RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 11 पौधों में परिवहन

Rajasthan Board RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 11 पौधों में परिवहन Important Questions and Answers.

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RBSE Class 11 Biology Chapter 11 Important Questions पौधों में परिवहन


I. रिक्त स्थानों की पूर्ति के प्रश्न (Fill in the blanks type questions) 

प्रश्न 1. 
विसरण की दर ..................... की प्रवणता से प्रभावित होती है। 
उत्तर:
सान्द्रता

RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 11 पौधों में परिवहन

प्रश्न 2. 
सुसाध्य विसरण में पदार्थों को झिल्ली के आर - पार करने में विशिष्ट ..................... मदद करते हैं। 
उत्तर:
प्रोटीन

प्रश्न 3. 
जब एक अणु दूसरे अणु से स्वतन्त्र होकर झिल्लिका को पार करता है तो इस विधि को ..................... कहते हैं।
उत्तर:
यूनिपोर्ट

प्रश्न 4. 
विलेय विभव तथा जल विभव को सुनिश्चित करने वाले मुख्य कारक हैं। .....................
उत्तर:
दाब विभव

प्रश्न 5. 
परासरण की दिशा एवं गति ..................... एवं सान्द्रता प्रवणता पर निर्भर करती है। 
उत्तर:
दाब प्रवणता

प्रश्न 6. 
अन्तःशोषण एक विशेष प्रकार का ..................... है। 
उत्तर:
विसरण

RBSE Class 11 Biology Important Questions Chapter 11 पौधों में परिवहन

प्रश्न 7. 
...................... तंत्र अन्तः सम्बन्धित जीवद्रव्य का तंत्र है। 
उत्तर:
सिमप्लास्टिक

प्रश्न 8. 
जल के अणुओं के बीच आपसी आकर्षण को ..................... कहते हैं।
उत्तर:
संसंजन।

II. सत्य व असत्य प्रकार के प्रश्न (True and False type questions) 

प्रश्न 1. 
C3 पौधे C4 की तुलना में कार्बन को सुस्थिर बनाने में दोगुना सक्षम होते हैं। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 2. 
पलोयमों में स्थानान्तरण द्विदिशीय होता है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 3. 
मूल रोमों द्वारा अवशोषित जल जड़ों की गहराई में दो अलगअलग पथों एपोप्लास्ट तथा सिमप्लास्ट द्वारा होता है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 4. 
जड़ों में अधिकतर जल प्रवाह एपोप्लास्ट के माध्यम से उत्पन्न होता है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

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प्रश्न 5. 
सिमप्लास्टिक तंत्र निकटवर्ती कोशिका भित्ति का तन्त्र है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
असत्य

प्रश्न 6. 
जल, खनिज तथा भोजन सामूहिक या थोक प्रणाली द्वारा परिवहन कहते हैं। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 7. 
जाइलम केवल अकार्बनिक पोषकों का परिवहन करते हैं। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

प्रश्न 8. 
फ्लोयम ऊतक भोजन के स्थानान्तरण हेतु उत्तरदायी है। (सत्य/असत्य) 
उत्तर:
सत्य

III. निम्न को सुमेलित कीजिए (Match the following)

स्तम्भ - I में दिये गये पदों का स्तम्भ - II में दिये गये पदों के साथ सही मिलान कीजिए: 

प्रश्न 1. 

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. थोक या सामूहिक प्रवाह

(i) माइकोराइजा

B. अन्त: त्वचा

(ii) एपोप्लास्ट

C. जड़ व कवक

(iii) जल, खनिज व भोजन परिवहन

D. निकटवर्ती कोशिका भित्ति का

(iv) कैस्पेरी पट्टी तंत्र


उत्तर:

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. थोक या सामूहिक प्रवाह

(iii) जल, खनिज व भोजन परिवहन

B. अन्त: त्वचा

(iv) कैस्पेरी पट्टी तंत्र

C. जड़ व कवक

(i) माइकोराइजा

D. निकटवर्ती कोशिका भित्ति का

(ii) एपोप्लास्ट


प्रश्न 2. 

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. रन्ध्र

(i) परासरण

B. ऑस्मोमीटर

(ii) प्रोटीन

C. पोरिन

(iii) वाष्पोत्सर्जन

D. विलेय विभव

(iv)Ψs


उत्तर:

स्तम्भ - I

स्तम्भ - II

A. रन्ध्र

(iii) वाष्पोत्सर्जन

B. ऑस्मोमीटर

(i) परासरण

C. पोरिन

(ii) प्रोटीन

D. विलेय विभव

(iv)Ψs

 

अतिलघुत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
पोरिन क्या होते हैं?
उत्तर:
यह एक प्रकार की प्रोटीन है जो प्लास्टिड, माइटोकॉण्डिया व बैक्टीरिया की बाह्म झिल्ली में बड़े आकार के छिद्रों का निर्माण करती है।

प्रश्न 2. 
जल विभव को सुनिश्चित करने वाले दो कारक बताइये। 
उत्तर:
विलेय विभव तथा दाब विभव। 

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प्रश्न 3. 
अंत:शोषण क्या है?
उत्तर:
शुष्क पादप पदार्थों द्वारा जल अवशोषण कर फूल जाता है। इसमें जल अवशोषित होता है।

प्रश्न 4.
परासरण दबाव व परासरण विभव में प्रयुक्त दाब कैसा होता है?
उत्तर:
परासरण दबाव सकारात्मक तथा परासरण विभव नकारात्मक होता है।

प्रश्न 5. 
यूनिपोर्ट किसे कहते हैं?
उत्तर:
जब एक अणु दूसरे अणु से स्वतन्त्र होकर शिल्ली को पार करता है, तब इस विधि को यूनिपोर्ट कहते हैं।

प्रश्न 6. 
स्फीति दाब क्या होता है?
उत्तर:
जब कोशिकाओं को अल्पपरासरी घोल विलयन में रखा जाता है तो कोशिका में जल विसरित होता है और जीवद्रव्य की भित्ति के विरुद्ध दबाव बनाने का कारण बनता है जिसे स्फीति दाब कहते हैं।

प्रश्न 7. 
सुसाध्य विसरण क्या है?
उत्तर:
सुसाध्य विसरण में पदार्थों को झिल्ली को आर - पार करने में विशिष्ट प्रोटीन सहायता करते हैं तथा इसमें ATP ऊर्जा का अपव्यय भी नहीं होता है।

प्रश्न 8. 
कैस्पेरी पट्टियाँ कहाँ स्थित होती हैं तथा किससे बनी होती हैं?
उत्तर:
ये अंतस्त्वचा में स्थित होती हैं तथा सुबेरिन से निर्मित होती हैं।

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प्रश्न 9. 
जल विभव को प्रभावित करने वाला कौनसा सबसे अधिक महत्वपूर्ण कारक है?
उत्तर:
विलेयक सांद्रता जल विभव को सर्वाधिक प्रभावित करता है।

प्रश्न 10. 
द्वार कोशिकाओं की स्फीति के लिये कौनसा तत्व काम करता है?
उत्तर:
पोटेशियम (K)। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
विभिन्न परिवहन तंत्रों की तुलना कीजिए। 
उत्तर:
समस्त प्रकार के पेड़ - पौधों के द्वारा भूमि से जड़ों के द्वारा जल व खनिज पदार्थों का अवशोषण किया जाता है। अवशोषण करने के पश्चात् जल व खनिज पदार्थ पौधे के सभी भागों में पहुँचता है। पौधों में उपस्थित पत्तियाँ प्रकाश-संश्लेषण की क्रिया कर खाद्य पदार्थों का निर्माण करती हैं। यह खाद्य पदार्थ भी पत्तियों से चलकर पादप के सभी भागों व संचय अंगों तक पहुँच जाता है। इस प्रकार जल व खनिज पदार्थों तथा खाद्य पदार्थों का पौधे के सभी भागों तक पहुँचने की प्रक्रिया को परिवहन कहते हैं। पौधों में किसी भी प्रकार का परिवहन तंत्र नहीं पाया जाता है। फिर भी बहुत लम्बे पादपों (यूकेलिप्टस, सिकोया) में परिवहन की क्रिया सम्पन्न होती है। पुष्पीय पौधों में प्रायः जल, खनिज पोषक, कार्बनिक पोषक तथा पादपों के वृद्धि नियामकों का परिवहन होता है। कम दूरी तक पदार्थों की गति, प्रसरण एवं साइटोप्लाज्मिक धारा, सक्रिय परिवहन की सहायता से हो सकता है।

लम्बी दूरी के लिए परिवहन जाइलम तथा फ्लोयम (संवहनीय तंत्र) द्वारा होता है। इसे स्थानान्तरण कहते हैं। उपरोक्त प्रक्रिया में परिवहन की दिशा जानना भी आवश्यक है। पौधों में जल व खनिज पदार्थों का परिवहन जाइलम के द्वारा एक दिशात्मक अर्थात् मूल से तने तक होता है। कार्बनिक और खनिज पोषकों का परिवहन बहुदिशात्मक होता है। पत्तियों द्वारा संश्लेषित कार्बनिक यौगिकों (खाद्य पदार्थ) को पौधे के सभी अंगों जिनमें भण्डार अंग भी सम्मिलित हैं, तक पहुँचाया जाता है। बाद में भण्डार अंगों से इन्हें पुन परिवहनित किया जाता है। पौधों में हार्मोन या पादप वृद्धि नियामक तथा अन्य रसायन उत्तेजक भी परिवहनित किये जाते हैं, यद्यपि इनकी मात्रा बहुत ही कम होती है। इनका परिवहन एकदिशीय या एकध्रुवीय होता है तथा ये संश्लेषित स्थान से दूसरे भागों तक परिवहनित होते हैं।

प्रश्न 2. 
विसरण से क्या अभिप्राय है? समझाइये। 
उत्तर:
विसरण (Diffusion):
इस क्रिया में पदार्थ के अणुओं का उनकी अधिक सांद्रता वाले स्थान से कम सांद्रता वाले स्थान की ओर गमन होता है। जब तक दोनों स्थानों की सांद्रता समान न हो जाए, तब तक यह क्रिया चलती रहती है। पौधों में विसरण द्वारा गति निष्क्रिय होती है तथा इसमें ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती है। विसरण करने वाला प्रत्येक अणु सभी दिशाओं में अनियमितता (random) से सतत गतिशील होता है। ये अणु आपस में तथा अन्य गैस के अणुओं से टकराकर इस प्रकार फैल जाते हैं कि सम्पूर्ण प्राप्य क्षेत्र में उनका वितरण लगभग एकसमान हो जाता है।

पौधों में रंधों द्वारा होने वाला CO2 और O2 का तथा कोशिकाओं के बीच गैसें, द्रव अथवा विलेयों का आदान-प्रदान विसरण की क्रिया द्वारा होता है। विसरण एक धीमी प्रक्रिया है। विसरण गैस, द्रव में स्पष्ट परिलक्षित होता है जबकि ठोस में ठोस का विसरण कुछ अंश तक ही संभव है। पौधों का विसरण अत्यन्त ही महत्त्वपूर्ण हैं क्योंकि पादप शरीर में गैसीय गति का यह अकेला माध्यम है। प्रत्येक पदार्थ का विसरण, दुसरे पदार्थ के विसरण से स्वतन्त्र होता है। दो अथवा अधिक विभिन्न गैसें केवल एक दिशा में साथ - साथ विसरण कर सकती हैं। इस समय एक गैस के विसरण का प्रभाव दूसरे गैस के विसरण पर नहीं होता। इस प्रकार रन्ध्र के द्वारा CO2 तथा O2 का विसरण एक समय तथा साथसाथ होता है।

विसरण क्रिया में विसरित होने वाले पदार्थ के अणुओं की गति के कारण उत्पन्न दाब को विसरण दाब (Diffusion pressure) कहते हैं। विसरण दाब, गैस, द्रव तथा विलेय के अधिक सांद्रता के क्षेत्र से अपनी कम सांद्रता के क्षेत्र की ओर के विसरण की विभव योग्यता (potential ability) है। शुद्ध विलायक (solvent) का विसरण दाब सबसे अधिक होता है जब इसमें विलेय (solute) डाला जाता है तब विलयन (solution) का विसरण दाब कम हो जाता है।

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प्रश्न 3. 
सक्रिय परिवहन को समझाइये।
उत्तर:
सक्रिय परिवहन सांद्रता प्रवणता के विरुद्ध अणुओं को पंप करने में ऊर्जा का उपयोग करता है। सक्रिय परिवहन झिल्ली प्रोटीन द्वारा पूर्ण किया जाता है। अत: झिल्ली के विभिन्न प्रोटीन सक्रिय तथा निष्क्रिय दोनों परिवहन में मुख्य भूमिका निभाते हैं। पंप एक तरह का प्रोटीन है जो पदार्थों को झिल्ली के पार कराने में ऊर्जा का प्रयोग करता है। ये पंप प्रोटीन पदार्थों को कम सांद्रता से अधिक सांद्रता तक परिवहन करा सकते हैं। परिवहन की गति अधिकतम तब होती है जब परिवहन करने वाले सभी प्रोटीन का प्रयोग हो रहा हो या वह संतृप्त ही क्यों न हो। एंजाइमों की भांति वाहक प्रोटीन झिल्ली के पार करने वाले पदार्थों के प्रति बहुत अधिक विशिष्ट होती है। यह प्रोटीन निरोधकों के प्रति भी संवेदनशील होती है जो पार्श्व श्रृंखला से प्रतिक्रिया करते हैं।

प्रश्न 4. 
परासरण क्रिया को किसी प्रयोग द्वारा समझाइये।
उत्तर:
शर्करा के विलयन को एक कीप में रखकर कीप के मुंह को अर्धपारगम्य झिल्ली से बांध देते हैं। शर्करायुक्त इस कीप को चित्र में दिखायेनुसार जल से भरे बीकर में रख देते हैं (अर्द्धपारगम्य झिल्ली अंडे से प्राप्त करने के लिये इसमें एक छिद्र करके सारा पीला व श्वेत पदार्थ निकाल लेते हैं, अब अंडे के कवच को कुछ घंटों के लिये तनु नमक के अम्ल अर्थात् HCl में छोड़ देते हैं। अंडे का कवच घुल जाता है व इसकी साबुत झिल्ली प्राप्त हो जाती है। कुछ समय पश्चात् जल कीप की ओर गति करता है व कीप में घोल का स्तर बढ़ जाता है। यह प्रक्रिया तब तक जारी रहती है जब तक कि साम्यता की स्थिति नहीं आ जाती।
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प्रश्न 5.
विसरण और परासरण में अन्तर बताइये।
उत्तर:
विसरण और परासरण में अन्तर

विसरण (Diffusion)

परासरण (Osmosis)

(i) विसरण विलेय के अणुओं का अधिक सान्द्रता वाले स्थान से कम सान्द्रता की ओर चलना है।

परासरण विशेष प्रकारका विसरव है जिसमें विलायक के अणु अधिक सान्द्रता वाले स्थान से कम सान्द्रता की ओर चलते हैं।

(ii) इस क्रिया में किसी झिल्ली की आवश्यकता नहीं होती है या यह किसी भी पारगम्य शिल्ली के द्वारा हो सकता है।

इस क्रिया में अणु अद्धपारगम्य या विभेदी पारगम्य झिल्ली के आर - पार जाते हैं।

(iii) यह क्रिया किसी भी माध्यम ठोस, द्रव, गैस में हो सकती है।

यह केवल द्रव माध्यम में सम्भव है।

(iv) क्रिया में ऊर्जा नहीं लगती है।

क्रिया में ऊर्जा शक्ति लगती है।


प्रश्न 6. 
बिन्दुखाव तथा रसस्त्राव में अन्तर बताइये। 
उत्तर:
बिन्दुस्राव तथा रसस्त्राव में अन्तर

बिन्दुस्राव (Guttation)

रसम्राव (Bleeding)

(i) यह क्रिया प्रात:काल के समय पर्ण के किनारों पर होती है जिससे जल बूदें निकलती हैं।

क्रिया किसी भी समय घाव उत्पन्न करने से हो सकती है तथा पौधे के किसी भी भाग में हो सकती है।

(ii) यह क्रिया हाइडेथोड (hydathotle) छिद्रों के द्वारा होती है।

ऐसा नहीं है।

(iii) इस क्रिया से निकली जल बूंदों का आर्थिक महत्व नहीं है।

अत्यधिक महत्त्वप्रद है।


प्रश्न 7. 
परासरण तथा जीवद्रव्यकुंचन में अंतर स्पष्ट कीजिए। 
उत्तर:
परासरण तथा जीवद्रव्यकुंचन में अंतर

परासरण (Osmosis)

जीवद्रव्यकुंचन (Plasmolysis)

(i) इस क्रिया में जल का बहाव जल की अधिक सान्द्रता से जाल की कम सान्द्रता की ओर होता है।

इसमें भी जल का बहाव जल की अधिक सान्द्रता से जल की कम सान्द्रता की ओर होता है, परन्तु जल कोशिका से बाहर जाता है अर्थात् बहिःपरासरण होता है।

(ii) जीवद्रव्य कोशिका में समान रूप से फैला रहता है।

जीवद्रव्य संकुचित हो जाता है।

(iii) कोशिका स्फीति अवस्था में रहती है।

कोशिका श्लथ हो जाती है।

(iv) कोशिका के बाहर का विलयन तन होता है।

बाहर सान्द्र विलयन होता है।


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प्रश्न 8. 
अंतःशोषण से आप क्या समझते हैं? समझाइये। 
उत्तर:
अंतःशोषण (Imbibition)
अंत:शोषण या अंतःचूषण एक भौतिक प्रक्रिया है। जिसके द्वारा ठोस, कोलाइड्स का अर्थ ठोस कार्बनिक पदार्थ (जैसे : गोंद, कपास के रेशे, बीज, लकड़ी का बुरादा, अगर-अगर, स्टार्च, सेल्यूलोज इत्यादि) जल या नमी का अवशोषण कर आयतन में वृद्धि करते हैं अर्थात् फूल जाते हैं। ऐसे पदार्थ जलस्नेही होते हैं परन्तु जल में घुले बिना जल को अपने में समाहित कर लेते हैं। इस क्रिया को अंत:शोषण कहते हैं। कोशिका भित्ति क्षेत्र तथा पादप संरचनाओं में अन्या स्थित जलस्नेही पदार्थों के अणुओं व जाल के अणुओं के बीच एक प्रकार का आकर्षण होता है। इसी आकर्षण के फलस्वरूप आद्य माध्यम से जल अंत:शोषण क्रिया द्वारा कोशिका भित्ति, बीज तथा काष्ठ आदि में प्रवेश करता है। अंतःशोषण की क्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाले दाब को अन्तःशोषण दाब (imbibition pressure) कहते हैं। अंत:शोषण भी एक प्रकार का अवशोषण है, क्योंकि जल की गति सांद्रण प्रवणता के अनुसार होती है। अवशोषक तथा अंत:शोषित होने वाले द्रव के बीच जल विभव प्रवणता आवश्यक है। बीजों को जल में डालने पर बीज चोल इसी दाब के कारण फट जाता है। यदि लकड़ी के छोटे - छोटे  टुकड़ों को चट्टानों की दरारों में प्रवेश करा दिया जाए और उन्हें पानी से तर कर दिया जाए तो उनके फैलने से इतना दाय उत्पन्न हो सकता है कि चट्टानें एक-दूसरे से दूर हट सकती हैं।

प्रश्न 9. 
मूल दाब किसे कहते हैं? किसी उपयुक्त उदाहरण से इसे समझाइये।
उत्तर:
मूल दाब (Root Pressure): मूल कोशिकाओं द्वारा सक्रिय जल अवशोषण के परिणामस्वरूप एकत्रित जल के कारण उत्पन्न द्रवस्थैतिक दाब (hydrostatic pressure) को मूल दाब कहते हैं। मूल दाब जल को ऊपर तने में धकेलने में सक्षम होता है। यदि किसी गमले में सिंचित पादप को
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आधार के निकट से काटा जाता है, तो इस कटे भाग से जल निकलता है, इस क्रिया को रसस्त्राव (bleeding) कहते हैं, जो मूल दाब का परिणाम है। स्तम्भ के कटे सिरे को रबर नली द्वारा मेनोमीटर (Manometer) से जोड़कर मूल दाब को मापा जा सकता है। मूल दाब का प्रभाव रात तथा प्रात:काल के समय भी देखा जा सकता है क्योंकि इस समय वाष्पीकरण/वाष्पोत्सर्जन की क्रिया कम होती है। बगीचों में प्राय: घास की पत्तियों की नोक या शीर्ष पर अतिरिक्त जल विशेष छिद्रों से स्रावित जल बूंदों के रूप में दिखाई देता है। इस प्रकार द्रव के रूप में पानी का क्षय बिन्दु स्त्राव (Guttation) कहलाता है। -

मूलदाब का अधिकतम मान 2atm तक पाया गया है जो छोटे पौधों में रसारोहण के लिए एक सीमा तक सहभागी होता है। लम्बे वृक्षों में यह रसारोहण के लिए पर्याप्त नहीं माना जाता है। मूल दाय का व्यापक योगदान जाइलम में जल के अणुओं को निरन्तर कड़ी के रूप में स्थापित रखने में हो सकता है जो कि प्राय: वाघ्योत्सर्जन के द्वारा उत्पन्न किये गये अधिक तनावों के कारण टूटती रहती है। अधिकांश जल को परिवहन करने में मूल दाब का कोई अर्थ नहीं है। अधिकतर पौधों की आवश्यकता वाष्पोत्सर्जनित खिंचाव से पूरी हो जाती है।

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
खनिज आयनों के उद्ग्रहण तथा स्थानान्तरण पौधों में किस प्रकार होता है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पौधे अपनी कार्बन एवं अधिकतर ऑक्सीजन की आवश्यक मात्रा वातावरण में उपलब्ध CO2 से प्राप्त करते हैं। यद्यपि उनकी शेष पोषण की आवश्यकता हाइड्रोजन के लिए मृदा से प्राप्त खनिजों तथा जल से पूरी होती है।

खनिज आयनों का उद्ग्रहण (Intake of Mineral lons):
जल की जैसे सभी खनिज तत्व जड़ों द्वारा निष्क्रियता विधि द्वारा अवशोषित नहीं किये जा सकते। इसके लिए दो कारक जिम्मेदार होते हैं:
(i) मृदा में खनिजों का आवेशित (charged) रूप में रहना है जो कि कोशिका भित्ति को पार नहीं कर सकते हैं।
(ii) मृदा में खनिजों को सांद्रता प्राय: जड़ों के अन्दर को सांगता से कम होती है। इसलिए अधिकतर खनिज जड़ों में बाहा त्वचा की कोशिकाओं के कोशिका द्रव्य में सक्रिय अवशोषण के द्वारा प्रवेश करते हैं। इसमें ATP के रूप में ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

आबन का सक्रिय उद्ग्रहण मूल में जल विभव प्रवणता के लिए अंशत: जिम्मेदार होता है, अतः परासरण द्वारा जल के प्रवेश के लिए भी कुछ आयन बाहा त्वचा कोशिका में निष्क्रिय रूप से संचालन करते हैं।

मूल रोम कोशिका की झिल्ली में पाए जाने वाले विशिष्ट प्रोटीन, आयन को मृदा से सक्रिय पम्प द्वारा बाह्य त्वचा की कोशिकाओं के कोशिका दृव्य में भेजती है। सभी कोशिकाओं की जैसे अंतस्त्वचा में भी कोशिका की झिल्ली में कई परिवहन प्रोटीन पाए जाते हैं। वे कुछ विलेय को झिल्ली के आर-पार आने-जाने देते हैं परन्तु अन्य को नहीं। अन्तस्त्वचा की कोशिकाओं के परिवहन प्रोटीन नियन्त्रण बिन्दु होते हैं, जहाँ पौधे विलेय की मात्रा एवं प्रकार को जाइलम में पहुंचाते हैं तथा समायोजित करते हैं। मूल अंतस्त्वचा में सुबेरिन की पट्टी होने के कारण सक्रिय परिवहन एक ही दिशा में होता है। 
खनिज आयनों का स्थानान्तरण (Translocation of Mineral Ions) जब आयन सक्रिय या निष्क्रिय उद्ग्रहण से या फिर दोनों की सम्मिलित प्रक्रिया के माध्यम से जाइलम में पहुंच जाते हैं, तब उनका परिवहन पादप तने एवं सभी भागों तक वाष्पोत्सर्जन प्रवाह के माध्यम से होता है।

खनिज तत्वों के लिए मुख्य कुंड पौधों की वृद्धि का क्षेत्र होता है जैसे शिखान एवं पार्श्व विभज्योतक, तरुण पत्तियाँ, विकासशील पुष्य, फल एवं बीज तथा भंडारण अंग । खनिज आयनों का विसर्जन बारीक शिराओं के अन्तिम छोर पर कोशिकाओं के द्वारा विसरण तथा सक्रिय उद्ग्रहण द्वारा होता है।
खनिज आयनों को जल्दी ही पुनः संघटित विशेष रूप से पुराने जरावस्था वाले भाग से किया जाता है। पुरानी तथा मरती हुई पत्तियाँ अपने भीतर के खनिजों को नई पत्तियों में निर्यातित कर देती हैं। ठीक इसी प्रकार से पत्तियाँ पर्णपाती वृक्ष से झड़ने के पहले अपने खनिज तत्वों को अन्य भागों को दे देती हैं। जो पदार्थ प्राय: त्वरित संचारित या संघटित होते हैं, वे फॉस्फोरस, सल्फर, नाइट्रोजन तथा पोटैशियम होते हैं।

कछ तत्व जो कि संरचनात्मक कारक होते हैं, जैसे कैल्सियम, इन्हें पुनः संघटित नहीं किया जाता है। जाइलम साव का विश्लेषण यह बताता है कि कुछ नाइट्रोजन अकार्बनिक आयनों के रूप में तथा इसका अत्यधिक भाग कार्बनिक अमीनो अम्ल तथा सम्बन्धित कारकों के रूप में ढोए जाते हैं। इसी प्रकार फॉस्फोरस एवं सल्फर भी कार्बनिक यौगिकों के रूप में पहुँचाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त जाइलम एवं फ्लोयम के बीच भी पदार्थों का आदान-प्रदान होता है। अतः स्पष्ट रूप से यह अन्तर नहीं कर पाते कि जाइलम केवल अकार्बनिक पोषकों का परिवहन करता है तथा फ्लोयम कार्बनिक पदार्थों का, जैसा कि पहले विश्वास किया जाता था।

प्रश्न 2. 
बाष्पोत्सर्जन क्रिया का महत्त्व बताइये। 
उत्तर:
वाष्पोत्सर्जन क्रिया का महत्त्व:

  1. पौधों में अवशोषण एवं परिवहन के लिये वाष्पोत्सर्जन खिंचाव पैदा करना।
  2. प्रकाश - संश्लेषण क्रिया हेतु जल का संभरण।
  3. मृदा से प्राप्त खनिजों का पौधे के सभी अंगों तक परिवहन करना।
  4. पत्ती की सतह को वाष्पीकरण द्वारा 10 से 15 डिग्री तक ठंडा रखना।
  5. कोशिकाओं को स्फीत रखते हुये पादपों के आकार एवं बनावट को नियंत्रित रखना।

सक्रिय प्रकाश - संश्लेषण में रत पौधे को जल की अत्यन्त आवश्यकता रहती है। प्रकाश - संश्लेषण में उपलब्ध जल सीमाकारी हो सकता है, जिसे वाष्पोत्सर्जन प्रभावित करता है। वर्षावनों में आर्द्रता इसी जल चक्र के कारण वातावरण में तथा पुनः मृदा में देखी जाती है।

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प्रश्न 3. 
निम्नलिखित में अन्तर बताइये
(क) विसरण दाब न्यूनता एवं जल विभव
(ख) परासरण दाब, स्फीति दाब, भित्ति दाब एवं विसरण दाब न्यूनता
(ग) सक्रिय एवं निष्क्रिय अवशोषण।
उत्तर:
(क) विसरण दाब न्यूनता एवं जल विभव में अन्तर

विसरण दाब न्यूनता (DPD)

जल विभव (Ψ)

1. विसरण दाब न्यूनता को चूषक दाब भी कहते हैं।

जल विभव पानी का रासायनिक विभव (Chemical Potential) है जो DPD के समान होता है परन्तु ऋणात्मक (-ve) चिन्ह से दर्शाया जाता है। इसे ग्रीक अक्षर 'साई' (psi) से लिखते हैं।

2. यह विलयन तथा शुद्ध विलायक के विसरण दाब में अन्तर है।

यह पानी के अणुओं की विलयन तथा शुद्ध जल में स्वतंत्र ऊर्जा का अन्तर है।

3. पानी की गति कम DPD से अधिक DPD की ओर होती है।

पानी की गति अधिक जल विभव से कम जल विभव की ओर होती है।

4. विसरण दाब न्यूनता, परासरण दाब व स्फीति दाब के अन्तर के बराबर होती है।

DPD = OP - TP

जल विभव, मैट्रिक विभव, विलेय विभव तथा दाब विभव के बराबर होती है।

Ψ = Ψm + Ψsp

5. DPD की इकाई एटमोस्फेर (atmosphere) होती है

जल विभव की इकाई बार (bar) होती है।


(ख) परासरण दाब, स्फीति दाब, भित्ति दाब एवं विसरण दाब न्यूनता में अन्तर 

परासरण दाब (OP)

स्फीति दाब (TP)

भित्ति दाब (WP)

विसरण दाब न्यूनता (DPD)

1. यह विलयन का असंख्य गुणधर्म (Collegative Property) है। इसके कारण पानी कोशिका में प्रवेश करता है।

यह कोशिश में उल्फा द्रव स्पैतिक दाब (hydrostatic pressure) है। पानी के कोशिका के अन्दर आने के साथ TP बढ़ता है।

यह स्कीति विभव के समान तथा प्रतिदाव (opposite pressure) है जो TP को रोकने के लिए कोशिका भित्ति द्वारा लगाया जाता है।

यह विलयन तथा शुद्ध जल के विसरण दाब का अन्तर हे जिसके कारण पानी कोशिका में प्रवेश करता है।

2. जब कोशिका श्लथ होती है तब OP अधिकतम होता है।

पूर्ण स्फीति कोशिका में TP अधिकतम होता है।

भित्ति द्वारा लगाया प्रतिरोधी दाब है जो स्फीति दशा में अधिकतम होता है।

यह विलेय मिलाने में कम होता है।

3. परासरण दाब के कारण पानी अर्धपारगम्य शिल्ली को पार करता है।

स्फीति दाब बढ़ने से कोशिका द्रव्य का माप बढ़ता है। इसके कारण पौधों में दृढ़ता बनी रहती है। इसके कारण पौधों में गति भी होती है, जैसे हुईमुई।

एफीति स्थिति में यह स्पीति दाब के बराबर होता है।

WP = TP

यह परासरण दाब तथा स्फीति दाब का अन्तर है।

DPD = OP - TP


(ग) सक्रिय एवं निष्क्रिय अवशोषण में अन्तर 

सक्रिय अवशोषण (Active Absorption)

निष्क्रिय अवशोषण (Passive Absorption)

1. जड़ें सक्रिय रूप से अवशोषण में भाग लेती हैं।

जड़ों का कोई काम अवशोषण में नहीं होता है।

2. यह क्रिया वाष्पोत्सर्जन की कमी या अनुपस्थिति में होती है।

यह क्रिया वाष्पोत्सर्जन के कारण होती है।

3. जल अवशोषण जड़ द्वारा होता है (मुख्यत: मूल रोम द्वारा)।

जल अवशोषण के लिए शक्ति पत्तियों द्वारा लगाई जाती है।

4. ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

ऊर्जा की आवश्यकता नहीं होती।

5. यह क्रिया जड़ की कोशिकाओं के भीतर अथवा सिमप्लास्ट में होती है।

यह क्रिया दो कोशिकाओं के बीच अवकाश (Intercellular Space) अथवा एपोप्लास्ट में होती है।

6. इस क्रिया में विसरण दाय प्रवणता (DPD) बनने से पानी अवशोषित होता है।

इनमें DPD नहीं बनता है अपितु वाष्पोत्सर्जनाकर्षण बल (Transpiration Pull) के कारण पानी अवशोषित होता है।

7. जड़ों में श्वसन होता है और श्वसन तथा अवशोषण का सीथा सम्बन्ध होता है।

श्वसन का निष्क्रिय अवशोषण पर कोई प्रभाव नहीं होता है।

8. इस क्रिया के कारण मूल दाब उत्पन्न होता है।

मूल दाब उत्पन्न नहीं होता है।

 

विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे गये प्रश्न

प्रश्न 1. 
निम्न में से कौनसा कोशिका में जल का कार्य नहीं है
(a) यह रासायनिक क्रिया के लिए ऊर्जा प्रदान करता है 
(b) यह एक विलायक की तरह कार्य करता है 
(c) यह रासायनिक अभिक्रिया के लिए माध्यम प्रदान करता है
(d) यह आयनीकरण के द्वारा हाइड्रोजन आयन उत्पन्न करता है 
उत्तर:
(a) यह रासायनिक क्रिया के लिए ऊर्जा प्रदान करता है 

प्रश्न 2. 
यदि एक कोशिका, विलयन में रखने पर सिकुड़ती है, तो यह विलयन कैसा है
(a) हाइपोटोनिक
(b) हाइपरटोनिक 
(c) आइसोटोनिक
(d) मीजोटोनिक 
उत्तर:
(b) हाइपरटोनिक 

प्रश्न 3. 
जब एक प्लाज्मोलाइण्ड कोशिका को हाइपोटोनिक विलयन में रखते हैं तब बाहर से पानी अन्दर कोशिका में पहुँचता है। यह क्रिया किस दाब के कारण होती है
(a) DPD
(b) OP 
(c) WP
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं 
उत्तर:
(a) DPD

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प्रश्न 4. 
मूलदाय किसकी वजह से विकसित होता है
(a) मृदा में निम्न परासरणी विभव के कारण 
(b) निष्क्रिय अवशोषण के कारण 
(c) वाष्पोत्सर्जन के बढ़ाव के कारण
(d) सक्रिय अवशोषण के कारण 
उत्तर:
(a) मृदा में निम्न परासरणी विभव के कारण

प्रश्न 5. 
पादपों में ग्लूकोज का संग्रह नहीं होता है
(a) परासरण दाब में कमी के कारण 
(b) परासरण दाब में वृद्धि के कारण 
(c) स्फीति दाब में वृद्धि के कारण
(d) स्फीति दाब में कमी के कारण 
उत्तर:
(b) परासरण दाब में वृद्धि के कारण

प्रश्न 6. 
वाष्पोत्सर्जन और मूलदाब, पादपों में जल को कैसे चढ़ाते हैं
(a) इसे क्रमश: खींचकर और धक्का देकर 
(b) इसे ऊपर की ओर धक्का देकर 
(c) इसे क्रमशः धक्का देकर और खींचकर
(d) इसे ऊपर की ओर खींचकर 
उत्तर:
(a) इसे क्रमश: खींचकर और धक्का देकर 

प्रश्न 7. 
एक लम्बे वृक्ष की दारू वाहिकाओं में जल का स्तम्भ अपने भार से नहीं टूटता। इसका कारण है
(a) जल की सतत शक्ति 
(b) दारू वाहिकाओं का लिग्निकरण
(c) धनात्मक मूल दाब 
(d) जल में पुलित शर्करा 
उत्तर:
(a) जल की सतत शक्ति 

प्रश्न 8. 
काष्ठीय वृक्षों में तने के आन्तरिक ऊतकों तथा बाहरी वातावरण के मध्य गैसों का आदान - प्रदान होता है
(a) एरेनकाइमा द्वारा
(b) स्टोमेय द्वारा 
(c) न्यूमेटोफोर द्वारा
(d) लेटिकल्स द्वारा 
(e) ट्राइकोम्स द्वारा 
उत्तर:
(d) लेटिकल्स द्वारा 

प्रश्न 9.
X.Y और Z पौधों की निचली एपीडर्मिस के 1 mm2 पत्ती के क्षेत्रफल पर रन्ध्रों की संख्या दी गयी है। पौधों को रन्धों की घटती संख्या के आधार पर व्यवस्थित करें:

कोशिका

रन्धों की संख्या

एपीडर्मिस कोशिकाओं की संख्या

X

30

150

Y

60

240

Z

90

400


सही उत्तर है
(a) X, Y, Z
(b) Y, Z, X 
(c) Z, Y, X
(d) Y, X, Z 
उत्तर:
(b) Y, Z, X 


प्रश्न 10. 
रन्धों की गतिशीलता किससे प्रभावित नहीं होती है
(a) तापमान से
(b) प्रकाश से 
(c) O2 सान्द्रता से
(d) CO2 सान्द्रता से 
उत्तर:
(c) O2 सान्द्रता से

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प्रश्न 11. 
घास की पत्ती में रन्ध्र होते हैं
(a) डंबलाकार
(b) वृक्काकार 
(c) आयताकार
(d) ढोलकाकार 
उत्तर:
(a) डंबलाकार

प्रश्न 12. 
गार्ड कोशिकाओं के खुलने या बन्द होने की क्रिया का सबसे पुष्ट स्पष्टीकरण किस सिद्धान्त पर आधारित है
(a) गार्ड कोशिकाओं में पोटैशियम का प्रवेश और निर्गम 
(b) गार्ड कोशिकाओं में प्रकाश संश्लेषण क्रिया होती है 
(c) स्टार्च - शर्करा का रूपान्तरण
(d) वाष्पोत्सर्जन पर 
उत्तर:
(a) गार्ड कोशिकाओं में पोटैशियम का प्रवेश और निर्गम 

प्रश्न 13. 
रंधों के खुलने अथवा बन्द होने का कारण है
(a) रक्षक कोशिकाओं के स्फीति में परिवर्तन 
(b) प्रत्येक रक्षक कोशिकाओं की आन्तरिक भित्ति मोटी तथा तन्य होती है 
(c) रक्षक कोशिकाओं के सेल्युलोज माइक्रोफाइबिल अरोय रूप से व्यवस्थित होते हैं 
(d) उपरोक्त सभी 
उत्तर:
(d) उपरोक्त सभी 

प्रश्न 14. 
गटेशन होने का कारण है
(a) अंतःशोषण
(b) परासरण 
(c) धनात्मक मूल दाब 
(d) वाष्पोत्सर्जन 
उत्तर:
(c) धनात्मक मूल दाब 

प्रश्न 15. 
कॉलम - I में दिये गये सिद्धान्तों को कॉलम - II में दिये गये वैज्ञानिकों के नाम के साथ मिलाइये और उत्तर को चुनिये जो कि वर्णक्रमों के सही संयोजन को दर्शाते हैं

कॉलम - I (सिद्धान्तों के नाम)

कॉलम - II (वैज्ञानिकों के नाम)

A. रिले पम्प सिद्धान्त

p. स्टॉकिंग

B. वाष्पोत्सर्जन खिंचाव सिद्धान्त

q. सर जे.सी. बोस

C. मास फ्लो

r. गाँडलेवस्की

D. स्पंदन सिद्धान्त

s. डिक्सन और जॉली

 

t. अर्नस्ट मुन्च


(a) A = r, B = s, C= t, D = q 
(b) A = s, B = r,C = p, D = q 
(c) A = r, B = q, C = t, D = q 
(d) A = q, B = p, C = t, D = r
उत्तर:
(a) A = r, B = s, C= t, D = q 

प्रश्न 16. 
एक रिंग गईल्ड पौधे में 
(a) जड़ सर्वप्रथम मृत होती है।
(b) प्ररोह सर्वप्रथम मृत होता है 
(c) जड़ और प्ररोह एक साथ मृत होते हैं
(d) न तो जड़ और न ही शूट मृत होंगे 
उत्तर:
(a) जड़ सर्वप्रथम मृत होती है।

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प्रश्न 17. 
निम्नलिखित में से कौनसा मानदण्ड संसाधित अभिगमन से सम्बन्ध नहीं रखता है
(a) ऊर्ध्व अभिगमन 
(b) विशिष्ट कला प्रोटीन की आवश्यकता 
(c) उच्य चयनता
(d) अभिगमन संतृप्तता 
उत्तर:
(a) ऊर्ध्व अभिगमन 

प्रश्न 18. 
मानक तापमान पर शुद्ध जल का जल विभव समान होता है
(a) 10
(b) 20
(c) शून्य
(d) इनमें से कोई नहीं 
उत्तर:
(c) शून्य

प्रश्न 19. 
पादप पत्ती से जल वाष्प रन्धों के द्वारा बाहर आता है। प्रकाश संश्लेषण के दौरान उसी रन्ध्र से कार्बन डाइऑक्साइड पादप में विसरित होती है। उपर्युका कथनों में (कारणों पर विचार कर) से एक विकल्प चुनिए-
(a) दोनों प्रक्रियाएँ एक साथ नहीं हो सकती हैं 
(b) दोनों प्रक्रियाएँ एक साथ हो सकती हैं क्योंकि जल और CO2 का विसरण गुणांक भिन्न है
(c) उपर्युक्त प्रक्रियाएँ केवल रात में हो सकती हैं
(d) एक प्रक्रिया दिन में तथा दूसरी प्रक्रिया रात में होती है 
उत्तर:
(b) दोनों प्रक्रियाएँ एक साथ हो सकती हैं क्योंकि जल और CO2 का विसरण गुणांक भिन्न है

प्रश्न 20. 
द्वार कोशिकाओं को घेरने वाली विशिष्टीकृत बाह्यत्वचीय कोशिकाओं को क्या कहा जाता है-
(a) पूरक कोशिकाएँ 
(b) सहायक कोशिकाएँ 
(c) बुलीफार्म कोशिकाएँ 
(d) वातरन्ध्र
उत्तर:
(b) सहायक कोशिकाएँ 

Bhagya
Last Updated on Aug. 16, 2022, 10:59 a.m.
Published Aug. 12, 2022