RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

Rajasthan Board RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन Important Questions and Answers. 

Rajasthan Board RBSE Solutions for Class 10 Social Science in Hindi Medium & English Medium are part of RBSE Solutions for Class 10. Students can also read RBSE Class 10 Social Science Important Questions for exam preparation. Students can also go through RBSE Class 10 Social Science Notes to understand and remember the concepts easily. The class 10 economics chapter 2 intext questions are curated with the aim of boosting confidence among students.

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1. 
जल के नवीकरण और पुनर्भरण को सुनिश्चित करने वाला प्रक्रम है-
(अ) वाष्पीकरण 
(ब) अपवाहन 
(स) संघनन 
(द) अलीय चक्र 
उत्तर:
(द) अलीय चक्र

प्रश्न 2. 
सतलज-व्यास नदी बेसिन पर निर्मित बहुउद्देश्यीय परियोजना है-
(अ) हीराकुड परियोजना
(ब) भाखड़ा-नांगल परियोजना 
(स) नागार्जुन सागर परियोजना
(द) चम्बल परियोजना 
उत्तर:
(ब) भाखड़ा-नांगल परियोजना 

प्रश्न 3. 
महानदी बेसिन पर निर्मित बहुउद्देश्यीय परियोजना है-
(अ) सरदार सरोवर परियोजना
(ब) सलाल परियोजना 
(स) मैटटूर परियोजना
(द) हीराकुड परियोजना 
उत्तर:
(द) हीराकुड परियोजना

प्रश्न 4. 
पश्चिमी राजस्थान में छत वर्षा जल संग्रहण की रीति कम होने का कारण है-
(अ) गंग नहर
(ब) इन्दिरा गांधी नहर 
(स) घाघरा नदी 
(द) माही नदी की वितरिकाएँ
उत्तर:
(ब) इन्दिरा गांधी नहर

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 5. 
भारत का वह कौनसा राज्य है जहाँ पूरे राज्य में प्रत्येक घर में छत वर्षा जल संग्रहण ढाँचों का बनाना आवश्यक कर दिया है-
(अ) कर्नाटक
(ब) आन्ध्रप्रदेश 
(स) तमिलनाडु 
(द) केरल 
उत्तर:
(स) तमिलनाडु 

प्रश्न 6. 
भारत में कुल विद्युत का लगभग कितना प्रतिशत भाग जल विद्युत से प्राप्त होता है?
(अ) 22 प्रतिशत 
(ब) 50 प्रतिशत 
(स) 72 प्रतिशत 
(द) 90 प्रतिशत 
उत्तर:
(अ) 22 प्रतिशत

प्रश्न 7. 
बाँधों को 'आधुनिक भारत के मन्दिर' कौन कहा करते थे? 
(अ) महात्मा गांधी
(ब) सरदार वल्लभ भाई पटेल 
(स) जवाहर लाल नेहरू
(द) मोरारजी देसाई 
उत्तर:
(स) जवाहर लाल नेहरू

प्रश्न 8. 
बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं का उद्देश्य है-
(अ) विद्युत उत्पादन 
(ब) बाढ़ नियंत्रण 
(स) घरेलू एवं औद्योगिक उपयोग हेतु जल आपूर्ति
(द) उपर्युक्त सभी 
उत्तर:
(द) उपर्युक्त सभी

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 9. 
राजस्थान के अर्ध-शुष्क और शुष्क क्षेत्रों में छत वर्षाजल संग्रहण हेतु प्रायः हर घर में बनाया जाता था-
(अ) टाँका
(ब) गुल 
(स) जोहड़ 
(द) कुआँ 
उत्तर:
(अ) टाँका

प्रश्न 10. 
विश्व की सबसे अधिक वर्षा कहाँ होती है? 
(अ) दार्जिलिंग
(ब) मुंबई 
(स) चेरापूँजी और मॉसिनराम 
(द) गौहाटी
उत्तर:
(स) चेरापूँजी और मॉसिनराम

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए-

1. समुचित जल प्रबंधन के कारण .......... जैसे 25 सेमी. औसत वार्षिक वाले देश में जल का कोई अभाव नहीं है। 
2. अपने समय की सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक ..........., 11वीं शताब्दी में बनाई गई। 
3. सरदार सरोवर बाँध गुजरात में ....... नदी पर बनाया गया है। 
4. पालर पानी प्राकृतिक जल का .......... रूप समझा जाता है। 
5. वर्षा का ........... जल छत और नलों को साफ करने में प्रयोग होता था।
उत्तरमाला:
1. इजराइल 
2. भोपाल झील 
3. नर्मदा 
4. शुद्धतम 
5. पहला। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
पृथ्वी का कितना भाग जल से घिरा हुआ है? 
उत्तर:
तीन-चौथाई भाग। 

प्रश्न 2. 
जवाहर लाल नेहरू बाँधों को क्या कहा करते थे? 
उत्तर:
आधुनिक भारत के मन्दिर। 

प्रश्न 3. 
'बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली' को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
'बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली' मेघालय में नदियों व झरनों के जल को बाँस द्वारा बने पाइप द्वारा एकत्रित करने की विधि है।

प्रश्न 4. 
सरदार सरोवर बाँध किस राज्य में है? 
उत्तर:
गुजरात राज्य में। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 5. 
जल संभरण क्षेत्र का अर्थ बताइए।
उत्तर:
एक ऐसा भू-आकृति क्षेत्र जिसमें विभिन्न उपक्षेत्रों का जल हेतु समन्वित विकास किया गया हो, जल संभरण क्षेत्र कहलाता है।

प्रश्न 6. 
छत वर्षा जल संग्रहण के दो माध्यमों के नाम बताइए। 
उत्तर:

  • हैण्डपम्प के माध्यम से 
  • बेकार पड़े कुएं के माध्यम से। 

प्रश्न 7. 
गुजरात में नर्मदा नदी पर कौनसा बाँध बनाया गया है? 
उत्तर:
सरदार सरोवर बाँध।

प्रश्न 8. 
भारत के उस राज्य का नाम बताइये जिसमें प्रत्येक घर में छत वर्षा जल संग्रहण ढाँचों का बनाना आवश्यक कर दिया गया है?
उत्तर:
तमिलनाडु राज्य। 

प्रश्न 9. 
भारत के उन राज्यों के नाम बताइये जो कि कृष्णा-गोदावरी विवाद से सम्बन्धित हैं? 
उत्तर:
महाराष्ट्र, कर्नाटक और आन्ध्र प्रदेश। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 10. 
अलवणीय जल के तीन प्रत्यक्ष स्रोतों के नाम बताइये। 
उत्तर:

  • वर्षण,
  • सतही अपवाह,
  • भूमिगत जल। 

प्रश्न 11. 
भारत में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं को आरम्भ करने का मुख्य उद्देश्य क्या था? 
उत्तर:
बाढ़ नियंत्रण करना। 

प्रश्न 12. 
बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजनाओं द्वारा पूरित किन्हीं दो उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:

  • बाढ़ नियंत्रण करना।
  • सिंचाई को बढ़ावा देना। 

प्रश्न 13. 
जल के चार प्रमुख उपयोग बताइए।
उत्तर:
जल के प्रमुख उपयोग हैं-

  • पीने में तथा घरेलू कार्यों में 
  • सिंचाई में 
  • औद्योगिक उद्देश्यों की पूर्ति में 
  • बिजली उत्पादन में। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 14. 
"कुएं और नलकूप भारत के उत्तरी मैदानों में सिंचाई के सबसे अधिक लोकप्रिय साधन हैं।" कोई दो तर्क देकर इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:

  • उत्तरी मैदानों में भौमिक जल धरातल के कुछ ही नीचे मिलता है तथा 
  • मिट्टी मुलायम है जिससे कुएं व नलकूप लगाना आसान है।

प्रश्न 15. 
महानदी पर स्थित बहुउद्देश्यीय परियोजना का नाम बताइये। 
उत्तर:
हीराकुड परियोजना। 

प्रश्न 16. 
वर्ष 2025 में अनुमानतः कितने लोग जल की नितांत कमी झेलेंगे? 
उत्तर:
वर्ष 2025 में अनुमानत: 20 करोड़ लोग जल की नितांत कमी झेलेंगे। 

प्रश्न 17. 
जल के चार प्रमुख उपयोग बताइये। 
उत्तर:

  • पीने हेतु तथा घरेलू कार्यों हेतु 
  • औद्योगिक कार्यों हेतु 
  • सिंचाई हेतु 
  • जल विद्युत के उत्पादन हेतु। 

प्रश्न 18. 
जल संसाधनों की उपलब्धता में समय और स्थान के अनुसार विभिन्नता क्यों पाई जाती है? 
उत्तर:
वर्षा में वार्षिक और मौसमी परिवर्तन के कारण। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 19. 
किसी स्थान पर जल की कमी किस कारण से होती है? 
उत्तर:
किसी स्थान पर जल की कमी इसके अतिशोषण, अत्यधिक प्रयोग और असमान वितरण के कारण होती है। 

प्रश्न 20. 
भारत की नदियों के जल के प्रदूषित होने के दो कारण बताइये। 
उत्तर:

  • बढ़ती जनसंख्या, 
  • नगरीकरण और औद्योगीकरण।

प्रश्न 21. 
प्राचीन भारत में गंगा नदी की बाढ़ के जल को संरक्षित करने के लिए कब व किस स्थान पर जल संग्रहण तंत्र बनाया गया था?
उत्तर:
इसके लिए प्राचीन भारत में ईसा से एक शताब्दी पूर्व इलाहाबाद के पास भिंगवेरा जल संग्रहण तंत्र बनाया गया था।

प्रश्न 22. 
प्राचीन भारत में उत्कृष्ट सिंचाई तंत्र होने के सबूत कौन-कौनसे स्थानों पर पाए जाते हैं? किन्हीं दो स्थानों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में उड़ीसा में कलिंग, आन्ध्रप्रदेश में नागार्जुन कोंडा में उत्कृष्ट सिंचाई तंत्र होने के सबूत मिलते हैं। 

प्रश्न 23. 
बाँध से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
प्रवाहित जल को रोकने, दिशा देने या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गई बाधा जो कि आमतौर पर जलभरण बनाती है, बाँध कहलाती है।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 24. 
भारत के उस क्षेत्र का नाम बताइए जो जल की कमी से पीड़ित रहता है। 
उत्तर:
पश्चिमी राजस्थान क्षेत्र। 

प्रश्न 25. 
वर्षा जल संग्रहण के दो प्रमुख उद्देश्य बताइये। 
उत्तर:

  • पीने के पानी की बढ़ती हुई माँग को पूरा करना। 
  • जल प्रवाह को कम करना तथा एकत्रित जल से आवश्यकता के समय सिंचाई करना। 

प्रश्न 26. 
वर्षा जल संग्रहण का अर्थ बताइए। 
उत्तर:
वर्षा के जल को एकत्रित करना वर्षा जल संग्रहण कहलाता है। 

प्रश्न 27. 
जल संरक्षण के कोई दो उपाय बताइए। 
उत्तर:

  • जलाशयों में भण्डारण की क्षमता बढ़ाना। 
  • नदियों के जल को एक-दूसरे से मिलाना। 

प्रश्न 28. 
बड़े बाँधों के निर्माण के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाली दो प्रमुख हानियाँ बताइये। 
उत्तर:

  • बड़ी संख्या में लोगों का विस्थापन। 
  • बड़ी संख्या में पेड़-पौधों का जलमग्न होना। 

प्रश्न 29. 
वर्तमान में नर्मदा बचाओ आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य बताइये।
उत्तर:
वर्तमान में नर्मदा बचाओ आन्दोलन का मुख्य उद्देश्य विस्थापित लोगों को सरकार से सम्पूर्ण पुनर्वास सुविधाएँ दिलाना हो गया है।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 30. 
बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं के निर्माण के विरोध में एक तर्क दीजिए।
उत्तर:
इन परियोजनाओं के निर्माण से स्थानीय समुदायों का विस्थापन होता है। 

लघूत्तरात्मक प्रश्न (Type-l)

प्रश्न 1. 
राजस्थान के अर्द्धशुष्क एवं शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
राजस्थान के अर्द्ध-शुष्क और शुष्क क्षेत्रों में खेतों में वर्षा के जल को एकत्रित करने के लिए गड्ढे बनाए जाते थे जिससे भूमि की सिंचाई की जा सके तथा संरक्षित जल को कृषि के काम में प्रयुक्त किया जा सके। राजस्थान के जैसलमेर जिले में 'खादीन' तथा अन्य क्षेत्रों में 'जोहड़' इसके उदाहरण हैं। पीने के पानी के लिए टांका बनाया जाता है।

प्रश्न 2. 
आपके मतानुसार 'बाँध' कैसे उपयोगी हैं?
उत्तर:

  • बाँधों द्वारा जल संरक्षण एवं बाढ़ नियंत्रण किया जाता है। साथ ही सिंचाई के लिए जल की आपूर्ति की जाती है।
  • बाँध विद्युत उत्पादन, घरेलू और औद्योगिक उपयोग, मनोरंजन, आन्तरिक नौसंचालन एवं मत्स्य पालन के लिए भी उपयोगी होते हैं।

प्रश्न 3. 
बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
जिन बाँधों का उद्देश्य सिंचाई के साथ-साथ विद्युत उत्पादन, घरेलू और औद्योगिक उपयोग, जलआपूर्ति, बाढ़ नियंत्रण, मनोरंजन, आंतरिक नौ-संचालन और मछली पालन भी होता है, उन्हें बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ कहा जाता है।

प्रश्न 4. 
कृष्णा-गोदावरी विवाद क्या है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
कृष्णा-गोदावरी विवाद की शुरुआत महाराष्ट्र सरकार के द्वारा कोयना पर जलविद्युत परियोजना के लिए बाँध बनाकर जल की दिशा परिवर्तित करने पर कर्नाटक और आन्ध्रप्रदेश सरकारों द्वारा यह आपत्ति उठाए जाने के फलस्वरूप हुई कि इससे नदी के निचले हिस्सों में जल प्रवाह कम हो जायेगा और कृषि और उद्योगों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 5. 
शिलांग में छत वर्षा जल-संग्रहण एक विचित्र बात लगती है। कारण बताइये।
उत्तर:
शिलांग से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चेरापूँजी तथा मॉसिनराम में विश्व की सबसे अधिक वर्षा होती है। फिर भी शिलांग शहर को जल की अत्यधिक कमी का सामना करना पड़ता है। अतः शहर के घरेलू जल आवश्यकता की कुल मांग के लगभग 15 से 25 प्रतिशत भाग की पूर्ति छत जल संग्रहण व्यवस्था से ही होती है। इतनी वर्षा के बावजूद शिलांग में छत वर्षा जल संग्रहण एक विचित्र बात लगती है।

प्रश्न 6. 
भारत में सिंचाई के तीन प्रमुख साधन बताइए। दक्षिणी राज्यों में कौनसा सिंचाई का साधन अधिक लोकप्रिय है?
उत्तर:
भारत में तीन प्रमुख सिंचाई के साधन हैं- (i) कुएं, नलकूप (ii) नहरें (iii) तालाब। 
दक्षिणी भारत में तालाब अधिक लोकप्रिय हैं।

प्रश्न 7. 
"भारत में जल बहुत ही महत्त्वपूर्ण संसाधन है।" इस कथन की पुष्टि किन्हीं तीन बिन्दुओं के अन्तर्गत कीजिए।
उत्तर:
भारत में जल बहुत ही महत्त्वपूर्ण संसाधन है, क्योंकि-

  • भारत कृषि प्रधान देश है। इसमें फसलों की सिंचाई के लिए बहुत बड़ी मात्रा में जल की आवश्यकता होती है। 
  • बढ़ती हुई जनसंख्या के लिए पीने, कपड़े धोने, स्नान करने आदि हेतु जल की बहुतायत में आवश्यकता है। 
  • शहरीकरण और औद्योगीकरण को विकास की गति प्रदान करने में जल आवश्यक है। 

प्रश्न 8. 
“भारत में जल संकटग्रस्त संसाधन है।" इस कथन की पुष्टि कीजिए। 
उत्तर:
भारत में जल संकटग्रस्त संसाधन-

  • भारत में जल के अत्यधिक प्रयोग से जल की कमी हो गई है। 
  • भारत में जल प्रदूषित किये जाने के कारण उपयोग में लाने योग्य नहीं रह गया है।
  • वर्षा की कमी के कारण जल और भी अधिक संकटग्रस्त हो जाता है। फसलें सूख जाती हैं, पीने के पानी का राशन करना पड़ता है।

प्रश्न 9. 
देश में वर्षा जल तेजी से बहकर समुद्र में क्यों चला जाता है? इसका क्या दुष्परिणाम होता है?
उत्तर:
भारत में जल की उपलब्धता और उसके स्वरूप के अनुसार समुचित जल प्रबंधन न होने के कारण वर्षा का जल नदी-नालों में तेजी से बहकर समुद्र में चला जाता है। इसके दुष्परिणाम रूप में वर्षा के बाद के लगभग नौ महीने देश में पानी की कमी रहती है।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 10. 
भारत में जलीय अभाव का प्रमुख कारण क्या है? क्या इसे नियंत्रित किया जा सकता है?
उत्तर:
भारत में जलीय अभाव का प्रमुख कारण समुचित जल प्रबन्धन का न होना है। देश में जल की उपलब्धता और उसके स्वरूप के अनुसार समुचित जलप्रबंधन न होने के कारण ही वर्षा का जल नदी-नालों में तेजी से बहकर समुद्र में चला जाता है जिससे वर्षा के बाद के लगभग नौ महीने देश के लिए पानी की कमी के होते हैं।

इसे उचित प्रबंधन के द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। 

प्रश्न 11. 
जल-दुर्लभता के गुणात्मक पहलू का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
जल-दुर्लभता जल की खराब गुणवत्ता के कारण भी हो सकती है। कई क्षेत्र ऐसे हैं जहाँ लोगों की आवश्यकता के लिए प्रचुर मात्रा में जल उपलब्ध होने के बावजूद यह घरेलू और औद्योगिक अपशिष्टों, रसायनों, कीटनाशकों और कृषि में प्रयुक्त उर्वरकों द्वारा प्रदूषित है और मानव उपयोग के लिए खतरनाक है । यही जल-दुर्लभता का गुणात्मक पहलू है। 

प्रश्न 12. 
छत वर्षा जल संग्रहण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
अथवा 
छत वर्षाजल संग्रहण की विधि समझाइए।
अथवा 
बेकार पड़े कुएं के माध्यम से जल पुनर्भरण का वर्णन कीजिए। 
उत्तर:
छत वर्षाजल संग्रहण की विधि निम्न प्रकार है-

  • पी वी सी पाइप का इस्तेमाल करके छत का वर्षाजल एकत्रित किया जाता है।
  • रेत और ईंट प्रयोग करके जल का छनन (filter) किया जाता है। 
  • भूमिगत पाइप के द्वारा जल हौज तक ले जाया जाता है जहाँ से इसे तुरन्त प्रयोग किया जा सकता है। 
  • हौज से अतिरिक्त जल बेकार पड़े कुएँ तक ले जाया जाता है। 
  • कुएँ का जल भूमिगत जल का पुनर्भरण करता है। 
  • बाद में इस जल का उपयोग किया जा सकता है। 

प्रश्न 13. 
द सिटीजन्स फिफ्थ रिपोर्ट, सी एस ई 1999 नदियों के प्रदूषण के बारे में क्या कहती है?
उत्तर:
द सिटीजन्स फिफ्थ रिपोर्ट, सी एस ई 1999 के अनुसार भारत की नदियाँ विशेषकर छोटी सरिताएँ, जहरीली धाराओं में परिवर्तित हो गई हैं और बड़ी नदियाँ जैसे गंगा और यमुना कोई भी शुद्ध नहीं हैं । बढ़ती जनसंख्या, कृषि आधुनिकीकरण, नगरीकरण और औद्योगीकरण का भारत की नदियों पर अत्यधिक दुष्प्रभाव है और हर दिन गहराता जा रहा है, इससे संपूर्ण जीवन खतरे में है।

प्रश्न 14. 
सरदार सरोवर बाँध के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
सरदार सरोवर-बाँध गुजरात में नर्मदा नदी पर बनाया गया है। यह भारत की एक बड़ी जल संसाधन परियोजना है जिसमें चार राज्य-महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, गुजरात तथा राजस्थान सम्मिलित हैं। सरदार सरोवर परियोजना गुजरात (9490 गाँवों तथा 173 कस्बों) तथा राजस्थान (124 गाँवों) के सूखाग्रस्त तथा मरुस्थलीय भागों की जल की आवश्यकता को पूरा करेगी। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

लघूत्तरात्मक प्रश्न ( Type-II)

प्रश्न 1. 
बाँध क्या है? इसके निर्माण के उद्देश्य बताइये।
उत्तर:
बाँध का अर्थ-प्रवाहित जल को रोकने, दिशा देने या बहाव को कम करने के लिए खडी की गई बाधा जो कि आम तौर पर जलाशय, झील अथवा जल भरण बनाती है, बाँध कहलाती है। बाँध का अर्थ जलाशय से होता है न कि इसके ढाँचे से।

उद्देश्य सिंचाई के अलावा बाँधों का उद्देश्य विद्युत उत्पादन, घरेलू और औद्योगिक उपयोग, जल आपूर्ति, बाढ़ नियंत्रण, मनोरंजन, आन्तरिक नौसंचालन और मत्स्य पालन भी है। इसी कारण बाँधों को बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ कहा जाता है। जहाँ एकत्रित जल के अनेकों उपयोग समन्वित होते हैं। यथा-सतलज-व्यास बेसिन में भाखड़ा-नांगल परियोजना जलविद्युत उत्पादन और सिंचाई दोनों के काम में आती है। इसी प्रकार महानदी बेसिन में हीराकुड परियोजना जल संरक्षण और बाढ़ नियंत्रण का समन्वय है।

प्रश्न 2. 
भारत में नदी परियोजनाओं के निर्माण पर उठाई गई आपत्तियों के कारण बताइये।
उत्तर:
भारत में नदी परियोजनाओं पर उठाई गई अधिकतर आपत्तियाँ उनके उद्देश्यों में विफल हो जाने से सम्बन्धित हैं, यथा-

  • जो बाँध बाढ़ नियंत्रण के लिए बनाए जाते हैं उनके जलाशयों में तलछट जमा होने से वे बाढ़ आने का कारण बन जाते हैं।
  • बाँधों के जलाशय में तलछट जमा हो जाने के कारण भूमि निम्नीकरण की समस्याएँ बनी हैं। 
  • बहुउद्देश्यीय योजनाओं के कारण भूकंप आने की संभावना बढ़ जाती है।
  • अत्यधिक जल उपयोग से जलजनित बीमारियाँ, फसलों में कीटाणुजनित बीमारियाँ और प्रदूषण में वृद्धि हो जाती है।
  • इसके अलावा बाँध बनाने से नदियों का प्राकृतिक बहाव अवरुद्ध होता है जिससे तलछट बहाव कम हो जाता है। इससे नदी का तल अधिक चट्टानी हो जाता है और नदी जलीय जीव आवासों में भोजन की कमी हो जाती है।
  • बाँध नदियों को टुकड़ों में बाँट देते हैं जिससे विशेषकर अंडे देने की ऋतु में जलीय जीवों का नदियों में स्थानान्तरण अवरुद्ध हो जाता है।

प्रश्न 3. 
वर्षा जल संग्रहण किसे कहते हैं? वर्षा जल संग्रहण के उद्देश्य लिखिए।
उत्तर:
वर्षा जल संग्रहण वर्षा के जल को शुष्क मौसम में उपयोग करने के लिए भण्डारित करके रखना वर्षा जल संग्रहण कहा जाता है।

वर्षा जल संग्रहण के उददेश्य-

  • वर्षा जल संग्रहण से नदियों में आई बाढ़ पर नियंत्रण होता है। 
  • इसके अन्तर्गत एकत्रित जल से शुष्क मौसम में जल की आवश्यकता की पूर्ति की जाती है। 
  • संग्रहीत पानी जमीन में रिस-रिस कर जाता है, जिससे भौमिक जल स्तर ऊँचा उठता है। 
  • वर्षा जल संग्रहण से सिंचाई के साथ-साथ अन्य कार्यों के लिए भी जल उपलब्ध हो पाता है। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 4. 
प्राचीन भारत में निर्मित की गई कुछ जलीय कृतियों का उल्लेख कीजिए। 
उत्तर:
प्राचीन भारत में निर्मित की गई कुछ जलीय कृतियाँ निम्नलिखित हैं-

  • देश में ईसा से एक शताब्दी पूर्व इलाहाबाद के नजदीक भिंगवेरा नामक स्थान पर गंगा नदी की बाढ़ के जल को संरक्षित करने के लिए एक उत्कृष्ट जल संग्रहण तंत्र बनाया गया था।
  • चन्द्रगुप्त मौर्य के समय वृहत् स्तर पर बाँध, झील और सिंचाई तंत्रों का निर्माण करवाया गया था।
  • देश में प्राचीन काल में उत्कृष्ट सिंचाई के प्रमाण उड़ीसा में कलिंग, आन्ध्रप्रदेश में नागार्जुन कोण्डा, कर्नाटक में बेन्नूर तथा महाराष्ट्र में कोल्हापुर में मिलते हैं।
  • 11वीं शताब्दी में निर्मित की गई भोपाल झील अपने समय की सबसे बड़ी कृत्रिम झीलों में से एक है। 
  • 14वीं शताब्दी में इल्तुतमिश ने दिल्ली में सिरी फोर्ट क्षेत्र में जल की सप्लाई के लिए हौज खास अर्थात् एक विशिष्ट तालाब बनवाया था।

प्रश्न 5. 
भारत के अधिकांश भागों में पानी कृषि तथा अन्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए कम मात्रा तथा अनियमित रूप में उपलब्ध है। कैसे?
उत्तर:
भारत के अधिकांश भागों में कृषि तथा अन्य कार्यों में पानी की उपलब्धता कम तथा अनियमित निम्नलिखित कारणों से है-

  • भारत में मानसूनी जलवायु होने के कारण वर्षा केवल 3-4 महीनों में ही होती है। अतः पानी की उपलब्धता मौसमानुसार कम-अधिक होती है।
  • वर्षा की अवधि को छोड़कर देश में धरातलीय जल की उपलब्धता उत्तरी मैदानों को छोड़कर शेष क्षेत्रों में कम हैं।
  • आज भी हमारे देश में बहुत से गाँवों में पीने के पानी की उचित व्यवस्था नहीं है। 
  • शुष्क मौसम में पानी की कमी अनुभव की जाती है।

प्रश्न 6. 
बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ किस प्रकार देश को आत्मनिर्भर बनाने तथा लोगों का जीवन स्तर सुधारने में सहायक हैं? किन्हीं पाँच बिन्दुओं में व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
(अ) देश को आत्मनिर्भर बनाने में सहायक-

  • इनसे खेती को निर्बाध गति से जल की पूर्ति होती है जिससे समय पर फसलों की सिंचाई होने से कृषि उत्पादन बढ़ता है।
  • इन परियोजनाओं से कृषि को ऊर्जा मिलने से कृषि में मशीनीकरण सम्भव हो गया है। 
  • इन योजनाओं से उद्योगों को ऊर्जा मिलती है जिससे देश में औद्योगिक उत्पादन बढ़ा है। 

(ब) लोगों का जीवन स्तर सुधारने में सहायक-

  • कृषि उत्पादन बढ़ने से किसानों की आय में वृद्धि होती है। 
  • औद्योगिक उत्पादन बढ़ने से श्रमिकों के रोजगार के अवसर बढ़ते हैं तथा उनकी आय में वृद्धि होती है। 

प्रश्न 7. 
वर्षा जल संग्रहण हेतु बनाये जाने वाले 'टांका' की प्रमुख विशेषताएँ बताइये। 
उत्तर:
टांका की विशेषताएँ-

  • टांका एक भूमिगत टैंक होता है जो राजस्थान के अर्ध-शुष्क एवं शुष्क क्षेत्रों में घरों में वर्षा जल को संग्रहित करने के लिए बनाया जाता था।
  • इसका आकार एक बड़े कमरे जितना हो सकता है। 
  • टांका मुख्य घर या आँगन में बनाया जाता था।
  • वे घरों की ढलवाँ छतों से पाइप द्वारा जुड़े हुए थे। छत से वर्षा का पानी इन नलों से होकर भूमिगत टांका तक पहुँचता था जहाँ इसे एकत्रित किया जाता था।
  • टांका में वर्षा जल अगली वर्षा ऋतु तक संग्रहित किया जा सकता है।
  • कुछ घरों में तो टाँकों के साथ भूमिगत कमरे भी बनाए जाते हैं क्योंकि जल का यह स्रोत इन कमरों को भी ठंडा रखता था जिससे ग्रीष्म ऋतु में गर्मी से राहत मिलती है।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 8. 
किसी क्षेत्र में जल संसाधन प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होने पर भी वहाँ जल दुर्लभता किस प्रकार सम्भव है? समझाइए।
उत्तर:
किसी क्षेत्र में प्रचुर मात्रा में जल संसाधन होने के बावजूद भी वहाँ जल की दुर्लभता हो सकती है। इसके लिए जल की अत्यधिक माँग, अतिशोषण तथा जल की खराब गुणवत्ता उत्तरदायी है।

  • अत्यधिक और बढ़ती जनसंख्या और उसके परिणामस्वरूप जल की बढ़ती माँग जल दुर्लभता को जन्म देती है।
  • समाज के विभिन्न वर्गों में जल का असमान वितरण भी जल दुर्लभता के लिए उत्तरदायी है।
  • अधिक जनसंख्या के लिए घरेलू उपयोग में ही नहीं बल्कि अधिक अनाज उगाने के लिए भी जल संसाधनों का अतिशोषण किया जाता है।
  • शहरीकरण, औद्योगीकरण तथा शहरी जीवनशैली के कारण भी प्रचुर मात्रा वाले क्षेत्रों में जल दुर्लभता दिखाई देती है।
  • प्रचुर मात्रा में जल उपलब्ध हो लेकिन वह प्रदूषित हो तो यह भी जल दुर्लभता की श्रेणी में आता है। 

प्रश्न 9. 
भारत में औद्योगीकरण एवं शहरीकरण जल दुर्लभता के लिए किस प्रकार उत्तरदायी हैं?
उत्तर:
स्वतंत्रता के बाद भारत में तेजी से औद्योगीकरण और शहरीकरण हुआ है। उद्योगों की बढ़ती हुई संख्या के कारण अलवणीय जल संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है। उद्योगों को अत्यधिक जल के अलावा उनको चलाने के लिए ऊर्जा की भी आवश्यकता होती है और इसकी काफी हद तक पूर्ति जल-विद्युत से होती है। वर्तमान समय में भारत में कुल विद्युत का लगभग 22 प्रतिशत भाग जल-विद्युत से प्राप्त होता है।

इसके अलावा शहरों की बढ़ती संख्या और जनसंख्या वृद्धि तथा शहरी जीवनशैली के कारण न केवल जल और ऊर्जा की आवश्यकता में बढ़ोतरी हुई है अपितु इनसे सम्बन्धित समस्याएँ और भी गहरी हुई हैं। शहरी आवास समितियों या कॉलोनियों में जल संसाधनों का अतिशोषण देखने को मिलता है।

प्रश्न 10. 
बहुउद्देशीय परियोजनाओं तथा बड़े बाँधों ने नये सामाजिक आन्दोलनों को जन्म दिया है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
बहुउद्देशीय परियोजनाओं और बड़े बाँधों ने अनेक नए सामाजिक आंदोलनों को जन्म दिया है। इनमें मुख्य हैं-'नर्मदा बचाओ आंदोलन' और 'टिहरी बाँध आंदोलन'। इन परियोजनाओं के विरोध तथा इनके विरुद्ध आन्दोलन के अनेक कारण हैं। इनका विरोध मुख्य रूप से स्थानीय समुदायों के वृहद स्तर पर विस्थापन के कारण है। इन परियोजनाओं के कारण आमतौर पर स्थानीय लोगों को उनकी जमीन, आजीविका और संसाधनों से लगाव एवं नियंत्रण देश की बेहतरी के लिए कुर्बान करना पड़ता है। जबकि इन स्थानीय लोगों को इन परियोजनाओं का कोई लाभ नहीं मिल पाता है। जमींदारों, बड़े किसानों, उद्योगपतियों तथा नगरीय केन्द्रों को इनका अधिक लाभ मिलता है। अतः पर्यावरणीय मुद्दों तथा बाँध से विस्थापित गरीब लोगों को सरकार से पुनर्वास सुविधाएँ दिलवाने हेतु इस प्रकार के नये सामाजिक आन्दोलन जन्म लेते हैं।

प्रश्न 11. 
नर्मदा बचाओ आन्दोलन पर एक टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
नर्मदा बचाओ आन्दोलन एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) है। यह संगठन जनजातीय लोगों, किसानों, पर्यावरणविदों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को गुजरात में नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बाँध के विरोध में एकजुट करता है। मूल रूप से शुरू में यह आन्दोलन जंगलों के बाँध के पानी में डूबने जैसे पर्यावरणीय मुद्दों पर केन्द्रित था। लेकिन हाल ही में इस आंदोलन का लक्ष्य बाँध से विस्थापित गरीब लोगों को सरकार से सम्पूर्ण पुनर्वास सुविधाएँ दिलाना हो गया है। क्योंकि वहाँ से विस्थापित गरीब लोगों को अपनी आजीविका चलाना दुश्वार होता जा रहा है। उनकी जमीन, आजीविका तथा संसाधन सब इस बाँध की भेंट चढ़ गये। उनकी इस कुर्बानी के बावजूद उन्हें पुनर्वास की कोई बेहतर सुविधाएँ प्रदान नहीं की गईं।


प्रश्न 12. 
जल संरक्षण एवं प्रबन्धन की आवश्यकता को समझाइए।
उत्तर:
जल संरक्षण और प्रबंधन की आवश्यकता भारत की छोटी नदियाँ जहरीली धाराओं में परिवर्तित हो गई हैं तथा बड़ी नदियाँ, यथा-गंगा और यमुना कोई भी शुद्ध नहीं हैं। बढ़ती जनसंख्या, कृषि, आधुनिकीकरण, नगरीकरण और औद्योगीकरण का भारत की नदियों पर अत्यधिक दुष्प्रभाव पड़ा है जो कि दिनों-दिन गहराता जा रहा है जिससे सम्पूर्ण जीवन खतरे में है। जल संसाधनों के अतिशोषण और कुप्रबंधन से इन संसाधनों का ह्रास हो सकता है तथा पारिस्थितिकी संकट की समस्या उत्पन्न हो सकती है जिसका मानव के जीवन पर गंभीर प्रभाव हो सकता है। अत: जल संरक्षण और प्रबंधन वर्तमान समय में मानव की प्रमुख आवश्यकता है। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1. 
जल दुर्लभता का अर्थ एवं कारण बतलाइए।
उत्तर:
जल दुर्लभता का अर्थ आवश्यकता की तुलना में स्वच्छ एवं अलवणीय जल की कमी होना जल दुर्लभता कहलाती है।
जल की दुर्लभता के कारण भारत में जल की दुर्लभता के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं-

  • जल का असमान वितरण वर्षा में वार्षिक और मौसमी परिवर्तन के कारण जल संसाधनों की उपलब्धता में समय और स्थान के अनुसार विभिन्नता पाई जाती है।
  • जनसंख्या वृद्धि-देश में जल की दुर्लभता अत्यधिक और बढ़ती जनसंख्या और उसके परिणामस्वरूप जल की बढ़ती माँग और उसके असमान वितरण का परिणाम है।
  • सिंचाई-अधिक सिंचाई के फलस्वरूप भौम जल स्तर नीचे गिर रहा है और लोगों के लिए जल की उपलब्धता में कमी हो रही है।
  • औद्योगीकरण एवं शहरीकरण-भारत में स्वतंत्रता के उपरान्त तीव्र गति से औद्योगीकरण तथा शहरीकरण हुआ। उद्योगों की बढ़ती हुई संख्या के कारण अलवणीय जल संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है। इसके अलावा शहरों की बढ़ती संख्या और जनसंख्या तथा शहरी जीवन शैली के कारण जल और ऊर्जा की आवश्यकता में वृद्धि हुई है। शहरों में जल संसाधनों का अतिशोषण हो रहा है तथा इनकी कमी होती जा रही है।
  • जल प्रदूषण-लोगों की आवश्यकता के लिए प्रचुर मात्रा में उपलब्ध जल घरेलू और औद्योगिक अपशिष्टों, रसायनों, कीटनाशकों तथा कृषि में प्रयुक्त उर्वरकों के द्वारा प्रदूषित है तथा मानव उपयोग के लिए खतरनाक है।

प्रश्न 2. 
नदी घाटी परियोजनाओं को बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ क्यों कहते हैं? बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं द्वारा पूरित किन्हीं पाँच उद्देश्यों की व्याख्या कीजिए।
उत्तर:
बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ-प्रायः नदी घाटी परियोजनाएँ एक ही साथ कई उद्देश्यों, जैसे-बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई सुविधाओं का विस्तार, जल-विद्युत का विकास आदि की पूर्ति के उद्देश्यों को पूरी करती हैं, इसलिए उन्हें बहुउद्देश्यीय परियोजनाएँ कहा जाता है।

इसके पाँच प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं-

  • बाढ़ नियंत्रण तथा मृदा संरक्षण नदी घाटी परियोजनाओं ने.नदियों पर बाँध बनाकर उनके प्रवाह की तीव्रता को नियंत्रण कर बाढ़ पर नियंत्रण स्थापित करने तथा मृदा संरक्षण करने में सफलता पाई है।
  • सिंचाई सुविधाओं का विस्तार-नदियों पर बाँधों के पीछे बड़ी-बड़ी झीलों का निर्माण किया जाता है। इनसे वर्षा का पानी एकत्र हो जाता है। शुष्क ऋतु में जब पानी की आवश्यकता होती है, तब इस पानी का सदुपयोग नहरों द्वारा सिंचाई के लिए किया जाता है।
  • जल-विद्युत का निर्माण-बाँधों के बन जाने से प्रवाहित जल को ऊँचाई से गिराया जाता है, जिसकी मदद से जल-विद्युत का निर्माण होता है।
  • औद्योगिक विकास-इन योजनाओं से उद्योगों को सस्ती बिजली की शक्ति तथा पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध होता है।
  • वन्य भूमि विस्तार-बाँधों के जल ग्रहण क्षेत्र में योजनाबद्ध तरीके से वृक्षारोपण से वनों का विस्तार होता है। 

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 3. 
बहउद्देश्यीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों की तुलना करें। 
उत्तर:
बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ-

  • इन परियोजनाओं पर बने बाँधों के पीछे बनी झीलों में भारी मात्रा में वर्षा का पानी एकत्रित किया जाता है, जिससे बाढ़ों पर नियंत्रण तथा मृदा का संरक्षण होता है।
  • इन बाँधों के जलग्रहण क्षेत्रों में योजनाबद्ध तरीके से वृक्षारोपण कर वन्य भूमि का विस्तार किया जाता है, जिससे परितंत्र के संरक्षण में सहायता मिलती है।
  • इन परियोजनाओं से जल-विद्युत पैदा की जाती है जिससे घरेलू और औद्योगिक विद्युत की पूर्ति होती है। 
  • बाँधों के पीछे बने जलाशयों में मछलियों के बीज तैयार किये जाते हैं। 
  • इन परियोजनाओं से पेयजल तथा कृषि हेतु सिंचाई की सुविधा मिलती है। 

बहुउद्देश्यीय नदी घाटी परियोजनाओं से हानियाँ-

  • बाँध बनाने से नदी जल के प्राकृतिक बहाव में बाधा आती है, जिससे अधिकांश तलछट जलाशय के तल पर जमा हो जाता है और वह धीरे-धीरे कठोर हो जाता है। इससे जलीय प्राणियों को अच्छा आवास नहीं मिल पाता।
  • बाढ़ के मैदानों में जलाशय बनाने पर वहाँ की वनस्पति नष्ट हो जाती है तथा उपजाऊ मिट्टी जल में समा जाती है।
  • बाँधों के कारण स्थायी समुदायों का बड़े पैमाने पर विस्थापन होता है तथा उनकी भूमि व आजीविका के साधन छिन जाते हैं।
  • जलाशयों में तलछट जमा होने से वे स्वयं बाढ़ों का कारण बन जाते हैं। 

प्रश्न 4. 
बहुउद्देश्यीय नदी परियोजनाओं के विरोध का कारण बताइये। 
उत्तर:
वर्तमान समय में बहुउद्देश्यीय नदी परियोजनाओं के विरोध के कारण-
(1) नदी जलीय जीव-आवासों में भोजन की कमी हो जाना-नदियों पर बाँध बनाने और उनका बहाव नियन्त्रित करने से उनका प्राकृतिक बहाव अवरुद्ध हो जाता है तथा जलाशय की तली में अत्यधिक तलछट जमा हो जाती है जिससे नदी का तल अधिक चट्टानी हो जाता है जिसके फलस्वरूप नदी जलीय जीव-आवासों में भोजन की कमी हो जाती है।
(2) वनस्पति और मिट्टियाँ जल में डूब जाना-बाढ़ के मैदान में बनाए जाने वाले जलाशयों द्वारा वहाँ उपलब्ध वनस्पति और मिट्टियाँ जल में डूब जाती हैं जो कि कालान्तर में अपघटित हो जाती हैं।

(3) स्थानीय समुदायों का वृहद स्तर पर विस्थापन होना-इन परियोजनाओं का विरोध मुख्य रूप से स्थानीय समुदायों के वृहद् स्तर पर विस्थापन के कारण है। आमतौर पर स्थानीय लोगों को उनकी जमीन, आजीविका और संसाधनों से हाथ धोना पड़ता है।
(4) मृदाओं का लवणीकरण होना-बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं के फलस्वरूप अत्यधिक सिंचाई के कारण देश के अनेक क्षेत्रों में फसल प्रारूप परिवर्तित हो गया है। इससे मृदाओं के लवणीकरण जैसी गंभीर पारिस्थितिकीय समस्याएँ पैदा हो गई हैं।

(5) झगड़ों में वृद्धि होना-बहुउद्देश्यीय परियोजनाओं के फलस्वरूप अमीर भूमि मालिकों तथा गरीब भूमिहीनों के मध्य, ग्रामीण किसानों और शहरी नागरिकों के मध्य झगड़े बढ़ रहे हैं। इन परियोजनाओं के लागत और लाभ के बँटवारे को लेकर अन्तर्राज्यीय झगड़े आम होते जा रहे हैं।
(6) बाढ़ें आना-जो बाँध बाढ़ नियंत्रण के लिए बनाए जाते हैं उनके जलाशयों में तलछट जमा हो जाने से वे बाढ़ आने का कारण बन जाते हैं । अत्यधिक वर्षा होने की स्थिति में तो बड़े बाँध भी अनेक बार बाढ़ नियंत्रण में असफल रहते हैं।

(7) भूमि निम्नीकरण की समस्याएँ बढ़ना बाँधों के जलाशय में तलछट जमा होने से वह बाढ़ के मैदानों तक नहीं पहुँचती है जिससे भूमि निम्नीकरण की समस्याओं में वृद्धि होती है।
(8) भूकम्प तथा जल जनित बीमारियाँ-बहुउद्देश्यीय योजनाओं के कारण क्षेत्र विशेष में भूकम्प आने की संभावना बढ़ जाती है तथा अत्यधिक जल के उपयोग से जल जनित बीमारियाँ, फसलों में कीटाणुजनित बीमारियाँ उत्पन्न हो जाती हैं तथा जल प्रदूषण में वृद्धि होती है।

RBSE Class 10 Social Science Important Questions Geography Chapter 3 जल संसाधन

प्रश्न 5. 
बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली क्या है? इसके विभिन्न चरण बताइये।
उत्तर:
बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली-मेघालय में नदियों व झरनों के जल को बाँस द्वारा बने पाइप द्वारा एकत्रित करने की 200 वर्ष पुरानी विधि प्रचलित है। लगभग 18 से 20 लीटर सिंचाई पानी बाँस पाइप में आ जाता है तथा उसे सैकड़ों मीटर की दूरी तक ले जाया जाता है। अंत में पानी का बहाव 20 से 80 बूंद प्रति मिनट तक घटाकर पौधे पर छोड़ दिया जाता है।

इसके विभिन्न चरण निम्न प्रकार है-

  • पहाड़ी शिखरों पर सदानीरा झरनों की दिशा परिवर्तित करने के लिए बाँस के पाइपों का उपयोग किया जाता है। इन पाइपों के माध्यम से गुरुत्वाकर्षण द्वारा जल पहाड़ के निचले स्थानों तक पहुँचाया जाता है।
  • बाँस से निर्मित चैनल से पौधे के स्थान तक जल का बहाव परिवर्तित किया जाता है।
  • पौधे तक बाँस पाइप से बनाई व बिछाई गई विभिन्न जल शाखाओं में जल वितरित किया जाता है। पाइपों में जल प्रवाह इनकी स्थितियों में परिवर्तन करके नियंत्रित किया जाता है।
  • यदि पाइपों को सड़क पार ले जाना हो तो उन्हें भूमि पर ऊँचाई से ले जाया जाता है।
  • संकुचित किये हुए चैनल सेक्शन और पथांतरण इकाई जल सिंचाई के अंतिम चरण में प्रयुक्त की जाती है। अंतिम चैनल सेक्शन से पौधे की जड़ों के निकट जल गिराया जाता है।
admin_rbse
Last Updated on May 10, 2022, 4:44 p.m.
Published May 10, 2022