RBSE Class 11 English The Guide Translation in Hindi Part 2

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 11 English The Guide Translation in Hindi Part 2 Questions and Answers.

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RBSE Class 11 English Solutions The Guide Translation in Hindi Part 2

1. The banana worked ................ I can wait. (Pages 43-44) 

कठिन शब्दार्थ-mass (मैस्) = बड़ा दल सम्मिलित होना। radiance (रेडिअन्स) = आभा। gaze (गेज) = टकटकी लगाकर देखना। awe (ऑ) = भय या प्रशंसा से प्रेरित आदर भाव। inanities (इ'नेनिटिज) = निरर्थक। indulging (इन'डल्जिंग) = लिप्त होना । awkwardness (ऑक्वड्न्स् ) = बेढंगापन। imitate (इमिटेट) = किसी की नकल करना। interposed (इन्ट(र)पोज्ड) = बीच में टोककर कहा। cattle (कैट्ल) = मवेशी। disapproval (डिस'प्रूवल) = अस्वीकृति । vast (वास्ट्) = विशाल । authoritatively (ऑ'थॉरटटिव्लि ) = आधिकारिक।

defaulting (डि'फॉल्टिंग) = कानून के अनुसार काम नहीं करना। timid (टिमिड्) = जल्दी डर जाने वाला। repast (रि पास्ट) = भोजन। siesta (सि एस्टा) = दोपहर की झपकी। tuft (टफ्ट) = बाल, घास आदि का गुच्छा। bankly (ब्लैंक्ल) = भाव शून्य रीति से | resumed (रेज्यूम्ड्) = पुनः कार्य में लगा। muddled (मड्ल्ड् ) = उलझन में डाल दिया। split (स्पिलट) = हिस्सों में बाँटना।

हिन्दी अनुवाद-केले ने चमत्कार का काम किया। वह लड़का एक मकान से दूसरे मकान तक यह घोषणा करते हुए गया कि वह संत वापस अपने स्थान पर आ गया था। पुरुष, स्त्रियाँ और बच्चे बड़ी संख्या में इकट्ठा होकर आए। जो कुछ वे चाहते थे कि उन्हें उसकी ओर (संत की ओर) देखने दिया जाए और उसके चेहरे की आभा, चमक को वे गौर से देख सकें। बच्चे चारों ओर खड़े हो गए और उन्होंने आदर भाव से टकटकी लगाकर देखा। राजू ने इस स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए बच्चों के गालों पर चिकौटी काटकर व्यवस्थित करने का प्रयास किया और वह कुछ निरर्थक बातें भी कह रहा था। या कभी-कभार बच्चों की सी बातें करता जिससे कि स्थिति में उभर आये बेढंगेपन को हल्का किया जा सके। वह उन छोटे बच्चों की ओर गया और पूछा, "तुम क्या पढ़ रहे हो?" उसने उस तरीके से पूछा जैसे कि शहरों में बड़े आदमी पूछते हैं । परन्तु यहाँ यह प्रश्न की नकल करना मूर्खता थी क्योंकि लड़के हँसे थे, एक-दूसरे की ओर देखा और कहा, "हमारे लिए कोई स्कूल नहीं है।"

"तुम सारा दिन क्या करते हो?" उसने पूछा, बिना उनकी समस्या में कोई वास्तविक रुचि लिए हुए।
बड़ों में से एक ने अपनी बात बीच में रखी और बोला, "हम अपने बच्चों को तुम जैसे कस्बों में भेजते हैं वैसे स्कूल नहीं भेज सकते हैं; उनको मवेशियों को चराने के लिए ले जाना पड़ता है।"..
राजू ने अस्वीकृति से अपनी जीभ से आवाज की। उसने अपना सिर हिलाया। भीड़ दु:खी और चिन्तित दिखाई दे रही थी। राजू ने भव्य तरीके से व्याख्या की, "लड़कों को सबसे पहले पढ़ना चाहिए। उनको, निःसन्देह, अपने माता-पिता की सहायता करनी चाहिए, परन्तु उन्हें अवश्य ही अध्ययन के लिए समय मिलना चाहिए।" उसने प्रेरणा भरे शब्द लोगों में भरे। "यदि उन्हें दिन के दौरान पढ़ने का समय नहीं मिलता है, क्यों नहीं वे शाम के समय इकट्ठे हों और सीखें?"
"कहाँ पर?" किसी ने पूछा।
"यहाँ पर भी हो सकते हैं।" राजू ने बड़े हाल की ओर इशारा करते हुए अपनी बात को आगे बढ़ाया। "तुम अपने किसी अध्यापक को यहाँ पढ़ाने के लिए कह सकते हो। 
क्या तुम सबके बीच में कोई स्कूल का शिक्षक नहीं है?"

"हाँ, हाँ, है" कई आवाजें एक स्वर में आईं।
"उससे कहो वह मुझसे मिले" राजू ने आधिकारिक रूप से आदेश दिया, उसी तरीके से उसने आदेश दिया मानो कोई काम नहीं करने वाले सहायक अध्यापक को बुलाया जाता है।
अगली दोपहर बाद एक भीरू, संकोची आदमी जिसके सिर पर बालों का गुच्छा था और उस पर पगड़ी थी, वह मन्दिर के हॉल में आया। राजू ने अभी अपना भोजन किया था और वह हॉल में एक झपकी लेकर आनन्द ले रहा था, वह ठण्डे ग्रेनाइट के फर्श पर लम्बा लेटा हुआ था। वह संकोची व्यक्ति पुराने खम्भे के पास खड़ा था, उसने अपना गला साफ किया। राजू ने अपनी आँखें खोली और भावशून्यता से उसने उसकी ओर देखा। यह वहाँ पर प्रथा नहीं थी, उस समाज में, यह पूछना कि कौन या क्यों, कब कितने लोग आये और चले गये। राजू ने अपना हाथ हवा में लहराकर इशारा किया कि वह बैठ जाएं और

वापस अपनी नींद में चला गया। जब वह बाद में जगा, उसने देखा कि वह आदमी उसके नजदीक बैठा था।
"मैं वह शिक्षक हूँ।" उस आदमी ने कहा और अपनी आधी नींद की उलझनभरी स्थिति में स्कूल के शिक्षकों का उसका पुराना डर वापस आ गया था। वह एक क्षण के कुछ हिस्से में यह भूल गया था कि वह अपने उन पुराने वर्षों को पीछे छोड़ आया था। वह उठ बैठा था। वह शिक्षक थोड़ा आश्चर्यचकित हुआ था। उसने कहा, "अपने आपको व्यवधान में मत डालो। मैं इन्तजार कर सकता हूँ।" 

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2. "That's all right' said.............a crocodile hereabouts." (Pages 44-45) 

कठिन शब्दार्थ-composure (कम् 'पोश(र)) = शांत और आत्मनियंत्रित होने की अवस्था। patronizingly (पैट्रनाइजिङलि) = कृपा भाव से। brooded (ब्रूडिड्) = चिन्तन किया। merely (मिअलि) = केवल, मात्र । uppermost (अपमोस्ट्) = सर्वोच्च दशा में । tentatively (टेन्टेटिव्लि) = कामचलाऊ ढंग से। utmost (अटमोस्ट्) = अधिकतम। parley (पालि) = मतभेद दूर करने के लिए विचार-विमर्श करना, संधिवार्ता करना। clarified (क्लेरिफाइड) = स्पष्टीकरण दिया। conferring (कनफरिंग) = प्रदान करना। argumentative (आग्यु'मेन्टटिव) = तार्किक । fervor (फ़व(र्)) = किसी विषय पर गहरी व प्रबल भावनाएँ, जोश, उत्साह । overwhelming (ऑव वेलमिङ्) = भावना से भरा हुआ। altruism (ऐलट्रइजम) = परोपकारिता। smeared (स्मिअड्) = पोता। creaked (क्रीक्ड) = चींची की आवाज की। muster (मस्ट(र)) = एकत्र करना। hereabouts (हिअर'बाउट्स) = आसपास या यहाँ से पास।।

हिन्दी अनुवाद-"वह सब ठीक है" राजू ने कहा, अपनी आपकी स्थिति को ठीक करते और अपने आसपास की स्थिति के बेहतर रूप से समझते हुए। "तुम ही विद्यालय के शिक्षक हो?" उसने कृपाभाव से पूछा। उसने एक क्षण के लिए सोच-विचार किया, तब उसने सामान्य तरीके से पूछा, "और सब कुछ कैसा है?" दूसरे ने केवल जवाब दिया, "उससे भिन्न नहीं जैसा कि आमतौर पर होता है।" "आप इसे कैसा चाहते हैं?"

"इसका क्या फर्क पड़ता है?" दूसरे ने कहा, "मैं केवल अपना सर्वश्रेष्ठ करने का प्रयास करता हूँ और इसे गम्भीरता और मन लगाकर करता भी हूँ।"
"अन्यथा, यह सब और कुछ करने का क्या उपयोग है?" राजू ने पूछा। वह समय के प्रति सचेत था और उसका ध्यान रख रहा था। गहरी नींद के बाद भी वह ज्यादा स्पष्ट नहीं था और उस क्षण बच्चों की शिक्षा की समस्या उसके दिमाग में सबसे ऊपर नहीं थी। उसने काम-चलाऊ रूप से कहा, "अन्ततः किसी का कर्त्तव्य....."

"मैं अपना यथासम्भव करता हूँ।" दूसरे ने बचाव करते हुए कहा, वह बोलने की और जगह देना नहीं चाहता था। इस वार्ता के पश्चात् जो तकरीबन डेढ़ घंटे चली, गाँव के शिक्षक ने स्वयं ही स्थिति को स्पष्ट किया। “ऐसा प्रतीत होता है कि आपने यह सुझाव दिया था कि बच्चों को यहाँ पर इकट्ठा कर रात को यहाँ पर पढ़ाया जाना चाहिए।"

"अरे हाँ" राजू ने कहा। "हाँ, मैंने यह सुझाव दिया था, अवश्य ही, परन्तु यह वह मामला है जिसमें पूर्णतः निर्णय आपका ही रहेगा। आखिरकार स्वयं की सहायता ही सबसे श्रेष्ठ सहायता है। मैं शायद आज यहाँ रहता हूँ और कल चला जाता हूँ, यह सारी व्यवस्था करना आपका ही कार्य होगा। मेरा तात्पर्य था कि यदि आपको स्थान चाहिए तो आप इसे ले सकते हैं।" उसने अपनी बाँह को इस प्रकार से उठाया मानो कि कोई समुदाय को उपहार दे रहा हो।

शिक्षक ने पूर्ण विचार के साथ एक क्षण के लिए देखा और फिर कहना शुरू किया, "मैं पक्का तो नह कह सकता हूँ यद्यपि......"
परन्तु राजू अचानक ही दृढ़ और विवादी बन गया था। उसने पूर्ण अधिकार के साथ कहा, "मैं छोटे बच्चों को शिक्षित और बुद्धिमान बनते हुए देखना चाहता हूँ।" उसने जोश व उत्साह के साथ आगे कहा कि यह बहुत ही अच्छा होगा, "यह हमारा कर्तव्य है कि हम प्रत्येक को बुद्धिमान और प्रसन्न रखें।"

उस शिक्षक के लिए अत्यधिक महान परोपकार बहुत अधिक था। "मैं सब कुछ करूँगा" उसने कहा, "आपके निर्देशन में" राजू ने इस स्थिति को स्वीकार किया, "मैं निर्देशित करूँगा परन्तु मैं स्वयं वह यंत्र हूँ जो निर्देशन स्वीकार करता है।"

इसका परिणाम यह हुआ कि वह शिक्षक गाँव में एक परिवर्तित आदमी के रूप में वापस आया। अगले दिन वह उस स्तम्भाकार हॉल में गाँव के एक दर्जन बच्चों के साथ वापस आ गया था। उनके सभी के ललाट पर पवित्र राख लगाई हुई थी और उनकी स्लेट रात की नीरवता में चरचरा रही थी जबकि शिक्षक उनको भाषण दे रहे थे और राजू अपने पत्थर के ऊँचे स्थान पर उदारता के साथ बैठा हुआ देख रहा था। शिक्षक छात्रों की संख्या के बारे में क्षमा प्रार्थी था, वह केवल एक दर्जन बच्चों को ही एकत्र कर पाया था, "वे रात्रि को इस नदी को पार करने से डरते हैं, उन्होंने यहाँ आसपास किसी मगरमच्छ के बारे में सुन रखा था।"

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3. What can a crocodile do.................for want of an audience. (Pages 45-46)

कठिन शब्दार्थ-conscience (कॉन्शन्स्) = अंत:करण। being (बीइङ्) = अस्तित्व। dispirited (डि'स्पिरिटिड्) = निरुत्साहित equivalent (इक्विवलन्ट) = समकक्ष। eternity (इटनटि) = अनन्त काल । godliness (गॉडलिनस्) = देवत्व | epics (इपिक्) = वीरगाथा, महान कथा । hypnotized (हिप्नटाइज्) = किसी व्यक्ति को सम्मोहित करना। stature (स्टैच(र)) = प्रतिष्ठा। upturned (अप्टन्ड) = (किसी वस्तु में) सुधार, बढ़त। grandeur (ग्रैनज़(र)) = भव्यता। reflect (रिफलेक्ट्र) = किसी बात पर चिन्तन करना। convinced (कन् "विनस्ट्र) = किसी विषय में पूर्णतया आश्वस्त । dud (डड्) = नकली होने के कारण या ठीक से काम न करने के कारण प्रयोग में न आने वाली वस्तु। aerated (एअरेटिड्) = वायु मिश्रित। cronies (क्रोनिज्) = लंगोटिया दोस्त । status (स्टेट्स) = प्रस्थिति, स्थिति, कद। consent (कन सेन्ट) = स्वीकृति। plantain (प्लांटेन) = कैले जैसी कोई वस्तु। except (इस'सेप्ट्) = सिवाय । commodities (कमडिटीज) = सामान। wilted (विल्डि ) = (पौधे या फूल का) मुरझाना, कुम्हलाना (पानी की कमी या गरमी के कारण)।

हिन्दी अनुवाद-"एक मगरमच्छ तुम्हारा क्या कर सकता है यदि आपका मन साफ है और अन्त:करण परेशान नहीं है?" राजू ने भव्यता से कहा। यह व्यक्त करने के लिए एक श्रेष्ठ विचार था। उसके अस्तित्व की गहराइयों से बुद्धिमत्तापूर्ण बातों का इस प्रकार से निकलना उसे स्वयं को आश्चर्यचकित कर रहा था। उसने शिक्षक से कहा, "इससे निराश मत होना कि केवल एक दर्जन ही बच्चे हैं। यदि तुम एक दर्जन बच्चों के साथ भी अपना कार्य गम्भीरता से करोगे; तो यह वास्तव में उस संख्या से सौ गुणा लोगों की सेवा करने के समकक्ष होगी।"

शिक्षक ने सुझाव दिया, "मुझे गलत मत समझिए, परन्तु क्या आप इन बच्चों से बातें करेंगे जब भी कभी आप इनसे बात करने में सक्षम हों?" इससे राजू को पारलौकिक जीवन एवं इस जीवन के दृष्टिकोण पर अपनी बात कहने का मौका मिला। उसने भगवत्व, स्वच्छता, रामायण और उसके पात्रों के बारे में बात की। उसने उनको हर प्रकार की चीजों के बारे में अपनी बात कही। वह अपनी स्वयं की आवाज से सम्मोहित हो गया था। उसने स्वयं यह महसूस किया कि वह अपनी योग्यता के आधार पर अपनी प्रतिष्ठा को प्राप्त कर रहा है, जैसे ही उसने देखा कि उनके (बच्चों के) भावों में सुधार उनके चेहरे पर आ रहा था, जब उसने उनसे बात की और उनके दमकते चेहरे आधे प्रकाश में चमके। इस सम्पूर्ण बात की भव्यता से और कोई नहीं अधिक प्रभावित हुआ केवल स्वयं राजू ही हुआ था।

अब मैं इस बात पर चिन्तन कर रहा हूँ कि मैं विश्वस्त हूँ कि आखिरकार मैं इस प्रकार का नकली नहीं था। मुझे यह प्रतीत हो रहा है कि हम सामान्यतया अपनी बुद्धि को सही तरीके से नहीं माप पाते हैं। मुझे यह याद आता है कि किस प्रकार से मैं अपने मन को हर समय सुसज्जित/तैयार करता रहा था। मैं जब अपनी रेल्वे की दुकान चलाता था उन दिनों में मैंने अच्छी मात्रा में पुस्तकें पढ़ी थीं, मैं उस दुकान में बैठता था, रोटी के कटे हुए हिस्से और वायु द्वारा साफ किया हुआ पानी बेचता था। कभी-कभी विद्यालय के छात्र अपनी पुस्तकें मेरे पास बेचने के लिए छोड़ जाते थे। यद्यपि मेरे पिताजी अपनी दुकान के बारे में बहुत ऊँचा सोचते थे, मैं उसके दृष्टिकोण की हिस्सेदारी नहीं कर सकता हूँ। रोटी और बिस्किट बेचना और उसके बदले में पैसे स्वीकार करना मुझे एक हल्का सा व्यवसाय लगता था। मैं हमेशा यह सोचता रहता था कि इस कार्य के लिए मैं इतना अच्छा नहीं था।

मेरे पिताजी की मृत्य बारिश के दिवसों के दौरान हो गई थी। उनका अन्त अचानक हुआ था। वह अपने दोस्तों से बातें कर रहे थे और सामान अपनी झोंपड़ी दुकान में रात तक बेच रहे थे। तब उन्होंने नकद पैसा गिना, घर में प्रवेश किया, उन्होंने चावल और मट्ठा खाया और वे सोने के लिए चले गये थे और फिर वापस कभी भी नहीं जगे थे।

मेरी माताजी ने अपने आपको विधवा की स्थिति में व्यवस्थित किया। मेरे पिताजी उसके शेष जीवन को आराम से बिताने के लिए पर्याप्त धन छोड़कर गए थे। मैं अपने लिए जितना सम्भव हो सकता था, उतना समय माताजी को दिया करता था। उनकी सहमति से मैंने अपने पिताजी की दुकान बन्द की और अपने आपको रेल्वे स्टेशन पर ही व्यवस्थित किया। उस समय मैं अपने आप में नई दिशाओं, धाराओं का विकास करने लगा था। मैं पुरानी पत्र-पत्रिकाएँ और अखबार रखने लगा था और स्कूल की पुस्तकें खरीदता और बेचता था।

निःसन्देह मेरे ग्राहक ज्यादा नहीं थे परन्तु गाड़ी स्कूल जाने वाली जनसंख्या को और अधिक और लाने लगी थी और 10.30 वाली गाड़ी अल्बर्ट मिशन कॉलेज जाने वाले जवान लोगों की भीड़ लेकर आती थी, यह कॉलेज अभी-अभी मालगुड़ी में प्रारम्भ हुआ था। मैं लोगों से बातें करना पसन्द करता था। मैं लोगों को बातें करते हुए सुनना पसन्द करता था। मैं उन ग्राहकों को पसन्द करता था जो अपने मुँह को केवल केला खाने के लिए ही खोलते थे और वे सिवाय राज्य की फसलों, वस्तुओं की कीमतों और कानून पर किसी भी विषय पर बोलने के लिए मुँह खोलते थे। मेरे पिताजी की मृत्यु के पश्चात् उनके पुराने दोस्त मुरझा कर एक-एक कर गायब से हो गए थे मुख्यतः किसी श्रोता की कमी के कारण शायद चले गए थे।

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4. Students gathered at my......... the river at night. (Pages 46-47)

कठिन शब्दार्थ-dumped (डम्प्ड) = पटक जाते थे। indifference (इन'डिफरन्स्) = उदासीन। solicitude (स'लिसिट्यूड) = सहायता, समर्थन। obtained (अब् 'टेन्ड) = प्राप्त किया। offshoot (ऑफ्शूट) = सहायक व्यापार। wrapping (रैपिङ) = लपेट गया कागज या प्लास्टिक। carry off (कैरी ऑव) = ले जाना। provide (प्र'वाइड) = उपलब्ध कराना। scrap (स्क्रैप) = किसी चीज का टुकड़ा। sort out (सॉट आउट) = किसी समस्या का हल ढूंढना। assorted (अ'सॉटिड्) = मिश्रित। lounging (लाउजिंङ) = अलसाते हुए बैठना। immense (इ'मेन्स) = अत्यधिक। baffled (बैफ़ल्ड) = भ्रमित हुआ। pricked up (प्रिकड् अप्) = सावधान कर देते थे। lingered (लिङ्गड्) = आते रहते थे। absorbed (अब'जॉब्ड्) = तल्लीन हो जाता था। 

हिन्दी अनुवाद-छात्र मेरी दुकान पर इकट्ठे होते थे जब वे अपनी ट्रेन का इन्तजार कर रहे होते थे। धीरे-धीरे जहां पर पहले नारियल होते थे उनका स्थान पुस्तकों ने ले लिया था। लोग चुराई हुई और पुरानी पुस्तकें और सभी प्रकार का प्रिन्टेड सामान मेरी दुकान पर डालकर चले जाते थे। मैं बहुत सौदेबाजी करता था, उदासीनता दिखाता जब कुछ बेचता या खरीदने में बहुत सतर्कता से काम करता था। स्पष्टतः कहा जाए इस तरह का कार्य करना गलत था परन्तु स्टेशन मास्टर हमारे परिवार का मित्र था। वह और उसके बच्चे मेरी दुकान से बेहिसाब वस्तुएँ उधार ले जाते थे और पढ़ने की सामग्री भी वह मेरी दुकान से मँगवाता था। मेरा पुस्तक बेचने का व्यवसाय एक आशाहीन खोज थी। मेरे उस कार्य के अन्तर्गत जिसमें मैं पुराने कागजों में कुछ चीज को लपेटने की तलाश किया करता था। 

मैं इसे अच्छी तरीके से लपेटना चाहता था जितना अच्छा मैं इसे कर सकता था, परन्तु जब तक यह मेरे पिताजी के नियंत्रण में था वह कहते थे, "यदि कोई कागज का टुकड़ा लेकर आता है तो उसका किसी भी वस्तु को लपेटने या लपेटकर ले जाने का स्वागत है परन्तु मैं उसके लिए यह नहीं कर सकता हूँ। फायदा यही तो होता है, हम कागज में किसी वस्तु को लपेटकर देने को वहन नहीं कर सकते हैं। यदि कोई आदमी तेल खरीदता है तो उसे तेल ले जाने के लिए बर्तन लाने दीजिए। क्या हम उसे वह बर्तन उपलब्ध करवायेंगे?" 

जब वह अपने इस विचार दर्शन को कार्यान्वित करता था, यह किसी भी अन्य के लिए असम्भव था कि वह दुकान से कोई कागज का टुकड़ा प्राप्त कर ले। उनकी मृत्यु के पश्चात् मैंने एक नई नीति को अंगीकृत किया। मैंने सभी लोगों को दूर-दूर तक यह खबर पहुँचाई कि मुझे पुराने अखबार और पुस्तकों की तलाश थी और मैंने बहुत जल्दी एक बड़ा सा ढेर इकट्ठा कर लिया था। मेरे खाली समय में मैं इसे व्यवस्थित करता रहता था। जब गाड़ियों (ट्रेन) के बीच में अन्तराल होता था, जब प्लेटफॉर्म शान्त होता था, तो मिश्रित पुस्तकों का गट्ठर उठाकर मेरी सीट पर

अलसाया सा लेटकर उनको पढ़ना सबसे अधिक आनन्ददायक था। कभी-कभी खेत में खड़े हुए उस अत्यधिक बड़े इमली के पेड़ को देखने के लिए अपने कार्य को छोड़ देता था। मैं उस सामग्री को पढ़ता था जिसमें मुझे सबसे ज्यादा आनन्द आता था, मुझे थका देता, भ्रमित कर देता और मैं अपनी सीट पर बैठा ऊँघता रहता था। मैं उस सामग्री को पढता था जो कि एक अच्छे विचार जो मुझमें चेतना लाता; मैं पुराने मन्दिरों और भग्नावशेषों की तस्वीरों, नए भवन और युद्धपोतों, और सिपाहियों और सुन्दर लड़कियों की तस्वीरें देखता जिनके चारों ओर मेरे विचार देर तक भटकते रहते थे। मैंने उस रद्दी कागज से बहुत कुछ सीखा था।

राजू की उस बात से बच्चे आकर्षित, लालायित हो जाते थे जो उनसे कक्षा में की जाती थी (यहाँ तक कि उनका शिक्षक भी आश्चर्य से मुँह खोलकर उसकी बातों में खो जाता)। वे घर जाकर अपने आश्चर्य का वर्णन करते थे जिसके बारे में उन्हें बताया गया था। वे आने वाली शाम को वापस आने के लिए अधीर रहते थे जिससे कि और अधिक सुन सकें। बहुत जल्दी ही माँ-बाप भी उनके बच्चों के साथ शामिल हो गए थे, उन्होंने क्षमाप्रार्थी होते हुए विस्तार से बताया, "बच्चे घर थोड़ी देर से आते हैं, आप देख रहे हैं कि शिक्षक भी ऐसे ही आते हैं और वे घर वापस जाने पर डरते हैं-विशेष रूप से रात को नदी पार करते हुए....."

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5. "Excellent, excellent, "Raju said .... me in peace thank you.” (Pages 47-48)

कठिन शब्दार्थ-aphorism (ऐफरिज्म) = सूक्ति। gesture (जेस्च(र)) = कुछ कहने के लिए हाथ, सिर आदि को हिलाने की क्रिया, अंक संकेत। lingered (लिङ्गड्) = किसी जगह देर तक खड़े रहना या कोई काम देर तक करते रहना। farther (फाद(र)) = दूर। ventured (वेन्च(र)) = नई और जोखिम भरी परियोजना (क्योंकि सफलता निश्चित नहीं)। discourse (डिसकॉस) = किसी विषय पर गम्भीर चर्चा (भाषण या लेख)। contemplation (कॉन्टम् 'प्लेश्न्) = चिन्तन, अवलोकन । murmured (मम्ड्) = निम्न भेद स्वर में कुछ कहना, बड़बड़ाना, भुनभुनाना। cornered (कॉन्ड) = एकाधिकार जमा लेना। racked (रैक्ड) = किसी बात को सोचने या याद करने की भरपूर कोशिश करना। so forth (सो फॉथ) = और ऐसी अन्य बातें।

हिन्दी अनुवाद-"श्रेष्ठ, श्रेष्ठ" राजू ने कहा, "मैं स्वयं यह सुझाव देने वाला था। मुझे प्रसन्नता है कि आपने इसके बारे में विचार किया। इसमें कोई हानि नहीं है। वास्तव में, आप भी अपने कान खुले रखकर इससे लाभान्वित हो सकते हो। अपने कान खुले रखिए और मुँह को बन्द रखिए, इससे आप बहुत आगे तक जायेंगे।" उसने एक बुद्धिमानी युक्त सूक्ति के साथ यह बात कही। उसके चारों ओर एक घेरा बनता जा रहा था। वे वहाँ बैठे देखते रहते थे। स्तम्भाकार हॉल लालटेनों की रोशनी से जगमगा रहा था, जिन्हें ग्रामीण अपने साथ लेकर आते थे। यह उस स्थान की तरह लगता था मानो कि कोई बहुत बड़ा समागम प्रारम्भ होने जा रहा था, राजू उस अभिनेता की भाँति महसूस करता था जो स्टेज पर आ चुका था और जब श्रोता उसका इन्तजार करते थे, उसके पास बोलने के लिए कोई पंक्ति नहीं थी और कुछ भी इशारा करने को नहीं था। उसने शिक्षक से कहा, "मैं सोचता हूँ कि आप अपने रोजाना के पाठ के लिए बच्चों को उनके कोने में ले जाओ, आप अपने साथ इन लैम्पों में से एक लैम्प भी ले जाइए।"

जब भी वह यह कहता था, वह यह नहीं सोच सका था कि किस प्रकार से वह उन बच्चों के बारे में आदेशित कर रहा था जो उसके नहीं थे, उस शिक्षक को कह रहा था जो चाहे तो उसकी आज्ञा का पालन करे। फिर से उस लैम्प की ओर इशारा कर कहा था जो उसका नहीं था। शिक्षक ने उसके आदेश का पालन शुरू कर दिया था, परन्तु लड़के एक ही जगह देर तक खड़े रहे थे। उसने कहा, "तुम सबको अवश्य ही सर्वप्रथम अपना अध्याय पढ़ना चाहिए और तब मैं तुम्हारे पास आकर तुमसे बात करूँगा। अब सबसे पहले मैं तुम्हारे घर के बड़ों से बात करूँगा-जो कुछ मैं उन्हें कहँगा उसमें तुम्हें आनन्द नहीं आएगा।" और बच्चे खड़े हो गए और चले गए थे अपने शिक्षक के साथ जो उन्हें स्तम्भाकार हॉल के एक कोने में ले गया था।

वेलान ने एक नई योजना का सुझाव दिया, "श्रीमान, आप हमें कोई भाषण दें।" और राजू ने बिना किसी भावना के सुना, परन्तु वह इस प्रकार का दिख रहा था मानो कि किसी गहरे चिन्तन में खोया हुआ था। वेलान ने आगे कहा, "जिससे कि हमें आपकी बुद्धि का फायदा हो।" दूसरे लोगों ने भी सहमति से यही बड़बड़ाया था। राजू को एकाधिकार महसूस होने लगा था। "मुझे वह भूमिका अदा करनी ही पड़ेगी जिसकी मुझसे

उम्मीद की जा रही है, इस संकटपूर्ण स्थिति से बचकर निकलने का कोई रास्ता नहीं है।" उसने गुप्त रूप से किसी बात को अपने दिमाग में याद करने की भरपूर कोशिश की थी, उसे आश्चर्य हो रहा था कि वह कहाँ से प्रारम्भ करे, क्या वह मालगुड़ी के सैलानियों के आकर्षण के बारे में बातचीत प्रारम्भ करता, या यह कोई नैतिकता से परिपूर्ण अध्याय हो? किस प्रकार से एक बार ऐसा या ऐसा था, इतना अच्छा और इतना बुरा जब वह इस प्रकार या उस प्रकार का कोई कार्य करने लगा था, उसने इतना पूर्णतः भ्रमित खोया सा महसूस किया था, और इस प्रकार से या

आगे ऐसी अन्य बातें करे? वह उबाऊ सा महसूस करने लगा था। एकमात्र विषय जिस पर वह पूर्ण अधिकारिता के साथ बोल सकता था, अब वे उसके जेल का जीवन और उसके फायदे प्रतीत हो रहे थे, विशेषतः उस व्यक्ति के लिए जिसे गलती से साधु मान लिया गया था। वे सम्मान के साथ उसके प्रेरणास्वरूप बातों को सुनने के लिए इन्तजार करते रहे । "अरे मूर्यो" उसने महसूस किया कि वह रो पड़ेगा, "तुम लोग मुझे अकेला क्यों नहीं छोड़ देते हो? यदि तुम मेरे लिए खाना लाते हो, तो तुम इसे यहाँ रखकर, मुझे शान्ति से छोड़कर चले जाओ, तुम्हारा धन्यवाद है।"

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6. After a long brooding ............... "not six hundred.” (Pages 48-50)

कठिन शब्दार्थ-brooding (ब्रूडिङ्) = बहुत चिन्तन करना, किसी बात पर सोच-विचार कर परेशान या उदास होना। brought out (Pt bring out) (ब्रॉट आउट) = किसी वस्तु को सामने लाना, पेश करना। deferential (डेफरेन्श्ल ) = (किसी के प्रति) आदरभाव। grandiosely (ग्रैनडिओस्लि ) = अनावश्यक रूप से बड़ा और पेचीदा। mysteriously (मि'स्टिअरिअसलि) = रहस्यमय ढंग से। genuinely (जेनयुइनलि) = ईमानदारी से। quip (क्विप्) = हास्यपूर्ण, परिहास । subdued (सब्डयूड्) = शान्त और सामान्य से कम ऊर्जा सहित।

subsided (सब्'साइडिड) = मंद पड़ जाना। accord (अ'कॉड) = औपचारिक समझौता या संधि। of your own accord = अपनी इच्छा से, बिना बाध्यता या आदेश के। essence (एसन्स्) = सारतत्व। mystifying (मिस्टिफाइङ) = किसी को उलझन में डाल देना (क्योंकि वह बात समझ नहीं सका)। innocent (इनसन्ट्) = निर्दोष। bog (बॉग्) = दलदल । victim (विकटिम्) = पीड़ित या उत्पीड़ित। precisely (प्रि'साइसलि) = सही-सही। picked out (पिक्ट्आ उट) = अनेक व्यक्तियों या वस्तुओं में से एक को चुनना । get over (गेट ऑव(र)) = अपेक्षित काम को पूरा करना। least (लीस्ट्) = किसी भी अन्य की अपेक्षा कम, किसी भी अन्य से, कम से कम। pleadingly (प्लीडिलि ) = गम्भीरतापूर्वक याचना करते हुए।

हिन्दी अनुवाद-एक लम्बे और चिन्तायुक्त शान्ति के पश्चात् उसने निम्न शब्दों को प्रस्तुत किया। "सभी वस्तुओं को अपने समय का इन्तजार करना पड़ता है।" वेलान और उसके दोस्त जो प्रथम पंक्ति में बैठे थे, एक क्षण के लिए चिन्तित दिखाई दिए। इसमें कोई संदेह नहीं था बे आदर भाव से युक्त थे, परन्तु वे पूर्ण रूप से यह महसूस नहीं कर पाए थे कि वह किधर जा रहा था। थोड़ा आगे रुककर, उसने पेचीदगी से अपनी बात आगे कही, "मैं आप लोगों से तब बात करूँगा जब कोई और दिन होगा।"

किसी ने पूछा, "कोई और दिन क्यों, श्रीमान?" "क्योंकि यह ऐसा ही है।" राजू ने रहस्यमय ढंग से कहा। "जब तुम बच्चों के पाठ का खत्म होने का इन्तजार करते हो, मैं तुम्हें सलाह देता हूँ कि आज सुबह से लेकर अब तक आप अपने सभी कार्य और बातों पर गम्भीरता से विचार कीजिए।"

"कौनसे कार्य और बातें?" किसी ने पूछा, ईमानदारी से वह उस सलाह पर थोड़ा परेशान और भ्रमित था।
"आपके स्वयं के" राजू ने कहा, "अपने प्रत्येक शब्द को याद करो और सोचो जो तुमने सुबह से कहे हैं...."
"मुझे सही तरीके से याद नहीं है....."

"तभी मैं कहता हूँ सोचो और याद करो। जब आप सही तरीके से अपने शब्दों को याद नहीं कर सकते हो, तो तुम किस प्रकार से दूसरे लोगों के कहे शब्दों को याद करोगे?" इस मजाक ने उनके श्रोताओं को आनन्दित किया था। वहाँ अभिभूत लोगों की हँसी का फव्वारा छूटा। जब हँसी धीरे-धीरे शान्त हुई राजू ने कहा, "मैं चाहता हूँ कि तुम सभी स्वतंत्रता से विचार करो, अपनी स्वयं की इच्छा से, एवं अपने आपको उस मवेशी की तरह मत ले जाने दो जिसे नाक से बाँधकर ले जाया जाता है।"

इस सलाह पर विनम्र सी असहमति की भुनभुनाहट हुई। वेलान ने पूछा, "श्रीमान, हम यह किस प्रकार से कर सकते हैं? हम जमीन खोदते हैं और जानवरों का ध्यान रखते हैं-जितना अच्छा कर सकते हैं उतना अच्छा करते हैं, परन्तु हम किस प्रकार इतना दार्शनिक सोच सकते हैं? मालिक, यह हमारा काम नहीं है। यह सम्भव नहीं है। आप जैसे श्रेष्ठ व्यक्ति ही हैं जो हमारे लिए सोचते हैं।" "और आप हमें वह सब सोचने के लिए क्यों कह रहे हैं जो हमने आज सुबह से कहा है?"

राजू को स्वयं को यह निश्चित नहीं था कि उसने इस तरह की सलाह क्यों दी थी, और इस तरह से उसने अपनी बात को आगे बढ़ाया, "यदि तुम ऐसा करोगे तभी तुम्हें जानकारी होगी कि ऐसा क्यों?" संतवाद का सारतत्व उसी की योग्यता में निहित है जो किसी को उलझन में डालने वाले वाक्य कहता है। "जब तक तुम प्रयास नहीं करोगे, तुम यह कैसे जानोगे कि तुम क्या कर सकते हो और क्या नहीं कर सकते हो?" उसने पूछा । वह उन निर्दोष लोगों को अस्पष्ट विचारों के दलदल में गहरा और गहरा खींच रहा था।

"मुझे याद नहीं है, मैंने कुछ क्षण पहले क्या कहा था; किसी के सिर बहुत सी बातें आती हैं।" एक पीड़ित ने अपनी व्यथा कही।
"सही है। यही मेरी इच्छा थी कि आप ऐसा करें।" राजू ने कहा, "जब तक आप नहीं करते हैं, आप इसके आनन्द को नहीं जान पाओगे।" उसने भीड़ में से तीन लोगों को चुना। "जब तुम मेरे पास कल या किसी और दिन आओ, तुम अवश्य ही मुझे वे छः शब्द दोहरा कर सुनाना जो तुम सुबह से कह रहे हो। मैं आपसे केवल छः शब्द याद रखने के लिए कह रहा हूँ।" उसने गम्भीरता से उस आदमी की तरह से याचना करते हुए कहा जो बहुत बड़ी छूट की माँग कर रहा था, "छ: सौ नहीं।" 

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7. "Six hundred!....... had ceased for the night. (Pages 50-51) 

कठिन शब्दार्थ-wonder (वन्ड(र)) = कुछ जानना चाहना, कुछ जानने को उत्सुक होना। appreciative (अ'प्रीशटिव्) = प्रशंसात्मक, प्रशंसापूर्ण। legitimate (लि'जिरिमट) = तर्कसंगत या स्वीकार्य। boon (बून्) = लाभ, वरदान। rhythm (रिदम्) = लय, ताल। refrain (रि 'फ्रेन) = कुछ करने से अपने को रोकना, कोई (खास) काम न करना। echoed (एकोड्) = प्रतिध्वनित होना। wicks (विकस्) = मोमबत्ती का धागा (जो जलता है)। festoons (फे 'सटूनस्) = प्रायः समारोह आदि में रंगीन कागज, फूलों, मोमबत्ती आदि से संवारना, बंदनवार से सजाना। transformed (ट्रैन्स्फॉम्) = रूपान्तरण कर देना। enhanced (इन् 'हान्सड्) = बेहतर दिखने के लिए, बढ़ जाना, किसी वस्तु में सुधार लाना। anomaly (अ'नॉमलि) = असामान्यतया, असंगति। fortitude (फॉरिट्यूड्) = (दुःख में या कठिन परिस्थितियों में) साहस तथा धैर्य, सहनशक्ति । prickly (प्रिलि ) = कांटेदार, त्वचा में चुभन पैदा करने बूंटी। ancestral (ऐन सेस्ट्रल) = पैतृक, पुश्तैनी। apart (अ'पाट) = दूर, अलग। strain (स्ट्रेन) = दबाव, किसी बात की अत्यधिकता (जैसे अत्यधिक परिश्रम से उत्पन्न चिंता या दबाव)।

हिन्दी अनुवाद-"छः सौ! श्रीमान्, क्या कोई ऐसा भी है जो छ: सौ याद कर सकता है?" किसी ने जानने की उत्सुकता से पूछा।"मैं कर सकता हूँ।" राजू ने कहा। और उसे जीभ से चटखने की प्रशंसात्मक ध्वनियाँ सुनाई दीं जिसे कि वह तर्कसंगत रूप से उम्मीद करके मान रहा था। शीघ्र ही बच्चे भी वहाँ आ गए थे, राजू के लिए यह एक वरदान था। वह अपनी गद्दी पर से उठ खड़ा हुआ मानो कि वह कह रहा है, “आज के लिए बस इतना ही" और वह नदी की ओर बढ़ गया, दूसरे उसके पीछे-पीछे आए। "ये बच्चे अवश्य ही नींद से भरे होंगे। इन्हें सुरक्षित घर ले जाओ, और वापस आना।"

जब अगली सभा प्रारम्भ हुई, उसने एक विशिष्ट कार्यक्रम दिया। उसने अपने हाथों से एक मीठी लय छेड़ी और एक पवित्र धुन गाई और थोड़ा रुका जिससे कि उसके श्रोता भी उसके साथ दोहरा सकें। प्राचीन छत पुरुषों, स्त्रियों, बच्चों की आवाज से गूंज उठी थी जो कि एक स्वर में पवित्र शब्दों को दोहरा रहे थे। कोई एक लम्बा ऊँचा पीतल का लैम्प ले आया और उसे जला दिया। दूसरों ने उसे तेल से भर दिया था, दूसरों से सारा दिन सूत के टुकड़ों को बँटकर लैम्प के लिए जलने वाला धागा तैयार किया। लोग अपनी स्वयं की इच्छा से देवताओं की मंढी हुई तस्वीरें लाकर स्तम्भाकार हॉल में लगाने लगे थे। बहुत ही जल्दी महिलाएँ दिन में

समूहों में आने लगीं, फर्श को धोकर विभिन्न रंगों से सजाती थीं। वे फूल, पत्ते आदि की बन्दनवार लटकाती थीं। स्तम्भाकार हॉल को बदल दिया गया था। किसी ने हॉल का मध्य भाग मुलायम रंगीन दरी से ढक दिया, चटाइयों को खोल लिया जाता था, जब सभा होती थी। राजू ने शीघ्र ही महसूस किया कि उसका आध्यात्मिक पद बढ़ जाएगा यदि वह दाढ़ी और लम्बे बाल बढ़ा ले जिससे कि वे उसकी गर्दन के पीछे तक लटक जाएँ। साफ दाढ़ी, कटे बाल वाला साधु असामान्य लगेगा। उसने साहस और धैर्य के साथ अपने मेकअप की अलग-अलग स्थितियों को सहन किया, वह चुभन पैदा करने वाले भाग का ध्यान नहीं रखता था उसे एक लम्बी दाढ़ी अपने चेहरे पर बढ़ानी थी जो उसके सीने तक चली जाए। उस समय तक जब वह विचारमग्न होकर अपनी दाढ़ी को सहलाने की स्थिति में आ पाएगा, उसकी प्रतिष्ठा उसके उन्मुक्त स्वप्नों के उस पार पहुँच जाएगी। उसका जीवन उसकी व्यक्तिगत सीमाओं को खो चुका था, उसकी भीड़ इतनी बढ़ गई थी कि वे बाहर के गलियारों में ठसाठस भर जाते और लोग नदी के मुहाने तक बैठने लगे थे।

वेलान और कुछ लोगों के अपवाद को छोड़कर, राजू कभी भी लोगों के नाम व चेहरे याद रखने हेतु परेशान नहीं हुआ और न ही यह जानना चाहा कि वह किससे बात कर रहा था। उसे लग रहा था कि अब वह संसार का हो गया है। उसका प्रभाव अनन्त था। वह न केवल धार्मिक गीत गाता था और दर्शन पर व्याख्यान देता था, वह लोगों को दवा भी बताने लगा था। बच्चे जो रात को शान्ति से नहीं सोते थे वे उनकी माताओं द्वारा उनके पास लााः जाते थे। वह उनका पेट दबाता और उन्हें जड़ी-बूंटी देता हुआ यह कहता था, "यदि उसे अभी भी काइ आराम नहीं आता है, तो इसे फिर से मेरे पास लेकर आना।" यह विश्वास किया जाने लगा था कि वह जब बच्चों के सिर पर प्रहार करता है तो बच्चा कई तरह से ठीक हो जाता है। 

निःसन्देह, लोग उसके पास अपने विवाद और झगड़ने जो कि पुरखों की सम्पत्ति के बंटवारे पर होते थे, उनके पास लाने लगे थे। इन गतिविधियों के लिए उसे दोपहर बाद का काफी समय अलग रखना पड़ा था। उसका निजी जीवन अब मुश्किल से बचा था। एक ऐसी भी स्थिति आई जब वह सुबह जल्दी उठता अपने व्यक्तिगत कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण करता, इससे पहले कि लोग उसके पास मिलने के लिए आते। यह उसके लिए तनाव था। वह आराम की गहरी सांस छोड़ता और अपनी ओर मुड़ता था, एक साधारण मानव की भाँति खाता था, साधारण आदमी की भाँति चीखता और सोता था, वह यह कार्य तभी कर पाता जब नदी के ऊपर से आने वाली आवाजें रात्रि के समय बन्द हो जाती थीं।

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8. I came to be called .............. can't you, Gaffur?" (Pages 51-52) 

कठिन शब्दार्थ-came to (केम् टू) = किसी क्रम में विशेष स्थान पर होना। ask for (आस्क् फॉ(र)) = माँगना, निवेदन करना। acquaintances (अ'कवेन्टन्स्स् ) = जानकार, परिचित । inclination (इनक्लि 'नेशन) = झुकाव, रुझान। fascinating (फैसिनेटिङ्) = आकर्षक, मोहक। shark (शार्क) = धोखेबाज, धोखा देकर पैसे प्राप्त करने वाला। derelict (डेरलिक्ट) = अप्रयुक्त और दुर्दशाग्रस्त । rigging (रिगिङ्) = धांधली करना। parapet (पैरपिट्) = किनारे पर बनी रक्षात्मक दीवार, मुंडेर। bask (बास्क्) = किसी स्थान पर बैठकर या लेटकर गरमाहट का आनन्द लेना। haggled (हैगल्ड्) = मोलभाव करना। demured (डि'म्यूअड्) = शर्मीली, शान्त और विनीत।

हिन्दी अनुवाद-मुझे विशेष स्थान प्रदान कर रेल्वे राजू के नाम से पुकारा जाने लगा था। जब मालगुड़ी स्टेशन पर गाड़ी आकर रुकती थी तो पूर्णतः अजनबी जो कि मेरा नाम सुनते थे, मेरे पास आकर निवेदन करते थे। यह उनके ललाट पर लिखा था कि उनको अकेला नहीं छोड़ा जाएगा। मैं सोचता हूँ कि मैं इस प्रकार का व्यक्ति था। यद्यपि मैं कभी भी जानकार की तलाश में नहीं गया था, वे किसी प्रकार से मेरी तलाश करते हुए आ जाते थे। वे लोग जो अभी-अभी आए हैं, वे हमेशा मेरी दुकान पर सोडा या सिगरेट लेने या पुस्तकों की आलमारी तक आते और पूछते थे, "यह कितना दूर है.....?" या "कोई किस रास्ते से जाए कि वह पहुँच जाए......?" या "यहाँ पर बहुत से ऐतिहासिक स्थल हैं?" या "मैंने सुना है कि आपकी सरयू नदी का उद्गम स्थल उन पहाड़ियों में से कहीं से है और यह एक खूबसूरत स्थान है।" इस प्रकार की पूछताछ शीघ्र ही मुझे यह सोचने की ओर अग्रसर करती थी कि मैंने कभी भी इस विषय पर पर्याप्त रूप से

विचार नहीं किया, मैंने कभी नहीं कहा, "मैं नहीं जानता हूँ।" मैं यह अनुमान लगाता हूँ कि यह मेरी प्रकृति में नहीं है। यदि मेरा इस ओर झुकाव होता तो मैं कहता हूँ, "मैं नहीं जानता हूँ कि आप किसके बारे में बात कर रहे हैं" मेरा जीवन एक भिन्न मोड़ ले चुका होता। इसके स्थान पर मैंने कहा, "अरे, हाँ, एक मोहक स्थान है। क्या आपने इसे नहीं देखा? आपको इसे देखने के लिए अवश्य ही समय निकालना चाहिए, अन्यथा आपकी यह सम्पूर्ण यात्रा एक बर्बादी होगी।" मुझे दुःख है कि मैंने ऐसा कहा था, यह झूठेपन का पूर्णतः एक हिस्सा था। ऐसी बात नहीं थी कि मैं झूठ बोलना चाहता था, परन्तु केवल मैं आनन्ददायक बनना चाहता था।

स्वाभाविक रूप से मुझे उन्होंने आगे रास्ता पूछा। मैंने कहा, "यदि आप बाजार के चौक तक थोड़ा नीचे चलकर आगे जाते हैं और वहाँ पर खडे टैक्सी ड्राइवरों में से एक से यह पूछते हैं....." यह कोई सन्तोषजनक निर्देशन नहीं था। शीघ्र ही एक आदमी मुझसे यह चाहने लगा था कि मैं उसे टैक्सी और बाजार के चौक तक का रास्ता दिखाऊँ। वहाँ, एक कुली जो पॉइन्ट के सिग्नल का काम करता था, उसका एक जवान बेटा था, उसके पास गाड़ी आने के समय काम होता था और कोई खास काम नहीं था। मैंने उस जवान साथी से अपनी दुकान का ध्यान रखने के लिए कहा जबकि उसी समय मैं उस यात्री की टैक्सी पाने में सहायता करता था।

बाजार में फव्वारे के पास सौदेबाजी करने वाला गफूर किसी शिकार की तलाश में खड़ा था। वह अप्रयुक्त और दुर्दशाग्रस्त वाहनों को लाकर इकट्ठा करता था जो उसे उस क्षेत्र में कहीं मिल जाते थे, वह उनमें धांधली करता था। वह उन वाहनों में नया जीवन डालता और उन्हें पर्वत एवं जंगल के रास्तों पर चलाता था। उसकी सीट आमतौर पर फव्वारे की मुंडेर होती थी, जबकि उसकी कार सड़क के पास नाली के पास धूप में खड़ी गरमाहट का आनन्द लेती रहती थी। "गफूर" मैंने पुकारा । "यह बहुत ही भद्र व्यक्ति है

और मेरा एक दोस्त है। यह देखना चाहते हैं.....आप इन्हें आवश्यक रूप से घुमाने ले जाओगे और सुरक्षित यहाँ पर लेकर आओगे, इसी कारण मैं स्वयं इन्हें व्यक्तिगत रूप से तुम्हारे पास लेकर आया हूँ, यद्यपि यह समय नहीं है जब मैं दुकान से दूर रहूँ।" हम मोलभाव करते हैं। मैं ग्राहक से कहता हूँ कि वह अपनी ओर से राशि बताये। मैं हमेशा गफूर से सौदा करके उसे कीमत से नीचे लेकर आ जाता था। जब वह (ग्राहक) वाहन को देखकर शर्माता तो मैं उसे गफूर की ओर से वाहन के बारे में बताता। “गफूर कोई मूर्ख नहीं है जो इस प्रकार की कार रखेगा। उसने एक विशेष मॉडल की कार हर तरफ खोजबीन करके पाई है, यह एकमात्र कार है जो ऊँचाई के उन स्थानों पर भी जाती है जहाँ पर कोई सड़क नहीं है, परन्तु गफूर आपको वहाँ पर लेकर जाएगा और रात्रि को भोजन के वक्त तक लेकर वापस आ जाएगा। क्यों गफूर, क्या तुम नहीं ले जा सकते हो?"

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9. "Well, he drawled .... stage of confidence and nonchalance.” (Pages 52-54)

कठिन शब्दार्थ-drawled (ड्रॉल्ड्) = लम्बी स्वर ध्वनियों में धीरे-धीरे बोलना, मंद उच्चारण करना। hustled (हट्ल्ड) = तेज गति से आगे बढ़ना। intact (इन'टैक्ट) = साबुत, सही सलामत । honk (हॉङ्क) = कार का हॉर्न बजाना। awning (आनिङ्) = तिरपाल, सायवान । inconvenience (इन्कन्'वीनिअन्स) = असुविधा, परेशानी। forgo (फॉगो) = स्वेच्छा से परित्याग करना। jolt (जोल्ट) = झटका। odd (ऑड) = विचित्र असाधारण। silly (सिलि) = नासमझ । enthusiastic (इन'थ्यूजि'एस्टिक) = उत्तेजना और रुचिपूर्ण । 

tumble down (टम्ब्ल डाउन) = ढह जाना, नीचे गिर पड़ना। full blown (फूल ब्लॉन) = पूर्णतया विकसित। inducing (इन'ड्यूसिङ्) = किसी से कुछ काम करवाना या उसके लिए मनाना, राजी करना। melancholia (मेलन्कलिअ) = विषादपूर्ण, उदास । brood (ब्रूड) = सब बच्चे । plunging into (प्लन्जिङ इन्टू) = ताकत के साथ कहीं कुछ घुसाना । et cetera (abbr. etc.) (एट सेटरा) = आदि। dome (डोम) = गुम्बद । drapery (ड्रेपरि) = किसी वस्तु पर कोई पोशाक या अन्य वस्तु यों ही डाल देना। ascribed (अ'स्क्राइब्ट) = के लिए उत्तरदायी ठहराना। relic (रेलिक) = अवशेष । fatigued (फ'टीगड) = गहरी थकान। rack and ruin (रैक एण्ड रूइन्) = लापरवाही के कारण तबाह हो जाना। nonchalance (नॉनशलन्स्) = उदासीनता।

हिन्दी अनुवाद-"अच्छा" उसने मंद उच्चारण किया, "यह रास्ता एक तरफ से 70 मील है, अभी एक बज रहा है, अगर हम तुरन्त ही चल देते हैं और यदि रास्ते में टायर पंचर नहीं होता है......" गफूर अपना वाक्य भी पूरा नहीं कर पाया था, मैंने उसे जल्दी से आगे बढ़ाया। जब वे वापस आये थे तो इसे सही तरीके से भोजन का समय भी नहीं कहा जा सकता था, जब तक कि आप इसे मध्यरात्रि में शामिल नहीं कर लेते हैं, परन्तु गफूर उसे वापस सही सलामत लेकर ही आ जाता था, मुझे जगाने के लिए अपनी कार का हॉर्न बजाता अपना नकद पैसा लेता और वापस चला जाता था। वह आदमी अगली सुबह आठ बजे वाली गाड़ी से ही जा पाता था। वह मेरी दुकान के सामने प्लेटफॉर्म के तिरपाल के नीचे लेटकर सीधा होता और इस तरह से अपनी रात बिताता था। यदि उसे भूख लगती तो मैं मेरा भण्डार खोलकर उसे फल और इसी प्रकार की कुछ वस्तुएँ दे देता था।

सैलानी बहुत अधिक उत्साही और रुचिपूर्ण होते हैं। वे किसी भी प्रकार की असुविधा का ध्यान नहीं रखते हैं जब तक कि उनके पास कुछ देखने के लिए होता है। सिर्फ उस स्थान को देखने के लिए क्यों कोई अपने आराम और भोजन का परित्याग कर देता है और अजीब सा, सैकड़ों मील दूर झटके खाता है । मैं इसे कभी भी नहीं समझ सका था। परन्तु मेरा यह कार्य नहीं था कि मैं इसका कारण पूछं; ठीक वैसे ही जैसे लोग मेरी दुकान पर आकर क्या खाते थे और धूम्रपान करते थे और मैं ध्यान नहीं देता था। मेरा कार्य, व्यवसाय करना, सिर्फ देना और वितरण करना और इससे अधिक कुछ भी नहीं था। यह मुझे नासमझी भरा प्रतीत होता था कि सैकड़ों मील चलकर सरयू नदी का उद्गम स्थल देखें, जबकि इसने स्वयं यह जहमत उठाई थी कि यह पर्वत से नीचे गिरती थी और हमारे दरवाजे तक आती थी। 

मैंने इसके स्रोत के बारे में उस क्षण तक सुना भी नहीं था; परन्तु वह आदमी जो उस स्थान पर जाकर आया था, वह उस स्थान की पूर्णतया प्रशंसा कर रहा था। उसने कहा, "मुझे केवल यही दुःख है कि मैं अपनी माँ और पत्नी को इस स्थान को दिखाने नहीं लाया था।" बाद में अपने जीवन में मैंने पाया कि जो भी कोई एक आनन्ददायक स्थान देखता था, हमेशा दु:खी होता था कि वह अपनी पत्नी या बेटी के साथ नहीं आया था और वह बोलता था कि उसे जीवन में किसी अच्छी चीज की वजह से ठगा गया था। बाद में, मैं एक पूर्णतया विकसित सैलानी बन गया था। मैं प्रायः ग्राहकों में इस प्रकार का दु:ख जगा देता था कि, यह टिप्पणी करके कि, "यह वह चीज है जिसका आनन्द सम्पूर्ण परिवार के साथ लिया जा सकता है।" 

और वह आदमी यह कसम लेता था कि वह जल्दी ही आने वाले मौसम में अपने सम्पूर्ण बच्चों सहित वापस आयेगा। वह आदमी जो नदी के उस स्रोत तक गया था सारी रात इसके बारे में बात करता रहा था; नदी के मुहाने पर ऊँची चोटी पर एक छोटी सी समाधि (मन्दिर) बनी था, "यह अवश्य ही सरयू नदी का वह स्रोत है जिसका वर्णन धार्मिक कहानियों में मिलता है जिसमें देवी पार्वती अग्नि में कूदती हैं; उस स्थान के स्तम्भों में से एक स्तम्भ पर यह उत्कीर्ण किया गया है कि माता पार्वती अग्नि या पानी में उस स्थान से उठ रही है" आदि-आदि। कभी-कभी जिसकी विचारधारा विद्वता की ओर परिवर्तित हो गई है, आता है और इस तथ्य के साथ कुछ अन्य तथ्यों को भी जोड़ता है, जैसे कि यह गुम्बद ईसा से तीन शताब्दियों पहले बना हुआ है और यह कि इस पर उत्कीर्ण पदों की कलाकृति ईसा से तीसरी शताब्दी के बाद की है। 

परन्तु यह सब कुछ मेरे लिए समान था, और यह युग जो मैंने किसी विशेष स्थान हेतु कहा था, यह मेरे उस समय के मूड पर निर्भर करता था और जिस व्यक्ति के मैं साथ चल रहा था, उसके प्रकार पर भी यह निर्भर था। यदि वह कोई अकादमिक तरह का व्यक्ति होता था तो मैं इस प्रकार के सभी तथ्यों को सावधानीपूर्वक हटा देता था और अपने आपको सामान्य वर्णन तक ही सीमित रखता था, उस व्यक्ति को स्वयं को ही बात करने की शक्ति प्रदान कर देता था। आपको इस बात के प्रति भी सुनिश्चित हो जाना चाहिए कि वह स्वयं इस अवसर का आनन्द लेता था। दूसरी ओर, यदि कोई साधारण सा अन्जान व्यक्ति इस तरह होता तो मैं अपने आपको स्वतंत्र कर देता था। मैं इसे इंगित कर यह व्यक्त करता कि यह संसार में केवल एक अकेला महानतम, उच्चतम है। 

मैं अपने मन में आये वही आँकड़े उसे दे देता था। मैं उस अवशेष के बारे में बताता कि वह ईसा से पूर्व तेरहवीं शताब्दी या ईसा के पश्चात् तेरहवीं शताब्दी का था, यह उस समय के विचारों पर निर्भर करता था। यदि मैं थका हुआ या परेशान महसूस करता उस व्यक्ति से जिसके मैं साथ होता था, मैं कभी-कभी उसका पूरा लुभावनापन यह कहकर ढहा देता था, "अवश्य ही यह. वह है जो पिछले बीस सालों में बनी है और यह लापरवाही के कारण तबाह हो गई है। इस प्रकार के स्थान यहाँ पर बहुत सारे हैं।" परन्तु यह वर्षों बाद सम्भव हो पाया जब मैं आत्मविश्वास और उदासीनता के स्तर पर पहुँचा।

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10. The porter's son sat ........... one of the biggest......." (Pages 54-55)

कठिन शब्दार्थ-now and then (नाउ एण्ड देन्) = समय-समय पर, कभी-कभी। protested (प्रटेस्टिड्) = (विशेषतः सार्वजनिक) विरोध प्रदर्शन करना। wandering (वॉनडरिङ्) = इधर-उधर (निष्प्रयोजन) घूमना। blow out (ब्लो आउट) = फूंक मारकर बुझाना। water diviner (वाटर डिवाइनर) = वह व्यक्ति जो एक दैवीय छड़ी की सहायता से जमीन में छिपा हुआ पानी बताता है। instinct (इन्सटिन्क्ट) = सहजवृत्ति, मूल प्रवृत्ति। drifted (ड्रिफ्टिड्) = इधर-उधर व्यर्थ घूमना। prespective (प्र'स्पेक्टिव्) = सम्भावित, सम्भव। look for (लुक फॉ(र)) = तलाश करना। binoculars (बि'नाक्यलस्) = दूरबीन। stray (स्ट्रे) = अपने स्थान से दूर निकल जाना, भटक जाना। amateur (ऐम्ट्(र)) = शौकिया, अव्यवसायी। patron (पेट्रन) = संरक्षक, आश्रयदाता । passionate (पैशन) = भावावेशपूर्ण । got down (pt. get down) बस या रेलगाड़ी से उतरना।।

हिन्दी अनुवाद-सारा दिन कुली का बेटा दुकान पर बैठता था। मैं थोड़ा समय प्रत्येक रात्रि को दुकान की नकद राशि और भण्डार को जाँचने में बिताता था। वह यह कार्य करता था, उसको पैसे देने की कोई वास्तविक व्यवस्था नहीं थी। मैं उसे समय-समय पर थोड़ा पैसा दे देता था। केवल मेरी माताजी ने विरोध किया था। "राजू, तुम यह क्यों चाहते हो कि वे तुम्हारे लिए काम करें? या तो उसे कोई निश्चित आढ़त (दलाली) दो या तुम स्वयं इसे करो इस तरह से क्षेत्र में भटकने के बजाय । जो भी कुछ हो इससे तुम्हारा क्या भला होता है?"

"माँ, आप नहीं जानती हो", मैंने कहा, देर रात को मैंने भोजन करते समय कहा। "यह उस कार्य से कहीं और ज्यादा अच्छा काम है जो मैं कर रहा हूँ। मैं बहुत से स्थानों का भ्रमण कर रहा हूँ और मुझे इसके लिए पैसे भी दिये जा रहे हैं। मैं उनके साथ उनकी कार या बस में जाता हूँ, उनसे बात करता हूँ। कभी-कभी मैं उनके भोजन का आनन्द लेता हूँ और मुझे उसके लिए पैसे भी दिये जाते हैं। क्या आप यह जानती हो कि मैं कितना प्रसिद्ध हो गया हूँ? लोग मेरे पास मेरे लिए पूछते हुए आते हैं, वे लोग बॉम्बे, मद्रास और अन्य दूसरे स्थानों से सैकड़ों मीलों दूर से आते हैं। वे मुझे रेल्वे राजू के नाम से पुकारते हैं और मुझे यह भी कहते हैं कि लखनऊ में भी लोग मेरे नाम से परिचित हैं। यह प्रसिद्धि पाने के लिए कुछ है, क्या नहीं है, तम्बाकू और माचिस की डिबिया लोगों को बेचने से बेहतर ही है?"

"अच्छा, क्या यह तुम्हारे पिताजी के लिए पर्याप्त अच्छा नहीं था?" मैं इसके खिलाफ कुछ भी नहीं कहता हूँ। "मैं दुकान की भी देखभाल (सार-सम्हाल) करूँगा।" इस बात ने वृद्ध महिला को प्रसन्न कर दिया। प्रसंगवश वह दीया बुझाने से पूर्व गाँव में अपने भाई की बेटी को बात चला देती थी। मेरी माँ को सदैव विश्वास था कि एक दिन मैं उस लडकी से विवाह करने की स्वीकृति दे दूँगा, यद्यपि उसने सीधे तौर पर मुझसे कभी नहीं कहा। "क्या तुम्हें पता है कि ललिता ने अपने विद्यालय में पुरस्कार जीता है?" इसके विषय में आज भी मुझे अपने भाई का पत्र मिला था।

बाहरी सिग्नल से जैसे ही गाड़ी तेजी से अन्दर प्रवेश करती थी, मैं ग्राहक की खुशबू सूंघ लेता था। मुझमें जमीन से पानी खोजने वाले ओझा की सी सहज प्रवृत्ति आ चुकी थी। यदि मुझे अच्छे व्यापार की उम्मीद महसूस होती थी, तो मैं गाड़ी की आने की दिशा की ओर धीरे-धीरे निकल जाता था। मैं सही तरीके से उस स्थान पर जाकर खड़ा हो सकता था जहाँ पर वह संभावित यात्री रेलगाड़ी से उतरेगा और मेरी तलाश करेगा। यह कोई कैमरा या दूरबीन नहीं थी जो उसके कंधे पर लटकी रहती थी जो मुझे यह इंगित कर और ग्राहक की उपस्थिति के बारे में बताती थी, इनमें से किसी के भी बिना मैं उसे खोज लेता था। यदि आप मुझे बेरियर की दिशा की ओर भटकते हुए पाओ जबकि इंजन पटरियों पर चलता हुआ प्लेटफॉर्म की ओर आ रहा है तो आपको इस बात से आश्वस्त हो जाना चाहिए कि रेलगाड़ी 

में आज मेरे लिए कोई ग्राहक नहीं था। कुछ ही माह में मैं एक अभ्यस्त, प्रशिक्षित गाइड बन गया था। मैं अपने आपको एक शौकिया गाइड के रूप में और एक व्यावसायिक दुकानदार के रूप में मानता था। परन्तु अब मैं अपने आपको एक अल्पकालिक दुकानदारऔर एक पूर्णकालिक सैलानी गाइड के रूप में मानने लगा था। जब मेरे पास कोई सैलानी नहीं होता था जिनको मैं निर्देशित करता मैं अपनी दुकान पर जाकर नहीं बैठता था,

परन्तु मैं फव्वारे की मुंडेर पर गफ्फूर के पास चला जाता था और मैं अप्रयुक्त और दुर्दशाग्रस्त ऑटोमोबाइल के बारे में उसकी बातें सुना करता था। मैंने अपने सभी संरक्षकों को वर्गीकृत किया था। वे सभी बहुत भिन्न थे। मैं तुम्हें कह सकता हूँ। कुछ भावावेशपूर्ण फोटोग्राफर्स थे; यह लोग कभी भी किसी अन्य ऐसी वस्तु की ओर नहीं देखते थे सिवाय उनके रास्ते खोजने वाले के। उस क्षण जब वे गाड़ी से उतरते थे, अपना सामान उठाने से भी पहले, वे पूछते थे, "क्या यहाँ पर कोई ऐसी जगह है, जहाँ पर वे अपनी फिल्म को धोते हैं?"
"अवश्य ही है, मालगुड़ी फोटो ब्यूरो के नाम से है, यह एक सबसे बड़ा......" 

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11. "And if I want roll films ............ Don't you agree?" (Pages 55-56)

कठिन शब्दार्थ-run out (रन् आउट) = किसी वस्तु की आपूर्ति समाप्त हो जाना। panchro (पैङक्रो) = सभी रंगों को स्पष्ट रूप से उभारने वाला। wizard (विजड्) = जादूगर, ओझा। Panorama (पैन'रामा) = किसी बड़े क्षेत्र का दृश्य, परिदृश्य, दृश्य पटल। glimpse (ग्लिम्प्स) = झलक, झाँकी । soak (सोक) = पूरी तरह भीग जाना या भिगो देना। archaelogy (आकि आलजि) = पुरातत्व विज्ञान। withhold (विद्'होल्ड) = किसी वस्तु से कोई रोक रखना । put off (पुट ऑफ) = किसी को टाल देना, पूर्व निश्चित कार्यक्रम को स्थगित कर देना । startling (स्टाटलिङ्) = चौंकाने वाला। behalf (बि:हाफ) = किसी के लिए, किसी की ओर से। detachment (डि टैचमन्ट) = निर्लिप्तता। dormitory (डॉमट्रि) = अनेक पलंगों वाला बड़ा शयन कक्ष।

हिन्दी अनुवाद-"और अगर मुझे रोल फिल्म चाहिए तो-अवश्य ही, मेरे पास उसका पर्याप्त भण्डार है, परन्तु यदि मेरे पास भी खत्म हो गई तो.... क्या तुम्हें 'सुपर फ्रेंको' नामक अच्छे रंगों को स्पष्ट रूप से दिखाने वाली फिल्म या कुछ दूसरी जो उपलब्ध हो, के बारे में पता है?" "अवश्य ही, यह उसके पास विशेषतः मिलेगी।" "जब तक मैं उसका इन्तजार करूँ क्या यह मुझे किसी फिल्म को धोकर उसका प्रिन्ट दिखा सकते हैं?" "अवश्य ही, वह एक जादूगर है, आप बीस तक गिनोगे उससे पहले।" "यह बहुत ही अच्छा है। अब, आप मुझे सबसे पहले कहाँ ले जा रहे हो?"

यह आम तौर पर रोजाना पूछे जाने वाले प्रश्न थे। मेरे पास सभी सन्तोषजनक उत्तर तैयार थे। मैं बाद वाला प्रश्न कि आप मुझे कहाँ ले जा रहे थे, इसका जवाब देने में मुझे सामान्यतया ज्यादा समय लगता था। यह निर्भर करता था। मैं इस प्रश्न का जवाब देने से पहले कुछ तथ्य इकट्ठे करने का इन्तजार करता था। यह तथ्य थे कि वह कितना समय और पैसा खर्च करने जा रहा था। मालगुड़ी और इसके चारों ओर का पर्यावरण मेरे विशेष शो थे। मैं किसी भी आदमी को इस ओर देखने देता था या इसका सम्पूर्ण दृश्यपटल दिखा देता था। यह व्यवस्थित करने योग्य था। मैं उन्हें कुछ घंटों की एक झलक दिखाता या उन्हें पर्वत नदी के दृश्य में या पूरे सप्ताह इसके पुरातत्व में डूबे रहने देता था। मैं वास्तव में यह निर्णय नहीं कर सकता था कि इसे कितना अधिक समय दिया जाए या रोक लिया जाए जब तक मैं यह नहीं जान लेता था कि इस आदमी ने अपने साथ कितनी नकद राशि रख रखी है या क्या उसके पास कोई चैक बुक है, कितनी अच्छी बात थी यह। 

यह एक ओर अन्य आकर्षक बिन्दु था। कभी-कभी कोई यात्री इसे या उस आदमी को चैक देना चाहता था और निःसन्देह ही हमारा गफूर या फोटो भण्डार वाला या फोरेस्ट बंगले का चौकीदार जो बंगला मेम्पी की पहाडियों पर था, किसी अजनबी से चैक स्वीकार करने में विश्वास नहीं करते थे। मैं इस प्रकार की पेशकश को यह कहकर अत्यधिक विनम्रता के साथ टाल देता था, "आह, शायद आप सोच भी नहीं सकते हैं कि हमारे कस्बे के बैंक की कार्यप्रणाली बहुत खराब है। कभी-कभी तो एक चैक को भुनाने में वे बीस दिन तक ले लेते हैं, आप जान सकते हैं कि यह गरीब आदमी कब तक इन्तजार कर सकते हैं?" यह थोड़ा चौंका देने वाली बात थी, परन्तु मैं यह परवाह नहीं करता था कि हमारे बैंक की प्रतिष्ठा कितनी खराब होती थी।

जैसे ही कोई सैलानी आता था, मैं यह ध्यान से निरीक्षण करता था कि वह अपने सामान के साथ किस प्रकार से कार्य करता था, क्या वह किसी कुली को लेता था या अपने प्रत्येक सामान में खुद ही अंगुली फंसाकर उठा लेता था। मैं एक क्षण के कुछ ही भाग में यह सब ध्यान से देख लेता था और तब बाहर जाकर देखता कि क्या वह होटल तक चलकर गया या उसने टैक्सी को बुलाया या एक घोड़े वाले तांगे वाले से मोलभाव किया था। अवश्य ही, मैं उसकी ओर से यह सारा काम अपने हाथ में ले लेता था परन्तु हमेशा थोड़ी निर्लिप्तता के साथ ही करता था।

मैं केवल सिर्फ इस कारण से उसके लिए करता था कि उसने रेल्वे राजू के बारे में पूछा था उसी क्षण जब वह प्लेटफॉर्म पर रेलगाड़ी से उतरा था और मैं जानता था कि वह अपने साथ सारी जानकारी लेकर आया था, चाहे वह उत्तर से या दक्षिण से या पास से या दूर से आया था। और होटल पर यह मेरा ही कार्य था कि उसे सबसे अच्छा या सबसे खराब कमरा उपलब्ध करवाना था, जैसे कि वह प्राथमिकता दिया करता था। वे लोग जो सबसे सस्ता कई पलंगों वाला हॉल ले लेते थे, कहते थे, "अन्ततः इन सबका प्रयोग सोने के लिए ही करना है क्योंकि मैं तो सारा दिन बाहर ही रहूँगा। क्यों उस कमरे पर फालतू पैसा खर्च किया जाए जो कि सारा दिन ताले में बन्द रहेगा? क्या आप सहमत नहीं हैं?"

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12. "Surely, Yes, yes ............... up at the right time. (Pages 56-57)

कठिन शब्दार्थ-point blank (पॉइन्ट ब्लैंक) = एकदम सीधी और रूखी, विचार-विमर्श की गुंजाइश नहीं। confessional (कन्'फेशन्ल) = अपराध स्वीकृति, दोष-स्वीकृति। pilgrim (पिल्ग्रिम्) = तीर्थयात्री। ecstatic (इक स्टैटिक्) = अतिप्रसन्न। crumbling (क्रब्लिङ) = टुकड़े-टुकड़े हो जाना या कर देना। hydoelectric (हाइड्रोइलेक्ट्रिक्) = विद्युत उत्पादन में जल की शक्ति का प्रयोग करने वाला, पनबिजली। prowling around (प्राउलिङ् अ'राउण्ड) = चुपचाप व गोपनीय रीति से दबे पाँव इधर-उधर विचरना। aphrodisiac (एफ्रेडिजिएक) = कामेच्छा उत्पन्न करने की दवा/वातावरण । contemplation (कन्टम्प'लेशन्) = चिन्तन, अवलोकन।

हिन्दी अनुवाद-"हाँ, हाँ, निश्चित रूप से" मैंने सिर हिलाया, अभी भी मैंने उस प्रश्न का जवाब नहीं दिया था, "आप मुझे पहले कहाँ पर ले जा रहे हो?"
मैंने अभी भी उस व्यक्ति को परीवीक्षा काल में रखा हुआ था, सावधानी से सूक्ष्म परीक्षण कर रहा था। मैंने अभी तक कभी कोई भी सुझाव नहीं दिये थे। जो अभी-अभी रेलगाड़ी की यात्रा करके साफ दिमाग लेकर आया है इस तरह के आदमी से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है। उसे अवश्य ही नहाना-धोना, कपड़े बदलना और इडली कॉफी से अपने आपको तरोताजा कर लेना चाहिए, केवल तभी ही हम दक्षिण भारत में स्पष्ट रूप से इस संसार के वर्तमान और आगे के मामलों पर सोचने की उम्मीद कर सकते हैं। यदि वह मुझे भी नाश्ता करने की पेशकश करता है तो मैं उसे थोड़ा उदारवादी प्रकार का मान सकता हूँ, परन्तु उसे तब तक स्वीकार नहीं करता हूँ जब तक कि हम अपनी दोस्ती में थोड़ा और आगे बढ़ चुके हैं। एक निश्चित अवधि में मैं उससे साफ स्पष्ट शब्दों में पूछ लेता हूँ कि, "आप इस कस्बे में कितना समय व्यतीत करने की उम्मीद करते हो?"

"अधिकतम तीन दिन, क्या हम इस अवधि में ही सब कुछ देखने की व्यवस्था कर पायेंगे?" ।
"निश्चित रूप से, यद्यपि यह सबसे अधिक आप पर निर्भर करता है कि आप सबसे अधिक क्या देखने की इच्छा रखते हैं" और तब मैं उसे इस दोष की स्वीकृति की ओर ले जाता हूँ, जैसा कि कहा जा सकता है। मैं उसकी रुचियों को बाहर निकालने का प्रयास किया, मैंने कहा था कि, मालगुड़ी के पास देने के लिए बहुत कुछ था, आप यहाँ पर ऐतिहासिक, प्राकृतिक दृश्यानुरूप, आधुनिक विकास के दृष्टिकोण के बिन्दु से या इसी प्रकार से और आगे बहुत कुछ आप देख सकते थे। या यदि कोई एक तीर्थयात्री के रूप में आया तो मैं उसे दर्जनों मन्दिरों में ले जा सकता था जो कि इस क्षेत्र के पचास मील की परिधि में फैले हुए थे, मैं उसके लिए सरयू नदी के किनारे, धारा के सहारे-सहारे स्नान के लिए पवित्र पानी खोज सकता था, अवश्य ही, यह मेम्पी की चोटियों पर इसके उद्गम स्रोत से हो, जो हतप्रभ कर देने वाला है।

एक सैलानी गाइड के मेरे जीवनकाल के रूप में मैंने एक बात सीखी थी कि कोई भी दो व्यक्ति एक समान वस्तु में रुचि नहीं ले सकते थे, उनके भोजन, स्वाद और दृश्यावलोकन भी अलग होते थे। कुछ लोग झरने को देखते हैं, कोई खण्डहर देखता है (अरे, वे बहुत प्रसन्न हो जाते हैं जब वे टूटा हुआ प्लास्टर देखते हैं, टूटी मूर्तियाँ और टुकड़े-टुकड़े हो गई ईंटों को देखते हैं) कोई किसी देवता की पूजा करना चाहता है, कोई जलविद्युत योजना देखना चाहता है और कोई केवल बहुत अच्छा स्थान देखना चाहता है, जैसे कि मेम्पी के शिखर पर कोई बंगला जिसकी हर साइड शीशे की बनी हो, जहाँ से आप सैकड़ों मील दूर तक देख सकते हैं और जंगली जानवरों को चुपचाप इधर-उधर जाते निरीक्षण कर सके। 

इनमें भी फिर दो प्रकार के लोग होते थे, एक तो कवि होता था जो कि देखकर वापस लौटने से संतुष्ट होता था, और दूसरे प्रकृति प्रेमी जो वहाँ प्रकृति की प्रशंसा कर उसमें खो जाते थे। मैं नहीं जानता हूँ कि ऐसा क्यों है; एक अच्छा कवित्व प्रदान करने वाला स्थान जैसे कि मेम्पी की पहाड़ियों का मकान कुछ अनचाही प्रतिक्रियाएँ उत्तेजित करता है। मैं कुछ ऐसे लोगों को भी जानता हूँ जो कि महिलाओं को वहाँ पर लाते; एक शान्त, जंगल से घिरा स्थान जो कि घाटी में हो, वहाँ पर कोई जाकर उसे कविता और चिन्तन हेतु उपयुक्त पाता था, परन्तु यह केवल कामेच्छा उत्पन्न करने वाला वातावरण के रूप में भी काम करता था। यह टिप्पणी करना मेरा कार्य नहीं था। मेरा व्यवसाय उन्हें वहाँ ले जाकर समाप्त हो जाता था और यह देखना कि क्या गफूर उन्हें सही समय पर वापस लेने गया था।

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13. I was sort of scared................. who could provide the show. (Pages 57-58)

कठिन शब्दार्थ-effacing (इ'फेसिङ्) = विलुप्त कर देना, मिटा देना या हटा देना। appreciation (अ प्रीशि'एश्न्) = गुण-दोष विवेचन, समालोचना। herd (हड्) = साथ रहने और खाने वाले पशुओं का झुण्ड। elaborate (इ'लैबरेट) = विस्तार से वर्णन करना । stockades (स्टॉकएडस्) = सुरक्षा दीवार। enclosures (इन'कलोश(र)) = दीवार या बाड़े से घिरी जमीन। bunches (बंचिज्) = झुण्ड । hoarse (हॉस) = कर्कश स्वर। bait (बेट) = प्रलोभन, लालच, किसी को लुभाने या फंसाने के लिए प्रयोग में लाई गई वस्तु। pop (पॉप) = तड़ाक या फट्सी आवाज करना। beast (बीस्ट) = जानवर।

हिन्दी अनुवाद-मैं उस प्रकार के आदमी से थोड़ा डरता था जो मुझसे परीक्षक जैसा व्यवहार करता था। जिसके पास सभी जगहों की एक पूरी सूची होती थी। और वह अपने पैसे की उपयोगिता पर जोर देता था। "इस कस्बे की जनसंख्या क्या है?" "इसका क्षेत्र कितना है?" "धोखा मत दो। मैं जानता हूँ कि वह कब बना था-यह दूसरी नहीं बल्कि बारहवीं शताब्दी है।" या वह मुझे शब्दों के सही उच्चारण के बारे में कहता था। र--उ-ट नहीं है..... मैं विनम्र और उसकी उपस्थिति में स्वयं को हटा लेने वाला था और आभार के साथ उसके सभी सुधारों को स्वीकार कर लेता था। और वह हमेशा यह कहते हुए अपनी बात खत्म करता था, "अपने आपको गाइड कहने का क्या फायदा जब तुम यह नहीं जानते हो कि...." आदि-आदि।

आप मुझसे यह पूछ सकते हैं कि मैं इससे क्या सार निकालता था? अच्छा, इसका कोई उपयुक्त निर्धारित जवाब नहीं है। यह उन लोगों की आर्थिक स्थिति और प्रकार पर निर्भर करता था जिनके साथ मैं होता था। मेरे साथ के आनन्द के लिए मैं आमतौर पर विशेष रूप से कम से कम दस रुपये लेता था और इससे थोड़ा अधिक भी यदि मुझे उनके साथ थोड़ा और आगे जाना पड़ता था, यह गफूर, फोटो वाला, होटल व्यवस्थापक और जो कोई भी जिसकी प्रशंसा परिचय मैं ग्राहक से करवाता था, उनसे अधिक लेता था। मुझे जब पढ़ाया गया था तब मैंने सीखा था और मैंने कमाया था जब मैंने सीखा था और वह सब कुछ आनन्ददायक था।

कुछ विशेष अवसर भी थे, जैसे कि हाथियों के झुण्ड को पकड़ना । सर्दी के महीनों में वन विभाग के लोग हाथियों को पकड़ने की एक विस्तृत योजना बनाते थे। वे निगरानी करते थे, घेर लेते और सारे झुए ... ... एक सुरक्षा दीवार में घेर देते थे और इस कार्य को देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में आते थे। घेरने के नियत दिवस लोग सारे प्रदेश से आते थे और मेम्पी के बड़े बाँस के जंगलों में सामने वाली सीट के लिए मेरे पास प्रार्थना करते थे। यह माना जाता था कि जो लोग हाथियों को घेरते हैं वे सभी मेरे प्रभाव में थे, इसका अर्थ था कि जंगलों में केम्प के कुछ विशेष यात्राएँ और उन अफसरों के लिए कुछ ले जाकर उनकी छोटी-छोटी सेवाएँ करना जो भी कुछ उन लोगों को कस्बे से चाहिए होता था और जब हाथियों को घेरने को देखने का समय आता था केवल उन्हीं लोगों को विशेष घेरे में से आने दिया जाता था जो मेरे साथ आते थे। यह हम सभी को प्रसन्न, व्यस्त और अच्छी कमाई करवाने वाला रखता था। 

मैं सैलानियों के साथ झुण्ड में जाता था और कर्कश ध्वनि में दोहरता रहता था, "आप देखिए, इस जंगली झुण्ड की निगरानी महीनों से की जा रही है....." और इसी प्रकार से दोहराता रहता था। यह कल्पना मत कीजिए कि मैं हाथियों का व्यक्तिगत रूप से ध्यान रखता था; जो कुछ मेरे सैलानियों के लिए रुचिकर था, उसमें मुझे भी रुचि थी। मेरी स्वयं की प्राथमिकता का प्रश्न तो द्वितीयक था, यदि कोई किसी चीता को देखना या गोली मारना चाहता था, मैं यह जानता था कि इसकी व्यवस्था कहाँ से की जाए। मैं चीते को फँसाने के लिए मेमने की व्यवस्था चुग्गे के रूप में करता था और ऊँचा सा प्लेटफॉर्म (मचान) बनवाता था जिससे कि बहादुर शिकारी उस मजबूर जानवर का शिकार कर सके जब वह मेमने को खाने के लिए आए, यद्यपि मैं कभी भी यह देखना पसन्द नहीं करता था कि मेमना मरा या चीता। यदि कोई विशाल फन फैलाए हुए किंग कोबरा को देखना चाहता था, मैं उस आदमी को भी जानता था जो यह दृश्य हमें दिखा सकता था। 

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14. There was a girl...................knew all about it. (Pages 59-60)

कठिन शब्दार्थ-morbid (मॉबिड्) = अप्रिय वस्तुओं में रुचि रखने वाला। elegent (एलिगन्ट्) = आकर्षक, रमणीक। winked (विङ्कट) = आँख मिचमिचाना। insinuating (इन'सिन्युएटिङ्) = परोक्ष रीति से कोई अप्रिय बात बताना, कटाक्ष करना, आक्षेप करना। beforehand (बिफॉहैन्ड) = पहले से। unprepossessing (अन्प्रीपजेसिङ्) = अनाकर्षक लगना। slender (स्लेन्ड्(र)) = पतला,
इकहरा, छरहरा । sparkle (स्पॉकल) = झिलमिलाना। dusky (डस्की) = हल्का काला, गोधूलि, साँवला। carry on (pt) carried on (केरीड् ऑन) = जारी रखना। decipher (डिसाइफ़(र)) = कूटवाचन करना, कूट लेखन को पढ़ लेना या समझ लेना। stoop (स्ट्रप) = झुकना।

हिन्दी अनुवाद-एक लड़की थी जो मद्रास से चलकर आई थी और जिस क्षण उसने मालगुड़ी में पैर रखा उसने पूछा, "क्या तुम मुझे कोबरा दिखा सकते हो-यह अवश्य ही किंग कोबरा होना चाहिए-जो कि बाँसुरी के संगीत पर नाच सके?"
"क्यों" मैंने पूछा। "मैं कोई भी देखना चाहती हूँ। बस और कुछ नहीं" उसने कहा। उसके पति ने कहा, "रोजी, हमारे पास और भी कुछ सोचने के लिए है। यह बाद में भी हो सकता है।"
"मैं इस भद्र व्यक्ति से यह नहीं कह रही हूँ कि वह इसे अभी तुरन्त मेरे सामने प्रस्तुत करे। मैं इसकी माँग नहीं कर रही हूँ। मैं केवल इसे बता रही हूँ, बस और कुछ नहीं।"

"यदि तुम्हें इसमें रुचि है, तुम अपनी व्यवस्थाएँ स्वयं कर सकती हो। तुम्हारे साथ जाने की मुझसे उम्मीद मत करना। मैं साँप को एक नजर देख भी नहीं सकता हूँ-तुम्हारी रुचियाँ अप्रिय हैं।" मैंने इस आदमी को नापसन्द किया था। वह ताना देने वाला एक ऐसा ही दैविक जीव था। मेरी सारी सहानुभूतियाँ केवल उस लड़की के लिए थीं; वह बहुत ही प्यारी और रमणीक थी। जब से वह आई थी, मैंने मेरी खाकी शर्ट और धोती को नकार दिया था और अपने आपको प्रदर्शित करने की समस्या उठाई थी। मैंने सिल्क का कुर्ता (जिब्बा) और डोरी वाली धोती पहनी थी और अपने आपको इस प्रकार से सजाया था कि मेरी माँ ने मेरे घर छोड़ते समय टिप्पणी की, "आह, दुल्हे की तरह से लग रहे हो।" और गफूर ने आँख मारी और कटाक्ष करने वाली बात बताई जब मैं उससे मिलने होटल चला गया था।

उसका आना मेरे लिए एक प्रकार का आश्चर्य था। सबसे पहले आदमी दिखा, मैंने उसको आनन्द भवन होटल में ठहराया था। एक दिन के दृश्यदर्शन के पश्चात् उसने एक दोपहर बाद अचानक कहा, "मुझे मद्रास जाने वाली ट्रेन पर जाना होगा। एक दूसरा और आदमी आ रहा है।" वह यह पूछने के लिए भी नहीं रुका कि गाड़ी आने का समय क्या था। ऐसा प्रतीत होता था कि वह पहले से ही सब कुछ जानता था। वह बहुत ही अजीब आदमी था जो कभी भी यह व्याख्या करने की परवाह नहीं करता था कि वह क्या कर रहा था। 

यदि वह मुझे चेतावनी देता कि वह हमारे स्टेशन पर इस प्रकार के एक आकर्षक व्यक्ति से मिलने जा रहा था तो मैं अपने आपको और उचित रूप से संवार कर जाता.। जैसे कि यह था, मैं अपना खाकी शर्ट और धोती रोज की तरह से पहनकर चला गया था, यह एक डरावना सा अनाकर्षक मेल था, परन्तु मेरे जैसे काम के लिए सबसे अधिक संवेदनशील और उचित था। जिस क्षण वह गाड़ी से उतरी थी, मेरी यह इच्छा हुई थी कि मैंने अपने आपको कहीं पर छुपा लिया था। वह ज्यादा आकर्षक नहीं थी, यदि यही आप उम्मीद करते हैं, परन्तु उसका शरीर सुन्दर था, एकदम हल्का और छरहरा बदन था खूबसूरती से सुसज्जित, आँखें जो चमकती थीं, उसका चेहरा, रंग गोरा नहीं था, परन्तु थोड़ा साँवला, जो कि उसको केवल आधा दिखाई देता था-मानो कि आपने उसे नारियल के रस की पतली सी परत में से देखा है। मुझे क्षमा कर दीजिए यदि आपको यह चिकनी सी कविता रूपी लगती है। मैंने कुछ क्षमा कही और उनको होटल भेज दिया था और मैं घर चलाने और अपना स्वरूप सुन्दर बनाने में जुट गया था।

मैंने गफूर की सहायता से एक लघु शोध का आयोजन किया था। वह मुझे इलामन गली में एक आदमी के पास ले गया जिसका एक चचेरा भाई नगरपालिका के दफ्तर में काम करता था जो कि किंगकोबरा साँप के एक सपेरे को जानता था। मैंने खोजबीन जारी रखी थी जबकि मैं घूमने वालों को नॉर्थ एक्सटेंशन के ईश्वर मन्दिर की पत्थर की दीवारों पर उत्कीर्ण रामायण के घटनाक्रम का कूटवाचन कर उनको बता रहा था। वे आदमी को पूर्ण अधिकार में रखते हैं और हर हिस्से के अध्ययन के लिए झुके रहते हैं । मैं उन सभी खम्भों के बारे में जानता था और बिना देखे उनको दोहरा सकता था, परन्तु उसने मेरा परिश्रम बचा दिया, वह इन सबके बारे में जानता था।

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15. When I returned from ...................... and never complained!” (Pages 59-60)

कठिन शब्दार्थ-boredom (बॉडम) = बोरियत, नीरस, अरुचि । tap (टेप) = थपथपाना । picked up (पिकट् अप्) = साथ लेना, उठाना। grove (ग्रोव्) = कुंज, बगीचा, उपवन। cremation (क्र'मेशन) = शवदाह, दाह-संस्कार । forlorn (फ लॉन) = अकेला और उदास, उपेक्षित। inauspicious (इनॉ स्पिशस्) = अशुभ, अमांगलिक। bare (बे(र)) = नंगा, बिना वस्त्र । trot (ट्रॉट) = दुलकी चाल चलना (उछल-उछल कर मध्यम गति से चलना) । set off (सेट ऑफ) = यात्रा आरम्भ करना।

हिन्दी अनुवाद-जब मैं अपनी थोड़ी खोजबीन के बाद वापस आया, मैंने पाया कि वह लड़की अलग-थलग सी अपने चेहरे पर नीरस भाव लिए खड़ी थी। मैंने सुझाया, "यदि आप एक घण्टे के लिए बाहर आ जाएँ तो मैं आपको कोबरा दिखा सकता हूँ।" वह प्रसन्न दिखाई देने लगी थी। उसने उस आदमी को कंधे पर थपथपाया जैसे कि वह फ्रीज पर झुका था और उसने पूछा, "आप यहाँ पर कितने समय और रहेंगे?"
"कम से कम दो घण्टे" उसने बिना घूमे ही कहा।

"मैं कुछ देर के लिए बाहर जाऊँगी" उसने कहा।"अपने आपको प्रसन्न करो" उसने कहा। तब वह मेरी ओर देखकर बोला, "सीधे होटल चले जाना। मैं स्वयं वापस पहुँच जाऊँगा।" हमने नगरपालिका दफ्तर से अपने गाइड को साथ लिया। कार धूल के किनारे लुढ़कने लगी, नालप्पा के बगीचे के मैदान को पार किया, और दूसरे किनारे की ओर चढ़ने लगी, यह सारा रास्ता बैलगाड़ियों के लकड़ी के पहियों द्वारा बनाया गया था। गफूर ने तीखी नजरों से उसके साथ बैठे आदमी की ओर देखा। "क्या तुम मुझे इस कार को घटाकर बैलगाड़ी बना देना चाहते हो, इस तरह के स्थानों पर घसीट लाए हो? हम कहाँ जा रहे हैं? मुझे श्मशान के अलावा और कोई स्थान यहाँ पर नजर नहीं आ रहा है।" उसने कहा, उसने नदी के पास दूसरी ओर उपेक्षित दीवार क्षेत्र की ओर उठते हुए धुएं की ओर इशारा करते हुए कहा, "मैं इस प्रकार के अशुभ शब्द उस परी के सामने नहीं बोलना चाहता हूँ जो कि पीछे की सीट पर बैठी है।" मैंने उनको तुरन्त ही जोर से कुछ बोलकर बात को रोकने के लिए कहा।

हम नदी के दूसरी ओर झोंपड़ियों के एक समूह की ओर पहुँचे। जैसे ही हमारी कार रुकी, बहुत सारे सिर बाहर झाँकने लगे थे, और कुछ नंगे शरीर वाले बच्चे आए और हमारी कार के चारों ओर खड़े हो गए, वे कार में बैठे हुए लोगों की ओर मुँह फाड़कर देखने लगे। हमारा गाइड बाहर की ओर कूदा और गाँव की गली के सुदूर अन्त में दुलकी चाल से चलकर गया और एक आदमी के साथ वापस आया जिसने सिर पर लाल पगड़ी बाँधी हुई थी, उसका एकमात्र दूसरा कपड़ा उसका पेंटनुमा एकं जोड़ा था।

"इस आदमी के पास किंग कोबरा है?" मैंने उसकी ओर ऊपर से नीचे देखा और हिचकते हुए कहा, "मुझे उसे दिखाओ।" इस पर उन छोटे बच्चों ने कहा, "उसके घर में एक बहुत बड़ा साँप है; यह सत्य है" और मैंने उस भद्र महिला से कहा, "क्या हमें चलकर उसे देखना चाहिए?" हम चल पड़े थे। गफूर बोला, "मैं यहाँ पर रुकूँगा, नहीं तो यह बन्दर इस कार को छोटा बना देंगे।" मैंने उन दोनों को आगे जाने दिया और गफूर के कान में फुसफुसाया, "गफूर, आज तुम्हारा मन इतना खराब क्यों है? अन्ततः तुम इससे भी खराब सड़कों पर गए हो और तुमने कभी भी शिकायत नहीं की थी।"

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16. "I have new springs ........................ an extraordinary fellow! (Pages 61-62)

कठिन शब्दार्थ-vaguely (वेग्ल्)ि = अस्पष्ट रूप से। wrath (रॉथ) = तीव्र रोष, तेज गुस्सा। prodded (प्रॉड्ड्)ि = अंगुली या नुकीली वस्तु से किसी को धकेलना या दबाना। rear (रिअ(र)) = पिछला हिस्सा। gourd (गॉड्) = तूंबा। darted (डाडि) = अचानक या तेजी से एक ओर जाना या भेजना। hither and thither (हिद् एण्ड दिद्) = यहाँ और वहाँ। sway (स्वे) = झूमना, डोलना। repelled (रि पेल्ड्) = धकेल देना। raptest (रेप्टिस्ट्) = तन्मय, तल्लीन। consolidated (कन्सॉलिडेटिड्) = वस्तुओं को जोड़कर एक बनाना, संघटित करना। annoyed (अनॉइड्) = नाराज, खीझा हुआ। tout (टाउट) = दलाल। hanging around (हैगिङ् अराउण्ड) = आसपास आवारा फिरना।

हिन्दी अनुवाद-"मेरे पास नई स्प्रिंग और शॉक अवजर्वर हैं। तुम जानते हो इनकी क्या कीमत है?" "अरे, तुम बहुत जल्दी इनकी कीमत वसूल लोगे, खुश रहो।"
"हमारे कुछ यात्रियों को कार नहीं ट्रैक्टर चाहिए, वह व्यक्ति!" वह कुछ-कुछ असंतुष्ट रहता था। मैं जानता था उसका गुस्सा हमारे खिलाफ नहीं था, परन्तु हमारे गाइड के खिलाफ था, क्योंकि उसने कहा, था, "मैं यह सोचता हूँ कि उसे शहर तक पैदल लेकर चलें। क्यों कोई किसी रेंगने वाले जीव को देखने के लिए इतनी दूर चलकर आए?" मैंने उसे अकेला छोड़ दिया था, उसे खुश करने का कोई फायदा नहीं था, शायद उसकी पत्नी ने उसे शिकायत की थी जब वह बाहर निकलने के लिए आया था।

वह लड़की पेड़ की छाया में खड़ी थी जबकि वह आदमी साँप को अंगुली से धकेलकर बाहर निकलने को विवश कर रहा था। यह बहुत बड़ा था, इसने फुफकारा और अपने फन को फैला लिया था, जबकि लड़के चीखे और दूर भागे और वापस आ गए थे। वह आदमी उनकी ओर चीखा, "यदि तुम इसे उत्तेजित करोगे तो यह तुम सबका पीछा करेगा।" . मैंने लड़कों से चुपचाप रहने को कहा था और उस आदमी से पूछा था, "क्या तुमको पक्का विश्वास है कि तुम इसे फिसलकर भागने नहीं दोगे?" ।

लड़की ने सुझाव दिया था, "तुम्हें अवश्य ही अपनी बाँसुरी बजानी चाहिए, और इसे इसका सिर उठाकर नाचने पर विवश करो।" उस आदमी ने अपनी तुम्बे से बनी बाँसुरी (पूंगी) को बाहर निकाला और इसे जोर से बजाने लगा था, और कोबरा ने अपने आपको उठाया और तेजी से इधर-उधर होने लगा और झूमने लगा था। इस पूरी बात ने मुझे धकेला, परन्तु यह उस लड़की को आकर्षक लग रहा था। वह इसके झूमने को तन्मय होकर ध्यान से देख रही थी। उसने अपनी बाँहों को बाहर की ओर खींचा और धीरे से इसके हलचल की नकल में अपने आपको झुमाने लगी। वह धुन पर अपने पूरे शरीर को झुमा रही थी-केवल एक क्षण के लिए, परन्तु यह मेरे लिए पर्याप्त था यह कहना कि वह क्या थी, इस शताब्दी की सबसे बड़ी नर्तकी थी।

जब हम होटल वापस पहुँचे थे तो शाम के करीब सात बज गए थे। जैसे ही वह नीचे उतरी, वह "धन्यवाद" कहने के लिए थोड़ी रुकी परन्तु किसी को विशेष नहीं कहा और सीढ़ियों पर ऊपर चढ़ गई थी। उसका पति, गलियारे में उसका इन्तजार कर रहा था, बोला, "आज के लिए बस इतना ही, तुम मुझे बाद में संघटित कर विवरण दे सकती थीं, मैं ऐसा मानता हूँ। मुझे कल दस बजे कार की आवश्यकता होगी।" वह मुड़ा और वापस अपने कमरे में चला गया था।

इस स्तर पर मैंने उसके साथ अपने आपको नाराज महसूस किया था। उसने मुझे क्या समझ रखा था? यह व्यक्ति मुझसे कह रहा था कि उसे इस समय या उस समय कार की आवश्यकता होगी। क्या वह मुझे दलाल समझता था? इससे मुझे गुस्सा आ गया था, परन्तु तथ्य यह था कि मैं वास्तव में एक दलाल था। मेरे पास और कोई अच्छा कार्य नहीं था कि मैं गफूर और सपेरे के और सैलानी के बीच में आवारा घूम रहा था और हर प्रकार का कार्य कर रहा था। इस आदमी ने अपने बारे में मुझे कुछ बताने की भी परवाह नहीं की थी या वह अगली सुबह कहाँ पर जाना चाहेगा; एक असाधारण आदमी है! 

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17. A hateful fellow ............ down with him. (Pages 62-63) 

कठिन शब्दार्थ-rambled on (रेम्ब्ल्ड् ऑन) = (बोलते-बोलते) विषय से बहक जाना। revive (रि'वाइव) = पुनः प्रचलन होना या करना। loquacious (ल'क्वेशस्) = बातूनी, गप्पी, वाचाल। damsel (डेमज्ल) = जवान कुंवारी महिला। nose poking (नोज पोकिंग) = टांग अड़ाना। fretted (फ्रेटिड्) = किसी विषय में चिन्तित और दुःखी होना। aghast (अ'गास्ट) = भौंचक्का । sheepishly (शीपिश्लि) = संकोचपूर्वक, मुँह चुराते हुए।

हिन्दी अनुवाद-एक घृणित व्यक्ति, मैंने पहले कभी किसी ग्राहक से इतनी घृणा नहीं की थी। मैंने गाड़ी से वापस आते समय गफूर से कहा, "कल सुबह! वह कार इस तरह से माँगता है मानो कि यह उसके दादाजी की सम्पत्ति थी। वह कहाँ जाना चाहता है कोई सुराग है क्या?"

"मैं इसके बारे में क्यों परेशान होऊँ? यदि उसे कार चाहिए तो उसे मिल सकती है यदि वह इसके लिए पैसा देता है तो। बस और कुछ नहीं। मैं इस बात की परवाह नहीं करता हूँ कि कौन इसके पैसे देता है वे मुझे चाहे जितना व्यस्त कर सकते हैं............" वह बोलते-बोलते व्यक्तिगत दर्शन में बहक गया था जिसका मैं अनुसरण नहीं करने का ध्यान रखता था। मेरी माँ ने हमेशा की तरह मेरा इन्तजार किया। उसने मुझे भोजन परोसते हुए कहा, "आज तुम कहाँ रहे हो? आज तुमने क्या-क्या किया है?"

मैंने उसे सपेरे के पास जाने के बारे में बताया। उसने कहा, "वे संभवतः बर्मा से आये हैं. वे लोग साँपों की पूजा करते हैं।" वह बोली, "मेरा एक चचेरा भाई-बहन था जो बर्मा देश में रहता था एक बार उसने मुझे सर्प औरतों के बारे में बताया था।"

"माँ, बेकार की बात मत करो। वह एक अच्छी लड़की है और सर्पपूजक नहीं है। मैं सोचता हूँ, वह एक नृत्यांगना है।"
"ओह, नृत्यांगना! हो सकता है, परन्तु इन नृत्यांगनाओं से ज्यादा सम्पर्क मत रखना। वे सभी एक प्रकार से बुरी होती हैं।" मैंने शान्ति से मेरा भोजन किया, मैं अपने मन में सुगंध से भरपूर उस लड़की की उपस्थिति का प्रयास कर रहा था।

अगले दिन दस बजे, मैं होटल पहुँच गया था। गफूर की कार पहले से ही पोर्च में खड़ी थी; वह चीखा, "आहा! फिर से" जब उसने मुझे देखा। "बड़े आदमी हो! हम्म् अपने आप में बदलाव ला रहे हो!" उसका मुहावरा इस प्रकार का था मानो कि वह ऑटोमोबाइल के बारे में बात कर रहा था। उसने मेरी ओर आँख मारी।
मैंने उसकी किसी भी बात पर ध्यान नहीं दिया और व्यवसायी के अन्दाज में बोला, "क्या वे अन्दर हैं?"

"मैं ऐसा ही अनुमान लगाता हूँ, वे अभी तक बाहर नहीं आये हैं, बस मैं और कुछ नहीं जानता हूँ।" गफूर ने कहा।
केवल बीस शब्द जहाँ कोई कुछ कर सकता था। उसके साथ कुछ गलत था। वह बातूनी बनता जा रहा था। और तब मैंने महसूस किया कि वह ईर्ष्या का प्रहार कर रहा था जैसे कि मैंने महसूस किया था, शायद वह भी उस जवान लड़की की उपस्थिति से प्रभावित हुआ था और उसे अपनी उपस्थिति प्रदर्शित करने का इच्छुक रहा था। मैं ईर्ष्यालु और दुःखी होकर अपने आप से बोला, "क्या गफूर भविष्य में इस प्रकार से व्यवहार करने वाला है, मुझे उससे छुटकारा पाकर किसी और को तलाश करना पड़ेगा। बस और कुछ नहीं।" मुझे बातूनी और टांग अड़ाने वाले टैक्सी ड्राइवर की आवश्यकता नहीं थी।

मैं होटल के दूसरे माले के कमरा नं. 28 में गया और पूर्ण अधिकार के साथ दरवाजे को खटखटाया। अन्दर से आवाज आई, "इन्तजार करो"। यह उस आदमी की आवाज थी लड़की की नहीं, जैसा कि मैंने उम्मीद की थी। मैंने कुछ मिनिट इन्तजार किया और फिर मैं चिन्तित और दुःखी हो गया था। मैंने अपनी घड़ी की ओर देखा। दस बज रहे थे। और इस आदमी ने कहा, "इन्तजार करो" क्या वह अभी भी उसके साथ बिस्तर में था? यह एक उचित अवसर था, जैसा कि यह मुझे प्रतीत हो रहा था कि मैं दरवाजा चीर कर नीचे गिरा दूं और अन्दर चला जाऊँ। दरवाजा खुला और वह बाहर आ गया था, उसने वस्त्र धारण कर रखे थे और वह तैयार था। उसने अपने पीछे से दरवाजा बन्द किया। मैं भौंचक्का सा रह गया था। मैं उससे यह पूछने ही वाला था, "क्या वह भी चलेगी?" परन्तु मैंने मेरी भावनाओं पर नियंत्रण रखा। मैं संकोचपूर्वक उसके साथ नीचे उतर गया था। 

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18. He gave me a look ....... girl's voice from within. (Pages 64-65)

कठिन शब्दार्थ-frieze (फ्रीज्) = मूर्तियों का समूह । languish (लैङ्गविश्) = किसी भी स्थान पर लम्बे समय तक रहने के लिए या किसी अप्रिय स्थिति को लम्बे समय तक बर्दाश्त करने के लिए विवश किया जाना, दीन अवस्था में रहना। absent minded (एबसन्ट् माइन्डिड) = भुलक्कड़, खोयाखोया, अन्यमनस्क। curtly (कलि) = रूखेपन से। existence (इग् 'जिसटन्स्) = अस्तित्व। discriminating (डिस्क्रिमिनेटिङ्) = विवेकशील, समझदार। downcast (डाउन्कास्ट्) = खिन्न और निराश। notion (नोशन्) = ख्याल, विचार, धारणा। approach (अप्रोच) = कुछ करने का तरीका, दृष्टिकोण । taciturn (टेसिटन) = अल्पभाषी, कम बोलने वाला। truimphant (ट्राइम्फन्ट) = विजयी।
 
हिन्दी अनुवाद-उसने मेरी ओर सहमति से देखा, मानो कि उसने उसे खुश करने के लिए कपड़े पहने थे। कार में प्रवेश करने से पूर्व वह बोला, "आज मैं थोड़ी देर के लिए उन मूर्तियों के समूह का अध्ययन फिर से करना चाहता हूँ।" "ठीक है, ठीक है" मैंने सोचा, "तुम जो चाहो, चाहे मूर्तियों के समूह का अध्ययन करो या कुछ और करो। उसके लिए तुम मुझे क्यों चाहते हो?" मानो कि मेरे विचारों के जवाब में, वह बोला, "इसके बाद...." उसने अपनी जेब से कागज का एक टुकड़ा निकाला और उसे पढ़ा।

यह व्यक्ति अपने सारे जीवन में दीवारों को देखता रहेगा और उसे अपने होटल के कमरे में लम्बे समय तक बर्दाश्त करने के लिए छोड़ देगा। अजीब आदमी है। वह उसे अपने साथ लेकर क्यों नहीं आया? सम्भवतः यह शायद भुलक्कड़ था। मैंने पूछा, "क्या और कोई नहीं आ रहा है?" "नहीं" उसने रूखेपन से जवाब दिया, मानो कि वह मेरा मन समझ रहा था। उसने अपने हाथ के कागज की ओर देखा और पूछा, "क्या तुम इस क्षेत्र में गुफाओं की चित्रकारी के बारे में सजग हो?" मैं इस प्रश्न पर हंसा था। "अवश्य ही, हर कोई इस प्रकार के स्थानों को देखने में रुचि नहीं लेता है, परन्तु कुछ समझदार सैलानी हैं जो उन्हें देखने पर जोर देते थे। परन्तु....परन्तु यह पूरा दिन ले लेगा; और हम आज रात वापस आने के योग्य भी नहीं होंगे।"

वह वापस अपने कमरे में गया, कुछ क्षणों के बाद वह खिन्न और निराश चेहरा लेकर वापस आया। उसी समय, मैंने गफूर की सहायता से, यात्रा में होने वाले खर्चे की गणना कर ली। हम जानते थे कि यह रास्ता वन भवन के पीक हाउस के पीछे से जाता था। किसी को रात के लिए वहाँ रुकना पड़ता या कुछ मीलों दूर उसे पैदल चलना पड़ता। मैं जानता था गुफाएँ कहाँ पर थीं, परन्तु में पहली बार उन्हें देखने जा रहा था। मालगुड़ी हर बार नवीन देखने योग्य स्थानों की परत खोल रहा था।

वह आदमी कार में वापस बैठ गया और बोला, "शायद तुमको यह ख्याल नहीं होगा कि कैसे महिलाओं से व्यवहार किया जाता है, क्या तुम जानते हो?"
मैं खुश था कि वह अपनी इस बात से और अधिक मानवीयता वाला बन रहा था। मैंने कहा, "मुझे कोई पता नहीं है।" और मैं हँसा, यह सोचकर कि वह शायद इससे खुश होगा यदि मैं इस चुटकुले का मजा लेता प्रतीत होता हूँ। तब मैं जोश में आकर बोला, "क्या समस्या है?" मेरी नई पोशाक और विभाग ने मुझे यह हिम्मत दी थी। मेरे खाकी शर्ट में मैं उसके पास सीट पर बैठने की हिम्मत नहीं कर पाता या उससे इस तरह से बात नहीं कर पाता। मेरी ओर मित्रता भरी मुस्कान से देखता हुआ प्रतीत हुआ था। वह नीचे झुका और बोला, "यदि कोई पुरुष अपने मन की शान्ति चाहता है तो उसके लिए महिला को भूल जाना ही श्रेष्ठ होगा।" तीन दिन से वह हमारे साथ था और वह पहली बार इस प्रकार से मुझसे स्वतंत्रतापूर्वक बात कर रहा था। वह हमेशा रूखा और अल्पभाषी रहा था। मैंने यह जाँचा कि परिस्थितियाँ थोड़ी गम्भीर हो सकती थी यदि वह अपनी जीभ को इस सीमा तक खोल देता।

गफूर ठोढ़ी पर अपना हाथ लगाकर अपनी सीट में बैठा था। वह हमसे दूर देख रहा था। उसका सम्पूर्ण दृष्टिकोण कह रहा था, "मुझे बहुत दुःख है कि मैं मेरी सुबह तुम्हारे जैसे दो समय पास करने वालों के साथ बिता रहा हूँ।" मेरे दिमाग में एक साहसी विचार विकसित हो रहा था। यदि यह सफल हो जाता तो इसका एक विजयी अन्त होता, यदि यह असफल हो जाता तो वह आदमी मुझे ठोकर मारकर अपने पास से भगा देता या पुलिस को बुला लेता। मैंने कहा, "क्या मैं जाकर आपकी ओर से प्रयास करूँ?"
"क्या तुम करोगे?" उसने खुश होते हुए कहा, "आगे बढ़ो, यदि तुम इतने हिम्मत वाले हो।"

मैं आगे सुनने के लिए नहीं रुका। मैं कार से कूदा और एक बार में चार सीढ़ियाँ चढ़ता हुआ ऊपर चला गया था। मैं 28 नम्बर के सामने रुका और अपनी श्वास को सामान्य कर दरवाजा खटखटाया।
"मुझे परेशान मत करो, मैं तुम्हारे साथ नहीं आना चाहती हूँ, मुझे अकेले छोड़ दो।" लड़की की अन्दर से आवाज आई।

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19. I hesitated, wondering ...........................the next train home.' (Pages 65-67)

कठिन शब्दार्थ-chink (चिङ्क) = दरार। haunted (हॉन्टिड) = दिमाग पर छाए रहना। affably (ऐफब्लि ) = मिलनसारिता से, सौजन्यपूर्वक। dishevelled (डि'शेवल्ड्) = अस्त-व्यस्त, मैला-कुचैला । faded (फेड्ड्) = किसी वस्तु का रंग फीका पड़ जाना या क्षीण होना । bang (बैङ्) = धमाका, धड़ाका। muttered (मट्ड्) = बुदबुदाना, मंद स्वर में बोलना। amazement (अ'मेजमन्ट) = बड़ा अचम्भा, आश्चर्य।

हिन्दी अनुवाद-मैं आश्चर्यचकित और हिचकिचा रहा था कि कैसे बोलूँ। इस दैवीय जीव के साथ मैं पहली बार स्वतंत्र रूप से बात कर रहा था। या तो मैं अपने आपको मूर्ख बना लूंगा या मैं स्वर्ग को जीत सकता हूँ। मैं अपने आपके बारे में कैसे घोषणा करूँ? क्या वह मेरा प्रसिद्ध नाम जान पाएगी। मैंने कहा, "यह वह नहीं, परन्तु मैं हूँ।"
"क्या?" मीठी आवाज ने खिन्न और जटिल होकर पूछा। मैंने दोहराया, "यह वह नहीं वरन् मैं हूँ। क्या आप मेरी आवाज नहीं जानती हैं? क्या मैं कल आपके साथ उस कोबरा वाले आदमी के पास नहीं गया था? मैं सारी रात नहीं सोया" मैंने मंदिम आवाज में दरवाजे में बने दरार में से बोलते हुए कहा, "जिस तरीके से आपने नृत्य किया था, आपके नृत्य करने का अंदाज और आपकी आकृति सारी रात मेरे मन पर छाई रही थी।"

मैंने मुश्किल से अपना वाक्य आधा पूरा किया था कि आधा दरवाजा खुला और उसने मेरी ओर देखा, "ओह, आप!" वह बोली, उसकी आँखें समझने के कारण चमक उठी थी।
"मेरा नाम राजू है।" मैंने कहा। उसने मुझे पूरी तरह से परखा। "अवश्य ही, मैं आपको जानती हूँ।" मैं अपनी श्रेष्ठतम मुस्कान से मिलनसारिता के अन्दाज में मुस्कुराया। माना कि मुझे इस हंसी में हँसने के लिए किसी फोटोग्राफर ने कहा था। वह बोली, "वह कहाँ है?"

"आपका कार में इन्तजार कर रहा है। क्या आप तैयार होकर बाहर नहीं आयेंगी?" वह अस्तव्यस्त सी नजर आई थी। उसकी आँखें अभी-अभी आए आँसुओं से लाल हो रही थी, और उसने रंग उड़ी एक सूती साड़ी पहन रखी थी; न उसने मेकअप किया न कोई इत्र लगाया, परन्तु मैं उसे जैसी वह थी, उसी रूप में स्वीकार करने के लिए तैयार था। मैंने उसे कहा, "आप जैसी हैं, वैसी ही बाहर आ जाओ और कोई भी इस ओर ध्यान नहीं देगा।" और मैंने जोड़ा, "कौन किसी इन्द्रधनुष का श्रृंगार कर सकता है?" वह बोली, "आप सोचते हैं कि आप यह सब करके मुझे प्रसन्न कर देंगे? आप सोचते हैं कि आप मुझे अपना विचार बदलने हेतु प्रेरित कर सकते हैं?" "हाँ" मैं बोला, "क्यों नहीं?"

"आप क्यों चाहते हैं कि मैं उसके साथ बाहर जाऊँ? मुझे शान्ति में छोड़ दो" वह बोली, उसने अपनी आँखें खोलकर चौड़ी कर दी थीं, इससे मुझे उसके चेहरे के पास जाकर बोलने का एक और मौका मिल गया था, "क्योंकि आपकी उपस्थिति के बिना जीवन खाली सा लगता है।"

वह मेरा चेहरा पीछे धकेल सकती थी, यह चीखते हुए, "तुम्हारी इस प्रकार से बात करने की हिम्मत कैसे हुई!" और उसने मेरे चेहरे पर दरवाजा बन्द कर दिया था। परन्तु उसने नहीं किया था। वह केवल बोली, "मैंने कभी भी यह नहीं जाना था कि आप इतने परेशान करने वाले व्यक्ति हैं। तब, एक मिनिट इन्तजार करो।" वह वापस कमरे में चली गई थी। मैं अपने सारे अस्तित्व के साथ चीखना चाहता था, "मुझे अन्दर आने दो" और दरवाजे पर दस्तक दी, परन्तु मेरे पास पर्याप्त अच्छी समझ थी और मैंने अपने आपको रोक लिया था।

मैंने पदचाप सुनी और देखा कि उसका पति परिणाम देखने के लिए आ चुका था। "अच्छा, वह आ रही है या नहीं? मैं सब कुछ बरबाद करने के लिए तैयार नहीं हूँ....." "शश्स" मैंने कहा, "वह एक क्षण में बाहर आने वाली है। आप कृपा करके वापस कार में चले जाइए।" "वास्तव में!" वह आश्चर्य से बुदबुदाया। "आप एक जादूगर हैं।" वह चुपचाप मुड़ा और वापस कार में जाकर बैठ गया था। उसी समय वह महिला एक सपने की तरह से बाहर आई और बोली, "अब हमें चलना चाहिए। परन्तु तुम्हारे लिए मैं तुम सबको कुछ आश्चर्य देने वाली हूँ।" "क्या" "मैं अगली रेलगाड़ी से वापस जा चुकी होती।" 

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20. "We are going to a ........ ......... he opened his purse. (Pages 67-68)

कठिन शब्दार्थ-sake (सेक्) = किसी काम को अवश्य करने के लिए, किसी की सहायता के लिए। edge away (एज् अव्) = धीरे-धीरे, सावधानी से आगे बढ़ना, सरकना, सरकाना। dash (डैश) = अचानक और तेजी से कहीं चले जाना । pull up (पुल अप्) = कार आदि को रोक देना। unstintingly (अन्स्टिन्टिङलि) = किसी काम को करने में लगी अनिश्चित अवधि। procure (प्र'क्युअ(र)) = कुछ प्राप्त करना विशेषतः कठिनाई से। henceforth (हेन्स फॉथ) = यहाँ से, अब से, भविष्य में। look to (लुक टु) = किसी से कुछ आशा करना (काम की या कुछ पाने की। principle (प्रिंस्प्ल ) = सामान्य सिद्धान्त, नियम या विचार। render (रेन्ड(र)) = व्यक्ति या वस्तु को किसी स्थिति में डाल देना। for see (फॉ सी) = भविष्य में होने वाली घटना को पहले से जान लेना या उसका अनुमान लगाना।

हिन्दी अनुवाद-"हम एक अद्भुत स्थान की ओर जा रहे हैं, कृपा कर, मेरे लिए, आप हमेशा की तरह मधुर बनी रहें।" "ठीक है" वह बोली और सीढ़ियों के नीचे उतर गई; मैंने अनुसरण किया। उसने कार का दरवाजा खोला, सीधी अन्दर गई, और अपनी सीट पर बैठ गई, उसका पति धीरे से उसके लिए स्थान बनाने के लिए आगे सरका । मैं दूसरी ओर से आया और उसके पास बैठ गया। मैं इस स्थिति में गफूर के पास जाकर बैठने के लिए तैयार नहीं था। 

गफूर ने अब अपना सिर घुमाया और उसने पूछा कि क्या हम रवाना हो सकते हैं। "यदि हम चोटी के मकान (पीक हाउस) पर जा रहे हैं तो आज रात को हम वापस नहीं आ पायेंगे।" "हमें प्रयास करके वापस आना चाहिए" उस आदमी ने प्रार्थना की। "हम प्रयास करेंगे, परन्तु यदि आवश्यक हुआ तो वहाँ पर रुकने में कोई नुकसान नहीं है। अपने साथ बदलने के लिए कपड़े ले लो। इसमें कोई नुकसान नहीं है। मैं गफूर को अपने घर के पास रुकने के लिए कह रहा हूँ।"

महिला बोली,"कृपया, एक मिनिट" वह तेजी से ऊपर गई और एक छोटे से सूटकेस के साथ वापस आई। उसने उस आदमी से कहा, "आपके कपड़े भी इसमें मेरे पास हैं" आदमी बोला, "बहुत अच्छा" और मुस्कुराया और वह भी मुस्कुराई और उसी हँसी में सुबह का तनाव आंशिक रूप से गायब हो गया था। अभी भी, वातावरण में कुछ बेचैनी सी थी। मैंने एक क्षण के लिए गफूर को रेल्वे स्टेशन पर कार रोकने के लिए, कार का मुँह मेरे घर से विपरीत था। मैं उन्हें अपना घर दिखाना नहीं चाहता था। "कृपया, एक क्षण के लिए" मैं तेजी से बाहर आया। दुकान पर बैठे लड़के ने मुझे देखा और कुछ बोलने के लिए मुँह खोला। मैंने उसे नजरअंदाज किया, तेजी से अपने घर की ओर बढ़ा, एक बैग उठाया, और बाहर भागते हुए कहा, "मैं आज की रात बाहर रुक सकता हूँ। मेरा इन्तजार मत करना।" अपनी माँ से मैं बोला जो रसोई में थी।

हम दोपहर बाद करीब चार बजे पीक हाउस पर पहुँचे थे। सेवक हमें देखकर खुश हुआ था। मैं उसे अपने ग्राहकों के पैसे से पुरस्कृत करता रहता था, जब भी हम आते थे। मैं हमेशा से पहले से अपने ग्राहक को इस बारे में बता देता था, "इस सेवक को खुश रखिए और यह आपकी देखभाल करेगा और आपके लिए असम्भव वस्तुओं को भी लेकर आ जाएगा।" मैंने वही फार्मला अब भी दोहराया और पति-जो कि अब से मार्को के नाम से संदर्भित किया जाएगा-बोला, "आगे बढ़िए और इसे आप कर दीजिए। मैं आपसे अपनी इसके माध्यम से सहायता की आशा करता हूँ। आप जानते हैं मेरा जीवन में एक सामान्य सिद्धान्त है। मैं छोटी-छोटी चीजों के लिए परेशान होना नहीं चाहता हूँ। मैं खर्चे की परवाह नहीं करता हूँ।"

मैंने जोसफ, सेवक, से कहा, "कि वह हमारे लिए अपने गाँव से भोजन और भोजन सामग्री लेकर आ जाए।" उसका गाँव दो मील दूर था। मैंने मार्को से पूछा था, "क्या आप मुझे कुछ नकद राशि देंगे? मैं बाद में आपको हिसाब दे दूँगा। मैं आपको छोटे-छोटे भुगतान के लिए बार-बार चिन्तित नहीं करना चाहता हूँ।" कोई भी यह अनुमान नहीं लगा सकता था कि वह इस प्रकार की प्रार्थना पर किस प्रकार से प्रतिक्रिया करेगा। वह अस्थिर था-कभी-कभी वह पैसे के प्रति अपने अलगाव को जोर से घोषणा कर व्यक्त करता, अगले ही क्षण वह कंजूसी के प्रत्येक लक्षण को अचानक प्रदर्शित करता और एक लेखाकार की तरह से व्यवहार करता, परन्तु अन्ततः वह प्रत्येक के लिए पैसे दे देता था यदि उसे भुगतान के लिए बिल दे दिया जाए, जैसा कि मैंने यह पता लगा लिया था। वह बिना वाउचर के एक आना भी नहीं देता था, जबकि आपने यदि उसे कागज की कोई स्लिप दे दी तो वह सम्भवतः अपना तमाम धन दे सकता था। अब मैं यह चालाकी जान गया था, जैसे ही मैं उसे बोलने में लड़खड़ाता हुआ पाता, तो मैं कहता था "कि आप हर भुगतान के लिये उचित रसीद लेते हो, मैं इस बात का ध्यान रखूगा।" इससे वह खुश हो जाता था, वह अपना पर्स खोल देता था। 

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21. I had to dispose of . .......... he asked, turning to me. (Pages 68-69)

कठिन शब्दार्थ-dispose (डिस्पोज) = निपटाना, अनचाही वस्तु से छुटकारा पाना। darting (डाट्ङ्)ि = अचानक या तेजी से एक ओर जाना या भेजना। perched (पच्ट्) = किसी वस्तु के एक सिरे पर बैठना या रखना। cliff (क्लिफ्) = ऊँची खड़ी चट्टान। grunt (ग्रन्ट) = बुड़बुड़ाना। hamper (हम्प(र)) = भोजन ले जाने की बड़ी टोकरी। howling (हाउलिङ्) = ऊँची आवाज करना, हूकना। foliage (फोलिएज) = किसी पेड़ या पौधे के पत्ते-पत्तियाँ।

हिन्दी अनुवाद-मुझे टैक्सी को छोड़ना पड़ा था। गफूर अगली दोपहर बाद वापस आया। मैंने गफूर से एक रसीद पर दस्तखत करवा लिए, और तब जोसफ को कुछ पैसे दे दिए कि वह गाँव में होटल से हमारे लिए भोजन लेकर आ जाए। अब सारी व्यवस्थाओं का जिम्मा मेरा था, मेरे पास ज्यादा समय नहीं रहता था कि मैं अपनी प्रियतमा के चेहरे को गौर से देख पाता, यद्यपि मैं उसकी ओर उड़ती हुई नजर मार रहा था।

"उस रास्ते से आगे चलकर एक मील दूर पर गुफाएँ हैं।" जोसफ बोला, "अभी हम वहाँ नहीं जा सकते हैं। कल सुबह, अगर आप नाश्ते के बाद यहाँ से जाओ तो भोजन के समय तक वापस आ सकते हो।" मेम्पी पहाड़ियों की सबसे ऊँची चट्टान पर पीक हाउस स्थित था। सड़क घर के साथ ही समाप्त हो जाती थी, उत्तरी बरामदे को ढकती हुई एक काँच की दीवार थी, इसमें से आप सौ मील दूर पर से क्षितिज को देख सकते थे। हमारे नीचे घाटी की ओर जंगल का विस्तार फैला हुआ था, साफ दिन में आप सरयू नदी का सूरज की धूप में चमकता हुआ पानी देख सकते थे और उस नदी को जो दूर तक अपना अनुसरण कर रही है। यह उन लोगों के लिए स्वर्ग था जो जंगल के आवरण को देखना पसन्द करते थे और खेल देखना चाहते थे जो कि काँच की दीवार के बाहर रात में चुपचाप चलता था। वह लड़की अत्यधिक खुश थी। हमारा मकान घनी हरियाली से घिरा हुआ था। वह एक पौधे से दूसरे पौधे तक प्रसन्नता से चीखते हुए दौड़ रही थी, जबकि वह आदमी बिना किसी भावना के सब कुछ देख रहा था। जो कुछ उसे (लड़की को) रुचिकर था उसे (आदमी को) चिढ़ाता था।

हजारों फीट नीचे सूर्य की रोशनी में नहाए हुए मैदानों को गौर से देखते हुए, वह अचानक रुकी। मुझे डर लगा कि जब रात होगी तो यह भय से डर सकती थी। हमने गीदड़ों के हूंकने की आवाज और हर प्रकार की बुड़बुड़ाहट और गर्जना को सुना। जोसफ हमारे लिए भोजन की टोकरी लेकर आया और उसें टेबल पर रख गया। वह दूध, कॉफी, और चीनी सुबह के लिए लेकर आया था और वह मुझे कोयले का चूल्हा भी बता गया था। वह औरत जोर से चीखी, "जब तक मैं नहीं पुकारूं कोई भी नहीं उठेगा। मैं सभी के लिए कॉफी तैयार कर रही हूँ।"

जोसफ बोला, "कृपया दरवाजे को अन्दर से बन्द कर लीजिए" और आगे कहा, "यदि आप उस बरामदे में बैठ जाते हैं तो आप चीते और दूसरे जंगली जानवरों को चुपचाप इधर-उधर घूमते हुए देख सकते हैं परन्तु आप कोई शोर नहीं करेंगे यही इसका रहस्य है।" हमने जोसफ को लालटेन उठाते हुए और नीचे सीढ़ियों की ओर जाते हुए देखा हम उसकी लालटेन की मद्धिम रोशनी को हरे-भरे पत्तों में गायब होते हुए देख सकते थे। "बेचारा जोसफ, वह कितना साहसी है कि अकेला नीचे जा रहा है।" लड़की बोली, उस पर उसका पति आकस्मिक स्वर में बोला, "कोई आश्चर्य नहीं है। वह शायद यहाँ जन्मा और पला है। क्या तुम उसे जानते हो?" उसने मेरी ओर मुड़ते हुए पूछा। 

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22. Yes, he was born .................to wait in the dark.” (Pages 69-70)

कठिन शब्दार्थ-gorgeous (गॉजस्) = अत्यन्त प्रीतिकर या आकर्षक, भव्य, शानदार। lyrical (लिरिकल) = आत्माभिव्यंजक गीत या कविता के समान, प्रगीत। modesty (मॉडिस्टि) = शालीनता, विनम्रता। jocularly (जॉकयलि) = मजाकिया ढंग से, परिहासपूर्ण तरीके से। reel (रील्) = आहत होना या परेशानी महसूस करना। haze (हेज्) = हल्की धुंध, हल्की भ्रांति, उलझन। dwelt (ड्वेल्ट) = एक स्थान पर रहना या रुके रहना। wary (वेअरि) = सावधान, सतर्क, चौकन्ना।

हिन्दी अनुवाद-"हाँ, उसका जन्म उस गाँव में हुआ था और वह जब लड़का था तब से इस स्थान की रखवाली कर रहा था। वह अवश्य ही साठ साल का होगा।"
"वह किस प्रकार से ईसाई बन गया है?"
"यहाँ पर कोई ईसाई मिशनरियों का चिकित्सीय प्रशिक्षण केन्द्र था, ईसाई धर्म प्रचारक इस प्रकार के सभी स्थानों पर जाते हैं और बस जाते हैं।" मैंने कहा। जोसफ ने हमें दो लैम्प दिए थे, पीतल के, केरोसीन से भरे हुए थे। एक को मैंने रसोई की टेबल पर रख दिया, और दूसरा मैंने उस आदमी को उसके कमरे के लिए दे दिया, बाकी सारे भवन को मैंने अंधकार में ही रखा। शीशे के बाहर हम आकाश के तारों को देख सकते थे।

हम टेबल के चारों ओर बैठे थे, मैं जानता था प्लेटें कहाँ पर रखी हुई थीं। मैंने उन्हें टेबल पर रखा और भोजन परोसा-या यह कहना ज्यादा ठीक रहेगा कि भोजन परोसने का प्रयास किया। इस समय शाम के साढ़े सात बज रहे थे। हमने आकर्षक सूर्यास्त देखा था। हमने उसके पश्चात् बैंगनी रंग का खेल उत्तरी आकाश में देखा था, और उसकी प्रशंसा की थी, हमने देखा कि पेड़ के ऊपरी भाग सीधा लाल रंग की किरणों से जगमग हो रहे थे यह सूर्य के छिप जाने के बाद भी दिख रहा था, और हमारी प्रशंसा को व्यक्त करने के लिए एक आमतौर पर स्थानीय भाषा में चलने वाला मुहावरा हमने पा लिया था।

उस आदमी ने लगभग हमारा अनुसरण किया था। मैं इतना कवित्व से भर गया था कि वह अचानक बोला, "अरे, राज, तो आप एक कवि भी हैं।" यह प्रशंसा मैंने शालीनता के साथ स्वीकार की।।
भोजन के समय, मैंने एक प्लेट उठाकर परोसने का प्रयास किया। वह बोली, "नहीं, नहीं, मुझे आप दोनों को परोसने दीजिए। और मैं अन्त में भोजन करूँगी, जैसे कि एक अच्छी गृहस्वामिनी करती है।" ।
"अरे वाह, यह एक अच्छा विचार है।" उस आदमी ने परिहासपूर्ण तरीके से कहा । 

उसने अपना हाथ प्लेट को लेने के लिए आगे बढ़ाया। परन्तु मैंने स्वयं इसे करने पर जोर दिया। उसने अचानक तेजी से आगे बढ़कर जबरदस्ती मेरे हाथ से इसे छीना। आह, उसकी छुअन से मेरा सिर एक क्षण के लिए घूमने सा लगा। मैं कुछ भी साफ नहीं देख पा रहा था। सब कुछ एक मीठी, काली धुंध में क्लोरोफॉर्म के प्रभाव में आकर गायब हो गया था। भोजन के दौरान सारे समय में मेरी याद उस छुअन पर ही बनी रही थी। मैं इस बात से सजग नहीं था कि हम क्या खा रहे थे और वे क्या कह रहे थे। 

मैं सिर नीचा करके बैठा हुआ था। मैं उसका चेहरा देखकर और नजरें मिलाकर किंकर्तव्यविमूढ़ था। मुझे यह याद नहीं है कि हमने भोजन कब खत्म किया और कब वह सारी प्लेटें ले गई थी। मैं केवल उसके हल्के मुलायम हलचलों के प्रति ही सचेत था। मेरे विचार उसकी स्वर्णिम छुअन पर ही विद्यमान थे। मेरे मन का एक हिस्सा यह कह रहा था, "नहीं, नहीं, यह उचित नहीं है। याद रखो, मार्को उसका पति है। यह सोचने लायक भी नहीं था।" परन्तु मेरे विचारों को वापस खींचना असम्भव था। "वह तुमको गोली मार सकता है।" मेरी सतर्क अन्तरात्मा ने कहा। "क्या उसके पास बन्दूक है?" मन के दूसरे हिस्से ने टिप्पणी की। भोजन के बाद वह बोली, "अब हमें शीशे के बरामदे में चलना चाहिए। मुझे अवश्य ही खेल देखना है। क्या आप यह सोचते हैं कि वे इस समय बाहर निकलेंगे?" "हाँ, यदि हम धैर्यवान और भाग्यशाली हैं।" मैं बोला। "परन्तु क्या आप डरोगी तो नहीं? हमें अंधेरे में इन्तजार करना होगा।" 

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24. She laughed at my fears......................he asked in a whisper. (Pages 70-72)

कठिन शब्दार्थ-portfolio (पॉट फोलिओ) = कागजात, पेटिका । shield (शील्ड्) = संकट या हानि से किसी को बचाना । scared (स्केअड्) = भयभीत। come along (कम् अलॉन्ग) = सामने आना, प्रकट होना, पता चलना। intently (इन'टेन्टलि) = व्यक्ति जो करने का इरादा करे। pane (पेन्) = खिड़की आदि में जड़ा शीशा। moat (मोट) = खंदक, किले के चारों ओर बनी पानी से भरी खाई। yawning (यॉनिङ्) = जंभाई लेना। overwhelmed (ओव्वेल्म्ड्) = अभिभूत हो जाना।

हिन्दी अनुवाद-वह मेरे डर पर हँसी और उसने मार्को को अपने साथ जाने के लिए नियंत्रित किया। परन्तु उसने कहा कि वह अकेला रहना चाहता था। उसने लैम्प तक एक कुर्सी खींची, अपने कागजातों को बाहर निकाला और बहुत ही जल्दी अपने कागजों में खो गया था। वह बोली, "अपने लैम्प को ढक लो। मैं अपने जानवरों को डराना नहीं चाहती हूँ।" वह बरामदे में हल्के-हल्के कदमों से चलते हुए आगे बढ़ी, एक कुर्सी खींची और बैठ गई। रास्ते में वह मुझसे बोली थी, "क्या आपके पास भी देखने के लिए कागजात हैं?"

"नहीं, नहीं" मैं उसके और अपने कमरे के बीच रास्ते में हिचकिचाते हुए बोला। "तब, मेरे साथ आ जाओ। निश्चित रूप से आप मुझे चुपचाप घूमते हुए जंगली जानवरों की दया पर नहीं छोड़ने जा रहे हो?" मैंने उस आदमी की तरफ यह देखने के लिए देखा कि वह क्या कहेगा, परन्तु वह अपने कागजों में खोया हुआ था। मैंने पूछा, "क्या आपको कुछ चाहिए?"
"नहीं" "मैं बरामदे में रहूँगा।"

"आगे बढ़ो" उसने कागजों से बिना नजर उठाए कहा। वह खिड़की के शीशे के पास निकटता से बैठी जानवरों को देखने के इरादे से बाहर देख रही थी। मैंने धीरे से एक कुर्सी उसके पास रख दी, और बैठ गया। थोड़ी देर के बाद वह बोली, "कोई भी जीव (जन्तु) नहीं है। क्या जानवर यहाँ पर आते हैं, मुझे आश्चर्य हो रहा है या यह आम तौर पर चलने वाली कहानियों में से ही एक कहानी है?"
"नहीं, बहुत से लोगों ने उनको देखा है......" "कौनसे जानवर?" "शेर......"

"शेर यहाँ?" वह बोली और हँसने लगी थी, "मैंने पढ़ा है कि वे केवल अफ्रीका में थे। परन्तु यह वास्तव में........"
"नहीं, मुझे क्षमा करें" मैं चूक गया था। "मेरा मतलब था चीता, और तेंदुआ, और भालू और कभीकभी हाथी भी यहाँ पर घाटी को पार करते हुए या यहाँ तालाब पर पानी पीने आते हुए देखे गए हैं।"
"मैं सारी रात यहाँ बिताने के लिए तैयार हूँ।" वह बोली, "वह अवश्य ही, अकेला छोड़े जाने पर खुश होगा। यहाँ पर कम से कम अँधेरा और चुप्पी है, स्वागत करती वस्तुएँ, और इस अंधकार में से कुछ ऐसा है जो इन्तजार कर रहा है।" 

मुझे जवाब में कहने को कुछ भी नहीं मिला। मैं उसकी सुगंध से अभिभूत हो रहा था। शीशे के उस पार आकाश में तारे चमक रहे थे।
"क्या कोई हाथी शीशा तोड़कर अन्दर नहीं आ सकता है?" उसने उबासी लेते हुए पूछा। "नहीं, इसके दूसरी ओर एक खंदक है। वे हम तक नहीं पहुँच सकते हैं।" हरियाली में से चमकती हुई आँखें दिखाई दीं। उसने मेरी बाँह पकड़कर उत्तेजित होकर कहा, "कुछ.... यह क्या हो सकता है?"
"शायद एक तेंदुआ", मैंने बातचीत जारी रखते हुए कहा, आह, वह फुसफुसाहट, वे सितारे और अँधेरा-मैं उत्तेजना से जोर-जोर से श्वास लेने लगा।
"क्या तुम्हें ठण्ड लग गई है", उसने पूछा। मैंने कहा, "नहीं" "इतनी जोर से श्वास क्यों ले रहे हो?" मैं उसके पास अपना चेहरा ले जाकर फुसफुसाना चाहता था, "आपका नृत्य बहुत बढ़िया था। आप प्रतिभावान हैं। कभी इसे फिर से करना। भगवान तुम्हें आशीर्वाद दे। क्या तुम मेरी प्रियतमा नहीं बनोगी?" परन्तु सौभाग्य से मैंने अपने आपको रोक लिया था। वापस मुड़ते हुए, मैंने देखा कि मार्को धीमे कदमों से चलता हुआ आ गया था। उसने फुसफुसाते हुए कहा, "क्या भाग्य है?"

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25. Something Came, but.............that of a wild African Shikari. (Pages 72-73)

कठिन शब्दार्थ-peer (पिञ्(र)) = किसी व्यक्ति या वस्तु को समीप से और ध्यानपूर्वक देखना क्योंकि वह अन्यथा स्पष्ट दिखाई नहीं दे रही है।। tense (टेन्स्) = (वातावरण और परिस्थिति) तनावभरा। vivacity (विवैसिटि) = जोश, उत्साह। keen (कीन्) = लालायित, कुछ करने का इच्छुक । petulantly (पेट्युलन्टलि) = चिड़चिड़ेपन से, तुनकमिजाजी से। cordially (कॉडिअलि) = मित्रभाव से। sulk (सल्क) = रूठना, कोप करना, कुढ़ना। feigning (फेनिङ्) = स्वांग रचना, बहाना। intercede (इन्टसीड) = मध्यस्थता के लिए निवेदन या अनुनय। swinging (स्विङ्इङ्) = झूलना, झुलाना।

हिन्दी अनुवाद-"कुछ आया था, परन्तु यह चला गया है। बैठ जाइए, क्या आप नहीं बैठेंगे?" मैंने उसको कुर्सी देते हुए कहा। वह नीचे बैठ गया और शीशे में से ध्यानपूर्वक देखने लगा। अगली सुबह मैंने वातावरण को उसी प्रकार से काला और तनावपूर्ण पाया था-कल शाम का सारा उत्साह चला गया था। जब उनका कमरा खुला तो केवल वही बाहर आया पूरी तरह से वस्त्र पहनकर तैयार था। मैंने कोयले के चूल्हे पर उसके लिए कॉफी बनाई थी। वह बाहर आया और उसने मशीनी रूप से अपना हाथ आगे बढ़ाया मानो कि मैं कॉफी की दुकान पर दूसरी ओर कॉफी बेचने वाला आदमी था। मैंने उसे एक कप कॉफी उंडेल कर दी। "जोसफ टिफिन लेकर आ गया है। क्या आप इसका स्वाद नहीं चखेंगे?"

"नहीं, अब हमें चलना होगा। मैं गुफाओं में पहुँचने का इच्छुक हूँ।" "उस भद्र महिला का क्या?" मैंने पूछा। "उसे अकेला छोड़ दो" उसने चिड़चिड़ेपन से कहा। "मैं उसके आसपास मूर्ख बनकर नहीं घूम सकता और अपने समय की बर्बादी नहीं कर सकता।" कल वाली स्थिति जैसी थी। यह उनकी हर सुबह की आत्मा प्रतीत होती थी। कितने मित्रभाव से वह कल शाम को बरामदे में आकर उसके पास बैठा था। कितने प्रेम से वे उस रात को होटल में गए थे। वास्तव में उस रात का क्या हुआ था कि अगली सुबह वे एक-दूसरे को तोड़ने पर आमादा थे। 

क्या वे बिस्तर पर बैठकर लड़ते रहते थे और क्या उसने उसे कोई भाषण देकर थका दिया था? मैं चीखना चाहता था, "अरे शैतान, तुमने उसके साथ क्या कर दिया कि वह उठने पर इस प्रकार से रूठ गई? तुम्हारे हाथ में एक नायाब खजाना है कि तुम इसकी कीमत नहीं जानते हो-जैसे कोई बन्दर गुलाब की माला उठा लेता है।" तब एक कम्पन करने वाला विचार मुझे आया-सम्भवतः वह गुस्से का बहाना फिर से कर रही थी, जिससे कि मैं मध्यस्थता के लिए प्रार्थना करूँ। उसने अपना कप नीचे रखा और बोला, "अब हमें चलना चाहिए" मैं उसकी पत्नी के बारे में उससे फिर पूछने के लिए डरा हुआ था। वह अधैर्य होकर एक छोटी सी छड़ी को झुला रहा था। क्या यह वह छड़ी थी जिसको वह रात को उस पर प्रयोग कर रहा था?

मेरी जंगली अवस्था में भी, मैंने उससे फिर से पूछने की गलती नहीं की थी, "क्या मैं उसे बलाऊँ?" क्योंकि यह किसी गम्भीर स्थिति की ओर ले जा सकती थी। मैंने केवल पूछा, "क्या वह कॉफी के बारे में जानती है?"
"हाँ, हाँ" वह अधीरता से चीखा, "उसे वहीं छोड़ दो, वह इसे ले लेगी। वह अपने आपकी देखभाल करने की पर्याप्त समझ रखती है।" उसने स्विच को हिलाया और हम चल पड़े थे। केवल मैंने एक बार अपना सिर पीछे घुमाया था उसे देखने के लिए, इस उम्मीद के साथ कि वह शायद खिड़की पर दिखाई दे और हमें वापस बुला लें। "क्या मैं इस सारे रास्ते शैतान के साथ के लिए आया था?" मैंने अपने आपसे पूछा जब मैं उसके पीछे-पीछे पहाड़ी की ढलान से उतर रहा था। यह कितना उचित होता कि वह टकराता

और पहाड़ पर से लुढ़कता हुआ जाता। बुरा विचार, बुरा विचार। वह मेरे आगे चल रहा था। हम अफ्रीका के शिकारियों के एक समूह की तरह से थे-तथ्यपरक रूप से उसके वस्त्र, उसका हेलमेट और उसकी मोटी जैकेट, जैसे कि मैं पहले से ही व्यक्त कर चुका हूँ, कि वह जंगली अफ्रीकन शिकारी की भाँति था।

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26. Our path through grass .............................. I am not afraid.” (Pages 73-75)

कठिन शब्दार्थ-Shrub (श्रब्) = झाड़ी। hugging (हगिंङ्) = आलिंगन करना, किसी को गले लगाना। elsewhere (एल्स्वे अ(र)) = अन्यत्र, कहीं ओर। irrelevant (इरेलवन्ट्) = किसी वस्तु से असम्बद्ध, अप्रासंगिक। lantana (लैन् टा नॅ) = तनातनी। rusty (रस्टि) = जंग खाई हुई, मोरचेदार। hinges (हिन्ज् ) = संधि, चूल, दरवाजे जिसके सहारे खुलते या बन्द होते हैं। improvisation (इम्प्रवाइ 'जेशन) = कामचलाऊ व्यवस्था, तत्काल रचित कृति । bat (बैट) = चमगादड़। whirr (व्(र)) = खरखराहट । motif (मो'टीफ) = किसी वस्तु का चित्र या डिजाइन। indifferently (इन 'डिफरन्टलि) = उदासीनतापूर्वक।
हिन्दी अनुवाद-घास और झाड़ियों में से होता हुआ हमारा रास्ता हमें घाटी की ओर ले जा रहा था। गुफा इसके आधे रास्ते में थी। मैं उसके चलने की गति पर खिन्न हो गया, जैसे कि वह रास्ता जानता था,

अपने कागजातों को उसने कसकर पकड़ रखा था और अपनी छड़ी को लहराता जा रहा था। यदि वह इस पकड़ की आधी गरमी भी कहीं पर और दिखाता! मैंने अचानक पूछा, "क्या आप रास्ता जानते हैं?"
"अरे, नहीं" उसने कहा। "आप मेरे आगे चलकर मुझे ले जा रहे हैं।" मैंने अपनी क्षमता अनुसार व्यंग्य कसते हुए कहा। वह चिल्लाया, "ओह!" भ्रमित नजर आया और कदम हटाते हुए बोला, "अच्छा, अब आप हमें ले जाइए" और एक अप्रासंगिक सम्बन्ध के साथ वह बोला, "कृपया हमें रोशनी दिखाइए।" गुफा का प्रवेश द्वार घनी तनातनी की बेलों के उस पार था। एक बड़ा सा दरवाजा जिसके कुन्दों के जंग लगी हुई थी खुला पड़ा था। और, अवश्य ही, सारी टूटी-फूटी ईंटें और प्लास्टर वहाँ पर पड़ा था। यह एक ऐसी गुफा थी जो एकमात्र चट्टान से सम्पूर्ण छत को ढकी हुई थी। क्यों किसी आदमी ने इस प्रकार के सुदूर स्थान पर इस प्रकार की कोई चीज बनाकर समस्या उठाई यह समझना मेरे लिए बहुत अधिक था।

वह बाहर खड़ा होकर प्रवेश द्वार का पर्यवेक्षण कर रहा था। "आप देखते हैं कि यह प्रवेश द्वार बाद में तत्काल रचित कृति का अवश्य रहा है। यह गुफाएँ, मैं जानता हूँ, ईसा के पश्चात् प्रथम शताब्दी की हैं । इस प्रवेश और इसका दरवाजा बाद की तिथि में बने हैं। आप देख सकते हैं, इस प्रकार का विशाल प्रवेश-द्वार और उत्कीर्ण दरवाजा सातवीं या आठवीं शताब्दी के प्रचलन में था, जब दक्षिण भारतीय शासक इनके शौकीन बन गए थे....." वह इस प्रकार से बात करता रहा। मृत और विघटित होती हुई वस्तुएँ अपनी जुबान खोल चुकी थीं और अपनी कल्पना का बखान कर रही थीं, उन वस्तुओं की तुलना में जो कि जीवित थीं, हिल-डुल सकती थीं और अपने अंगों को झुला सकती थीं। एक गाइड के रूप में मेरे पास करने को कम काम बचा था, वह हर चीज के बारे में इतना अधिक जानता था।

जब वह अन्दर घुसा तो वह बाहरी संसार और उसके निवासियों को पूरी तरह से भूल गया था। इसकी छत नीची थी, परन्तु दीवार का हर इंच का क्षेत्र चित्रित आकृतियों से ढका हुआ था। उसने दीवारों पर टार्च का प्रकाश डाला। उसने अपनी जेब से एक काँच निकाला और उसे बाहर रख दिया जिससे कि एक किरण के रूप में वह सूर्य की रोशनी को चित्रों पर पा सके। चमगादड़ खरखराहट करती हुई उड़ रही थी, फर्श टूटा हुआ
और छिद्रों से भरा हुआ था। परन्तु उसने किसी पर ध्यान नहीं दिया। 

वह नापने, लिखने, फोटो लेने में व्यस्त हो गया था, सारे समय वह बात करता रहा, वह कम से कम इस बात से भी परेशान नहीं था कि मैंने सुना था या नहीं। मैं उसकी टूटी-फूटी सम्पत्तियों को इकट्ठा करने की गतिविधियों से ऊब गया था। दीवार के चित्र महाकाव्यों एवं धर्मकथाओं के प्रसंगों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे और सभी प्रकार के रंग और डिजाइन जिनमें पुरुष, स्त्री, और राजा और जानवर, अपने अजीब पक्ष और हिस्सों में, और प्राचीन जैसे कि चट्टानों को प्रदर्शित कर रहे थे। मैंने उन जैसे सैकड़ों देखे थे, और उनमें और अधिक देखने में मुझे कोई बिन्दु नहीं दिख रहा था। उनके लिए मुझे कोई रुचि नहीं थी, ठीक वैसे ही जैसे अन्य चीजों में उसे कोई रुचि नहीं थी।

"सावधान रहिए" मैंने कहा, "इन दरारों में रेंगने वाले जीव हो सकते हैं।" "अरे, नहीं," उसने उदासीनतापूर्वक कहा, "रेंगने वाले जीव इस प्रकार के रुचिपूर्वक स्थानों पर आमतौर से नहीं आते हैं और मेरे पास यह है।" उसने अपनी छड़ी हवा में लहराई, "मैं व्यवस्था कर सकता हूँ। मैं डरता नहीं हूँ।"

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27. I suddenly said ........... Pining for you every hour.” (Pages 75-76)

कठिन शब्दार्थ-boulder (बोल्ड(र)) = बड़ा शिलाखण्ड। profound (प्र फाउन्ड्) = अत्यधिक, प्रबल, हार्दिक। bliss (ब्लिस्) = सुखद, आनन्दमय । sandwiched (सैण्डविचट्) = बीच में ठूसना। pine (पाइन्) = दु:खी होना।

हिन्दी अनुवाद-मैंने अचानक कहा, "मुझे कार की आवाज सुनाई देती प्रतीत हो रही है। यदि यह गफूर है, तो मुझे बँगले पर जाना होगा, अतः क्या मैं जाऊँ अगर आप चाहें तो? मैं वापस आ जाऊँगा।"
वह बोला, "उसे वहीं रखना। उसे जाने मत देना।" "जब आप वापस आएँ, उसी रास्ते से आना-जिससे कि हम खो नहीं जाएँ।" उसने जवाब नहीं .. दिया, परन्तु वापस अपना अध्ययन करने लग गया।

मैं मकान पर दौड़ता हुआ गया और थोड़ी देर के लिए पिछवाड़े में इन्तजार किया और अपनी श्वास को वापस सामान्य गति में लाया। मैं अन्दर गया, मेरे हाथों से मैंने बालों को संवारा और अपना चेहरा/आवरण बनाया। जैसे ही मैंने प्रवेश किया, मैंने उसकी आवाज सुनी, "मुझे तलाश रहे हो?" वह पेड़ की छाया में एक बड़े पत्थर पर बैठी थी। उसने मुझे अवश्य ही ऊपर आते हुए देख लिया था, "मैंने आपको आधा मील दूर से ही देख लिया था-परन्तु आप मुझे नहीं देख पाए थे", उसने इस प्रकार से कहा मानो कि कोई गलती पकड़ ली हो।

"आप चोटी पर थीं और मैं घाटी में था" मैंने कहा। मैं उसके पास गया और कॉफी के बारे में कुछ विनम्र पूछताछ की। वह खुश और हार्दिक दोनों नजर आ रही थी। मैं उसके पास एक पत्थर पर बैठ गया था।
"आप अकेले ही वापस आए हैं। मैं कल्पना करती हूँ कि वह दीवारों को घूर रहा होगा?" वह बोली। "हाँ" मैंने संक्षिप्त रूप से जवाब दिया। "वह हर जगह यही करता है।" "अच्छा, मैं मानता हूँ कि वह इनमें रुचि लेता है, और कुछ नहीं।" "मेरे बारे में क्या है, क्या किसी और में रुचि है?" "आपकी रुचि क्या है?" "सब कुछ सिवाय ठण्डी, पत्थर की दीवारों के" वह बोली।

मैंने अपनी घडी : ओर देखा। मैं उससे करीब एक घण्टे से दूर था। मैं समय बरबाद कर रहा था। समय मेरी उंगलियों स रह, था। यदि मुझे कुछ अच्छा करना था, मुझे इस मौके का उपयोग करना चाहिए। "हर रात आप सामान्यतया बैठकर झगड़ते हैं, क्या आप ऐसा करते हैं?" मैंने हिम्मत करके कहा।
"जब हम अकेले होते हैं और बात शुरू करते हैं, हम तर्क करते हैं और सब कुछ पर झगड़ते हैं । हम अधिकांश मामलों पर सहमत नहीं होते हैं, और तब वह मुझे अकेला छोड़ देता है और वापस आ जाता है और हम ठीक रहते हैं, बस और कुछ नहीं है।"
"जब तक यह फिर से रात नहीं हो जाती है" मैंने कहा। "हाँ, हाँ"
"यह अविचारणीय है कि कोई आपसे तर्क करे और झगड़ा करे-आपके साथ होना तो बहुत आनन्दमय है।" उसने तीखेपन से पूछा, "आपका क्या मतलब है?" 

मैंने अपने आपको सीधे सादे तौर पर विस्तार से बताया। मैं आज अपने आपको बरबाद करने के लिए तैयार था अगर इसकी जरूरत पड़ी तो, परन्तु मैं उससे कहने और बात करने जा रहा था। यदि वह मुझे बाहर करना चाहती थी, वह मुझे सुनने के बाद इस प्रकार से कर सकती थी। मैं मेरे मन में जो था वह बोला। मैंने उसके नृत्य की प्रशंसा की। मैंने अपने प्यार का इजहार किया, परन्तु मैंने उचित रूप से इसे उसकी कला की विवेचना करने के बीच में ढूंस दिया था। मैं एक श्वास में उसके एक कलाकार होने के बारे में बोल गया और अगले श्वास में मेरे दिल के, प्रियतम के रूप में निरन्तर बात जारी रखी। कुछ इस तरह से, "कितना अद्भुत सर्प नृत्य था। ओह, मैं सारी रात आपके बारे में सोचता रहा । संसार की एक नम्बर की कलाकार हैं आप। क्या आप नहीं देखती हैं कि मैं आपके लिए हर समय कितना दु:खी हूँ।" 

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28. It worked ....................with his books and papers. (Pages 76-78) 

कठिन शब्दार्थ-recklessly (रैक'लसल्)ि = दुस्साहस के साथ, लापरवाही से। moody (मूडि) = अस्थिर मनोदशा वाला, (प्रायः बिना कारण) चिड़चिड़ा, बदमिजाज । clutching (क्लचिङ्) = किसी वस्तु को मजबूती से पकड़ लेना। citation (साइ'टेशन्) = उद्धरण, उद्धत शब्द । scroll (स्क्रोल) = कागज का खर्रा । snub (snubbed) (किसी से) = रूखा बरताव करना।

हिन्दी अनुवाद-यह काम कर गया था। वह बोली, "आप मेरे लिए एक भाई हैं" ("ओह, नहीं" मैं चीखना चाहता था), "और मैं तुम्हें बताऊँगी जो कुछ घटित होगा" उसने मुझे उनके बीच होने वाले झगड़ों का रोज का कारण बताया। "आपने क्यों शादी की थी?" मैंने दुस्साहस करके पूछा । वह अस्थिर मनोदशा वाली रही और बोली, "मैं नहीं जानती हूँ। यह केवल हो गई थी।" ।

"आपने उससे उसकी दौलत की वजह से शादी की।" मैंने कहा, "और आपको अपने चाचा या अन्य लोगों द्वारा इससे शादी करने की सलाह दी गई थी।" "आप देखिए" उसने मेरी बाँह पकड़कर कहना शुरू किया, "क्या आप अन्दाज़ा लगा सकते हैं कि मैं किस वर्ग से हूँ?"
मैंने उसे ऊपर और नीचे देखा और कहना प्रारम्भ किया, "श्रेष्ठतम, जो कुछ भी यह है, और मैं जाति और वर्ग में विश्वास नहीं करता हूँ। आप अपनी जाति के लिए गौरव होते हैं, चाहे से यह कुछ भी हो।" "मैं उस परिवार से हूँ जो मन्दिरों में पारम्परिक रूप से नर्तकियों का कार्य करते आए हैं। मेरी माँ, दादी और उनके पहले, उनकी माँ। एक छोटी सी लड़की के रूप में मैं मेरे गाँव के मन्दिर में नाचती थी। आप जानते हैं। हमारी जाति को कैसे देखा जाता है?"

"यह इस जमीन पर सबसे श्रेष्ठ जाति है?" मैंने कहा।
"हमें सार्वजनिक औरतों के रूप में देखा जाता है" उसने साफतौर पर कहा, और मैं उन शब्दों को सुनकर रोमांचित हो गया था, "हमें सम्मानजनक नहीं माना जाता है, हमें सभ्य नहीं माना जाता है।"
"यह संकुचित विचार पुराने दिनों में सत्य हो सकते हैं, परन्तु यह अभी भिन्न है। बातें बदल गई हैं। आज कोई भी जाति या वर्ग नहीं है।"
"मेरी माँ के द्वारा मेरे लिए एक अलग जीवन की योजना तैयार की गई थी। उसने मुझे बहुत जल्दी स्कूल में भेज दिया था; मैंने अच्छी पढ़ाई की, मैंने अपना स्नातकोत्तर का अध्ययन अर्थशास्त्र में किया था। परन्तु कॉलेज के बाद, यह प्रश्न था कि क्या मुझे एक नर्तकी बनना है या मुझे कुछ और करना है। एक दिन मैंने अपने अखबार में एक विज्ञापन देखा-उसी प्रकार का जैसा कि शायद आपने भी देखा हो, 'आवश्यकता : एक शिक्षित, अच्छी दिखने वाली बालिका कि जो कि अकादमिक रुचि रखने वाले एक धनवान कुंआरे व्यक्ति से शादी कर सके। जाति बन्धन नहीं, सुन्दर और विश्वविद्यालय की डिग्री (उपाधि) होना अनिवार्य है।' मैंने अपने आपसे पूछा, 'क्या मैं सुन्दर दिखती हूँ?' 

"ओह, इसमें कौन सन्देह करेगा?" "मेरे पास एक फोटोग्राफ था जिसमें मैंने विश्वविद्यालय द्वारा दी गई उपाधि का कागज पकड़ रखा था, और मैंने इसे विज्ञापन देने वाले को भेज दिया। हम मिले, उसने मुझे और मेरे सर्टिफिकेट का परीक्षण किया, हम पंजीयक के पास गए और हमने शादी कर ली।" ।
"क्या जिस क्षण आपने उसे देखा आपने उसे पसन्द किया?"

"अभी यह सब मत पूछो" उसने रूखेपन से कहा। "किसी निर्णय पर आने से पहले हमने बहुत से विचारविमर्श किये थे। प्रश्न यह था कि क्या इस व्यक्ति से शादी करना अच्छा होगा जो वर्ग और सम्पत्ति में हमसे बहुत ऊपर था। परन्तु मेरे परिवार की सभी औरतें प्रभावित थीं, इस बात से रोमांचित थीं कि उस जैसा व्यक्ति हमारे वर्ग में शादी करने आ रहा था, और यह निश्चय किया गया था कि यदि यह आवश्यक हुआ कि हमें अपनी पारम्परिक कला को छोड़ना पड़े, तो यह एक बलिदान के योग्य होगा। उसका बड़ा मकान था, एक मोटरकार, वह उच्च सामाजिक प्रतिष्ठा वाला व्यक्ति था, उसका मद्रास के बाहर एक मकान था, वह उसमें एकदम अकेला रहता था, वह अपने कागजों और पुस्तकों के साथ रहता था।" 

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29. So you have no mother ........I asked her. (Pages 78-79) 

कठिन शब्दार्थ-overcome (ऑक्कम) = सफलता, जीतना। locks (लॉकस्) = सिर के बालों के गुच्छे । poring over (पॉरिङ् ऑव(र)) = अध्ययन करना, ध्यानपूर्वक सोचना। turn up (टन् अप्) = आना, पहुँचना। break down (ब्रेक डाउन्) = खराब होना।

हिन्दी अनुवाद-"तो आपकी सास नहीं है?" मैं बोला। "मैं किसी भी प्रकार की सास को प्राथमिकता देती, यदि इसका वास्तव में कोई तात्पर्य होता, एक सजीव पति...." वह बोली। मैंने उसकी ओर उसके दैविक अर्थ को समझने के लिए देखा, परन्तु उसने अपनी आँखें झुका लीं। मैं केवल अनुमान लगा सकता था। उसने कहा, "वह चित्रकारी और पुरानी कला व उसी प्रकार की वस्तुओं में रुचि रखता है।" "परन्तु उनमें नहीं जो अपने अंगों को हिला सकती है." मैं मानता हूँ, मैंने कहा।

मैंने गहरी आह भरी, उसके जीवन के दु:ख से जीत गया। मैंने अपना हाथ उसके कंधे पर रखा और धीरे से उसे थपथपाया। "मैं वास्तव में आपके बारे में सोचकर बहुत दु:खी हूँ, इस प्रकार का मोती जो इस संसार में खो गया था। मैं उसके स्थान पर होता तो आपको इस संसार की रानी बना देता।" उसने मेरा हाथ नहीं झटका। मैंने इसे आगे बढ़ाया और उसके कानों के मुलायमपन को महसूस किया और अपनी अंगुलियाँ उसके बालों के जूड़े में फिराईं।

गफूर की कार नहीं पहुंची थी। एक गुजरता हुआ ट्रक चालक यह संदेश लाया था कि यह खराब हो गई थी और शायद अगले दिन आएगी। दल में से किसी ने भी इस पर वास्तव में ध्यान नहीं दिया था। जोसफ ने हमारी अच्छी देखभाल की थी। मार्को ने कहा कि उसे दीवारों के अध्ययन करने का और समय मिल गया था। मैंने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। इससे मुझे उसका हाथ पकड़कर शीशे की दीवार के पार होने वाले खेल को देखने का अवसर प्राप्त हुआ। जबकि मार्को अपने कमरे में बैठकर अपने कागजों को गहरे ध्यान से पढ़ता था।

जब गफूर की कार आ ही गई थी, मार्को ने कहा, "मैं यहाँ रुकना चाहता हूँ; जैसा मैंने सोचा था उससे और अधिक समय लगने वाला है। क्या आप होटल से मेरे लिए मेरा काला संदूक, मेरे कमरे में लाकर दे सकते हैं? मेरे कुछ कागजात उसमें हैं । मैं चाहूँगा कि आप यहाँ भी रहें, यदि आपके लिए यह समान रहे तो।"

मैं हिचकिचाता हुआ प्रतीत हुआ था और तब एक क्षण के लिए उस लड़की की ओर देखा। उसकी आँखों में एक मूक प्रार्थना थी। मैंने हाँ कह दिया था।
उसने कहा, "आप इसे अपने व्यावसायिक कार्य का एक हिस्सा मान सकते हैं अन्यथा आप यह महसूस करेंगे कि यह आपका सामान्य व्यापार को नुकसान पहुँचाने जा रहा है।"
"ठीक है।" मैंने हिचकिचाते हुए कहा, "यह सत्य है परन्तु मैं आपकी सेवा के योग्य बनना चाहता हूँ। एक बार जब मैं किसी कार्य का जिम्मा ले लेता हूँ, मैं हमेशा महसूस करता हूँ कि वे मेरे उत्तरदायित्व हैं जब तक कि मैं उन्हें सुरक्षित रूप से विदा नहीं कर देता हूँ।"

जैसे ही मैं कार में बैठने जा रहा था, उसने अपने पति से कहा, "मैं भी कस्बे में वापस जाऊँगी; मैं अपने सन्दूक से कुछ वस्तुएँ चाहती हूँ।" मैंने कहा, "हम आज रात को वापस नहीं आ पाएंगे।" उसने अपनी पत्नी से पूछा, "क्या आप व्यवस्था कर सकती हो?" "हाँ" वह बोली। जैसे ही हम पर्वत के सड़क मार्ग से होते हुए नीचे जा रहे थे, मैंने प्रायः यह पाया था कि गफूर हमारी ओर काँच में से देख रहा था। और हम उसकी नजरों के क्षेत्र से दूर हो गए थे। हम शाम को अपने होटल में पहुँचे थे। मैं उसके कमरे तक उसके पीछे-पीछे गया, "क्या हम आज शाम को वापस जा सकते हैं?" मैंने उससे पूछा। 

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30. "Why?" She asked ......... the door on the world. (Pages 79-81) 

कठिन शब्दार्थ-grooming (ग्रुमिंङ्) = साफ-सुथरा, सज-धजकर रहना, संवारना। dandy (डेंडी) = छैला व्यक्ति जो अपने वस्त्रों, बाहरी आवरण एवं चमक-दमक की बहुत ज्यादा परवाह करे । zest (जेस्ट) = अत्यधिक आनन्द या उत्तेजना। suburban (सब्अब्न) = कस्बे या शहर के मध्य भाग से बाहर का क्षेत्र। brooch (ब्रूच) = औरतों के वस्त्रों पर लगने वाला गहना जिसमें एक पिन होती है। brooks (ब्रुक्स) = छोटी धारा। perpetual (प्पीच्युअल) = अनन्त रूप से निरन्तर, स्थायी। loaf (लोफ) = निरर्थक समय व्यतीत करना। crepe (क्रेप) = हल्का, पतला, झुर्रियोंदार कपड़ा। wander (बॉन्ड(र)) = भटकना, घूमना। vivacity (विवेसिट्)ि = जीवन्त और प्रसन्न। inquisitive (इन क्विजटिव्) = दूसरे लोगों के मामले में जानने का उत्सुक। feebly (फीबलि) = धीरे से, कमजोरी से।

हिन्दी अनुवाद-"क्यों?" उसने पूछा। "मान लो गफूर की कार रास्ते में रुक जाती है? उस सड़क पर इस तरह का खतरा नहीं लेना चाहिए। मैं आज रात को यहीं रुकूगी।"  मैं घर वस्त्रादि बदलने गया। जिस क्षण मेरी माँ ने मुझे देखा वह मुझे बहुत कुछ बताना चाहती थी और वह बहुत कुछ पूछना भी चाहती थी। मैंने प्रत्येक बात का कोई महत्त्व नहीं दिया। मैं जल्दी से नहाया और अपने आपको सजाया-संवारा और खास कपड़ों का एक दूसरा जोड़ा बाहर निकाला। मैंने अपने पुराने कपड़े एक बण्डल में बाँधकर माँ को दे दिए थे। "क्या तुम दुकान के उस लड़के को उन्हें ले जाने और धोबी से धुलवाने के लिए कह दोगी और वह उनको इस्तरी करवा ले? मुझे कल इनकी जरूरत पड़ सकती है।"

"आजकल छैला बनते जा रहे हो?" माँ ने ध्यान से मुझे देखते हुए कहा। "आजकल तुम हमेशा भागते हुए क्यों रहते हो?" मैंने उससे कुछ क्षमायाचना की और पुनः बाहर आ गया। मैंने उस दिन के फेरों के लिए गफूर को काम में लगा दिया। मैं एक सच्चा गाइड था। मैंने कभी भी इतने उत्साह से किसी को कस्बा नहीं दिखाया था। मैं रोजी को सभी स्थानों पर ले गया था, उसे टाउन हॉल, मीनार, सरयू दिखाई, और हम बालू रेत में बैठे और नमक लगे दानों का एक बड़ा पैकट चबा गए थे। वह एक बच्चे की तरह व्यवहार किया-उत्तेजित, रोमांचित सब कुछ की प्रशंसा करने वाली । मैं उसे आसपास के सभी भण्डारों में ले गया और उसे वह सब कुछ खरीदने के लिए कहा जो वह पसन्द करे। यह सम्भवतः पहली बार था जब वह संसार को देख रही थी। वह बहुत ही प्रसन्नताओं में भरी थी। जब गफूर कुछ क्षणों के लिए मुझे स्टोर के बाहर मिला तब उसने मुझे चेतावनी दी, "याद रखो वह एक शादीशुदा महिला है।" "तो क्या हुआ?" मैंने कहा, "तुम मुझे क्यों यह कहते हो?"

"श्रीमान, गुस्सा मत होइए, मैं केवल यही कहना चाहता हूँ कि जरा धीमी रफ्तार से चलो।"
"तुम्हारा मन साफ नहीं है, गफूर। वह मेरे लिए बहिन की तरह से है।'' मैंने कहा और उसे चुप करने का प्रयास किया। उसने केवल इतना कहा, "आप ठीक कहते हो। मुझे इससे क्या? अन्ततः वह आदमी है वहाँ जिसने वास्तव में उससे शादी की है। और मेरे पास मेरी स्वयं की पत्नी है जिसके लिए मैं परेशान होऊँगा।" मैं उसे छोड़कर वापस स्टोर में चला गया था। उसने एक सिल्वर का ब्रुच लिया जिसमें चारों ओर रंगीन चित्रकारी थी जैसे कि कोई मोर के होती है। मैंने इसके पैसे दिए और उसकी साड़ी पर लगा दिया। हमने ताज की छत पर खाना खाया, जहाँ से हम बहती हुई सरयू नदी का दृश्य देख सकते थे। जब मैंने इसे उसकी ओर इंगित करके बताया, वह बोली, "यह अच्छा है। परन्तु मैंने घाटियाँ, पेड़ और झरने देख लिए हैं जिनको मैं अपने जीवनकाल में याद रखेंगी।" हम हँसे। हम निरन्तर हँसने की दशा में प्रवेश कर रहे थे।

वह बाजार में व्यर्थ घूमना चाहती, भीड़ भरी होटलों में खाना, इधर-उधर भटकना, सिनेमा देखना चाहती थी-इन सभी दिनों में उसके लिए यह आम खुशियाँ जो उसकी पहुँच के बाहर थीं, वो आनन्द, खुशियाँ उसे प्रतीत हो रही थीं। मैंने कार को सिनेमाघर पर छोड़ दिया। मैं नहीं चाहता था कि गफूर मेरे सभी क्रियाकलापों, हलचलों को देखे। हम पिक्चर देखकर होटल पैदल ही वापस आए। हमने कठिनाई से गौर किया था कि यह क्या था। मैंने एक बॉक्स ले लिया था। उसने हल्के पीले रंग की क्रेप की साड़ी पहन रखी थी जो उसे बहुत ही आकर्षक बना रही थी कि लोग उसकी ओर देख रहे थे। उसकी आँखें आभार और प्रसन्नता से चमक रही थीं। मैं जानता था कि मैंने उसे अपने एहसान से दबा दिया था।

यह लगभग मध्यरात्रि हो गई थी। होटल के डेस्क पर उस आदमी ने हमें जाते हुए बिना किसी रुचि के देखा। होटल की डेस्क पर बैठने वाले लोगों को यह सिखाया जाता है कि वे ज्यादा दूसरे लोगों के मामले में पूछताछ नहीं करें। 28 नम्बर कमरे के दरवाजे पर मैं ठिठका। उसने दरवाजा खोला, अन्दर गई, और ठिठकी, दरवाजे को उसने आधा खुला छोड़ दिया था। एक क्षण के लिए वह मेरी ओर खड़ी देखती रही, जैसा कि पहले दिन हुआ था। "क्या मैं अब जाऊँ?" मैंने फुसफुसाते हुए कहा। "हाँ, शुभ रात्रि" उसने धीरे से कहा। "क्या मैं अन्दर नहीं आ सकता हूँ?" मैंने उससे अपने सबसे दुःखी वाक्य में कहा।
"नहीं, नहीं जाओ।" वह बोली। परन्तु एक भावना के साथ मैंने उसे होले से धक्का मारा और अन्दर घुस गया और संसार के लिए दरवाजे को बन्द कर दिया।

RBSE Class 11 English The Guide Translation in Hindi Part 2

31. Raju lost count of ....................... through the columned halls. (Pages 81-82)

कठिन शब्दार्थ-jutted out (जट्टेि आउट) = बाहर आना, रेखा से बाहर निकलना। tinsel (टिनस्ल) = चमकदार धातु जो सजावट के लिए धागों में प्रयुक्त की जाती है, गोटा। mist (मिस्ट्) = नमी। caressed (केअस्ड) = प्यार से छूना या मारना। compassion (कम्पेश्न्) = दया करना। emanated (एमनैटिड) = बाहर आना या बहना। accumulation (एकयूम्युलेशन) = ढेर, इकट्ठा किया हुआ। chrysanthemum (क्रिसेनथ्म्म ) = तेज चमकते रंगों के फूल। congregation (कॉग्रीगेश्न्) = धार्मिक समूह। parlance (पालन्स्) = मुहावरेदार, लच्छेदार भाषा। pattering (पैटरिङ्) = तेज और अजीब आवाज जो कि किसी मजाकिये द्वारा कही जाती है, तेज आवाज और रोशनी के साथ। cozy (cosy) (कॉजी) = आरामदायक । swish (स्विश्) = हवा में सांय-सांय की आवाज के साथ झूलना। aloft (अलोफ्ट) = अलग, अकेला। peculiar (पकयूलि(र)) = विशेष।

हिन्दी अनुवाद-इन गतिविधियों को करने में राजू समय की गणना को भूल गया-एक दिन दूसरे दिन जैसा लगता और हमेशा भीड़ भरा हुआ। कई माह (या शायद वर्ष) गुजर गए। वह ऋतुओं को जो विशेष बिन्दु पर बाहर निकलकर आते थे, उनसे गणना करता था, जैसे कि जनवरी में फसल कटने के समय, जब उसके शिष्य उसके लिए गन्ना और गन्ने के रस में पके चावल लाते थे, जब वे उसके लिए फल और मिठाइयाँ लेकर आते थे, वह जान जाता था कि नया तमिल वर्ष आ गया था, जब दशहरा आता था तो वे अतिरिक्त दीये लाते और उन्हें जलाते थे, और पूरे नौ दिनों तक वे औरतें व्यस्त रहती थीं, वे स्तम्भाकार हॉल को रंगीन कागज और गोटे से सजाया करती थीं; और दीपावली के लिए वे उसे नये वस्त्र और पटाखे लाकर देती थीं और वह विशेष मौकों पर बच्चों को आमंत्रित करता और पटाखे जलाता था। इस प्रकार से वह समय की गणना अस्पष्ट रूप से वर्ष के प्रारम्भ से अन्त तक करता था। जिसमें धूप, बारिश और नमी की ऋतुएँ आती थीं। उसने तीन वर्षों की नियमित गणना की और तब गणना भूल गया। उसने यह अनुभव किया था कि उसके लिए समय का हिसाब रखना व्यर्थ था।

उसकी दाढ़ी अब उसके सीने की ओर बढ़ रही थी, उसके बाल उसकी पीठ ढक रहे थे और अपने गले में वह प्रार्थना के मोतियों की माला पहनता था। उसकी आँखें दया और प्रेम के मुलायमपन से चमकती थीं, उसमें से बुद्धि का प्रकाश फैलता था। ग्रामीण उसके लिए बहुत सी वस्तुएँ लेकर आते थे कि वह उनको इकट्ठा करने की रुचि खो चुका था। वह भीड़ को दिवस के अन्त में जो कुछ इकट्ठा होता था, बाँट देता था। वे उसके लिए बगीचे में रंगबिरंगे फूलों की मालाएँ, चमेली और गुलाब की पंखुड़ियाँ टोकरियाँ भरकर लाते थे। वह उनको सभी को उपस्थित औरतों और बच्चों को दे देता था।

एक दिन उसने वेलान से विरोध करते हुए कहा, "मैं एक गरीब आदमी हूँ और तुम भी गरीब हो; तुम मुझे यह सब क्यों देते हो? तुम्हें इन सब को रोक देना चाहिए।" परन्तु इस अभ्यास को रोकना सम्भव नहीं था, वे उसके लिए उपहार लाने को पसन्द करते थे। उसके धार्मिक समूह के लोग उसे स्वामी के नाम से पुकारते थे, और जहाँ पर वह रहता था, उसे मन्दिर कहते थे। यह एक आम बातचीत के रूप में प्रसिद्ध होता जा रहा था, "स्वामीजी ने यह कहा, वह कहा" या "मैं अपने मन्दिर की ओर जा रहा हूँ" लोग इस स्थान को इतना अधिक प्रेम करने लगे थे कि वे इसकी दीवारों की पुताई करते और उन पर लाल रंग के बंधन बाँध देते थे।

वर्ष के प्रारम्भिक आधे हिस्से में बारिश होने लगी थी, जो कि कुछ घण्टों तक अत्यधिक गर्जना के साथ तेजी से गिरी थी; साल के बाद के हिस्से में थोड़ा कम प्रकार की बारिश हुई, सीधे अजीब सी आवाज और रोशनी के साथ गिरने लगी थी। परन्तु भीड़ को उस बारिश ने भी प्रभावित नहीं किया। लोग अपने आपको बाँस की बड़ी चटाइयों से ढककर या छाता या नारियल की छान से ढककर बचाते हुए लाते थे। हॉल बारिश के गीले मौसम में और पैक हो गया था कि लोग बाहरी गलियारे में भी नहीं जा सकते थे। 

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परन्तु इसने भीड़ को आरामदायक बना दिया, वे ठण्ड में रुचिकर और शान्त रहे । और बारिश की बौछार और पेड़ों के द्वारा हवा की सांय-सांय और उफनती नदी (जिसने उनके बच्चों को ऊँचा कंधे पर उठाकर ले जाने को बाध्य कर दिया और नदी के कुछ छिछले हिस्से से ही जाने दिया) वे आगामी प्रक्रिया में एक विशेष आकर्षण देने लगी थी। राजू को इस मौसम से प्यार था, क्योंकि हर जगह हरियाली, विभिन्न प्रकार के बादल आकाश में खेलते थे जिनको कि वह अपनी हॉल की दीवार के हिस्सों में से देखता था।

Bhagya
Last Updated on Sept. 9, 2022, 11:18 a.m.
Published Aug. 24, 2022