RBSE Class 10 Maths Important Questions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ

Rajasthan Board RBSE Class 10 Maths Important Questions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ Important Questions and Answers.

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RBSE Class 10 Maths Chapter 1 Important Questions वास्तविक संख्याएँ

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
दो संख्याओं का HCF खोजने वाले विद्वान् गणितज्ञ यूक्लिड थे-
(A) यूनान के
(B) भारत के
(C) अमेरिका के
(D) ब्रिटेन के
उत्तर-
(A) यूनान के

प्रश्न 2.
एक ऐसी संख्या जिसके 1 और स्वयं के अतिरिक्त कोई गुणनखण्ड न हो, कहलाती है-
(A) भाज्य संख्या
(B) अभाज्य संख्या
(C) सम संख्या
(D) विषम संख्या
उत्तर-
(B) अभाज्य संख्या

प्रश्न 3.
सबसे छोटी अभाज्य संख्या है-
(A) 5
(B) 4
(C) 3
(D) 2
उत्तर-
(D) 2

RBSE Class 10 Maths Important Questions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ

प्रश्न 4.
दो या अधिक संख्याओं का HCF (महत्तम समापवर्तक) होता है-
(A) सबसे छोटा उभयनिष्ठ
(B) केवल उभयनिष्ठ
(C) सबसे बड़ी संख्या
(D) सबसे बड़ा उभयनिष्ठ
उत्तर-
(D) सबसे बड़ा उभयनिष्ठ

प्रश्न 5.
यदि मानक रूप में लिखी गयी परिमेय संख्या के हर के अभाज्य गुणनखण्ड में 2 या 5 या दोनों अंकों के अतिरिक्त कोई अन्य अभाज्य गुणनखण्ड न हो, तो यह संख्या होती है-
(A) असात दशमलव
(B) सात दशमलव
(C) सांत व असांत दोनों
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(B) सात दशमलव

प्रश्न 6.
वास्तविक संख्याएँ कहलाती हैं-
(A) केवल परिमेय संख्याएँ
(B) केवल अपरिमेय संख्याएँ
(C) परिमेय एवं अपरिमेय दोनों
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर-
(C) परिमेय एवं अपरिमेय दोनों

प्रश्न 7.
यदि किसी संख्या को \frac{p}{q} के रूप में नहीं लिखा जा सकता हो, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q ≠ 0 है, तो वे संख्याएँ कहलाती हैं-
(A) पूर्ण संख्याएँ
(B) परिमेय संख्याएँ
(C) अपरिमेय संख्याएँ
(D) प्राकृत संख्याएँ
उत्तर-
(C) अपरिमेय संख्याएँ

प्रश्न 8.
एक परिमेय संख्या और एक अपरिमेय संख्या का योग या अन्तर कौनसी संख्या निम्न में से होती है?
(A) परिमेय संख्या
(B) अपरिमेय संख्या
(C) पूर्ण संख्या
(D) प्राकृत संख्या
उत्तर-
(B) अपरिमेय संख्या

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
धनात्मक पूर्णांकों के दो महत्वपूर्ण गुण कौनसे हैं?
उत्तर-

  1. यूक्लिड़ विभाजन एल्गोरिथ्म (कलन विधि)
  2. अंकगणित की आधारभूत प्रमेय।

प्रश्न 2.
यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म या कलन विधि लिखिए।
उत्तर-
"एक धनात्मक पूर्णांक a को किसी अन्य धनात्मक पूर्णांक b से इस प्रकार विभाजित किया जा सकता है कि शेषफल r प्राप्त हो, जो b से छोटा (कम) है।" यही कलन विधि कहलाती है।

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प्रश्न 3.
अंकगणित की आधारभूत प्रमेय क्या है?
उत्तर-
प्रत्येक भाज्य संख्या को एक अद्वितीय रूप से अभाज्य संख्याओं के गुणनफल के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। यही तथ्य अंकगणित की आधारभूत प्रमेय कहलाती है।

प्रश्न 4.
एक शून्येत्तर परिमेय संख्या और एक अपरिमेय संख्या का गुणनफल या भागफल कौनसी संख्या होती है?
उत्तर-
एक अपरिमेय संख्या।

प्रश्न 5.
अपरिमेय संख्याओं के उदाहरण दीजिए।
उत्तर-
√2, √3, √5 आदि।

प्रश्न 6.
भाज्य संख्या किसे कहते हैं?
उत्तर-
वह संख्या जिसके कम से कम एक गुणनखण्ड 1 और स्वयं के अतिरिक्त हो, भाज्य संख्या कहलाती है।

प्रश्न 7.
लघुत्तम समापवर्त्य (LCM) क्या होता है?
उत्तर-
दो या अधिक संख्याओं का लघुत्तम समापवर्त्य (LCM) वह छोटी से छोटी संख्या होती है जो प्रत्येक संख्या की गुणन है।

प्रश्न 8.
महत्तम समापवर्तक (HCF) क्या होता है?
उत्तर-
दो या दो से अधिक संख्याओं का महत्तम समापवर्तक (HCF) वह सबसे बड़ी संख्या होती है जो दी गई सभी संख्याओं को पूर्णतः विभाजित करती है।

प्रश्न 9.
यदि दो संख्याएँ a तथा b दी गई हों तो इनका गुणनफल किसके बराबर होता है?
उत्तर-
HCF (a, b) × LCM (a, b)

प्रश्न 10.
दो संख्याओं का महत्तम समापवर्तक ज्ञात करने की विधि खोजने वाले गणितज्ञ का नाम बताइए।
उत्तर-
यूनानी गणितज्ञ यूक्लिड।

RBSE Class 10 Maths Important Questions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ

प्रश्न 11.
यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका लिखिए।
उत्तर-
दो धनात्मक पूर्णांक a और b दिए जाने पर, ऐसी अद्वितीय पूर्ण संख्याएँ q और r विद्यमान हैं कि a = bq + r, जबकि 0 ≤ r < b है।

प्रश्न 12.
संख्या 32760 को गुणनखण्डों के गुणनफल के रूप में लिखिए।
उत्तर-
32760 = 2 × 2 × 2 × 3 × 3 × 5 × 7 × 13
= 23 × 32 × 5 × 7 × 13

प्रश्न 13.
वास्तविक संख्याओं को परिभाषित कीजिये।
उत्तर-
वास्तविक संख्याएँ-समस्त परिमेय और समस्त अपरिमेय संख्याओं के सम्मिलित संग्रह या समूह को वास्तविक संख्याओं का समूह कहते हैं।

प्रश्न 14.
सांत दशमलव प्रसार की शर्त लिखिये।
उत्तर-
माना कि x = \(\frac{p}{q}\) एक ऐसी परिमेय संख्या है कि q का अभाज्य गुणनखण्ड 2n 5m के रूप का है, जहाँ n, m ऋणेतर पूर्णांक है तो x का दशमलव प्रसार सांत होता है।

प्रश्न 15.
48 और 105 का महत्तम समापवर्तक ज्ञात कीजिए।
उत्तर-
48 और 105
48 के अभाज्य गुणनखण्ड = 2 × 2 × 2 × 2 × 3 = 24 × 3
105 के अभाज्य गुणनखण्ड= 3 × 5 × 7
अतः दोनों में अधिकतम उभयनिष्ठ राशि 3 है।
अतः इसका महत्तम समापवर्तक 3 होगा।

प्रश्न 16.
परिमेय संख्या \(\frac{17}{8}\) को बिना लम्बी विभाजन प्रक्रिया किये दशमलव प्रसार सांत में लिखिये।
हल-
माना कि x = \(\frac{17}{8}\) इसको इस प्रकार से लिख सकते हैं :
x = \(\frac{17}{2^{3} \times 5^{0}}\) या x = \(\frac{17 \times 5^{3}}{2^{3} \times 5^{3}}\)
(हर को 10 की घात बनाने के लिये 53 से गुणा व भाग करने पर)
x = \(\frac{17 \times 125}{(2 \times 5)^{3}}\)
=\(\frac{2125}{(10)^{3}}\)
=\(\frac{2125}{1000}\)
= 2.125

प्रश्न 17.
संख्याओं 44 और 99 का महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) ज्ञात कीजिए।
हल-
44 = 2 × 2 × 11 = 22 × 11
और 99 = 3 × 3 × 11 = 32 × 11
44 और 99 के गुणनखण्डों में अधिकतम उभयनिष्ठ राशि 11 है।
अतः इन संख्याओं का महत्तम समापवर्तक 11 होगा।

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प्रश्न 18.
संख्या \(\frac{3}{625}\) का दशमलव प्रसार सांत है या असांत आवर्ती? इसे दशमलव रूप में लिखें।
हल-
संख्या \(\frac{3}{625}\) का दशमलव प्रसार सांत है।
संख्या \(\frac{3}{625}\) का दशमलव रूप है = 0.0048

प्रश्न 19.
अभाज्य गुणनखण्ड विधि द्वारा 96 और 404 का HCF ज्ञात कीजिए।
हल-
96 और 404 के अभाज्य गुणनखण्ड करने पर
96 = 25 × 3 तथा 404 = 22 × 101
इन दोनों पूर्णांकों का HCF = 22 = 4

प्रश्न 20.
अभाज्य गुणनखण्ड विधि द्वारा पूर्णांक 375 और 675 का HCF ज्ञात कीजिए।
हल-
पूर्णांक 375 और 675 के अभाज्य गुणनखण्ड करने पर

RBSE Class 10 Maths Important Questions Chapter 1 वास्तविक संख्याएँ VSAQ Q20

अतः 375 = 3 × 5 × 5 × 5 = 31 × 53
675 = 3 × 3 × 3 × 5 × 5 = 33 × 52
∴ HCF = 31 × 52 = 3 × 25 = 75

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
दर्शाइए कि प्रत्येक धनात्मक सम पूर्णांक 2q के रूप का होता है तथा प्रत्येक धनात्मक विषम पूर्णांक 2q + 1 के रूप का होता है, जहाँ q कोई पूर्णांक है।
हल-
माना कि कोई धनात्मक पूर्णांक है तथा b = 2 है।
तब यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म से, किसी पूर्णांक q ≥ 0 के लिए a = 2q + r है जहाँ r = 0 है या r = 1 है, क्योंकि 0 ≤ r < 2 है। इसलिए, a = 2q या a = 2q + 1 है।
यदि a = 2q है तो यह एक सम पूर्णांक है। साथ ही, एक धनात्मक पूर्णांक या तो सम हो सकता है या विषम। इसलिए कोई भी धनात्मक विषम पूर्णांक 2q + 1 के रूप का होगा।

प्रश्न 2.
दर्शाइए कि एक धनात्मक विषम पूर्णांक 4q + 1 या 4q + 3 के रूप का होता है, जहाँ q एक पूर्णांक है।
हल-
माना कि एक धनात्मक विषम पूर्णांक a है।
अब हम a और b = 4 में विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग करते हैं।
चूँकि 0 ≤ r < 4 है, इसलिए सम्भावित शेषफल 0, 1, 2 और 3 हैं।
अर्थात् a संख्याओं 4q, 4q + 1, 4q + 2 या 4q + 3 के रूप का हो सकता है जहाँ q भागफल है।
चूंकि व एक विषम पूर्णांक है, इसलिए यह 4q और 4q + 2 के रूप का नहीं हो सकता (क्योंकि दोनों 2 से विभाज्य हैं)।
इसलिए, कोई भी धनात्मक विषम पूर्णांक 4q + 1 या 4q + 3 के रूप का होगा।

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प्रश्न 3.
एक मिठाई विक्रेता के पास 420 काजू की बर्फियाँ और 130 बादाम की बर्फियाँ हैं। वह इनकी ऐसी ढेरियाँ बनाना चाहता है कि प्रत्येक ढेरी में बर्फियों की संख्या समान रहे तथा ये ढेरियाँ बर्फी की परात में न्यूनतम स्थान घेरें। इस काम के लिए, प्रत्येक ढेरी में कितनी बर्फियाँ रखी जा सकती हैं?
हल-
यह कार्य जाँच और भूल विधि से किया जा सकता है। परन्तु इसे एक क्रमबद्ध रूप से करने के लिए हम HCF (420, 130) ज्ञात करते हैं।
तब, इस HCF से प्रत्येक ढेरी में रखी जा सकने वाली बर्फियों की अधिकतम संख्या प्राप्त होगी, जिससे ढेरियों की संख्या न्यूनतम होगी और परात में ये बर्फियाँ न्यूनतम स्थान घेरेंगी।
अब यूक्लिड एल्गोरिथ्म का प्रयोग करने पर
420 = 130 × 3 + 30
130 = 30 × 4 + 10
30 = 10 × 3 + 0
अतः 420 और 130 का HCF 10 है।
इसलिए, प्रत्येक प्रकार की बर्फियों के लिए मिठाई विक्रेता दस-दस की ढेरी बना सकता है।

प्रश्न 4.
यदि 1261 तथा 1067 का H.C.F. 97 है तो इनका L.C.M. ज्ञात कीजिये।
हल-
दिया है : a = 1261 और b = 1067
H.C.F. = 97, L.C.M. = ?
सूत्र L.C.M. = \(\frac{a \times b}{\mathrm{H} . \mathrm{C} \cdot \mathrm{F}}\)
= \(\frac{1261 \times 1067}{97}\)
= 1261 × 11
= 13871

प्रश्न 5.
संख्याओं 6 और 20 के अभाज्य गुणनखण्डन विधि से HCF और LCM ज्ञात कीजिए।
हल-
यहाँ 6 = 21 × 31
और 20 = 2 × 2 × 5 = 22 × 51 है।
यहाँ HCF (6, 20) = 2
तथा LCM (6, 20) = 2 × 2 × 3 × 5 = 60 होगा।
अब यहाँ ध्यान दीजिए कि HCF (6, 20) = 21 = संख्याओं में प्रत्येक उभयनिष्ठ अभाज्य गुणनखण्ड की सबसे छोटी घात का गुणनफल तथा
LCM (6, 20) = 22 × 31 × 51 = संख्याओं में सम्बद्ध प्रत्येक अभाज्य गुणनखण्ड की सबसे बड़ी घात का गुणनफल।

प्रश्न 6.
अभाज्य गुणनखण्डन विधि द्वारा 96 और 404 का HCF ज्ञात कीजिए और फिर इनका LCM ज्ञात कीजिए।
हल-
96 और 404 के अभाज्य गुणनखण्डन करने पर
96 = 25 × 3, 404 = 22 × 101
इसलिए, इन दोनों पूर्णांकों का HCF = 22 = 4 साथ ही
LCM (96, 404) = \(\frac{96 \times 404}{\operatorname{HCF}(96,404)}\)
= \(\frac{96 \times 404}{4}\)
= 9696

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प्रश्न 7.
135 और 225 का H.C.F. यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग करके ज्ञात कीजिये।
हल-
दी गई संख्याएँ 135 और 225 हैं।
∵ 225 > 135
∴ चरण I दी गई संख्याओं 225 और 135 के लिये यूक्लिड विभाजन प्रमेय से
225 = 135 × 1 + 90 (∵ शेषफल 90 ≠ 0)
∴ चरण II संख्याओं 135 और 90 के लिये यूक्लिड विभाजन प्रमेय से
135 = 90 × 1 + 45 (∵ शेषफल 45 ≠ 0)
∴ चरण III संख्याओं 90 और 45 के लिये यूक्लिड विभाजन प्रमेय से
90 = 45 × 2 + 0 (∵ शेषफल = 0)
चूँकि यहाँ पर शेषफल शून्य है और भाजक = 45 है।
अतः महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) = 45

निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
4052 और 12576 का HCF यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म का प्रयोग करके ज्ञात कीजिए।
हल-
चरण 1 : यहाँ 12576 > 4052 है।
अब 12576 और 4052 पर यूक्लिड प्रमेयिका का प्रयोग करने पर
12576 = 4052 × 3 + 420
चरण 2 : क्योंकि शेषफल 420 ≠ 0 है,
इसलिए 4052 और 420 के लिए यूक्लिड प्रमेयिका का प्रयोग करने पर
4052 = 420 × 9 + 272
चरण 3 : नए भाजक 420 और नए शेषफल 272 को लेकर यूक्लिड प्रमेयिका का प्रयोग करने पर
420 = 272 × 1 + 148
अब नए भाजक 272 और नए शेषफल 148 पर यूक्लिड प्रमेयिका का प्रयोग करने पर
272 = 148 × 1 + 124
नए भाजक 148 और नए शेषफल 124 पर यूक्लिड! विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर
148 = 124 × 1 + 24
नए भाजक 124 और नए शेषफल 24 पर यूक्लिड प्रमेयिका का प्रयोग करने पर
124 = 24 × 5 + 4
नए भाजक 24 और नए शेषफल 4 को लेकर यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका का प्रयोग करने पर
24 = 4 × 6 + 0
यहाँ शेषफल 0 प्राप्त हो गया है।
इसलिए प्रक्रिया यहाँ समाप्त हो जाती है।
चूँकि इस स्थिति में भाजक 4 है, इसलिए 12576 और 4052 का HCF 4 है।

प्रश्न 2.
सिद्ध कीजिए कि √2 एक अपरिमेय संख्या है।
हल-
दी गई संख्या के विपरीत यह माना कि √2 एक परिमेय संख्या है।
अतः हम दो पूर्णांक r और s ऐसे ज्ञात कर सकते हैं कि √2 = \(\frac{r}{s}\) हो तथा s (≠ 0) हो।
मान लीजिए r और s में, 1 के अतिरिक्त, कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड है।
तब, हम इस उभयनिष्ठ गुणनखण्ड से r और s को विभाजित करके √2 = \(\frac{a}{b}\) प्राप्त कर सकते हैं, जहाँ a और b सहअभाज्य (co-prime) हैं।
अतः b√2 = a हुआ।
दोनों पक्षों का वर्ग करने तथा पुनर्व्यवस्थित करने पर, हमें प्राप्त होता है-
2b2 = a2
अतः 2, a2 को विभाजित करता है।
अतः हम a = 2c लिख सकते हैं, जहाँ c कोई पूर्णांक है।
a का मान प्रतिस्थापित करने पर 2b2 = 4c2, अर्थात् b2 = 2c2
इसका अर्थ है कि 2, b2 को विभाजित करता है और इसीलिए 2, b को भी विभाजित करेगा (अब p = 2 लेने पर)।
अतः a और b में कम से कम एक उभयनिष्ठ गुणनखण्ड 2 है।
परन्तु इससे इस तथ्य का विरोधाभास प्राप्त होता है कि a और b में, 1 के अतिरिक्त, कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड नहीं है।
यह विरोधाभास हमें इस कारण प्राप्त हुआ है, क्योंकि हमने एक त्रुटिपूर्ण कल्पना. कर ली है कि √2 एक परिमेय संख्या है।
अतः हम निष्कर्ष निकाल सकते हैं कि √2 एक अपरिमेय संख्या है। (इतिसिद्धम्)

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प्रश्न 3.
सिद्ध कीजिए कि √3 एक अपरिमेय संख्या है।
हल-
दी गई संख्या के विपरीत यह माना कि √3 एक परिमेय संख्या है।
अर्थात्, हम ऐसे दो पूर्णांक a और b (≠ 0) प्राप्त कर सकते हैं कि √3 = \(\frac{a}{b}\) है।
यदि a और b में, 1 के अतिरिक्त कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड हो, तो हम उस उभयनिष्ठ गुणनखण्ड से भाग देकर a और b को सहअभाज्य बना सकते हैं।
अतः b√3 = a है।
दोनों पक्षों का वर्ग करने तथा पुनर्व्यवस्थित करने पर, 3b2 = a2
अतः a2, 3 से विभाजित है। इसलिए 3, a को भी विभाजित करेगा।
अतः हम a = 3c लिख सकते हैं, जहाँ c एक पूर्णांक है।
a के इस मान को 3b2 = a2 में प्रतिस्थापित करने पर, 3b2 = 9c2 अर्थात् b2 = 3c2
इसका अर्थ है कि b2, 3 से विभाजित हो जाता है। इसलिए b भी 3 से विभाजित होगा।
अतः a और b में कम से कम एक उभयनिष्ठ गुणनखण्ड 3 है।
परन्तु इससे इस तथ्य का विरोधाभास प्राप्त होता है कि a और b सहअभाज्य हैं।
हमें यह विरोधाभास अपनी त्रुटिपूर्ण कल्पना के कारण प्राप्त हुआ है कि √3 एक परिमेय संख्या है।
अतः हम निष्कर्ष निकालते हैं कि √3 एक अपरिमेय संख्या है। (इतिसिद्धम्)

प्रश्न 4.
दर्शाइए कि 5 - √3 एक अपरिमेय संख्या है।
हल-
इसके विपरीत माना कि 5 - √3 एक परिमेय संख्या है।
अर्थात् हम सहअभाज्य ऐसी संख्याएँ a और b (b ≠ 0)
ज्ञात कर सकते हैं कि 5 - √3 = \(\frac{a}{b}\) हो।
अतः 5 - \(\frac{a}{b}\) = √3 है।
इस समीकरण को पुनर्व्यवस्थित करने पर
√3 = 5 - \(\frac{a}{b}\)
चूँकि a और b पूर्णांक हैं, इसलिए 5 - \(\frac{a}{b}\) एक परिमेय संख्या है अर्थात् √3 एक परिमेय संख्या है।
परन्तु इससे इस तथ्य का विरोधाभास प्राप्त होता है कि √3 एक अपरिमेय संख्या है।
हमें यह विरोधाभास अपनी गलत कल्पना के कारण प्राप्त हुआ है कि 5 - √3 एक परिमेय संख्या है।
अतः, हम निष्कर्ष निकालते हैं कि 5 - √3 एक अपरिमेय संख्या है।

प्रश्न 5.
दर्शाइए कि 3√2 एक अपरिमेय संख्या है।
अथवा
सिद्ध कीजिये 3√2 एक अपरिमेय संख्या है।
हल-
इसके विपरीत माना कि 3√2 एक परिमेय संख्या है।
अर्थात् हम ऐसी सहअभाज्य संख्याएँ a और b (b ≠ 0) ज्ञात कर सकते हैं कि 3√2 = \(\frac{a}{b}\) हो।
पुनर्व्यवस्थित करने पर, √2 = \(\frac{a}{3b}\)
चूँकि 3, a और b पूर्णांक हैं, इसलिए \(\frac{a}{3b}\) एक परिमेय संख्या होगी।
इसलिए √2 भी एक परिमेय संख्या होगी।
परन्तु इससे इस तथ्य का विरोधाभास प्राप्त होता है कि √2 एक अपरिमेय संख्या है।
अतः, हम यह निष्कर्ष निकालते हैं कि 3√2 एक अपरिमेय संख्या है।

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प्रश्न 6.
दिखाइये कि 2 + √5 एक अपरिमेय संख्या है।
हल-
माना 2 + √5 एक परिमेय संख्या है।
∴ 2 + √5 = \(\frac{p}{q}\)
(जहाँ p तथा q दोनों पूर्णांक हैं तथा q ≠ 0)
⇒ √5 = \(\frac{p}{q}\) - 2
चूँकि p और q दोनों पूर्णांक हैं, अतः \(\frac{p}{q}\) - 2 एक परिमेय संख्या है।
इसलिये √5 भी एक परिमेय संख्या है परन्तु यह एक विरोधाभास है क्योंकि √5 एक अपरिमेय संख्या है।
अतः हमारा यह मानना गलत होगा कि 5 + √2 एक परिमेय है। अतः 5 + √2 एक अपरिमेय संख्या है। (इतिसिद्धम्)

प्रश्न 7.
यूक्लिडं विभाजन प्रमेयिका क्या है? इसके उपयोग से संख्याओं 196, 3820 का महत्तम समापवर्तक (H.C.F.) ज्ञात कीजिए।
हल-
यूक्लिड विभाजन प्रमेयिका - दो धनात्मक पूर्णांक a और b दिये रहने पर, ऐसी अद्वितीय पूर्ण संख्याएँ q और r विद्यमान हैं कि a = bq + r, 0 ≤ r < b है।
यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथ्म (कलन विधि) इसी प्रमेयिका (Lemma) पर आधारित है।
196 और 3820 का HCF ज्ञात करना - यूक्लिड विभाजन एल्गोरिथम के प्रयोग से
चरण I - ∵ 3820 > 196 अतः यूक्लिड प्रमेयिका के अनुसार
3820 = 196 × 19 + 96
चरण II - ∵ शेषफल 96 ≠ 0 है, अतः अब 196 और 96 पर यूक्लिड प्रमेयिका प्रयुक्त करने पर
196 = 96 × 2 + 4
चरण III - ∵ शेषफल 4 ≠ 0 अतः अब 96 व 4 पर यूक्लिड प्रमेयिका प्रयोग करने पर
96 = 4 × 24 + 0
अब शून्य प्राप्त हो जाने पर यह प्रक्रिया समाप्त हो जायेगी। चरण III में भाजक 4 है अतः 196 और 3820 का H.C.F. 4 है।

प्रश्न 8.
उस बड़े से बड़े धनात्मक पूर्णांक को ज्ञात कीजिए जो 396, 436 और 542 को विभाजित करने के पश्चात् शेषफल क्रमश: 5, 11 और 15 रहता हो।
हल-
यह दिया हुआ है कि 396 को अभीष्ट पूर्णाकं द्वारा विभाजित करने पर शेषफल 7 रह जाता है।
इसलिए 396 - 5 = 391 को अभीष्ट संख्या पूर्णतया भाजित करती है।
अर्थात् अभीष्ट संख्या 391 का गुणनखण्ड है।
इसी प्रकार 436 - 11 = 425 तथा 542 - 15 = 527 भी अभीष्ट संख्या से विभाज्य है।
चूंकि अभीष्ट संख्या सबसे बड़ी ऐसी संख्या है जो 391, 425 और 527 को विभाजित करती है।
अतः अभीष्ट संख्या 391, 425 तथा 527 का महत्तम समापवर्तक है।
गुणनखण्ड वृक्ष के उपयोग से 391, 425, तथा 527 के अभीष्ट गुणनखण्ड निम्नानुसार हैं-
391 = 17 × 23
425 = 5 × 5 × 17 = 52 × 17
527 = 17 × 31
∴ 391, 425 तथा 527 का महत्तम समापवर्तक 17 है।

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प्रश्न 9.
संख्याओं 180, 72 व 252 का H.C.F और ज्ञात L.C.M. ज्ञात कीजिए।
हल-
180 के गुणनखण्ड = 2 × 2 × 3 × 3 × 5 = 22 × 32 × 5
72 के गुणनखण्ड = 2 × 2 × 2 × 3 × 3 = 23 × 32
तथा 252 के गुणनखण्ड = 2 × 2 × 3 × 3 × 7 = 22 × 32 × 7
अतः दी गई संख्याओं का H.C.F. = 22 × 32
= 4 × 9
= 36
तथा L.C.M. = 23 × 32 × 5 × 7
= 8 × 9 × 5 × 7
= 2520

प्रश्न 10.
सिद्ध कीजिए √6 एक अपरिमेय संख्या है।
हल-
माना कि √6 एक परिमेय संख्या है।
अतः हम ऐसे दो पूर्णांक r व s प्राप्त कर सकते हैं जहाँ s ≠ 0 तथा
√6 = \frac{r}{s}
अब पुनः माना कि r व s में, 1 के अतिरिक्त अन्य कुछ गुणनखण्ड हैं तो हम उस उभयनिष्ठ गुणनखण्ड से r और s को विभाजित करके √6 = \(\frac{a}{b}\) प्राप्त कर सकते हैं।
यहाँ a और b सहअभाज्य है।
अर्थात् b√6 = a
दोनों पक्षों का वर्ग करने पर
⇒ (b√6) = a2
⇒ b2(√6)2 = a2
⇒ 6b2 = a2 ....... (i)
अतः 6, a2 को विभाजित करता है।
प्रमेय 1.3 के अनुसार यदि एक अभाज्य संख्या p, a2 को विभाजित करती है तो p, a को भी विभाजित करेगी, जहाँ a एक धनात्मक पूर्णांक है।
⇒ 6, a को भी विभाजित करता है। .......(ii)
अतः a = 6c जहाँ c कोई पूर्णांक है।
a का मान (i) में रखने पर
6b2 = (6)2
6b2 = 36c2
b2 = 6c2
6c2 = b2
⇒ 6, b2 को विभाजित करता है।
प्रमेय के अनुसार 6, b को भी विभाजित करता है। ........(iii)
(ii) व (iii) से, a और b का कम से कम एक उभयनिष्ठ गुणनखण्ड 6 है।
परन्तु यह इस तथ्य का विरोधाभासी है कि a और b अविभाज्य हैं या इनके 1 के अतिरिक्त अन्य कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड नहीं हैं।
अतः हमारी कल्पना कि √6 एक परिमेय संख्या है, असत्य है।
अर्थात् √6 एक अपरिमेय संख्या है। (इतिसिद्धम्)

Raju
Last Updated on May 6, 2022, 5:51 p.m.
Published May 6, 2022