RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 16 जैव-विविधता एवं संरक्षण

Rajasthan Board RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 16 जैव-विविधता एवं संरक्षण  Important Questions and Answers. 

RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 16 जैव-विविधता एवं संरक्षण

बहुविकल्पीय प्रश्न 

प्रश्न 1. 
वनस्पति विविधता का आधार है
(क) अपक्षय प्रावार 
(ख) संसाधन 
(ग) हॉट स्पॉट 
(घ) पारितंत्र। 
उत्तर:
(क) अपक्षय प्रावार 

RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 16 जैव-विविधता एवं संरक्षण  

प्रश्न 2. 
जैव-विविधता का सम्बन्ध है
(क) वन्य जीवों के विविध रूपों से
(ख) वनों में मिलने वाले पेड़-पौधों के विविध रूपों से 
(ग) प्रकृति में मिलने वाले सभी प्रकार के प्राणियों तथा पेड़-पौधों की प्रजातियों से
(घ) पृथ्वी पर मिलने वाले सभी प्रकार के पेड़-पौधों से। 
उत्तर:
(ग) प्रकृति में मिलने वाले सभी प्रकार के प्राणियों तथा पेड़-पौधों की प्रजातियों से

प्रश्न 3. 
विश्व में अनेक जंगली जीव-जन्तु विभिन्न कारणों से समाप्त हो रहे हैं, इनमें सर्वाधिक महत्वपूर्ण कारक कौन-सा है ? 
(क) शिकार आधिक्य
(ख) निवास क्षेत्रों का विनाश 
(ग) जलवायु परिवर्तन
(घ) प्रदूषित जल। 
उत्तर:
(ख) निवास क्षेत्रों का विनाश 

प्रश्न 4. 
भारत में निम्न में से कौन-सा तप्त स्थल है? 
(क) पूर्वी घाट
(ख) पश्चिमी घाट 
(ग) पश्चिमी हिमालय 
(घ) अरावली श्रेणी। 
उत्तर:
(ख) पश्चिमी घाट 

प्रश्न 5. 
निम्न में से पारिस्थितिकी हॉट स्पॉट है/हैं
(क) अटलांटिक वन (ब्राजील)
(ख) इंडोनेशिया 
(ग) पश्चिमी घाट (भारत)
(घ) उपर्युक्त सभी। 
उत्तर:
(घ) उपर्युक्त सभी। 

सुमेलन सम्बन्धी प्रश्न

निम्न में स्तम्भ अ को स्तम्भ ब से सुमेलित कीजिए

1. स्तम्भ अ (जीव प्रजाति)

स्तम्भ ब (सम्बन्ध)

(i) शैवाल

(अ) मांसाहारी

(ii) बकरी

(ब) अपघटक

(iii) बिल्ली

(स) शाकाहारी

(iv) कवक

(द) स्वपोषी घटक।

उत्तर:

1. स्तम्भ अ (जीव प्रजाति)

स्तम्भ ब (सम्बन्ध)

(i) शैवाल

(द) स्वपोषी घटक।

(ii) बकरी

(स) शाकाहारी

(iii) बिल्ली

(अ) मांसाहारी

(iv) कवक

(ब) अपघटक


2. 

2. स्तम्भ अ (प्रजाति का नाम)

स्तम्भ ब (पोषक स्तर)

(i) घास

(अ) चतुर्थ स्तर

(ii) टिड्डा

(ब) प्रथम स्तर

(iii) छिपकली

(स) द्वितीय स्तर

(iv) बाज

(द) तृतीय स्तर


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उत्तर:

2. स्तम्भ अ (प्रजाति का नाम)

स्तम्भ ब (पोषक स्तर)

(i) घास

(ब) प्रथम स्तर

(ii) टिड्डा

(स) द्वितीय स्तर

(iii) छिपकली

(द) तृतीय स्तर

(iv) बाज

(अ) चतुर्थ स्तर


रिक्त स्थान पूर्ति सम्बन्धी प्रश्न

निम्न वाक्यों में रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए

  1. सौर ऊर्जा और जल ही...........और इसके परिणामस्वरूप उत्पन्न जैव विविधता का मुख्य कारण है।
  2. जैव विविधता............का तंत्र है। 
  3. जीवन निर्माण के लिए.............एक मूलभूत इकाई है। 
  4. मानव आनुवंशिक रूप से..............प्रजाति से सम्बन्धित है। 
  5. प्राकृतिक आवासों का विना पूरे...........के लिए हानिकारक सिद्ध हुआ है। 
  6. वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम.............में पारित किया गया। 

उत्तर:

  1. अपक्षय में विविधता
  2. सतत् विकास
  3. जीन
  4. होमोसेपियन
  5. जैवमंडल
  6. 1972 में। 

सत्य-असत्य कथन सम्बन्धी प्रश्न 

निम्न कथनों में से सत्य-असत्य कथन की पहचान कीजिए

  1. उष्ण कटिबंधीय वनों में जैव विविधता की अधिकता है
  2. किसी प्रजाति में जीन की विविधता ही आनुवंशिक जैव विविधता है।
  3. जैव-विविधता का आर्थिक महत्व नहीं होता है।
  4. रेड पांडा एक संकटापन्न प्रजाति है।
  5. महा विविधता केन्द्रों की संख्या 15 है।

उत्तर:

  1. सत्य
  2. सत्य
  3. असत्य
  4. सत्य 
  5. असत्य। 

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1. 
जैव विविधता का आधार किसे माना जाता है ? 
उत्तर:
अपक्षय प्रावार को। 

प्रश्न 2. 
जैव विविधता का मुख्य कारण क्या है ? 
उत्तर:
सौर ऊर्जा एवं जल ही अपक्षय में विविधता एवं इसके फलस्वरूप उत्पन्न जैव विविधता का मुख्य कारण है। 

प्रश्न 3. 
जैव विविधता में कमी क्यों आने लगी है?
उत्तर:
किसी एक या अन्य प्रजाति का आवश्यकता से अधिक उपभोग होने के कारण जैव विविधता में कमी आने लगी है।

प्रश्न 4.
संसार में कुल प्रजातियों की संख्या कितनी है? 
उत्तर:
20 लाख से 10 करोड़ तक। 

प्रश्न 5. 
किसी प्रजाति की औसत आयु कितने होने का अनुमान है? 
उत्तर:
10-40 लाख वर्ष।

प्रश्न 6. 
जैव विविधता किन शब्दों के मेल से बना है? 
उत्तर:
'बायो (Bio) व डाइवर्सिटी (Diversity) से। 

प्रश्न 7. 
जैव विविधता के प्रकार बताइए। 
उत्तर:

  1. आनुवंशिक जैव विविधता
  2. प्रजातीय जैव विविधता
  3. पारितन्त्रीय जैव विविधता।

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प्रश्न 8. 
आनुवंशिक जैव विविधता क्या है ? 
उत्तर:
किसी प्रजाति में जीन की विविधता, आनुवंशिक जैव विविधता कहलाती है। 

प्रश्न 9. 
प्रजाति किसे कहते हैं ? 
उत्तर:
समान भौतिक लक्षणों वाले जीवों के समूह को प्रजाति कहते हैं। 

प्रश्न 10. 
जीवन निर्माण के लिए मूलभूत इकाई क्या है ? 
उत्तर:
जीवन निर्माण की मूलभूत इकाई जीन है।

प्रश्न 11. 
मानव आनुवंशिक रूप से किस प्रजाति से सम्बन्धित है ? 
उत्तर:
होमोसेपियन प्रजाति से।

प्रश्न 12. 
प्रजातीय जीव विविधता से क्या आशय है ? 
उत्तर:
किसी निर्धारित क्षेत्र में मिलने वाली प्रजातियों की विविधता, प्रजातीय जीव विविधता कहलाती है। 

प्रश्न 13. 
विविधता के हॉट स्पॉट क्या हैं ? 
उत्तर:
जिन क्षेत्रों में प्रजातीय विविधता अधिक होती है, उन्हें विविधता के हॉट स्पॉट कहते हैं। 

प्रश्न 14. 
पारितंत्रीय जैव विविधता से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर:
प्रत्येक प्रकार के पारितंत्रों में होने वाली पारितंत्रीय प्रक्रियाएँ एवं आवास स्थानों की भिनत पार जिता कहलाती है।

प्रश्न 15. 
पारितंत्रीय विविधता का सीमांकन करना जटिल क्यों होता है ?
उत्तर:
समुदायों अर्थात् प्रजातियों के समूह एवं पारितंत्र की सीमाएँ निश्चित नहीं होने के कारण पारितंत्रीय विविधता का सीमांकन करना जटिल होता है।

प्रश्न 16. 
इन्दिरा गाँधी नेशनल पार्क कौन-सी विविधता का उदाहरण है ?
उत्तर:
इन्दिरा गाँधी नेशनल पार्क घास भूमि एवं उष्ण कटिबन्धीय शोला वन पारितंत्रीय विविधता का एक उदाहरण है।

प्रश्न 17. 
कृषि जैव विविधता क्या है ?
उत्तर:
सभी मनुष्यों के लिए दैनिक जीवन में जैव विविधता एक महत्वपूर्ण संसाधन है। जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण भाग फसलों की विशिष्टता है, जिसे कृषि जैव विविधता कहा जाता है।

प्रश्न 18. 
जैव विविधता ह्रास से क्या तात्पर्य है?
उत्तर:
जीवों की संख्या व प्रजातियों में निरन्तर हो रही कमी की प्रक्रिया जैव विविधता में ह्रास के नाम से जानी जाती है।

प्रश्न 19.
विदेशज प्रजातियाँ क्या हैं ?
उत्तर:
ऐसी प्रजातियाँ जो स्थानीय आवास की मूल जैव जाति नहीं हैं लेकिन उस तंत्र में स्थापित की गई हैं, विदेशज प्रजातियाँ कहलाती हैं।

प्रश्न 20. 
प्राकृतिक संसाधनों व पर्यावरण संरक्षण की अन्तर्राष्ट्रीय संस्था (IUCN) ने संकटापन्न पौधों व जीवों की प्रजातियों को उनके संरक्षण के उद्देश्य से कितने वर्गों में विभाजित किया गया है ?
उत्तर:

  1. संकटापन्न प्रजातियाँ, 
  2. सुभेद्य प्रजातियाँ, 
  3. दुर्लभ प्रजातियाँ। 

प्रश्न 21. 
सुभेद्य प्रजातियाँ किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसी प्रजातियाँ जिन्हें यदि संरक्षित नहीं किया गया तो उनके विलुप्त होने का खतरा बना रहता है, उन्हें सुभ६ प्रजाति कहते हैं।

प्रश्न 22. 
दुर्लभ प्रजाति किसे कहते हैं? 
उत्तर:
ऐसी प्रजातियाँ जिनकी संख्या बहुत कम है तथा जो विरल रूप से बिखरी मिलती है। 

प्रश्न 23. 
विश्व की समस्त संकटापन्न प्रजातियों के बारे में सूचना किस प्रकार प्राप्त होती है ?
उत्तर:
प्राकृतिक संसाधनों व पर्यावरण संरक्षण की अन्तर्राष्ट्रीय संस्था (IUCN) द्वारा प्रकाशित रेड लिस्ट के माध्यम से।

प्रश्न 24. 
एक संकटापन्न प्रजाति का नाम बताइए। 
उत्तर:
जेनकेरिया सेबसटिनी (घास का एक प्रकार)। 

प्रश्न 25.
हम्बेशिया डेलरेंस बेड कौन-सी प्रजाति है ?
उत्तर:
हम्बेशिया डेकरेंस बेड भारत के दक्षिणी-पश्चिमी घाट पर स्थित एक दुर्लभ प्रजाति है। 

प्रश्न 26.
सन् 1992 में जैव विविधता सम्मेलन कहाँ हुआ था ? 
उत्तर:
रियो डी-जेनेरो (ब्राजील) में।

प्रश्न 27. 
विश्व संरक्षण कार्य योजना में जैव विविधता संरक्षण के सुझाये गये किन्हीं दो तरीकों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. संकटापन्न प्रजातियों के संरक्षण के लिए प्रयास करना। 
  2. प्रजातियों के पलने-बढ़ने तथा विकसित होने के स्थान सुरक्षित व संरक्षित हों।

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प्रश्न 28. 
भारत में वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम कब पारित किया गया ? 
उत्तर:
वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम, 1972 में पारित किया गया।

प्रश्न 29. 
वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम, 1972 के अन्तर्गत किन-किन बातों की घोषणा की गई ?
उत्तर:
नेशनल पार्क (National Parks), पशु विहार (Sanctuaries) तथा जीवमंडल आरक्षित क्षेत्र (Biosphere reserves) घोषित किये गये।

प्रश्न 30. 
महा विविधता केन्द्र किसे कहते हैं?
उत्तर:
ऐसे क्षेत्र जो उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में स्थित हैं जिनमें संसार की सर्वाधिक प्रजातीय विविधता मिलती है, उन्हें महा विविधता केन्द्र कहते हैं।

प्रश्न 31. 
जैव-विविधता सर्वाधिक किन क्षेत्रों में पाई जाती है ? 
उत्तर:
उष्ण कटिबन्धीय वनों के क्षेत्रों में जैव विविधता सर्वाधिक पाई जाती है।

प्रश्न 32. 
भारत के किन्हीं दो महा विविधता केन्द्रों के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. पूर्वी हिमालय 
  2. श्चिमी घाट। 

प्रश्न 33. 
विश्व के किन्हीं पाँच महाविविधता केन्द्रों के नाम लिखिए। 
उत्तर:
मैक्सिको, इण्डोनेशिया, भारत, आस्ट्रेलिया एवं ब्राजील। 

प्रश्न 34. 
हॉट-स्पॉट (Hot-Spots) किस आधार पर परिभाषित किये गये ? 
उत्तर:
हॉट-स्पॉट वनस्पतियों के आधार पर परिभाषित किये गये। 

प्रश्न 35.
विश्व के किन्हीं दो हॉट-स्पॉट के नाम लिखिए।
उत्तर:

  1. पूर्वी हिमालय 
  2. पूर्वी मेडागास्कर। 

लघु उत्तरीय प्रश्न (SA1 प्रश्न)

प्रश्न 1. 
जैव विविधता का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जैव विविधता (Bio-Diversity) शब्द दो शब्दों के संयोग से बना है। जिसमें Bio (बायो) का अर्थ है-जीव तथा Diversity (डाइवर्सिटी) का अर्थ है विविधता।। साधारण शब्दों में, किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में पाये जाने वाले जीवों की संख्या और उनकी विविधता को जैव विविधता कहा जाता है। जैव विविधता का सम्बन्ध पौधों, प्राणियों एवं सूक्ष्म जीवाणुओं के प्रकार से होता है।

प्रश्न 2. 
आनुवंशिक जैव विविधता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जीवन निर्माण के लिए जीन एक मूलभूत इकाई है। किसी प्रजाति में जीन की विविधता ही आनुवंशिक जैव विविधता कहलाती है। विभिन्न प्रजातियों के विकास के लिए आनुवंशिक जैव विविधता अति आवश्यक है।

प्रश्न 3. 
प्रजातीय जैव विविधता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सर्वाधिक आधारभूत स्तर पर प्रजातीय जैव विविधता के अन्तर्गत पृथ्वी पर निवास करने वाले जीवधारियों की लाखों प्रजातियाँ सम्मिलित होती हैं। इसमें सूक्ष्मजीवधारी (बैक्टीरिया, वायरस, प्रोटोजोआ) से लेकर विशालकाय जीवधारी (जैसे-हाथी, जेबरा, शेर, ऊँट आदि) सम्मिलित हैं। एक अनुमान के अनुसार, विश्व में लगभग 3 करोड़ जैव प्रजातियाँ हैं, लेकिन अभी तक वैज्ञानिक केवल 14 लाख जैव-प्रजातियों की ही खोज कर पाने में सफल रहे हैं।

प्रश्न 4. 
पारितंत्रीय या पारिस्थितिकी विविधता को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
वृहद् स्तर पर किसी प्रदेश में अनेक पारिस्थितिकी तन्त्र मिलते हैं तथा प्रत्येक पारिस्थितिकी तन्त्र में निश्चित संख्या में पौधों तथा जन्तुओं की प्रजातियों का अस्तित्व मिलता है। पारिस्थितिकी तन्त्र में जैव-विविधता जितनी अधिक होगी, पारिस्थितिकी तन्त्र की स्थिरता उतनी ही अधिक होगी। इसका प्रमुख कारण यह है कि अधिक जैव-विविधता रखने वाले पारिस्थितिकी तन्त्र में किसी भी जीवधारी के भोजन के लिए अनेक जीव उपलब्ध होते हैं।

प्रश्न 5. 
जैव-विविधता का महत्व संक्षेप में लिखिए।
उत्तर:
मानव संस्कृति के विकास में जैव-विविधता का बहुत बड़ा योगदान रहा है। मानव समुदायों ने भी आनुवंशिक, प्रजातीय व पारिस्थितिकी स्तरों पर जैव-विविधता को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। जैव-विविधता की पारिस्थितिक, आर्थिक तथा वैज्ञानिक भूमिकाएँ प्रमुख हैं।

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प्रश्न 6. 
जैव-विविधता की आर्थिक भूमिका का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
जैव विविधता का एक महत्वपूर्ण भाग फसलों की विविधता है, जिसे 'कृषि जैव विविधता' भी कहा जाता है। जैव विविधता ऐसे संसाधन होते हैं जिनसे मानव को भोज्य पदार्थ, औषधियाँ तथा सौन्दर्य प्रसाधन प्राप्त होते हैं। खाद्य फसलें, पशु, वन संसाधन, मत्स्य और दवा संसाधन आदि कुछ ऐसे प्रमुख आर्थिक महत्व के उत्पाद हैं जो जैव-विविधता के कारण ही हमें प्राप्त होते हैं।

प्रश्न 7. 
जैव-विविधता की वैज्ञानिक भूमिका का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
वर्तमान में मिलने वाली जैव प्रजाति से हम यह जान सकते हैं कि जीवन का आरम्भ कैसे हुआ तथा भविष्य में यह कैसे विकसित होगा। पारितन्त्र को कायम रखने में प्रत्येक प्रजाति की भूमिका का मूल्यांकन भी जैव-विविधता के अध्ययन से किया जा सकता है। इससे हम यह भी जान सकते हैं कि पारितन्त्र में मानव के साथ निवास करने वाली अन्य प्रजातियों को जीवित रहने का अधिकार है। इन प्रजातियों को विलुप्त करना नैतिक रूप से एक गलत कार्य है।

प्रश्न 8. 
संकटापन्न प्रजातियाँ क्या होती हैं ?
उत्तर:
जिन प्रजातियों के विलुप्त होने का खतरा है उन्हें संकटापन्न प्रजातियाँ कहा जाता है। इण्टरनेशनल यूनियन फॉर द कंजरवेशन ऑफ नेचर एण्ड नेचुरल रिसोर्सेज (IUCN) विश्व की सभी संकटापन्न प्रजातियों के बारे में रेड लिस्ट के नाम से सूचना प्रकाशित करता है।

प्रश्न 9. 
सुभेद्य प्रजातियाँ क्या होती हैं ? - 
उत्तर:
सुभेद्य प्रजातियों में वे सभी प्रजातियाँ सम्मिलित हैं जिन्हें यदि मानव द्वारा संरक्षण प्रदान नहीं किया गया या उनके विलुप्त होने में सहयोगी कारकों पर नियन्त्रण नहीं किया गया तो निकट भविष्य में उनके विलुप्त होने का खतरा है। इन प्रजातियों की संख्या बहुत कम होने के कारण इनका जीवित रहना सुनिश्चित नहीं है।

लघु उत्तरीय प्रश्न (SA2 प्रश्न) 

प्रश्न 1. 
जैव विविधता की पारिस्थितिकीय भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पारितंत्र में विभिन्न प्रजातियाँ कोई-न-कोई क्रिया करती हैं। पारितंत्र में कोई भी प्रजाति बिना किसी कारण न तो विकसित हो सकती है तथा न ही बनी रह सकती है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो, प्रत्येक जीव अपनी आवश्यकताओं को पूर्ण करने के साथ-साथ अन्य जीवों के पनपने में भी सहायक होता है। जीव व प्रजातियाँ ऊर्जा ग्रहण करके उसका संग्रहण करती हैं, कार्बनिक पदार्थ उत्पन्न एवं विघटित करती हैं तथा पारितंत्र में जल व पोषक तत्वों के चक्र को बनाए रखने में सहायक होती हैं। इसके अतिरिक्त प्रजातियाँ वायुमण्डलीय गैस को स्थिर करती हैं तथा जलवायु को नियंत्रित करने में सहायक होती हैं। पारितंत्र में जितनी अधिक विविधता होगी प्रजातियों के प्रतिकूल स्थितियों में भी रहने की सम्भावना एवं उनकी उत्पादकता भी उतनी ही अधिक होगी। अधिक आनुवंशिक विविधता वाली प्रजातियों की तरह अधिक जैव विविधता वाले पारितंत्र में पर्यावरण के परिवर्तन को सहन करने की अधिक सक्षमता होती है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो, जिस पारितंत्र में जितने प्रकार की प्रजातियाँ होंगी, वह पारितंत्र उतना ही अधिक स्थायी होगा। इसे ही जैव विविधता की पारिस्थितिकीय भूमिका कहेंगे।

प्रश्न 2. 
जैव विविधता के ह्रास के लिए कौन-कौन से कारक जिम्मेदार हैं ? संक्षिप्त वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
जैव विविधता के ह्रास के लिए निम्नलिखित कारक जिम्मेदार हैं
(i) प्राकृतिक आवासों का विनाश वर्तमान में जैव विविधता के ह्रास में जीवों के प्राकृतिक आवासों के विनाश की सर्वाधिक महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पिछले कुछ दशकों से विश्व में हो रही तीव्र जनसंख्या वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों का उपभोग तीव्रता से हुआ है जिससे जैव प्रजातियों तथा उनके आवास स्थानों में तेजी से कमी आई है। उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वनों में विश्व की लगभग 50 प्रतिशत जैव प्रजातियाँ मिलती हैं तथा इन वनों का तेजी से हो रहा विनाश पूरे जैवमण्डल के लिये हानिकारक सिद्ध हुआ है।

(ii) प्राकृतिक आपदाएँ भूकम्प, बाढ़, ज्वालामुखी उद्गार, दावानल, सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रकोप से भी जैव विविधता का ह्रास होता है।

(iii) विदेशज प्रजातियों का प्रवेश जब किसी निवास क्षेत्र में जानबूझकर या अनायास विदेशज प्रजातियों का प्रवेश हो जाता है तो ऐसी स्थिति में उस निवास क्षेत्र में निवास कर रही मौलिक प्रजातियों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाता है।

(iv) पारिस्थितिकी तन्त्रों में कीटनाशक तथा अन्य प्रदूषक पदार्थों का उपयोग उस तन्त्र की कमजोर प्रजातियों को नष्ट कर देता है।

(v) जंगली जीव-जन्तुओं का मांस, खालों तथा सींगों के लिये किया जाने वाला अवैध शिकार भी जैव-विविधता का इस करता है

प्रश्न 3. 
जनसंख्या वृद्धि किस प्रकार जैव विविधता के ह्रास के लिए जिम्मेदार है ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
विश्व के अधिकांश देशों में पिछले कुछ दशकों से जनसंख्या वृद्धि के कारण प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक शोषण किया जा रहा है जिसके कारण विश्व के विभिन्न भागों में प्रजातियों एवं उनके आवास स्थलों में तीव्र गति से कमी आती जा रही है। उष्ण कटिबंधीय क्षेत्र में विश्व की लगभग तीन-चौथाई जनसंख्या निवास करती है जो कि विश्व के कुल क्षेत्रफल का मात्र एक-चौथाई भाग है। इस विशाल जनसंख्या के जीवनयापन के लिए प्राकृतिक संसाधनों का शोषण एवं वनोन्मूलन तीव्र गति से किया जा रहा है। उष्ण कटिबन्धीय वर्षा वाले वनों में पृथ्वी की लगभग 50 प्रतिशत प्रजातियाँ पायी जाती हैं, जहाँ जीव-जन्तुओं के प्राकृतिक आवासों का विनाश सम्पूर्ण जैवमण्डल के लिए हानिकारक साबित हुआ है। आज अनेक प्रजातियाँ लुप्त हो चुकी हैं तथा अनेक संकटग्रस्त स्थिति में हैं। अतः जनसंख्या वृद्धि जैव विविधता के ह्रास के लिए पूर्णतः जिम्मेदार है।

प्रश्न 4.
किन-किन उपायों के माध्यम से जैव विविधता के ह्रास को रोका जा सकता है ? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जैव विविधता किसी भी पारिस्थितिकी तन्त्र की स्थिरता को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। पारिस्थितिकी तन्त्र की स्थिरता पर मानव का अस्तित्व कायम होता है। जैव विविधता के ह्रास को रोकने के प्रमुख उपाय निम्नलिखित हैं

  1. मानव को पर्यावरण मैत्री सम्बन्धी पद्धतियों के प्रति जागरूक किया जाय तथा विकास के लिये ऐसी व्यावहारिक पद्धतियाँ अपनायी जायें जो जैव प्रजाति को संरक्षण प्रदान करने के साथ-साथ सतत् पोषणीय भी हों।
  2. संकटापन्न प्रजातियों के संरक्षण के लिये उचित योजनाएँ तथा प्रबन्धन आवश्यक है। इसके लिए राष्ट्रीय उद्यान पशु विहार, जीव आरक्षित क्षेत्र तथा अभयारण्यों की स्थापना की जाए।
  3. प्रत्येक देश के वन्य जीवों के प्राकृतिक आवासों को चिह्नित कर उनकी पर्याप्त सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। 4. वन्य जीवों के अवैध शिकार, व्यापार व तस्करी पर प्रभावी नियन्त्रण किया जाए। 

प्रश्न 5. 
विश्व संरक्षण कार्य योजना में जैव विविधता संरक्षण के लिए कौन-कौन से सुझाव दिए गए हैं ?
उत्तर:
विश्व स्तर पर जैव-विविधता के संरक्षण के लिये सन् 1992 में ब्राजील के रियो-डी-जेनेरो नगर में जैव-विविधता के सम्मेलन (Earth Summit) में विश्व के 155 देशों ने अपने हस्ताक्षर किये। इस सम्मेलन में तैयार की गयी विश्व संरक्षण कार्य योजना में जैव विविधता संरक्षण के लिए निम्नलिखित सुझाव दिए गए हैं।

  1. संकटापन्न प्रजातियों के संरक्षण को प्राथमिकता प्रदान करना। 
  2. प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाने के लिये उचित योजनाएँ बनाना तथा प्रबन्ध करना।
  3. खाद्यान्नों की किस्में, चारा फसलों की किस्में, इमारती लकड़ी के वृक्ष, पशुधन, जन्तु व उनकी वन्य प्रजातियों को संरक्षण प्रदान करना।
  4. वन्य जीवों के निवास क्षेत्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना। 
  5. वन्य जीवों व पौधों के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को निर्धारित नियमों के अन्तर्गत करना। 

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प्रश्न 6. 
विश्व में जैव विविधता के हॉट स्पॉट कौन-कौन से हैं? संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जैव विविधता के हॉट स्पॉट (Hot-Spots)-उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में स्थित विश्व के 12 देश ऐसे हैं जिनमें विश्व की सर्वाधिक प्रजातीय विविधता मिलती है। इन देशों को महा-विविधता केन्द्र कहा गया। मैक्सिको, कोलंबिया, इक्वेडोर, पेरू, ब्राजील, कांगो, मेडागास्कर, चीन, भारत, मलेशिया, इण्डोनेशिया तथा आस्ट्रेलिया इस प्रकार के 12 देश हैं। इन देशों के कुछ ऐसे क्षेत्र हैं जिनमें समृद्ध जैव-विविधता मिलती है तथा इनमें ऐसी जैव प्रजातियाँ निवास करती हैं जो विश्व में कहीं नहीं मिली। इन क्षेत्रों में कुछ कारणों से जब आवास-विनाश तथा प्रजाति विलोपन के खतरे उत्पन्न हो जाते हैं तो ऐसे क्षेत्र संरक्षण की दृष्टि से हॉट-स्पॉट कहलाते हैं। हॉट-स्पॉट को उनकी वनस्पति के आधार पर सीमांकित किया गया है। इसका प्रमुख कारण यह है कि वनस्पति ही किसी पारितन्त्र की प्राथमिक उत्पादकता का निर्धारण करती है।

प्रश्न 1. 
जैव-विविधता क्या है ? जैव-विविधता के विभिन्न स्तरों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
जैव-विविधता जीव-जन्तुओं में मिलने वाली भिन्नता, विषमता तथा पारिस्थितिकी जटिलता को जैव-विविधता कहा जाता है। यह दो शब्दों बायो (Bio) तथा डाइवर्सिटी (Diversity) से मिलकर बना है, जिसमें बायो का अर्थ है-जीव तथा डाइवर्सिटी का अर्थ है-विविधता। साधारण शब्दों में, किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में नाये जाने वाले जीवों की संख्या तथा उनकी विविधता को जैव-विविधता कहा जाता है। जैव-विविधता का सम्बन्ध पौधों, प्राणियों तथा सूक्ष्म जीवाणुओं के प्रकारों से होता है। जैव-विविधता के स्तर-जैव-विविधता को निम्नलिखित तीन स्तरों पर विभक्त किया जाता है 

(1) आनुवंशिक जैव विविधता (Genetic Diversity)-जीवन निर्माण के लिए जीन एक मूलभूत इकाई है। किसी प्रजाति में जीन की विविधता ही आनुवंशिक जैव विविधता कहलाती है। प्रजातियों में मिलने वाली जैव-विविधताएँ इसमें सम्मिलित हैं। इस प्रकार की प्रजातियों की विविधता एक क्षेत्र में भी मिल सकती है तथा एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भी मिल सकती है। उदाहरण के लिए, एक वन क्षेत्र में मिलने वाले एक ही प्रजाति के हिरणों में गुणसूत्रों या जीन्स की भिन्नता मिल सकती है।

(2) प्रजाति जैव विविधता (Species Diversity) सर्वाधिक आधारभूत स्तर पर जैव विविधता के अन्तर्गत पृथ्वी पर निवास करने वाली जीवधारियों को लाखों प्रजातियाँ सम्मिलित होती हैं। इसमें सूक्ष्मजीवधारी (बैक्टीरिया, वायरस, प्रोटोजोआ) से लेकर विशालकाय जीवधारो (जैस—हाथा, जेबरा, शेर, ऊँट आदि) सम्मिलित हैं। एक अनुमान के अनुसार विश्व में लगभग 3 करोड़ जैव प्रजातियाँ हैं, लेकिन अभी तक वैज्ञानिक केवल 14 लाख जैव-प्रजातियों की ही खोज कर पाने में सफल रहे हैं।

(3) समुदाय/पारिस्थितिकी जैव विविधता (Community Ecosystem Diversity)-वृहद् स्तर पर किसी प्रदेश में अनेक पारिस्थितिकी तन्त्र मिलते हैं तथा प्रत्येक पारिस्थितिकी तन्त्र में निश्चित संख्या में पौधों तथा जन्तुओं की प्रजातियों का अस्तित्व मिलता है। पारिस्थितिकी तन्त्र में जैव-विविधता जितनी अधिक होगी, पारिस्थितिकी तन्त्र की स्थिरता उतनी ही अधिक होगी। इसका प्रमुख कारण यह है कि अधिक जैव-विविधता रखने वाले पारिस्थितिकी तन्त्र में किसी भी जीवधारी के भोजन के लिए अनेक जीव उपलब्ध होते हैं।

प्रश्न 2. 
जैव-विविधता के संरक्षण की आवश्यकता तथा महत्त्व का उल्लेख करते हुए जैव-विविधता संरक्षण के लिये किये जा रहे उपायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
'जैव-विविधता के संरक्षण की आवश्यकता तथा महत्व जैव-विविधता मानवीय जाति के अस्तित्व के लिए आधारभूत होती है। जैव-विविधता के ह्रास से मानव जाति के समक्ष खाद्य आपूर्ति का संकट उत्पन्न हो जाता है। मानव अनेक जंगली पादप प्रजातियों तथा जैव प्रजातियों से मूल्यवान पोषक तत्वों की प्राप्ति करता है। नार्मन मायर्स नामक वैज्ञानिक के अनुसार, विश्व की लगभग 80 हजार जंगली पादप प्रजातियाँ मानव के लिये उपयोगी हैं।

दुर्भाग्यवश मानव ने बीसवीं शताब्दी में जिस गति से वनों का सफाया किया है, अति पशु चारणता का कार्य किया है, प्राकृतिक भूमि को कृषि भूमि में बदला है तथा मानवीय अधिवासों को वन, घास व कृषि क्षेत्रों में स्थापित किया है उससे मानव ने अपने भविष्य के खाद्य संसाधनों को ही धीरे-धीरे नष्ट किया है। जैव-विविधता के बस का सर्वाधिक प्रतिकूल प्रभाव जनजातीय वर्ग के लोगों पर पड़ता है, क्योंकि उनकी आजीविका के स्रोत तथा धार्मिक आस्थाएँ जैव-विविधता से घनिष्ठ रूप से जुड़ी होती हैं। जैव-विविधता किसी भी पारिस्थितिकी तन्त्र की स्थिरता को कायम रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। 

पारिस्थितिकी तन्त्र की स्थिरता पर मानव का आर्थिक एवं जैविक जीवन निर्भर करता है। जैव-विविधता का सीधा सम्बन्ध धरातलीय जल प्रवाह के संचालन, मृदा अपरदन के नियन्त्रण, व्यर्थ पदार्थों के अवशोषण, जल के शुद्धिकरण तथा कार्बन व पोषक तत्वों के चक्रण से होता है। अत: जैव-विविधता को होने वाली कोई भी हानि उक्त प्रक्रियाओं पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। आर्थिक महत्व की दृष्टि से जैव-विविधता से लकड़ी, ऊर्जा तथा वनौषधियों के स्रोत घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित होते हैं। जैव-विविधता से जुड़े व्यवसायों; जैसे-पर्यटन, वैज्ञानिक अनुसन्धान तथा जैव उत्पादन सम्बन्धी कार्यों से आज विश्व के लाखों लोगों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। उपर्युक्त सभी कारणों से वर्तमान में जैव-विविधता का संरक्षण आवश्यक है।

जैव-विविधता संरक्षण के लिये किये जा रहे प्रमुख उपाय-
विश्व स्तर पर जैव-विविधता के संरक्षण के लिये सन् 1992 में ब्राजील के रियो-डी-जेनेरो नगर में जैव-विविधता के सम्मेलन (Earth Summit) में विश्व के 155 देशों ने अपने हस्ताक्षर किये। इस सम्मेलन में जैव विविधता के संरक्षण हेतु निम्न तरीके सुझाये गये 

  1. संकटापन्न प्रजातियों के संरक्षण को प्राथमिकता प्रदान करना। 
  2. प्रजातियों को विलुप्त होने से बचाने के लिये उचित योजनाएँ बनाना तथा प्रबन्ध करना। 
  3. खाद्यान्नों की किस्में, चारा फसलों की किस्में, इमारती लकड़ी के वृक्ष, पशुधन, जन्तु व उनकी वन्य प्रजातियों को संरक्षण प्रदान करना। 
  4. वन्य जीवों के निवास क्षेत्रों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना। 
  5. वन्य जीवों व पौधों के अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार को निर्धारित नियमों के अन्तर्गत करना।

भारत सरकार द्वारा वन्य जीवों के संरक्षण के लिए 'वन्य जीव सुरक्षा अधिनिमय, 1972' लागू किया है जिसके अन्तर्गत देश के विभिन्न भागों में नेशनल पार्क, पशु विहार तथा जीवमण्डल आरक्षित क्षेत्र स्थापित किये गये हैं। जैव-विविधता के हॉट-स्पॉट (Hot-Spots)-उष्ण कटिबन्धीय क्षेत्रों में स्थित विश्व के 12 क्षेत्र हैं जिनमें विश्व की सर्वाधिक प्रजातीय विविधता मिलती है। इन देशों को महा-विविधता केन्द्र कहा गया है। मैक्सिको, कोलंबिया, इक्वेडोर, पेरू, ब्राजील, कांगो, मेडागास्कर, चीन, भारत, मलेशिया, इण्डोनेशिया तथा ऑस्ट्रेलिया इस प्रकार के 12 देश  हैं। 

RBSE Class 11 Geography Important Questions Chapter 16 जैव-विविधता एवं संरक्षण 1

इन देशों के कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिनमें समृद्ध जैव-विविधता मिलती है तथा इनमें ऐसी जैव प्रजातियाँ निवास करती हैं जो विश्व में कहीं नहीं मिलती। इन क्षेत्रों में कुछ कारणों से जब आवास-विनाश तथा प्रजाति विलोपन के खतरे उत्पन्न हो जाते हैं तो ऐसे क्षेत्र संरक्षण की दृष्टि से हॉट-स्पॉट कहलाते हैं। विश्व के इन हॉट-स्पॉटों को चित्र में प्रदर्शित किया गया है। हॉट-स्पॉट को उनकी वनस्पति के आधार पर सीमांकित किया गया है। इसका प्रमुख कारण यह है कि वनस्पति ही किसी पारितन्त्र की प्राथमिक उत्पादकता का निर्धारण करती है।

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गए इस अध्याय से सम्बन्धित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर 

प्रश्न 1. 
ब्रटलैण्ड रिपोर्ट सम्बन्धित है?
(क) आर्थिक विकास से
(ख) सतत् विकास से 
(ग) मानव विकास से
(घ) भू-स्खलन नियंत्रण से। 
उत्तर:
(ख) सतत् विकास से 

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प्रश्न 2. 
पर्यावरण का संरक्षण हमें ले जाएगा
(क) हमारे जीवन में उन्नति की ओर
(ख) नियमित विकास की ओर 
(ग) ऊर्जा विकास की ओर
(घ) पोषणीय विकास की ओर 
उत्तर:
(घ) पोषणीय विकास की ओर 

प्रश्न 3. 
निम्नलिखित में से कौन-सी गैस 'ओजोन' परत को क्षीण करने के लिए उत्तरदायी है?
(क) नाइट्रोजन
(ख) क्लोरो-फ्लोरो-कार्बन 
(ग) नाइट्रोजन ऑक्साइड
(घ) ऑक्सीजन 
उत्तर:
(ख) क्लोरो-फ्लोरो-कार्बन 

प्रश्न 4.
सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिए एवं निम्नलिखित कोड का प्रयोग करते हुए सही उत्तर का चयन कीजिए।

सूची-I (सेंक्चुरी)

सूची- II (वनीय जीवन)

(a) भरतपुर

(i) भारतीय गजराज

(b) वृहत्त एवं लघु कच्छ रण

(ii) बरफीला तेंदुआ

(c) नीलगिरि पहाड़ियाँ

(iii) चिड़ियाँ

(d) बृहत हिमालय

(iv) जंगली गधे

कूट : 

 

(a)

(b)

(c)

(d)

(क)

(ii)

(i)

(iv)

(iii)

(ख)

(iii)

(iv)

(i)

(ii)

(ग)

(iv)

(iii)

(ii)

(i)

(घ)

(i)

(ii)

(iii)

(iv)

उत्तर:
(ख),(ii),(iv),(i),(iii).

प्रश्न 5. 
निम्न में से हमारे पर्यावरण का कौन-सा घटक पृथ्वी को अनोखा बनाता है?
(क) वायुमण्डल
(ख) जलमण्डल 
(ग) जैवमण्डल 
(घ) स्थलमण्डल 
उत्तर:
(ग) जैवमण्डल 

प्रश्न 6. 
निम्नलिखित में से कौन-सी जैव विविधता के संरक्षण के लिए महत्त्वपूर्ण रणनीति है? 
(क) जैवमण्डल रिजर्व
(ख) वानस्पतिक उद्यान 
(ग) राष्ट्रीय पार्क
(घ) जंगली जन्तु अभयारण्य 
उत्तर:
(क) जैवमण्डल रिजर्व

प्रश्न 7. 
विलुप्त होने वाली प्रजातियों की सूचीबद्धता होती है
(क) डेड स्टॉक बुक में
(ख) रेड डाटा बुक में 
(ग) लाइव स्टॉक बुक में
(घ) इनमें से कोई नहीं 
उत्तर:
(ख) रेड डाटा बुक में 

प्रश्न 8. 
काजीरंगा किसलिए जाना जाता है?
(क) गैण्डा के लिए 
(ख) बाघ के लिए 
(ग) पक्षी के लिए 
(घ) शेर के लिए 
उत्तर:
(क) गैण्डा के लिए 

प्रश्न 9. 
भारत का सर्वप्रथम राष्ट्रीय उद्यान निम्नलिखित में से कौन-सा है? 
(क) कान्हा राष्ट्रीय उद्यान
(ख) दुधवा राष्ट्रीय उद्यान 
(ग) राजाजी राष्ट्रीय उद्यान
(घ) कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान 
उत्तर:
(घ) कॉर्बेट राष्ट्रीय उद्यान 

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प्रश्न 10. 
भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम किस वर्ष में लागू किया गया था?
(क) 1962
(ख) 1970 
(ग) 1972
(घ) 1982
उत्तर:
(ग) 1972

प्रश्न 11. 
दो जीवोमों को पृथक करने वाले संक्रमण क्षेत्र को क्या कहते हैं?
(क) पारिस्थितिक प्रवणता 
(ख) पारिस्थितिक कर्मता 
(ग) ईकोटीन 
(घ) पारिप्ररूप 
उत्तर:
(क) पारिस्थितिक प्रवणता 

प्रश्न 12.
भारत में निम्नांकित में से किस राज्य में घाना पक्षी विहार स्थित है?
(क) राजस्थान में 
(ख) पश्चिम बंगाल में 
(ग) उड़ीसा में
(घ) कर्नाटक में 
उत्तर:
(क) राजस्थान में 

प्रश्न 13. 
भारत के बायोस्फीयर रिजर्व में से निम्नलिखित में कौन एक यूनेस्को के विश्व बायोस्फीयर तन्त्र में सम्मिलित नहीं है? 
(क) सुन्दरवन 
(ख) मन्नार की खाड़ी 
(ग) मानस
(घ) नीलगिरि 
उत्तर:
(ग) मानस

प्रश्न 14. 
सूची-I को सूची-II को सुमेलित कीजिए तथा निम्न कूट से सही उत्तर चुनिए

सूची-I (जैव आरक्षित क्षेत्र)

सूची- II (व)

(A) अगस्त्यमलाई

1. अरुणाचल प्रदेश

(B) डिब्र-देखोवा

2. मेघालय

(C) देहांग-देबांग

3. केरल

(D) नोकरेक

4. असम

संकेत-

 

(A)

(B)

(C)

(D)

(क)

1

3

4

2

(ख)

4

2

1

3

(ग)

3

1

2

4

(घ)

3

4

1

2

उत्तर:
(घ),3.4,1,2.

प्रश्न 15.
राष्ट्रीय वन नीति के अनुसार गंगा के मैदान में वनों के अंतर्गत भौगोलिक क्षेत्र का प्रतिशत होना चाहिए
(क) 10
(ख) 15 
(ग) 20
(घ) 25 
उत्तर:
(ग) 20

प्रश्न 16. 
नल सरोवर, जो भारत का विशालतम पक्षी विहार है, अवस्थित है
(क) आन्ध्र प्रदेश में 
(ख) महाराष्ट्र में 
(ग) गुजरात में 
(घ) राजस्थान में 
उत्तर:
(ग) गुजरात में 

प्रश्न 17. 
भारत में वन्य जीव संरक्षण अधिनियम कब लागू हुआ?
(क) 1974 में
(ख) 1972 में 
(ग) 1981 में 
(घ) 1986 में। 
उत्तर:
(ग) 1981 में 

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प्रश्न 18. 
जैव विविधता
उत्तर:
किसी निश्चित भौगोलिक क्षेत्र में मिलने वाले जीवों की संख्या एवं उनकी विविधता को जैव विविधता कहा जाता है।

प्रश्न 19.
जैव संसाधन।
उत्तर:
पृथ्वी पर पाये जाने वाले पादपों एवं जन्तुओं के सम्मिलित रूप को जैव संसाधन कहते हैं। 

प्रश्न 20. 
पर्यावरण के घटक।
उत्तर:
अवस्थिति, उच्चावच, जलवायु, प्राकृतिक वनस्पति, मृदा, जलराशियाँ एवं जैविक कारक आदि पर्यावरण के घटक हैं।

Prasanna
Last Updated on Aug. 20, 2022, 5:30 p.m.
Published Aug. 20, 2022

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