजन में सम्मिलित लोगों का समूह।

समुदायों के विभिन्न प्रकार-समुदायों के उदाहरणों में वे लोग शामिल हैं जिनके साथ हम अपने अनुभव बाँटते हैं-

  • सदियों से परिवार और रिश्तेदारी एक चिरस्थायी समुदाय के रूप में बना हुआ है। 
  • पड़ोस एक महत्वपूर्ण सामाजिक इकाई है क्योंकि यही लोग हैं जिनके बीच में हम रहते हैं और जिनके साथ हम अपने दैनिक क्रियाकलाप बाँटते हैं। 
  • परिवार और पड़ौस व मित्रमंडली के अतिरिक्त अन्य समुदाय हैं-शहर, कस्बे और गाँव। शहरों, कस्बों तथा गाँवों में, घरों, सेवाओं और समाज की व्यवस्था में काफी अंतर होता है। किसी बड़े शहर में पड़ोस के घर काफी दूर हो सकते हैं। इसके विपरीत, गाँवों तथा कस्बों में पड़ोसियों के बीच अपनत्व और घनिष्ठता की अधिक संभावना होती है। 
  • पड़ोस, गाँव, कस्बे या शहर के अतिरिक्त अन्य प्रकार के समुदाय भी होते हैं। उदाहरणतः, एक ही भाषा बोलने वाले लोग या एक ही जगह के मूल निवासी तथा दुर्गा पूजा के दौरान एकत्रित बांग्ला भाषी समुदाय आदि।

प्रश्न 15. 
एक व्यक्ति अनेक समुदायों का सदस्य कैसे हो सकता है? उदाहरण सहित बताइए।
उत्तर:
हम सभी किसी भी समय अनेक समूहों तथा समुदायों के सदस्य होते हैं और कई बार हम अपनी सदस्यता से अवगत भी नहीं होते। तथापि हमें अपनी पहचान बनाने और किसी समूह का सदस्य होने की भावना के लिए ये सदस्यताएँ महत्वपूर्ण होती हैं।

उदाहरण के तौर पर, किसी पारसी परिवार की एक बच्ची जो स्कूल भी जाती है इसलिए वह स्वतः ही स्कूल नामक समुदाय की सदस्य बन जाती है। साथ ही, हो सकता है कि वह किसी शिक्षक से नृत्य सीख रही हो, इस तरह वह उस नृत्य समूह की भी सदस्य है। वह लड़की लोगों के उस समूह का हिस्सा हो सकती है जो सड़क पर पशुओं पर होने वाले अत्याचार को रोकने के लिए एकत्र हुए हों। इस प्रकार वह उस पशु-प्रेमी समूह की भी सदस्य बन गई। इस प्रकार स्पष्ट है कि एक व्यक्ति अनेक समुदायों का सदस्य हो सकता है। 

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प्रश्न 16. 
समुदायों द्वारा किए जाने वाले कार्यों पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
समुदाय व्यक्ति को पहचान, सहयोग, सामाजिक नियंत्रण, लक्ष्य तथा गतिविधियाँ प्रदान करता है किंतु घटनाओं को क्रियान्वित करने के लिए वास्तविक कार्य समुदाय के व्यक्ति ही करते हैं। किसी समुदाय के अलगअलग सदस्यों की भागीदारी के बिना कोई भी सामाजिक आयोजन नहीं हो सकता। 

उदाहरणतः, जब कोई परिवार नए सदस्यों को किसी समुदाय के नियम सिखाने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए एकत्रित होता है, तो यह कार्य परिवार के अलग-अलग सदस्यों की भागीदारी द्वारा ही सम्पन्न होता है। सामान्यतः एक माता से बच्चों को जन्म देने और पालन-पोषण की जिम्मेदारी की अपेक्षा की जाती है तथा एक पिता सुरक्षा और आय द्वारा मदद प्रदान कर अपने उत्तरदायित्व को पूरा करता है। इस कार्य में परिवार के अन्य सदस्य, मित्र व पड़ोसी भी योगदान दे सकते हैं। बच्चे की देखभाल में दादा-दादी व पड़ोसी सक्रिय सहभागिता प्रदान कर सकते हैं।

प्रश्न 17. 
बच्चों की देखभाल में सरकार की भूमिका का अवलोकन कीजिए।
उत्तर:
बच्चे संसार में अनेक सदस्यों के साथ प्रवेश करते हैं जिनसे एक परिवार बनता है। कई बार ऐसी घटनाएं घटित हो जाती हैं जब कोई परिवार कठिन परिस्थितियों के कारण बच्चे की देखभाल करने में असमर्थ होता है। प्राकृतिक या मानव-निर्मित आपदाएँ, निजी बाधाएँ या सामाजिक कठिनाइयों के कारण कई बार बच्चे के विकास के लिए उसकी देखभाल करने वाला कोई समूह नहीं रहता। कभी-कभी कोई परिवार इतना गरीब होता है कि बच्चे की ठीक से देखभाल नहीं कर पाता। ऐसी स्थितियों में बच्चे की समुचित देखभाल की व्यवस्था करने का उत्तरदायित्व राज्य या सरकार का है। हमारे संविधान में वर्णित मौलिक मौलिक अधिकार व्यक्तिगत जरूरतों के मूलभूत प्रावधान हैं। परंतु हमारे देश की आर्थिक स्थिति, संसाधनों की कमी, अपर्याप्त वितरण और कई बार पहुंच की कमी के कारण भी, कठिन परिस्थितियों में सरकार द्वारा बच्चों तथा परिवारों की देखभाल पर्याप्त रूप में नहीं हो पाती है।

VII. निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
परिवार द्वारा किए जाने वाले कार्यों का विवरण दीजिए। 
उत्तर:
परिवार कुछ अनिवार्य कार्य प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है जो कि निम्नलिखित हैं

1. पालन पोषण करना 

2. सामाजीकरण 

3. परिवार के सदस्यों को दर्जा प्रदान करना और उनकी भूमिका निर्धारण। (नोट-उपर्युक्त बिंदुओं की विस्तृत व्याख्या हेतु समीक्षात्मक प्रश्न दो देखें।)

4. आर्थिक कार्य
पूरे विश्व में माता-पिता परिवार की व्यवस्था करने हेतु जीविका उपार्जन में व्यस्त रहते हैं। परिवार अपने बच्चों, अन्य वयस्कों, वृद्ध व्यक्तियों और विकलांग बच्चों एवं वयस्कों के लिए व्यवस्था करते हैं, जो कि अस्थायी रूप से अनुत्पादक हो सकते हैं। चूँकि परिवार समाज की प्राथमिक इकाई है, अतः समुदाय और समाज के साथ सम्बन्ध बनाए रखना भी इसके क्षेत्र में है। इस प्रकार से परिवार को अपने रिश्तेदारों, मित्रों, समुदाय और देश के साथ सम्बन्ध बनाए रखने के लिए भी संसाधनों का उपयोग करने की आवश्यकता होती है। उदाहरणतः, हम विभिन्न समूहों में योगदान देते हैं। जैसेपंचायत और कल्याणकारी संघ/विवाह और जन्मदिन जैसे उत्सवों में उपहार देते हैं और सामाजिक कार्यक्रमों में भी भाग लेते हैं। ये सभी एक बड़े समाज में परिवार की सक्रिय भागीदारी के उदाहरण हैं।

5. मनोवैज्ञानिक सहारे की आवश्यकता को पूरा करना:
प्रतिदिन परिवार के सदस्य घर से बाहर विभिन्न स्थानों के लिए निकलते हैं। उदाहरण के लिए, बच्चे स्कूल जाते हैं और उनके माता-पिता अपने कार्यस्थलों पर जाते हैं। इसके बावजूद दिन के अंत में परिवार में वापस आने पर हमेशा आनंद की अनुभूति होती है। अतः रोटी, कपड़ा और मकान की बुनियादी आवश्यकताओं के साथ-साथ एक व्यक्ति को अंतरंग मानवीय सहानुभूति, स्वीकार्यता और प्यार की आवश्यकता होती है। यह सुरक्षा की भावना व्यक्ति के सर्वांगीण विकास के लिए काफी महत्वपूर्ण समझी जाती है। हमें अपने परिवार के सभी सदस्यों के लिए सामंजस्यपूर्ण सम्बन्ध और सहयोगात्मक भूमिका बनाए रखना चाहिए, परिवार के सभी सदस्य एक-दूसरे की देखभाल करने वाले होने चाहिए और उनमें पारस्परिक सम्बन्ध सौहार्दपूर्ण होना चाहिए।

6. अन्य कार्य:
परिवार के अन्य महत्वपूर्ण कार्य मनोरंजक, धार्मिक और सामाजिक हैं जो कि समाज के सतत् विकास हेतु अति आवश्यक हैं। परिवार सामान्यतः सामाजिक उत्सव जैसे जन्मदिवस, पूजा, समारोह तथा अन्य ऐसे कार्यकलापों के लिए एक-दूसरे के घर जाते हैं। परिवारों का अन्य अति आवश्यक कार्य अपने बच्चों को सामाजिक दायित्वों को निभाने के लिए तैयार करना है। अतः परिवार नागरिक मूल्यों की पाठशाला भी है।

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प्रश्न 2. 
परिवार में आपसी संप्रेषण की व्याख्या कीजिए। प्रभावी पारिवारिक संप्रेषण के विकास हेतु सुझाव कौन से हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
परिवार में आपसी संप्रेषण-जब हम घर पर होते हैं तब हम अपने से बड़ों, छोटे और बड़े भाई-बहनों, दादा-दादी, पड़ोसियों और गृह-सेवकों से अलग-अलग तरीके से बातचीत करते हैं। इस प्रकार, पारिवारिक संप्रेषण परिवार के सदस्यों के बीच शाब्दिक और गैर-शाब्दिक सूचना एवं जानकारी के आदान-प्रदान का तरीका है। एक ही घर में रहने वाले सम्बन्धित सदस्यों के समूह में समय के साथ ये पारस्परिक क्रियाएं विकसित होती हैं। परस्पर बातचीत के द्वारा परिवार के सदस्य कठिन से कठिन समस्याओं का समाधान कर पाते हैं। स्पष्ट और निष्कपट संप्रेषण ऐसा माहौल बनाता है जिससे परिवार के सदस्य अपना विरोध तथा एक दूसरे के लिए प्रेम एवं सराहना को व्यक्त कर पाते हैं।

इस प्रकार, परिवार में आपसी संप्रेषण बहुत अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि यह सदस्यों को अपनी आवश्यकताओं, इच्छाओं और सरोकारों को एक-दूसरे के साथ बाँटने और सामाजिक एवं भावात्मक सहायता प्रदान करने के योग्य बनाता है।

संप्रेषण की चार शैलियाँ हैं, जो कि निम्नलिखित हैं

  1. स्पष्ट और प्रत्यक्ष संप्रेषण 
  2. स्पष्ट और अप्रत्यक्ष संप्रेषण 
  3. प्रच्छन्न और प्रत्यक्ष संप्रेषण
  4. प्रच्छन्न और अप्रत्यक्ष संप्रेषण। 

यहाँ पर ध्यान देना आवश्यक है कि संप्रेषण की शैलियाँ संस्कृति के माध्यम से आगे बढ़ती हैं। उदाहरणत: प्रत्यक्ष और मुक्त संप्रेषण पश्चिमी समाज के अधिक अनुकूल हो सकता है। जबकि भारतीय परम्परागत समाज में अप्रत्यक्ष संवाद को प्रत्यक्ष संप्रेषण की तुलना में अधिक वरीयता दी जाती है, क्योंकि बड़े-बुजुर्गों के साथ प्रत्यक्ष संवाद को अनादर का प्रतीक माना जाता है।

प्रभावी पारिवारिक संप्रेषण के विकास हेतु सुझाव-संप्रेषण को अधिकाधिक प्रभावी बनाने के लिए परिवार कई तरीके अपना सकते हैं और अपने सम्बन्ध की गुणवत्ता में सुधार ला सकते हैं। प्रभावी पारिवारिक संप्रेषण निर्माण हेतु कुछ सुझाव निम्नलिखित हैं

1. संप्रेषण बढ़ाना:
विभिन्न परिवार आज जिस कठिन समस्या का सामना कर रहे हैं वह है एक साथ मिलकर बैठने के लिए समय निकालना। परिवार के सदस्यों के लिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि नियमित और प्रत्यक्ष रूप से बातचीत के लिए समय निकाला जाए। परिवार में बड़ों के साथ समय बिताना परिवार के बंधन को सुदृढ करेगा और उनके साथ बातचीत करने पर घर के सदस्यों को अच्छा लगेगा और बजर्गों के महत्व का अहसास दिलाएगा। इस प्रकार, यह पारस्परिक प्रेम और आदर की भावना को प्रेरित करेगा।

2. स्पष्ट रूप से संप्रेषण करना:
यह देखा गया है कि खुश दिखने वाले परिवार साधारणतः अपने विचार और अनुभव स्पष्ट तरीके से व्यक्त करते हैं। जबकि अप्रत्यक्ष और अस्पष्ट संप्रेषण न केवल समस्याओं का समाधान करने में विफल होगा अपितु इससे परिवार के सदस्यों के बीच अंतरंग और भावात्मक सम्बन्ध विकसित नहीं हो पाएँगे। अतः परिवार के सदस्यों के बीच उत्पन्न समस्याओं का समाधान करने में स्पष्ट रूप से संप्रेषण करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाता है।

3. सक्रिय श्रोता बनना:
जो अन्य लोग कह रहे हैं उसे सुनना प्रभावी संप्रेषण का अनिवार्य पहलू है। सक्रिय श्रोता बनने के लिए दूसरे व्यक्ति के विचारों को बेहतर ढंग से समझने का प्रयास करना शामिल है। सक्रिय श्रोता के रूप में एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति के दृष्टिकोण को स्वीकार करना चाहिए एवं आदर करना चाहिए।

सक्रिय रूप से सुनने का दूसरा पहलू है स्पष्टीकरण माँगना। उदाहरणतः, सीधे पूछा जा सकता है कि "जब आपने यह कहा तो आपका क्या तात्पर्य था?"

प्रश्न 3. 
मीडिया ने समाज को क्या योगदान दिया है? बच्चों को टेलीविजन का जिम्मेदार दर्शक बनाने हेतु माता-पिता को क्या करना चाहिए? स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
मीडिया का समाज को योगदान-मीडिया आधुनिक समाज का एक महत्वपूर्ण कारक है। यह आधुनिक समाज का चौथा स्तम्भ है और वह साधन है जिसके द्वारा संगठित एवं सामूहिक स्तर पर संचार होता है। यथा

1. मीडिया हमें हमारे एवं अन्य समाजों की स्थानीय, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं, हस्तियों तथा प्रगति की जानकारी देती है

2. मीडिया के प्रत्येक स्रोत हमें संसार का एक झरोखा उपलब्ध कराते हैं। 

3. मीडिया हमें अतीत और वर्तमान, निकट और दूर की जानकारी उपलब्ध कराता है।

4. वह सामाजिक प्रवृत्तियों पर भी प्रभाव डालता है। उदाहरण के तौर पर देखा गया है कि विभिन्न मीडिया के विज्ञापनों का उनके दर्शकों के उपभोग के ढंग पर बहुत प्रभाव पड़ता है। इसीलिए व्यवसायी अपने उत्पादों के विज्ञापन के लिए मीडिया का उपयोग निरंतर करते हैं। आज विज्ञापन एक शक्तिशाली और व्यावसायिक कैरियर बन

5. मीडिया हमें शिक्षा और कैरियर से सम्बन्धित घटनाओं के बारे में भी जानकारी देती है। उदाहरणतः, परीक्षा की तिथियों, कैरियर तथा छात्रवृत्तियों से सम्बन्धित सारी जानकारियाँ राष्ट्रीय दैनिक समाचार-पत्रों में प्रकाशित होती हैं। इस प्रकार हम आगे शिक्षा या व्यवसाय के लिए सम्भावित स्थानों पर आवेदन कर सकते हैं।

6. वर्तमान में मीडिया का महत्वपूर्ण माध्यम है इंटरनेट, जो कि हम सभी को संसार के साथ जोड़ता है। इंटरनेट पर मिलने वाली जानकारी बहुत अधिक विविधतापूर्ण एवं विस्तृत होती है। इंटरनेट का विवेकपूर्ण प्रयोग समाज पर सकारात्मक प्रभाव डालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्रकार हम मीडिया स्रोतों का उपयोग महत्वपूर्ण जानकारी एकत्र करने के लिए कर सकते हैं, उससे मनोरंजन कर सकते हैं और अन्य लोगों के साथ नेटवर्क बना सकते हैं। अत: मीडिया सामाजिक वास्तविकता और सांस्कृतिक प्रवाह का एक महत्वपूर्ण आयाम है।

RBSE Solutions for Class 11 Home Science Chapter 9 अन्य महत्त्वपूर्ण व्यक्तियों से संबंध और मेल-जोल Important Questions

बच्चों को टेलीविजन के जिम्मेदार दर्शक बनने में सहयोग देने हेतु देखभाल करने वालों के लिए निम्नलिखित बातें उपयोगी हैं

  1. हर समय ध्यान रखें कि आपके बच्चे कौन से प्रोग्राम देखते हैं। अच्छा हो कि टेलीविजन उनके साथ देखें, . टीवी का प्रयोग अपने बचने के लिए नहीं करें।
  2. टीवी देखना एक आदत है, इसलिए इसके प्रति झुकाव जल्दी निश्चित कर दें।
  3. अगर आप अपेक्षा करते हैं कि बच्चा सीमित समय के लिए ही टीवी देखे, तो याद रखें टीवी देखने का आपका अपना ढंग ही बच्चे के लिए सबसे बड़ा मार्गदर्शक है।।
  4. बचे को ऐसे प्रोग्राम देखने का सुझाव दें जो बच्चों के लिए मनोरंजक और ज्ञानवर्धक हों। (v) टीवी को किसी ऐसे स्थान पर रखना प्रायः उपयोगी रहता है, जहां उसे हर कोई देख सके।
  5. टीवी का प्रयोग सजा (बंद कर देना) या पुरस्कार (हर समय देख सकते हो) के रूप न करें। इससे लम्बे समय तक टीवी देखते रहने की अनावश्यक जटिलता पैदा हो सकती है।
  6. परीक्षा के दौरान बच्चों को गतिविधि और मनोरंजन की जरूरत पड़ती है। बच्चे को कुछ देर टीवी देखने दें, परंतु सुनिश्चित करें कि बच्चे को घर के बाहर की गतिविधि का भी पर्याप्त अवसर मिले क्योंकि परीक्षा के दिनों में स्मरण शक्ति तथा भावनात्मक स्थिरता के लिए यह अच्छा रहता है।
  7. बच्चे को समझाएं कि हिंसा और खून खराबा (वह समाचारों में हो तो भी) उन लोगों के लिए पीडादायक होता है जो उसका अनुभव करते हैं, भले ही आज आप उस पीड़ा को महसूस न कर सकें।
  8. पूरा समय टीवी को चलाए रखने की बजाय उसे एक दिन में कुछ प्रोग्रामों को देखने के लिए सीमित करें।
  9. छोटे बच्चों के साथ देर रात तक प्रोग्राम न देखें, क्योंकि कई प्रोग्राम बच्चों के लिए उपयुक्त नहीं होते।
  10. टीवी देखने के अलावा घर के अंदर खेले जाने वाले खेल, बोर्ड खेल, कहानियाँ और किताबें पढ़ना आदि विविध प्रकार की गतिविधियाँ होनी चाहिए।
Raju
Last Updated on Aug. 19, 2022, 10:58 a.m.
Published Aug. 12, 2022