RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 2 जीव जगत का वर्गीकरण

Rajasthan Board RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 2 जीव जगत का वर्गीकरण Important Questions and Answers.

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RBSE Class 11 Biology Chapter 2 Important Questions जीव जगत का वर्गीकरण


I रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न (Fill in the blanks type questions)

प्रश्न 1. 
लीनिक्स ने सभी जीवों के वर्गीकरण हेतु ............................ पद्धति विकसित की थी। 
उत्तर:
द्विजगत

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प्रश्न 2. 
पांच जगत वर्गीकरण की पद्धति ............................ ने प्रस्तावित की थी। 
उत्तर:
किटेकर

प्रश्न 3. 
विबियम जीनाम् ............................ आकार के होते हैं। 
उत्तर:
कॉमा

प्रश्न 4. 
मधेनोजन अनेक ............................ पशुओं के आंच में पाये जाते हैं।
उत्तर:
रुमिलेंट

प्रश्न 5. 
............................ सबसे छोटी जोषित कोशिकाएं हैं। 
उत्तर:
माइकोप्लाज्मा

प्रश्न 6. 
साएटम तथा सुनहरे शैवाल ............................ समूह के अन्तर्गत आते हैं।
उत्तर:
क्राइसोफाश्या

प्रश्न 7. 
............................ की अधिक संख्या के कारण समुद्र का जल लाला दिखने लगा है।
उत्तर:
डायनोपौजिलेट

प्रश्न 8. 
............................ कवक मृतपोषी प्रोटिन्य है। 
उत्तर:
अवपंक

प्रश्न 9. 
............................ के कारण निदाट व्याधि नामक बीमारी होती है।
उत्तर:
ट्रिपेनोसोमा

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प्रश्न 10. 
अपूर्ण कवक ............................ के अन्तर्गत आते हैं।
उत्तर:
इयूटिरोमाइसिटीज।
 

II. सत्य व असत्य प्रकार के प्रश्न (True and False type questions) 

प्रश्न 1. 
विषाणु को रखेपार बनाया जा सकता है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 2. 
मवेशियों में मेडकाक रोग वाइराइड के द्वारा होता है। (सत्य/असत्य)
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 3. 
मम्पस, इजि तथा चेचक रोग जीवाणु द्वारा होते हैं। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
असत्य

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प्रश्न 4. 
मानव में सी आर जैकब रोग प्रिजओन के कारण होता है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 5. 
लेडरवर्ट तथा वीनस फ्ला५ कोटभनी पौधे हैं। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 6. 
किट्ट तथा कंड (मह) का कवकजनन अशाखित तथा पटोय होता है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 7. 
आल्टरनेरिया तथा ट्राईकोडर्मा सिडियोमाइसिटीन के सदस्य है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 8. 
पाहकोमाइसिटोज में बीजानु पानी में अन्तर्जातीय उत्पन्न होते है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 9. 
कवकनूल तथा लाइकैन सहजीणी के जदाहरण हैं। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

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प्रश्न 10. 
पैरामीशियम एक कशाभि प्रोटोजोआ है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
असत्य

III.निम्न को सुमेलित कीजिए (Match the following)

स्तम्भ - I में दिये गये पदों का स्तम्भ - II में दिये गये पदों के साथ सही मिलान कीजिए
प्रश्न 1. 

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. मॉनेरा

(i) ऐनिमेलिया

B. प्रोटिस्टा 

(ii) फंजाई

C. काइटिन युक्त कोशिका भित्ति

(iii) यूकैरियोटिक

D. कोशिका भित्ति अनुपस्थित

(iv) प्रोकैरियोटिक


उत्तर:

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. मॉनेरा

(iv) प्रोकैरियोटिक

B. प्रोटिस्टा 

(iii) यूकैरियोटिक

C. काइटिन युक्त कोशिका भित्ति

(ii) फंजाई

D. कोशिका भित्ति अनुपस्थित

(i) ऐनिमेलिया


प्रश्न 2. 

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. मौथोनोजेन

(i) यूबैक्टीरिया

B. नॉस्टॉक

(ii) क्राइसोफाइटा

C. टायफॉइड

(iii) पशुओं की आंत्र में

D. डाइराटम

(iv) जीवाणु


उत्तर:

स्तम्भ - I

(iii) पशुओं की आंत्र में

A. मौथोनोजेन

(i) यूबैक्टीरिया

B. नॉस्टॉक

(iv) जीवाणु

C. टायफॉइड

(ii) क्राइसोफाइटा

D. डाइराटम

(iii) पशुओं की आंत्र में


प्रश्न 3. 

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II 

A. हेटेरोसिस्ट

(i) मृतपोषी प्रोटिस्ट

B. गोनियालैक्स

(ii) अमोबीय प्रोटोजोआ

C. अवपंक कवक

(iii) सायनो बैक्टीरिया

D. रांट अमीबी

(iv) डायनोफ्लैजिलेट


उत्तर:

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. हेटेरोसिस्ट

(iii) सायनो बैक्टीरिया

B. गोनियालैक्स

(iv) डायनोफ्लैजिलेट

C. अवपंक कवक

(i) मृतपोषी प्रोटिस्ट

D. रांट अमीबी

(ii) अमोबीय प्रोटोजोआ

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प्रश्न 4.

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. ऐलबुगो

(i) पादप जगत

B. आल्टरनेरिया

(ii) प्रोसंक 

C. संतत्ति एकान्तरण

(iii) फाइकोमाइसियज

D. मेडकाऊ रोग

(iv) ड्यूटिरोमाइसिटिज


उत्तर:

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. ऐलबुगो

(iii) फाइकोमाइसियज

B. आल्टरनेरिया

(iv) ड्यूटिरोमाइसिटिज

C. संतत्ति एकान्तरण

(i) पादप जगत

D. मेडकाऊ रोग

(ii) प्रोसंक


प्रश्न 5.

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. कवकांश

(i) तंबाकू का मौजेक रोग

B. टी.ओ. डायनर

(ii) विषाणु

C.  इबानोवस्की

(iii) लाइकेन

D. जुकाम व फ्लु

(iv) वाइराइड


उत्तर:

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. कवकांश

(iii) लाइकेन

B. टी.ओ. डायनर

(iv) वाइराइड

C.  इबानोवस्की

(i) तंबाकू का मौजेक रोग

D. जुकाम व फ्लु

(ii) विषाणु

 

अतिलघत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
लीनियस के काल में सभी पादपों और प्राणियों के वर्गीकरण के लिए कौनसी पद्धति विकसित की गई थी?
उत्तर:
लीनिवस के काल में सभी पाद और प्राणियों के वर्गीकरण के लिए द्विजगत पद्धति विकसित की गई थी।

प्रश्न 2. 
पांच जगत वर्गीकरण की पद्धति किस वैज्ञानिक द्वारा प्रस्तावित की गई थी?
उत्तर:
आर.एच. विटेकर द्वारा पाँच जगत वर्गीकरण की पद्धति प्रस्तावित की गई थी।

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प्रश्न 3. 
कवों की कोशिका भित्ति किसकी बनी होती है? 
उत्तर:
कवयों की कोशिका भित्ति काइटिन को बनी होती है। 

प्रश्न 4. 
कॉम - आकार के बैक्टीरिया क्या कहलाते हैं? 
उत्तर:
कॉमा के आकार के कोरिया को विनियम/विनियो कहते हैं।

प्रश्न 5. 
विशिष्ट प्रकार के बैक्टीरिया को क्या कहते हैं? 
उत्तर:
विशिष्ट प्रकार के बैक्टीरिया को आद्य बैक्टीरिया कहते हैं।

प्रश्न 6. 
सायनो यैक्टीरिया (नील हरित शैवाल) में किस प्रकार का क्लोरोफिल पाया जाता है?
उत्तर:
सायनो बैक्टीरिया (नौल हरित शैवाल) में क्लोरोफिल ए पाया जाता है।

प्रश्न 7. 
ऐसे जीवधारी का नाम लिखिये जिनमें कोशिका भित्ति बिल्कल नहीं पाई जती है।
उत्तर:
माइकोप्लामा ऐसे जीवधारी हैं जिनमें कोशिका भित्ति बिल्कुल नहीं पाई जाती है।

प्रश्न 8. 
टाइएटम की कोशिका भित्ति में पाये जाने वाले तत्व का नाम लिखिये।
उत्तर:
साएरम को कोशिका भिति में पाये जाने वाले तल्प का नाम सिलिका है।

प्रश्न 9. 
डाएटम मृदा का कोई एक उपयोग लिखिए। 
उत्तर:
हाइएटम मुदा का उपयोग पॉलिश करने में किया जाता है। 

प्रश्न 10. 
फैजाई की कोशिका भिति किसकी बनी होती है?
उत्तर:
फजाई की कोशिका भित्ति काइटिन तथा पॉलिसकेराइड की बनी होती।

प्रश्न 11. 
सरसों की पत्तियों पर स्थित सफेद पव्वे किस परजीवो फैजाई के कारण होते?
उत्तर:
सरसों की पत्तियों पर स्थित सफेद पव्वे ऐल्यूगो परजीवो फलाई के कारण होते है।

प्रश्न 12. 
किस वर्ग के फजाई को घेरली फजाई कहते हैं? 
उत्तर:
ऐस्कोमाइसिटीज वर्ग के फंलाई को थैली फंचाई कहते हैं। 

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प्रश्न 13. 
न्यूरोस्पोरा का उपयोग किन प्रयोगों में किया जाता है?
उत्तर:
न्यूरोस्मोरा का उपयोग जैवरासायनिक तथा आनुवंशिक प्रयोगों में किया जाता है।

प्रश्य 14. 
पादप के जीवन का में दो सुस्पष्ट पायी जाने वाली अवस्याओं का नम लिखिए।
उत्तर:

  • द्विगुणित बीजाणु - उद्भिद 
  • अगुणित युग्मकोद्भिद्। 

प्रश्न 15. 
सर्वप्रथम वायरस को नम देने वाले वैज्ञानिक हैं।
उत्तर:
पास्चर डी.जे. इवानोवस्की (1892) ने सर्वप्रथम वायरस नाम दिया।

प्रश्न 16. 
"वायरस को खेदार बनाया जा सकता है।" यह कथन किराका?
उत्तर:
यह कथन डबल्यूएम, स्थानले का है। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
प्रदूषण के अच्छे संकेतक का नाम लिखिये एवं इसका वर्णन कीजिये।
उत्तर:
प्रदूषण के अच्छे संकेतक का नाम लाइकेन है। लाइकेन शैवाल तथा कवा से युक्त एक संघटिल चैलाभ संरचना (Composite Thallord Structure) है। बल घटक को शवालांश तथा कवक के घटक को माइकोबायंट (कवकांश) कहते हैं, क्रमश: स्वपोषी तथा परपोषी होते हैं। शैवाल कषक के लिए प्रकाश - संश्लेषण द्वारा भोजन का निर्माण करता है और कवक शेवाल के लिए आनय देता है तथा खनिज एवं गल का अवशोषण करता है। अत: यह एक - दूसरे को लाभ पहुंचाते हुए जीवन व्यापन करते हैं अतः इस सम्बन्ध को सहजीवन तथा इन जीवों को सहजीवो कहते हैं।
लाइकेन प्रदूषण के अपो संकेतक हैं। 

प्रश्न 2. 
संतति एकांतरण से क्या तात्पर्य है? समझाइये।
उत्तर:
पादप के जीवन चक्र में दो सुस्ट अवस्थाएँ द्विगुणित बीगणु-उभिद् तथा अगुणित युग्मद्भिद होती है। इन दोनों में पोदी एकान्तरण होता है। विभिन्न प्रकार के पादप वर्गों में अगुणित तथा द्विगुणित प्रावस्थाओं की लम्बाई विभिन्न होती है। युग्मनज (2n) में निसिस विभाजन के द्वारा अगुणित (n) बीवाणु बनते हैं। ये चीजणु अकुरित होन युग्मेद्भिद बनाते हैं युग्मक (नर एवं मादा) युग्मोद्भिद् पर बनते हैं जो संलयन होकर पुनः द्विगुणित युग्मनज बनाते हैं। युग्मनन से बीगणु - उद्भिद विकसित होता है। इस प्रक्रम को संतति एकांतरण कहते हैं।
उदाहरण यूलोधिता एवं पल्बूगो। 

प्रश्न 3. 
माइकोप्लाज्मा के कोई चार लक्षण लिखिए। 
उत्तर:
माइकोप्लाज्मा के चार लक्षण चिनलिखित हैं:

  1. माइकोप्लाज्मा सूक्ष्मतम (Smallest) जीव होते हैं। 
  2. ये परगोषी या मृतोपजीवो होते हैं। 
  3. इनमें कोशिका भिति का अभाव होता है। 
  4. ये सबसे छोटी जीवित कोशिकाएं होती है। 
  5. ये ऑक्सीजन के बिना भी जीवित रह सकती हैं। 
  6. माइकोप्लाज्मा प्राणियों एवं पादपों के लिए रोगजनक होते हैं। 

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प्रश्न 4. 
अवपंक कवक क्या हैं? समझाइये।
उत्तर:
अवपंक कषक मृतपोषी प्रोटिस्टा हैं। ये सड़ती हुई टहनियों तथा पत्तों के साथ गति करते हुए जैविक पदार्थ का भक्षण करते हैं। अनुकूण परिस्थितियों में ये समूह (प्लाज्मोडियम) बनाते हैं, जो कई फीट तक लम्बाई का हो सकता है। प्रतिकूल परिस्थितियों में ये विखरकर सिरों पर जीजापुगुका फलनकाय बनाते हैं। इन बीजापुओं का परिक्षेपण वायु के साथ होता है।

प्रश्न 5. 
शैवाल और कवकों में चार अन्जर लिखिए।
उत्तर:
रीवाल तथा कवक में अन्तर 

शैवाल

कवक

1. शैवाल पर्णहरित युक्ता तथा स्वपोषी होते हैं।

कवक परपोषी तथा पहरित का अभाव होता है।

2. इनकी कोशिका भित्ति सेल्यूलोस से बनी होती है।

काइटिल से बनी होती है।

3. थैलस तन्तुमय या वास्तविक मृदूतक से बनी होती है।

थैलस तन्तुमय कवक जाल का तथा आभासी मृदूतक से बना होता है।

4. संचयित खाद्य पदार्थ मण्ड के रूप में होते हैं।

संचयित खाद्य पदार्थ तेल एवं ग्लाइकोजन के रूप में होते हैं।

 

प्रश्न 6. 
अविकल्पी परजीवी किसे कहते हैं?
उत्तर:
वे परजीवो जो किसी विशेष पौधे पर ही लगते हैं यदि उन्हें वह पादप उपलब्ध नहीं होता है तो वे सर्व समाप्त हो जाते हैं या अपना जीवनयापन नहीं कर पाते। उदाहरण - एल्यूगो वा सिस्टोपस नामक कवक परजीवी के रूप में सरसे पर रहता है।

प्रश्न 7.
फजाई के कोई चार महत्वपूर्ण लक्षण लिखिए। 
उत्तर:
फैजाई के महत्वपूर्ण लक्षण निम्न हैं:

  1. फंजाई पतले सूत्रों के रूप में पाये जाते हैं, इन सूत्रों को हाइफे (Hyphae) या कवक तान्न कहते हैं। मगर यीस्ट एक - शोशिक होता है।
  2. कवक तन्तु सतत नलिकावर होते हैं, जिनमें बहुकेन्द्रकित कोशिका द्रव्य भरा होता है, जिन्हें संकोशिकी कवक तनु कहते हैं।
  3. कुछ कवक तन्तुओं के पों में छिद्र बने हो सकते हैं जिनमें से होकर साइटोप्लाज्म स्वच्छंद रूप में बह सकते हैं।
  4. हाइफे के समूह को माइसीलियम (Mycelium) कहते हैं। इनकी कोशिका भित्ति काटिल की बनी होती है।
  5. माइसौलिया अधस्तर पर अथवा जमीन पर फैले हो सकते हैं। यहाँ तक कि इस प्रकार वे कई-कई किलोमीटर तक फैले होते हैं।
  6. कवकों में अलैंगिक तथा लैंगिक दोनों प्रकार का जनन होता है।
  7. फजाई (कवक) यूकेरियोटिक, बहुकोशिक मृतपोषी होते हैं, जिनकेतच जमीन के भीतर लकड़ी में अथवा अन्य अधःस्तरों में पनपते हैं।

प्रश्न 8.  
लाभकारी कवकों का वर्णन कीजिये।
उत्तर:

  1. मशरूम जैसे 'गुच्छी' एगरिकस कैम्पेरिट्रस (Aparicus campestris) खाए जाते हैं।
  2. यीस्टों को बेड, बोयर, सोया सॉस, 'चीज' तथा मदिरा आदि के निर्माण में इस्तेमाल किया जाता है।
  3. माइकाराजे कवक पौधों की जड़ों के साथ रहते पाये जते हैं। इस प्रकार के साहचर्य से पौधों की जड़ों को पर्यावरण से खनिज प्राप्त होता है जयकि कवक को पौधे से तैयार भोजन मिलता है।
  4. बूरोस्पोग (Neurospora) आनुवंशिकी के क्षेत्र में किए जाने वाले प्रयोगों में इसका इस्तेमाल किया गता है।
  5. कवकों से अनेक एंटिबायोटिक प्राप्त होते हैं। पेनिसिलियन नोटेटम से पेनिसिलिन प्राप्त होती है। इसके प्रति वकीय प्रभाव की खोज सन् 1927 में पहले कष्टर प्लेमिंग द्वारा की गई थी।

प्रश्न 9. 
बैक्टीरिया तथा साएनोबैक्टीरिया में कोई चार अन्नर लिखिरा।
उत्तर:
बैक्टीरिया तथा साएनोबैक्टीरिया में अन्तर:

बैक्टीरिया

साएनोबैक्टीरिया

1. छोटी कोशिकाएँ।

अपेक्षाकृत बड़ी कोशिकाएं।

2. कशाभ हो सकते हैं।

कशाभ नहीं होते हैं।

3. कुष्ठ वैक्टीरिया (हरे बैक्टीरिया) में प्रकाश - संश्लेषण एक अलग प्रकार से होता है, जिसमें ऑक्सीजन बाहर निकलती है।

प्रकाश - संश्लेषण में सामान्य नवीके से ऑक्सीजन निकलती है जैसा कि हरे पौधों में होता है।

4. लैंगिक बनन संयुग्मन द्वारा।

संयुग्मन होता नहीं देखा गया।


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प्रश्न 10.
शैवालों की उपयोगिता पर टिप्पणी लिखिए। 
उत्तर:
शैवालों की उपयोगिता निम्न प्रकार से है:

  1. ये विटामिन A तथा B के भरपूर सोत हैं। 
  2. मछलियों के लिए भोजन प्रदान करते हैं।
  3. अनेक समुद्री शैवाल आयोडीन, पोटैशियम तथा अन्य खनिने के महत्वपूर्ण लोन होने हैं।
  4. कुछ शैवाल वायुमण्डलीय नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं जिसके कारण वे पौधों के वास्ते प्राकृतिक उरिक का स्रोत होते हैं।
  5. शैवालों का एक वर्ग (साक्टम) अपनी दीवारों में सिलिका जामाता है। मृत्यु के बाद ये प्राणी जीवाश्म अन जाने हैं। इसके निक्षेप बड़ी मात्र में फिल्टरों तथा भट्टियों के अस्तरों के बनाने में काम आने हैं।

प्रश्न 11. 
शैवालों के चार विभेदात्मक लक्षण दीजिए। 
उत्तर:

  1. पर्णहरित को उपस्थिति तथा ये स्वपोषी होते हैं।
  2. पादप शरीर सूफाय (thallus) की जैसे तथा लैंगिक अंग एककोशिकीय या बहुकोशिकोय होते हैं।
  3. कोशिका भिति सेल्यूलोस से बनी होती है। 
  4. प्राय: ये जल या नमी वाले आवास में पाये जाते हैं। 

उदाहरण बलोरोफारसी, फिपोफापसी, क्राइसोफाइसी इत्यादि के सदस्य।

प्रश्न 12. 
प्रोटिस्टा वर्ग के सामान्य लक्षण लिखिए। 
उत्तर:
प्रोटिश्य वर्ग के लक्षण निम्न प्रकार है:

  1. अधिकांश नोटिस जालीय, एककोशिकीय तथा कैरियोटो सूक्ष्मजीव हैं। 
  2. कोशिका विभाजन में गुणसूत्रों के द्विगुणन को स्पष्ट भूमिका होती है। 
  3. कुछ प्रोटिस्ट प्रकाश - संश्लेषी होते हैं परन्तु कुछ परभक्षी या परजीवी तथा कुछ मृतोपजीवी होते हैं। 
  4. कोशिकांग उपस्थित होते हैं तथा शिल्लीबद्ध होते हैं तथा 805 प्रकार के राइयोसोम्स पाये जाते हैं।
  5. अलीगक प्रजनन हिवाइन (binary fission) या बहुविखण्डन (multiple fission) द्वारा होता है। 
  6. लैंगिक प्रजनन दो केन्द्रकों के संलयन द्वारा होता है अपात् युग्मक - संलयन (syngam) द्वारा होता है। 
  7. चलन पक्ष्माभ (cilia), कशाभिक (flagellum), कूटपाद (pseudopodia) अथवा कुंचनशील रेशों (contractile fibrils) के द्वारा होता है। 

प्रश्न 13. 
मोनेरा जगत की विशेषताओं पर संक्षिप्त विवरण लिखिए।
उत्तर:
सभी जीवाणु मोनेरा जगत के अनार्गत आते हैं। ये सभी स्थानों पर पाये जाते हैं। सूक्ष्मजीवियों में इनकी रल्यसे अधिक संख्या होती है। ये विषम या प्रतिकूल वासस्थानों पर भी पाये जाते हैं जैसे गर्म जल के झरने, बर्फ, गहरे समुद्र एवं मरुस्थल आदि। अनेक जीवाणु अन्य जीवों पर या उनके अन्दर परजीवी के रुप में रहते हैं। जीवाणुओं को उनके आकार के आधार पर चार समूहों (गोलाकार कोकस, कड़ाकार - पैसिलस, कॉम आकार के, भित्रियम तथा सपिलाकारस्पाइरिलम) में बाँय गया है। संरचना में ये सरल होते हैं। ये अपना भोजन अकार्बनिक पदार्थों से संश्लेषित कर सकते हैं। ये प्रशाश - संश्लेषी अथव रसायन-संश्लेषी स्वपोषी होते हैं, अर्थात् ये अपना भोजन स्वयं संश्लेषित न कर भोजन के लिए अन्य जीवधारियों या मूल कार्यनिक पदार्थों पर निर्भर रहते हैं।

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प्रश्न 14. 
बाइराइड ( Viroid) के मुख्य लक्षण बताइए। 
उत्तर:
इनके मुख्य लक्षण निम्न प्रकार से हैं:

  1. इनमें केवल एकरजुकी वृत्ताकार RNA उपस्थित होना है।
  2. RNA अणु अधिक छोटा जिसमें लगभग 246 से 388 तक न्यूक्लिओयइड्स (Nucleotides) पाये जते हैं।
  3. केपिसड का अभाव होता है।
  4. इनमें प्रोटीन आवरण की अनुपस्थिति के कारण इन नान वायरस भी कहते हैं।
  5. ये स्वयं अपनी प्रतिकृति करने में सक्षम होते हैं।
  6. अभी तक खोज किए गए बाझाबड्स केवल पादपों में ही रोग उत्पन्न करते हैं। 

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
कवक जगत को समझाते हुए, इनके विभिन्न वर्गों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
यह अप्रकाश - संश्लेषी जीवों का समूह है। इनके सामान्य लक्षण नम्न प्रकार हैं:

  1. कवक में पर्णहरित का अभाव होता है। अतः ये प्रकाश - संश्लेषण नहीं कर पाते। 
  2. पादप शरीर प्रायः धागे सदृश संरचनाओं से मिलकर बना होता है जिन्हें कवक तन्तु (hyphae) कहते हैं। कवक तन्तु आपस में मिलकर कवक जाल (mycelium) का निर्माण करते हैं। केवल अपवादस्वरूप यीस्ट एककोशिक होती है।
  3. कवक गर्म, नम एवं छायादार अथवा कम प्रकाश वाले स्थानों पर पाये जाते हैं। 
  4. इनकी कोशिका भित्ति कवक सेल्यूलोज व काइटिन (chitin) की बनी होती है। 
  5. संचित भोजन वसा एवं तेल के रूप में होता है। कभी - कभी प्रोटीन व जटिल कार्बोहाइड्रेट ग्लाइकोजन (glycogen) पाया जाता है। 

कवकों के वास स्थानों व आकारिकी में बहुत भिन्नता होती है। रोटी अथवा संतरे का सड़ना कवक के कारण होता है। सामान्य छत्रक (मशरूम) तथा कुकुरमुत्ता (टोडस्टूल) भी कवक हैं। सरसों की पत्तियों पर पाये जाने वाले सफेद धब्बे परजीवी कवक के द्वारा होते हैं। कुछ एककोशिक कवक जैसे यीस्ट का उपयोग डबलरोटी व बीयर बनाने के लिये किया जाता है। कुछ कवक पौधों व जन्तुओं में रोग उत्पन्न करते हैं, जैसे गेहूँ में किट्ट रोग पक्सिनिया के कारण होता है। कवक विश्वव्यापी हैं; ये हवा, जला, मिट्टी में तथा जन्तु व पौधों पर पाए जाते हैं। प्राय: भोजन को जीवाणु व कवक से बचाने के लिए खाद्यसामग्री को रेफ्रिजरेटर में रखते हैं, जिससे वह लम्बे समय तक खराब होने से बच जाती है।

प्रायः कवक तन्तु सतत नलिकाकार होते हैं, जिनमें बहुकेन्द्रीय कोशिका द्रव्य भरा होता है, जिसे संकोशिकी (coenocyte) कवक तन्तु कहते हैं। अन्य कवक तन्तुओं में पट होते हैं। अधिकांश कवक परपोषित होते हैं। ये मृत पदार्थों से घुलनशील कार्बनिक पदार्थों का अवशोषण करते हैं, अतः इन्हें मृतोपजीवी (saprophytes) कहते हैं। जो कवक सजीव पौधों तथा जन्तुओं पर निर्भर करती हैं, उन्हें परजीवी (parasite) कहते हैं। ये शैवाल तथा लाइकेन के साथ तथा उच्चवर्गीय पौधों के साथ कवक

मूल (mycorrhiza) बना कर भी रहते हैं, ऐसी कवक सहजीवी (symbiotic) कहलाती है।
कवक में कायिक जनन खंडन (fragmentation), विखण्डन (fission) तथा मुकलन (budding) विधि द्वारा होता है। अलैंगिक जनन बीजाणु (इसे कोनिडिया = Conidia कहते हैं) अथवा धानी - बीजाणु (sporangiospores) अथवा चलबीजाणु (zoospores) द्वारा होता है। लैंगिक जनन निषिक्ताण्ड (oospore), ऐस्कस बीजाणु (ascospores) तथा बेसिडियम बीजाणु (basidiospores) द्वारा होता है।

ये बीजाणु फलनकाय (fruiting body) में उत्पन्न होते हैं। लैंगिक चक्र में निम्नलिखित तीन सोपान होते हैं:
(i) दो चल या अचल युग्मकों के प्रोटोप्लाज्म का संलयन होना। इस क्रिया को प्लैमोगैमी (Plasmogamy) कहते है।
(ii) दो केन्द्रकों का संलयन होना जिसे केन्द्रक संलयन (Karyogamy) कहते हैं। 

(iii) युग्मनज (zygote) में अर्धसूत्रण के कारण अगुणित बीजाणु बनना। लैंगिक जनन में संयोज्य संगम के दौरान दो अगुणित कवक तन्तु पास - पास आते हैं और संलयित हो जाते हैं। कुछ कवकों में दो अगुणित कोशिकाओं में संलयन के तुरन्त पश्चात् एक द्विगुणित (2n) कोशिका बन जाती है, यद्यपि एस्कोमाइसिटीज में एक मध्यवर्ती द्विकेन्द्रकी अवस्था (n + n) अर्थात् एक कोशिका में दो केन्द्रक बनते हैं, ऐसी परिस्थिति को केन्द्रक युग्म (dikaryon) कहते है तथा इस अवस्था को कवक की द्विकेन्द्रका प्रावस्था (dikaryotic stage) कहते हैं। बाद में पैतृक केन्द्रक संलयन हो जाते हैं और कोशिका द्विगुणित बन जाती है। कवक फलनकाय (fruiting body) बनाती हैं, जिसमें न्यूनीकरण विभाजन होता है। जिसके कारण अगुणित बीजाणु बनते हैं। कवक जाल की आकारिकी, बीजाणु बनने एवं फलनकाय बनने की विधि के आधार पर इस जगत को चार समूहों में बाँटा गया है। 

फाइकोमाइसिटीज (Phycomycetes):
इन्हें शैवालीय कवक (algal fungi) भी कहते हैं। ये कवक जलीय आवासों, गली - सड़ी लकड़ी, नम तथा सीलन भरे स्थानों अथवा पौधों पर अविकल्पी परजीवी (obligate parasite) के रूप में पाये जाते हैं। कवक जाल पटहीन तथा बहुकेन्द्रीय होता है। अलैंगिक जनन चल बीजाणु या अचल बीजाणुओं द्वारा होता है। ये बीजाणु धानी में अंतर्जातीय (endogenous) उत्पन्न होते हैं। दो युग्मकों के संलयन से युग्माणु बनते हैं। इन युग्मकों की आकारिकी एक जैसी (समयुग्मकता) अथवा भिन्न (असमयुग्मकी अथवा विषमयुग्मकी) हो सकती है। उदाहरण म्यूकर, राइजोपस (रोटी का कवक) तथा ऐलयूगो (सरसों पर परजीवी कवक)।
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ऐस्कोमाइसिटीज (Ascomycetes)
सामान्यतः इन्हें थैली या कोष कवक (sac - fungi) भी कहते हैं। इसके अन्तर्गत केवल यीस्ट (saccharomyces) एककोशिक है अन्यथा अन्य सब बहुकोशिक (पेनिसिलियम) होते हैं। ये मृतोपजीवी (saprophyte), अपघटक (decomposer), परजीवी अथवा शमलरागी (coprophilous, पशुविष्टा पर उगने वाली) होती हैं। प्रायः ये शाखित व पटयुक्त कवक जाल के होते हैं। 
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अलैंगिक जनन में कोनिडिया (conidia) बनते हैं। कोनिडिया का निर्माण कवकजाल से बने कोनिडियमधर (conidiophore) पर बहिर्जात (exogenous) होता है। ये कोनिडिया अंकुरित होकर कवक जाल बनाते हैं। लैंगिक जनन में बनने वाले बीजाणुओं को ऐस्कस बीजाणु (ascospores) कहते हैं। ये बीजाणु थैलीनुमा ऐस्कस (ascus) में अन्तर्जातीय रूप में उत्पन्न होते हैं। ये ऐसाई (एकवचन ऐस्कस) विभिन्न प्रकार के फलनकाय में उत्पन्न होते हैं, जिन्हें ऐस्कोकार्प (ascocarp) कहते हैं। उदाहरण: ऐस्पर्जिलस, क्नेवीसेप्स तथा न्यूरोस्पोरा। जैवरासायनिक तथा आनुवंशिक प्रयोगों में न्यूरोस्पोरा का अधिक उपयोग किया गया है। इसी कारण यह पादप जगत के ड्रोसोफिला के समान प्रसिद्ध है। इस वर्ग में आने वाले मॉरेल (morels) व ट्रफल खाने योग्य होते हैं। इन्हें स्वादिष्ट भोजन माना जाता है। 

बेसिडियोमाइसिटीज (Basidiomycetes)
बेसिडियोमाइसिटीज के कुछ वंश जैसे ऐगैरिकस (Agaricus), पॉलीपोरस (Polyporus) आदि मृतोपजीवी (saprophytic) हैं। इस वर्ग के अनेक मृतोपजीवी सदस्य मशरूम (छत्रक, mushrooms), पफ बॉल (puff balls) अथवा ब्रेक्टर्फजाई (braket fungi) हैं। ये कवक मिट्टी में, लट्टे तथा वृक्ष के दूंठों पर तथा सजीव पादपों के अन्दर परजीवी के रूप में उगते हैं जैसे किट्ट (rust) तथा कंड (smut)। इन्हें गदाकार कवक (club fungi) भी कहते हैं। इनके कवकजाल शाखित तथा पटयुक्त होते हैं। इनमें अलैंगिक बीजाणुओं का अभाव होता है परन्तु कायिक जनन खण्डन विधि द्वारा होता है।
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इनमें लैंगिक अंग नहीं पाये जाते हैं, परन्तु इसमें प्लाज्मोगैमी (plasmogamy) विभिन्न स्ट्रेनों (strains) वाली दो कायिक कोशिकाओं अथवा जीन प्ररूप के संलयन से होती है। इसमें बनने वाली संरचना द्विकेन्द्रकी (dikaryotic) होती है, जिससे अन्त में बेसिडियम (basidium) बनते हैं। बेसिडियम में केन्द्रक संलयन (karyogamy) तथा अर्धसूत्री विभाजन होता है जिसके कारण चार बेसिडियम बीजाणु (basidiospores) बनते हैं। ये बेसिडियम बीजाणु, बेसिडियम पर बहिर्जातीय उत्पन्न होते हैं। बेसिडियम फलनकाय में लगे रहते हैं जिसे बेसिडियोकार्प (basidiocarp) कहते हैं। उदाहरण—ऐगैरिकस (मशरूम), आस्टीलेगो (Ustilayo) तथा पक्सिनिया (rust fungus)। 

ड्यूटेरोमाइसिटीज (Deuteromycetes)
इस वर्ग में ऐसे कवक सम्मिलित किये गये हैं जिनकी केवल अलैंगिक अथवा अपूर्ण अवस्था ही ज्ञात है। इसलिए यह वर्ग फंजाई इम्परफेक्टाई (Fungi imperfecti; अपूर्ण कवक) भी कहलाता है। जब इन कवकों की लैंगिक प्रावस्था की खोज हो जाती है तो उसे उसके उचित वर्ग में रख दिया जाता है।

इनका कवकजाल सुविकसित, शाखित व पटयुक्त होता है। पट छिद्रयुक्त होते हैं। इस वर्ग के सदस्य मृतोपजीवी या परजीवी होते हैं। परजीवी जातियाँ पौधों में अगेती अंगमारी (early blight) व टिक्का रोग (tikka disease) तथा प्राणियों में एथलीट पाद (Athlete's foot), त्वचा रोग व फुप्फुस संक्रमण (pulmonany infection) करती है। इनके अधिकांश सदस्य अपशिष्ट के अपघटक होते हैं तथा खनिज के चक्रण में सहायता करते हैं। इस वर्ग के सदस्य अलैंगिक बीजाणुओं, जिन्हें कोनिडिया कहते हैं, से जनन करते हैं। कोनिडिया का विकास कोनिडियमधर (conidiophore) में होता है। उदा.-आल्टरनेरिया, कोलीटोटाइकम व ट्राईकोडर्मा।

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प्रश्न 2. 
पाँच जीव जगत वर्गीकरण के प्रस्तावक कौन थे? इनके लक्षणों को तालिका बनाकर वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सभी जीवाणु (बैक्टीरिया) मॉनेरा जगत में रखे गये हैं। ये सूक्ष्मजीवियों में सबसे अधिक संख्या में होते हैं और सभी प्रकार के स्थानों पर पाये जाते हैं। मरुस्थल, बर्फ, गर्म जल के झरनों एवं गहरे समुद्र जैसे विषम एवं प्रतिकूल वासस्थलों पर जहाँ अन्य जीव जीवित नहीं रह पाते, में भी ये पाये जाते हैं। अनेक बैक्टीरिया अन्य जीवों पर या उनके अन्दर परजीवी के रूप में भी रहते हैं।

आकार के आधार पर बैक्टीरिया चार प्रकार के होते हैं - गोलाकार को कोकस (बहुवचन कोकाई), छड़ाकार आकृति वालों को बैसिलस (बहुवचन बेसिलाई), कॉमा - आकार के विब्रियम (बहुवचन विब्रियो) तथा सर्पिलाकार को स्पाइरिलम (बहुवचन स्पाइरिला) कहते हैं। संरचना की दृष्टि से ये सरल होते हैं किन्तु इनका व्यवहार जटिल होता है।

अन्य जीवों की तुलना में इनके उपापचय में अधिक विविधता होती है। ये अपना भोजन अकार्बनिक पदार्थों से संश्लेषित कर सकते हैं। ये प्रकाश - संश्लेषी या रसायन-संश्लेषी स्वपोषी होते हैं। तात्पर्य यह है कि ये अपने भोजन का स्वयं संश्लेषण न कर अन्य जीवधारियों या मृत कार्बनिक पदार्थों पर निर्भर रहते हैं।

कुछ जीवाणु परपोषित होते हैं। इस प्रकार के जीवाणु सजीव जीव - जन्तुओं या पेड़ - पौधों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं और उनके ऊपर परजीवी के रूप में निवास करते हैं। अन्य जीवाणु मृत, सड़े, गले कार्बनिक पदार्थों से अपना भोजन प्राप्त करते हैं, इन्हें मृतोपजीवी जीवाणु कहते हैं।
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आद्य बैक्टीरिया या आकिबीजाणु (Archacbacteria)
इसके अन्तर्गत प्राचीन जीवाणु आते हैं। विकास की दृष्टि से ये अति प्राचीन हैं। यह माना जाता है कि पृथ्वी पर ये सबसे पहले उत्पन्न हुए थे और आज भी इनमें प्राचीन लक्षण विद्यमान हैं। इनकी संरचना सरल होती है। आकिबैक्टीरिया ऐसे वातावरण में रह सकते हैं जहाँ पर अन्य जीव नहीं पनप सकते हैं। इनमें अविकल्पी अनॉक्सीय (obligate anaerobic) श्वसन होता है। इनकी कोशिका भित्ति म्यूरामिक अम्ल (muramic acid) और पेप्टाइडोग्लाइकेन (peptidoglycan) की नहीं बनी होती है बल्कि जटिल पोलीसेकेराइड (polysaccharide) तथा पोलीपेप्टाइड (polypeptide) की बनी होती है। इनकी कोशिका झिल्ली में शाखित श्रृंखला वाले लिपिड्स (lipids) के अणु होते हैं। जिसके कारण इनमें यूबैक्टीरिया की तुलना में अधिक प्रतिरोधक क्षमता पाई जाती है। इसके कारण इन पर उच्च ताप, अत्यधिक लवणता, विकिरण एवं pH परिवर्तन का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। आर्किबैक्टीरिया में पाये जाने वाले जीवाणु निम्न हैं:

1. मिथेनोजेन्स (Methanogens): ये मिथेन उत्पन्न करने वाले मृतोपजीवी जीवाणु हैं, जो वाहित मल (sewage) में उपस्थित CO2 को मिथेन में बदलने का कार्य करते हैं। जैसे मिथेनोबैक्टीरियम (Methanobacterium), मिथेनोकोकस (Methanococcus), मिथेनोमाइक्रोबियम (Methanomicrobium)। जानवरों के रुमन (rumen) में रुमेनोकोकस (Rumenococcus) नामक सहजीवी आर्किबैक्टीरियम पाये जाते हैं जो सेल्युलोस को किण्वन द्वारा मिथेन में बदलते हैं। 

2. हेलोफील्स (Halophiles): ये अत्यधिक लवणीय जल में पाये जाते हैं। जैसे हेलोबैक्टीरियम (Halobacterium)। 

3. थर्मो एसिडोफिल्स (Thermoacidophiles): ये आर्किबैक्टीरिया अत्यधिक तापक्रम (80°C) तथा अत्यधिक अम्लीयता (pH2) में पाये जाते हैं। ये हिमालय क्षेत्र में गर्म पानी के गन्धक युक्त झरनों में 100°C तापक्रम पर भी जीवित रह सकते हैं। जैसे सल्फोलोबस (Sulpholobus), एसिडोथर्मस (Acidothermus) आदि। 

यूबैक्टीरिया (Eubacteria)
यूबैक्टीरिया या वास्तविक बैक्टीरिया की पहचान एक कठोर कोशिका भित्ति एवं एक कशाभ के द्वारा की जाती है। नील हरित शैवाल जिन्हें सायनोबैक्टीरिया (Cynobacteria) भी कहते हैं, इनमें हरे पौधों की जैसे क्लोरोफिल - ए पाया जाता है। ये प्रकाश - संश्लेषी स्वपोषी होते हैं। सायनोजीवाणु एककोशिक, कोलोनियल (colonial) अथवा तन्तुमय (filamentous) समुद्री अथवा स्थलीय शैवाल हैं। इनकी कोलोनी प्राय: जेलीनुमा आवरण से ढकी रहती है। ये प्रदूषित जल में अधिक फूलतेफलते हैं। नॉस्टॉक व एनाबिना में उपस्थित विशिष्ट कोशिकाएँ हेटेरोसिस्ट (heterocyst) होती हैं जो पर्यावरण के नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करती हैं। रसायन - संश्लेषी जीवाणु नाइट्रेट, नाइट्राइट एवं अमोनिया जैसे अकार्यनिक पदार्थों को ऑक्सीकृत कर उनसे युक्त ऊर्जा का उपयोग ATP उत्पादन हेतु करते हैं। ऐसे जीवाणु नाइट्रोजन, फॉस्फोरस.आयरन व सल्फर जैसे पोषकों के पुनर्चक्रण में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
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परपोषी जीवाणु (Parasitic bacteria): ये प्रकृति में अधिक पाये जाते हैं और इनमें अधिकांश अपघटक (decomposer) होते हैं। इनमें से अनेक का मानव जीवन सम्बन्धी गतिविधियों पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। ये दूध से दही बनाने में, प्रतिजैविकों के उत्पादन में, लेग्यूम पादप की जड़ों में नाइट्रोजन स्थिरीकरण में सहायता करते हैं। कुछ जीवाणु रोगजनक होते हैं जो मनुष्यों, फसलों, फार्म एवं पालतू पशुओं में रोग उत्पन्न कर हानि पहुंचाते हैं। विभिन्न जीवाणुओं के द्वारा हैजा, टायफॉयड, टिटेनस, साइट्स कैंकर जैसी बीमारियाँ होती हैं।

जीवाणु सामान्यतः कोशिका विभाजन द्वारा प्रजनन करते हैं। कभी - कभी विशेष परिस्थितियों में ये बीजाणु (spores) बनाते हैं। ये लैंगिक प्रजनन भी करते हैं, जिनमें एक जीवाणु से दूसरे जीवाणु में DNA का स्थानान्तरण होता है। लैंगिक जनन आनुवंशिक पुनर्योजन (genetic recombination) द्वारा होता है, जो रूपान्तरण (transformation), पराक्रमण (transduction) और संयुग्मन (conjugation) की विधि से होता है।
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माइकोप्लाज्मा सजीव संसार की सबसे छोटी सजीव कोशिकाएँ हैं, इनमें कोशिका भित्ति का अभाव होता है। ये ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में भी जीवित रह सकते हैं। अनेक माइकोप्लाज्मा पादप व प्राणियों में रोग उत्पन्न करते हैं।

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न

प्रश्न 1. 
पसलों में पाउडरी मिल्डयू (Powdary mildew) किसके कारण होती है?
(a) ऐस्कोमाइसिटीज
(b) बेसिडियोमइसिटीज 
(c) फाइकोमाइसिटीज
(d) जीवाण 
उत्तर:
(a) ऐस्कोमाइसिटीज

प्रश्न 2. 
झिल्ली - परिसीमित अंगक निम्नलिखित में से किसमें नाहीं पाये जाते हैं-
(a) प्लाज्मोडियम
(b) सैकेरोमाइसिस 
(c) स्ट्रेप्टोकोकस
(d) क्लैमाइडोमोनास 
उत्तर:
(d) क्लैमाइडोमोनास 

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प्रश्न 3. 
नीचे दी गई सूची में कितने जीव सपोनी है। लेक्टोबेसिलस, नॉस्टॉक, कारा, नाइट्रोसोमोनास, नहट्रोकर, स्ट्रेोमाइसिस, सैकेरोमाइसिस, ड्राइपैनोसोमा, पोरफॉयरा, वोल्फिँया:
(a) चार
(b) पाँच 
(c)  छः 
(d) तीन 
उत्तर:
(c)  छः 

प्रश्न 4. 
कुछ ऐसे अधितापानुरागी जीवधारी जो तीन अम्लीय (pH2) आवासों में रहते हैं, किन दो समूहों में आते हैं
(a) लिवरवर्ट्स तथा यीस्ट्स
(b) यूबैक्टीरिया तथा आर्कीया 
(c) सायनोबैक्टीरिया तथा डाएटम्स
(d) प्रोटिस्ट्स तथा मॉसेस 
उत्तर:
(b) यूबैक्टीरिया तथा आर्कीया

प्रश्न 5. 
निम्न में से कौनसी रचना लाइकेन के श्वसन में सहायक होती है?
(a) सिफेला
(b) सिफेलोडिया 
(c) सोरीडिया
(d) आइकेडिया 
उत्तर:
(a) सिफेला

प्रश्न 6. 
निम्नलिखित में से कौन एक जीवधारी 'यूकेरिओटिक' (सुफेन्द्रकी) कोशिकाओं का उदाहरण नहीं है
(a) अमीबा प्रोटियस 
(b) पैरामीशियम कौडेटम
(c) ऐशेरिखिया कोलाई 
(d) यूग्लीना विरिडिस 
उत्तर:
(c) ऐशेरिखिया कोलाई 

प्रश्न 7. 
प्लाजिमइस किसके 'बाह्य गुणसूत्रीय' आनुवंशिक पदार्थ हैं
(a) जीवाणु
(b) वायरस 
(c) शैवाल
(d) अमीबा 
उत्तर:
(a) जीवाणु

प्रश्न 8. 
टिकोइक अम्ल किसमें पाया जाता है।
(a) ग्राम पाँचीटिव बैक्टीरिया 
(b) ग्राम निगेटिव बैक्टीरिया
(c) सायनोबैक्टीरिया 
(d) मायकोप्लाज्मा 
उत्तर:
(a) ग्राम पाँचीटिव बैक्टीरिया

प्रश्न 9. 
जब किसी बैक्टीरिया के दोनों सिरों पर प्लैजिला पाये जाते हैं तो उसे कहते हैं
(a) मोनोट्राइकस
(b) लाफो्ट्राइकस
(c) एम्फो्ट्राइकस
(d) पॉलीट्राइकस 
उत्तर:
(c) एम्फो्ट्राइकस

प्रश्न 10. 
बहुसंरचना जो कुछ जीवाणुओं को चट्टानों या पोषौ ऊतक संयोगी होने में सहायता करती है, क्या है-
(a) फिम्ब्री
(b)  मीजोसोम 
(c) होल्डफास्ट
(d) मूलाभास
उत्तर:
(a) फिम्ब्री

प्रश्न 11. 
निम्नलिखित में से कौन चरम लवणीय दशाओं में पाये जाते हैं
(a) आदबैक्टीरिया
(b) यूबैक्टीरिया
(c) सायनोबैक्टीरिया 
(d) माइकोबैक्टीरिया 
उत्तर:
(a) आदबैक्टीरिया

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प्रश्न 12. 
निम्न में कौनसा अवयव बैक्टीरियल कोशिका को चिपकने की विशिष्टता प्रदान करता है
(a) कोशिश भित्ति 
(b) केन्द्रकी झिल्ली 
(c) प्लाज्मा झिल्ली
(d) ग्लाइकोकेलिक्स 
उत्तर:
(d) ग्लाइकोकेलिक्स

प्रश्न 13. 
सबसे अधिक पोषण विविधता किस समूह में पाई जाती है?
(a) मोनेरा
(b) प्लैन्टी 
(c) फंजाई
(d) ऐनिमेलिया 
उत्तर:
(a) मोनेरा

प्रश्न 14. 
निम्नलिखित में से कौन सबसे छोटी शत जीवित कोशिकायें हैं, जिसमें एक निश्चित कोशिका भिति नहीं होती, ये पादपों और उन्नों में रोगजनक हैं और बिना ऑक्सीजन के सोचित रह सकते है
(a) वायरस
(b) वायरोइड 
(c) माइकोप्लाज्मा (PPLO) 
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं 
उत्तर:
(c) माइकोप्लाज्मा (PPLO) 

प्रश्न 15. 
माइकोप्लाज्मा के लिये निम्नलिखित में से कौनसा कथन सत्य
(a) कोशिका भित्ति की उपस्थिति 
(b) केन्द्रक की उपस्थिति 
(c) कोशिका भित्ति की अनुपस्थिति
(d) निश्चित आकार 
उत्तर:
(c) कोशिका भित्ति की अनुपस्थिति

प्रश्न 16. 
निम्नलिखित में से कौनसा कधन गलत है
(a) सायनोबैक्टीरिया को नील - हरित शैनल भी कहते हैं 
(b) स्वर्णिम शैवालों को डेस्मिड भी कहते हैं
(c) यूबैक्टीरिया को असत्य जीवाणु भी कहा जाता है
(d) फाइकोमाइसिटीज को शैवलित कवक भी कहा जाता है 
उत्तर:
(c) यूबैक्टीरिया को असत्य जीवाणु भी कहा जाता है

प्रश्न 17. 
सायनोबैक्टारिया में कुछ शिल्लीदार प्रसार वाले वर्णक होते हैं
(a) क्रोमेटोफोर 
(b) हेटेरोसिस्ट 
(c) आधार काय 
(d) श्वसनमूल (न्यूमेटोफोर) 
उत्तर:
(a) क्रोमेटोफोर 

प्रश्न 18. 
निम्नलिखित में कौनसा एक कान गलत है
(a) ऐनबीका तथा नॉस्टॉक स्वतंत्र अवस्था में भी नाइट्रोजन स्थिरीकरण के योग्य होते हैं 
(b) मूल ग्रन्थिका बनाने वाले नाइट्रोजन स्थिरिकारक स्वतंत्र अवस्थाओं में वायुजीवियों की तरह रहते हैं
(c) फॉस्फोरस कोशिका झिल्लियों, कुछ न्यूक्लिक अम्लों तथा सभी प्रोटीनों का एक रेचक होता है
(d) नाइट्रोसोमोनास तथा नाइट्रोबैक्टर रसायन स्वपोषी होते हैं 
उत्तर:
(c) फॉस्फोरस कोशिका झिल्लियों, कुछ न्यूक्लिक अम्लों तथा सभी प्रोटीनों का एक रेचक होता है

प्रश्न 19. 
गालरा कथन को चुनिरा:
(a) प्रोटिस्टा में पोषण की विधियाँ प्रकाशसंश्लेषी एवं विषमभोजी होती हैं 
(b) कुछ कवक खाने योग्य होते हैं 
(c) मोनेरा में केन्द्रक कला उपस्थित होती है
(d) एनीमेलिया में कोशिका भित्ति अनुपस्थित होती है 
उत्तर:
(c) मोनेरा में केन्द्रक कला उपस्थित होती है

प्रश्न 20. 
किसमें प्रकाश - संश्लेषण में ऑक्सीजन नहीं निकलती:
(a) ग्रीन सल्फर बैक्टीरिया 
(b) नॉस्टॉक 
(c) साइकस
(d) कारा 
उत्तर:
(a) ग्रीन सल्फर बैक्टीरिया 

प्रश्न 21. 
सायनोबैक्टीरिया किस एक अन्य नाम से भी जाने जाते हैं?
(a) सुनहरे शैवाल
(b) प्रोटिस्ट्स  
(c) नील हरित शैवाल 
(d) अवपंक कवक 
उत्तर:
(c) नील हरित शैवाल 

प्रश्न 22. 
एंटअमीबा हिस्टोलाइटिका का सक्रिय रूप किस पर भरण करता हैं
(a) वृहदांत्र के केवल म्यूकोसा और सबम्यूकोसा से 
(b) आंत्र में विद्यमान खाद्य पदार्थ से 
(c) केवल रुधिर से 
(d) लोहितापु; वृहदांत्र (बड़ी आंत्र) के म्यूकोसा (श्लेष्मा) और सबम्यूकोसा (अप:श्लेष्णा) से 
उत्तर:
(d) लोहितापु; वृहदांत्र (बड़ी आंत्र) के म्यूकोसा (श्लेष्मा) और सबम्यूकोसा (अप:श्लेष्णा) से 

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प्रश्न 23. 
क्राइसोफाइट, युग्लीनॉइड, डाइनोफ्लैजेलेट और अवपंक फफूंदी किस जीव जगत में सम्मिलित हैं
(a) मोनेरा 
(b) प्रोटिस्टा  
(C) कवक 
(d) जन्तुजगत 
उत्तर:
(b) प्रोटिस्टा 

प्रश्न 24. 
जीवों में किस समूह में कोशिका भित्ति दो पतली अतिव्यापी कवचों की बनी होता है जो एक साथ आसंजित होता है
(a) युग्लीनॉइड
(b) डायनोफ्लैजिलेट
(c) अवपंक कवक
(d) क्राइसोफाइट 
उत्तर:
(d) क्राइसोफाइट

प्रश्न 25.  
सिलिएट्स अन्य सभी प्रोटोजोअनों से किस प्रकार भिन्न है
(a) ये गमन के लिए कशाभिका का प्रयोग करते हैं 
(b) इनमें अतिरिक्त पानी को निकालने के लिए संकुचनशील धानी होती है 
(c) ये शिकार को पकड़ने के लिए पादाभ का प्रयोग करते हैं
(d) इनमें दो प्रकार के केन्द्रक होते हैं 
उत्तर:
(d) इनमें दो प्रकार के केन्द्रक होते हैं 

प्रश्न 26. 
विश्वभर में सबसे अधिक प्रजातियों की संख्या किसकी है
(a) कवकों की
(b) मॉसो को
(c)  लाइकेन्स की
(d) शैवालों की 
उत्तर:
(a) कवकों की

प्रश्न 27. 
निम्नलिखित में से कौनसा एक सही सुमेलित है

(a) आल्टरनेरिया

लिंगी प्रजनन अनुपस्थित

ड्यूटेरोमाइसिटिज

(b) म्यूका

संयुग्मन द्वारा प्रजनन

ऐस्कोमाइसिटीज

(c) अगेरिकस

परजीवी कवक

बैसीडियोमाइसिटीय

(d) फाइटोपथोरा

पटहीन कवक जाल

बैसीडियोमाइसिटीय


उत्तर:

(a) आल्टरनेरिया

लिंगी प्रजनन अनुपस्थित

ड्यूटेरोमाइसिटिज


प्रश्न 28. 
कालमा I तथा कालम II का मिलान कर सही बुग्म का चयन कीजिरा

कॉलम I (जगत)

कॉलम II (वर्ग)

A. मोरल्स

1. ड्यूटरोमाइसिटीज 

B. स्मट

2. एस्कोमाइसिटीज

C. ब्रेड मोल्ड

3. बैसीडियोमाइसिटीय

D.अपूर्ण कवक

4. फाइकोमाइसिटीज

(a) A - 3, B - 4, C - 1, D - 2
(b) A - 2, B - 3, C - 4, D - 1
(c) A - 4, B - 1, C - 2, D - 3
(d) A - 3, B - 4, C - 2, D - 1
(e) A - 2, B - 1, C - 4, D - 3
उत्तर:
(b) A - 2, B - 3, C - 4, D - 1

प्रश्न 29. 
फवाई की कोशिका भिति यनी होती है
(a) काइटिन की
(b) सेल्युलोज की 
(c) पेक्टिन की
(d) सुबेरिन की 
उत्तर:
(a) काइटिन की

प्रश्न 30. 
कवकों के लिए निम्नलिखित में से कौनसा गलत है
(a) ये एककोशिकीय और बहुकोशिकीय दोनों प्रकार के होते हैं 
(b) ये ससीमकेन्द्रकी हैं 
(c) सभी कवकों में शुद्ध सेलुलोस वाली कोशिका भित्ति होती हैं 
(d) ये विषनपोषी होते हैं
उत्तर:
(c) सभी कवकों में शुद्ध सेलुलोस वाली कोशिका भित्ति होती हैं

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प्रश्न 31. 
निम्नलिखित में से कौनसा कथन गला है
(a) म्यूकर में द्विकशाभिक चल बीजाणु होते हैं 
(b) अगुणित भ्रूणपोष अनावृतबीजी पादपों का प्रारूनिक लक्षण होता है 
(c) भूरे शैवालों में पर्णरहित a एवं c तथा फ्यूकोजेन्थीन होता है 
(d) स्त्रीधानी, ब्रायोफाइटा, टेरिडोफाइटा और अनावृत्ती पादपों में पायी जाती है 
उत्तर:
(a) म्यूकर में द्विकशाभिक चल बीजाणु होते हैं 

प्रश्न 32. 
गलत कथन को चुनिए
(a) डब्ल्यू एम. स्टेन्ले ने दर्शाया कि विषाणु क्रिस्टलीकृत हो सकते हैं 
(b) 'Contagium vivum fluidum' पद एम. डब्ल्यू . बिजेरिनेक ने दिया था 
(c) तम्बाकू में मोजेक रोग और मनुष्य में AIDS  विषाणुओं के द्वारा होत है 
(d) विषाणुभ, टी. जो. इवानोवस्की द्वारा खोजे गये थे 
उत्तर:
(d) विषाणुभ, टी. जो. इवानोवस्की द्वारा खोजे गये थे 

प्रश्न 33. 
वायरॉइड, विषाणुओं से भिन्न हैं क्योंकि इनमें
(a) प्रोटीन आवरण के साथ DNA अणु होते हैं 
(b) बिन प्रोटीन आवरण के DNA अणु होते हैं 
(c) प्रोटीन आवरण के साथ RNA अणु होते हैं
(d) बिन प्रोटीन आवरण के साथ RNA अणु होते है 
उत्तर:
(d) बिन प्रोटीन आवरण के साथ RNA अणु होते है 

प्रश्न 34. 
नीचे एक जीवाणुभोजी का चित्र दिया गया है। दिये गये विकल्पों में से किस एक में चारों भाग A, B, C तथा ठीक दिये गये हैं
RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 2 जीव जगत का वर्गीकरण 7
विकल्प: 

A

B

C

D

(a) पुच्छ तंतु

शीर्ष

आच्छद

कॉलर

(b) आच्छद

कॉलर

शीर्ष

पुच्छ तंतु

(c) शीर्ष

आच्छद

कॉलर

पुच्छ तंतु

(d) कॉलर

पुच्छ तंतु

शीर्ष

आच्छद


उत्तर:

(c) शीर्ष

आच्छद

कॉलर

पुच्छ तंतु

प्रश्न 35. 
वायरसों के विषय में कौनमा एक कथन गलत है
(a) ये सभी परजीवी होते है 
(b) इन सभी में कुंडलिनीय सीमति होती है 
(c) इनमें न्यूक्लिक अम्लों तथा प्रोटीनों के संश्लेषण की क्षमता होती है
(d) इन पर रान्टीबायोटिक्स का प्रभाव नहीं होता 
उत्तर:
(b) इन सभी में कुंडलिनीय सीमति होती है 

RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 2 जीव जगत का वर्गीकरण

प्रश्न 36. 
AIDS वायरस बना होता है या हयूमन इम्यूचे डेफीसियेन्सी (HIV) वायरस में प्रोटीन आवरण तथा आनुवांशिक पदार्थ होता है
(a) प्रोटीन के साथ एकल सूची RNA 
(b) द्विसूत्री RNA 
(c) प्रोटीन के साथ एकसूत्री DNA 
(d) द्विसूत्री DNA
उत्तर:
(a) प्रोटीन के साथ एकल सूची RNA 

Bhagya
Last Updated on Aug. 1, 2022, 9:35 a.m.
Published July 30, 2022